C O N T E N T Sloksabhadocs.nic.in › debatestextmk › 17 › I › 28.06.2019 f.pdf ·...

195
28.06.2019 1 C O N T E N T S Seventeenth Series, Vol. I, First Session, 2019/1941 (Saka) No. 10, Friday, June 28, 2019 /Ashadha 7, 1941 (Saka) S U B J E C T P A G E S ORAL ANSWERS TO QUESTIONS Starred Question Nos. 101 to 106 7-54 WRITTEN ANSWERS TO QUESTIONS Starred Question Nos. 107 to 120 55-132 Unstarred Question Nos. 1112 to 1341 133-753 The sign + marked above the name of a Member indicates that the Question was actually asked on the floor of the House by that Member.

Transcript of C O N T E N T Sloksabhadocs.nic.in › debatestextmk › 17 › I › 28.06.2019 f.pdf ·...

  • 28.06.2019 1

    C O N T E N T S

    Seventeenth Series, Vol. I, First Session, 2019/1941 (Saka) No. 10, Friday, June 28, 2019 /Ashadha 7, 1941 (Saka)

    S U B J E C T P A G E S

    ORAL ANSWERS TO QUESTIONS

    Starred Question Nos. 101 to 106 7-54 WRITTEN ANSWERS TO QUESTIONS

    Starred Question Nos. 107 to 120 55-132 Unstarred Question Nos. 1112 to 1341 133-753

    The sign + marked above the name of a Member indicates that the Question was actually asked on the floor of the House by that Member.

  • 28.06.2019 2 ANNOUNCEMENT BY THE SPEAKER

    Orientation Programme for the newly elected Members of the 17th Lok Sabha 754

    PAPERS LAID ON THE TABLE 755-758 BUSINESS OF THE HOUSE 759-765 STATUTORY RESOLUTION RE: APPROVAL OF PROCLAMATION BY PRESIDENT IN RELATION TO STATE OF JAMMU AND KASHMIR AND STATUTORY RESOLUTION RE: DISAPPROVAL OF JAMMU AND KASHMIR RESERVATION (AMENDMENT) ORDINANCE, 2019 AND JAMMU AND KASHMIR RESERVATION (AMENDMENT) BILL, 2019 766-874

    Motion to Consider 766

    Shri Amit Shah 766-773, 847-869

    Shri N.K. Premachandran 774-780, 870-871

    Sri Manish Tewari 781-787

    Shrimati Poonam Mahajan 788-797

    Shrimati Pratima Mondal 798-801

    Shri Hasnain Masoodi 802-807

  • 28.06.2019 3

    Dr. Jitendra Singh 808-822

    Shri Raghu Rama Krishna Raju 823-824

    Shri Rahul Ramesh Shewale 825-828

    Shri Kaushalendra Kumar 829

    Shri Bhartruhari Mahtab 830-833

    Kunwar Danish Ali 834-835

    Shri Nama Nageshwar Rao 836

    Shri Ram Mohan Naidu Kinjarapu 837

    Shri Mohammed Faizal P.P. 838-839

    Shri Asaduddin Owaisi 840-841

    Shrimati Meenakashi Lekhi 842-844

    Shri Jasbir Singh Gill 845-846

    Statutory Resolution Re: Approval of proclamation by President in relation to State of Jammu and Kashmir

    Motion to Pass 873

    Statutory Resolution Re: Disapproval of Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Ordinance, 2019

    Resolution Negatived 873

    Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2019

    Clauses 2 to 4 and 1 874

    Motion to Pass 874

  • 28.06.2019 4 PRIVATE MEMBERS' RESOLUTION Construction of Canals through Ken-Betwa River Linking Project to overcome the Problem of Water Scarcity and Stray Cows in the Bundelkhand Region Shri Bhanu Pratap Singh Verma 875-887

    Shri Adhir Ranjan Chowdhury 888-906

    Shri Jagdambika Pal 907-915

    ANNEXURE – I

    Member-wise Index to Starred Questions 917

    Member-wise Index to Unstarred Questions 918-920

    ANNEXURE – II

    Ministry-wise Index to Starred Questions 921

    Ministry-wise Index to Unstarred Questions 922

  • 28.06.2019 5

    OFFICERS OF LOK SABHA

    THE SPEAKER

    Shri Om Birla

    PANEL OF CHAIRPERSONS

    Shrimati Rama Devi

    Dr.(Prof.) Kirit Premjibhai Solanki

    Shri Rajendra Agrawal

    Shrimati Meenakashi Lekhi

    Shri Kodikunnil Suresh

    Shri A. Raja

    Shri P.V. Midhun Reddy

    Shri Bhartruhari Mahtab

    SECRETARY GENERAL

    Shrimati Snehlata Shrivastava

  • 28.06.2019 6

    LOK SABHA DEBATES

    LOK SABHA

    ----------

    Friday, June 28, 2019/Ashadha 07, 1941 (Saka)

    The Lok Sabha met at Eleven of the Clock.

    [HON. SPEAKER in the Chair]

  • 28.06.2019 7

    ORAL ANSWERS TO QUESTIONS

    HON. SPEAKER : Now Question Hour, Question No. 101, Shri Ashok

    Mahadeorao Nete

    (Q. 101)

    �ी अशोक महादेवराव नेते : अ�य� महोदय, भूकंप का नाम लेते ही मन भय स ेकांप उठता है ।

    जब भूकंप आता है तो वहा ंकई पेड़-पौध ेऔर मकान �व�त हो जाते ह� । मानव के साथ-साथ

    जीव-जतं ुभी घर� म� दबकर मर जाते ह� तथा चार� ओर �लय का ��य िदखाई देता है । इस �कार

    का भूकंप होता है और अनेक �कार क� क�दायक पीड़ा द ेजाता है ।

    माननीय अ�य�: भूकंप तो क�दायक होता ही है, आप �वे�न पूछो न ।

    �ी अशोक महादेवराव नेते: अ�य� महोदय, हमार ेदेश म� िहमालय के �े� म�, पूव��र के �े� म�,

    गजुरात म� और महारा�� के लातूर म� भी इस �कार के भूकंप आ चकेु ह� ।

    अ�य� महोदय, म� आपके मा�यम से मं�ी जी से जानना चाह�ंगा िक भूकंप के कारण होने

    वाले नकुसान को कम करने हेत ुभूकंप रोधी इमारत� बनाए जाने के िलए जो िदशा-िनद�श, िनयम

    आज तक िनधा��रत िकए गए ह�, उनका अनपुालन करन ेवाली और न करने वाली सरकारी तथा गैर

    सरकारी सं�थाओ ंव एज�िसय� का िववरण अलग-अलग �या है? सरकार यह सिुनि�त कर ेिक इस

    सबंंध म� बनाए गए िदशा-िनद�श� और िनयम� का कड़ाई से अनपुालन िकया जाए । �या अभी इसके

    िलए कुछ कदम उठाए गए ह�?

    �ी अि�नी कुमार चौब:े अ�य� महोदय, प�ृवी िव�ान मं�ालय को देश म� भूकंप� के बार े म�

    उसक� िनगरानी करने का मैनडेट �ा� है । साथ ही प�ृवी िव�ान मं�ालय के तहत नेशनल से�टर

    फॉर सी�मोलॉजी देश और देश के आसपास म� भूकंप क� गितिविधय� पर नजर रखती है । हमने

    उसको रा��ीय भूकंपीय नेटवक� म� सभी �कार के सचंालन तथा रख-रखाव करने का दािय�व भी

    िदया ह�आ है । जहा ंतक के�� क� सभी उपयोगकता� एजेिसया ंह�, िजतनी भी एज�िसया ंह� और

  • 28.06.2019 8 आपदा �बंधन के जो �ािधकरण ह�, उनसे भूकंप आने के पांच िमनट के अदंर हम सभी सूचनाए ं

    कले�ट करके और सभी मापदडं� के अनसुार उनको भेजते रहे ह� ।

    जहा ंतक माननीय सद�य ने कहा है िक भूकंप अवरोधी िवभाग के �ारा �या-�या हो रहा

    है, तो म� बताना चाहता ह� ं िक हमारा जो प�ृवी िव�ान मं�ालय तथा िवभाग है, भारतीय मानक

    �यूरो, भवन िनमा�ण साम�ी और �ौ�ोिगक� सवंध�न प�रषद तथा आवास शहरी िवकास िनगम

    (ह�डको) आिद �ारा भूकंप के कारण जान-माल क� िहफाज़त करने के िलए तथा उसके नकुसान

    को कम करने के िलए भूकंप �ितरोधी सरंचनाओ ंके िडजाइन और िनमा�ण के िलए िदशा-िनद�श

    बराबर भेजते रहे ह� ।

    भूक�प �भावी �े�� म� भूक�प �ितरोधी सरंचनाओ ंके िडजाइन और िनमा�ण के िलए िदशा-

    िनद�श देने का काम िवभाग करता रहा है । उसका उ�रदािय�व �शासिनक अिधका�रय� और वहा ं

    के जो कोरपोरशेन या जो भी इस �कार �यिुनिसपल बॉडीज ह� या �ामीण पदािधकारी ह�, उन पर

    रहता है । हालांिक भूक�प �ितरोधी भवन� के िनमा�ण से सबंंिधत नीितगत म�ु� के िलए हमारा

    प�ृवी िव�ान मं�ालय उ�रदायी नह� है, िफर भी, अिपत,ु प�ृवी िव�ान मं�ालय �ारा िद�ली और

    कोलकाता दोन� �मखु शहर� म� भूक�पीय माइ�ो जोनेशन हमने कर िलया है । साथ ही िसि�कम,

    गवुाहाटी और ब�गल�ु जैस ेशहर� म� हमार ेसीि�मक माइ�ो जोनेशन के काम प�रयोजना मोड म� पूर े

    हो चुके ह� और अभी चे�नई, भुवने�र, कोय�बटूर और मंगलौर का सीि�मक माइ�ो जोनेशन श�ु

    िकया गया है ।

    �ी अशोक महादेवराव नतेे : महोदय, मेरा दूसरा पूरक �� यह है िक वष� 2001 म� गजुरात म�

    आए भीषण भूक�प के बाद एक सव� म� देश क� कई हजार ऐसी इमारत� क� पहचान क� गई, जो

    भूक�प के झटके झेलने के िहसाब से कमजोर और बेहद खतरनाक थ� । इस सबंंध म� म� माननीय

    मं�ी जी स ेयह जानना चाह�ंगा िक इन सभी इमारत� को भी भूक�परोधी बनाए जाने हेत ु�या आज

    तक कोई सकारा�मक कदम उठाया गया है?

  • 28.06.2019 9 �ी अि�नी कुमार चौबे: अ�य� महोदय, म�ने पहले ही कहा िक हमारी अथ� िव�ान िमिन��ी

    बनाती नह� है, बि�क यह िनद�श देती है । इसके िलए म�ने पहल ेही कहा िक हमने बीआईएस को,

    बीएमटीपीसी और ह�डको को समय-समय पर इसके िलए िदशा-िनद�श िकए ह� । िवशेषकर जो

    भूक�प वहा ंआया था, उसके बार ेम� जो नई इमारत� बननी ह�, उसके अनसुार वह वहा ंबन रहा है ।

  • 28.06.2019 10

    (Q. 102)

    �ी �ीरगं आ�पा बारणे : माननीय अ�य� महोदय, के�� सरकार ने पॉवरटे�स इंिडया �क�म के

    तहत बनुाई और बनुा ह�आ कपड़ा �े�, जो म�ुय �प से लघ ुउ�ोग के �े� से बराबर है । म�ुय

    �प से यह िवके��ीकृत �े� म� आता है । यह रोजगार का म�ुय उ�पादन �े� है । म� मं�ी जी से

    जानना चाहता ह� ंिक कुल कपड़ा उ�पादन म� बनुाई और बनुा ह�आ कपड़ा िकतना �ितशत होता है

    और बनुाई और बनेु ह�ए कपड़े के िनया�त को बढ़ाने के िलए सरकार �ारा �या कदम उठाए गए ह�?

    �ीमती �मिृत जूिबन ईरानी: महोदय, जो भी कपड़ा पहना जाता है, वह ह�डलूम अथवा पॉवरलूम

    के मा�यम से बनुा जाता है । कुल िकतना कपड़ा बनुा जा रहा है, वह नबंर ऑफ �ोड�शन डे-टु-डे

    वेरी करता है । म�ुयत: म� आपके मा�यम से सांसद महोदय का �यान इस िवषय क� ओर आकृ�

    करना चाहती ह� ंिक सरकार ने गारम�िटंग क� �ि� से और गारम�िटंग म� हमारा ए�सपोट� बढ़े, उसक�

    �ि� से िवशेष 6 हजार करोड़ �पय ेका पैकेज िदया, तािक �यादा से �यादा िनवेश कपड़े बनुने म�

    और िसलने म� िहंद�ुतान म� हो सके ।

    अ�य� महोदय, मझेु यह कहत ेह�ए अित �स�नता है िक कई रा�य� क� सरकार� ने भी

    िवशेष टे�सटाइल पॉिलसी का िनमा�ण िकया है, तािक �यादा से �यादा िनवेशक भी आए ंऔर

    साथ ही वहा ं रोजगार के साधन भी बढ़� । उदाहरणत: झारखडं म� बह�त ही पॉपलुर टे�सटाइल

    पॉिलसी वत�मान म� चल रही है । �देश क� सरकार के साथ सम�वय के साथ-साथ टे�सटाइल

    इंड��ी के साथ सम�वय कर हम �ल�टर-बाई-�ल�टर काम करते ह� । िजस पॉवरटे�स �क�म का

    उ�लेख माननीय सांसद जी ने िकया, उसके सदंभ� म� भी पॉवरटे�स �क�म बनाने से पहले इंड��ी

    और �ल�टर के साथ िवशेष, जो छोटी ईकाई के एटंरि��योस� ह�, एम.एस.एम.ई. ह�, िजनक� ओर

    माननीय सांसद �यान आकृ� कर रहे थे, उनक� सम�याओ ंको लेकर उ�ह� कैसे सि�सडी �दान

    क� जाए, म�ुा लोन और �ट�ड अप इंिडया से जोड़ा जाए, इसका �ावधान हमने टे�सटाइल

    किम�र के आिफस के मा�यम से िकया है ।

  • 28.06.2019 11 �ी �ीरगं आ�पा बारणे : अ�य� महोदय, इस योजना म� मौजूदा पॉवरलूम सिव�स स�टर के

    आधिुनक�करण और पॉवरटे�स योजना के अतंग�त यान� ब�क सामा�य सिुवधा के�� और बीमा

    कवरजे योजना क� प�रक�पना क� गई है । म� माननीय मं�ी जी से जानना चाहता ह� ंिक िवशेष कर

    अभी तक महारा�� म� िकतने पॉवरलूम सेवा के��� और स�ंथान� को आधिुनक बनाया गया है?

    �ीमती �मिृत जूिबन ईरानी : अ�य� महोदय, म� आपके मा�यम से कहना चाहती ह� ंिक वत�मान

    म� यान� ब�क �क�म क� चचा� माननीय सांसद ने आपके मा�यम से सदन के स�मखु ��ततु क� है ।

    उसके सदंभ� म� देश भर म� 96 �ोजे�ट्स स��शन ह�ए ह� और कुल 26 करोड़ �पये �रलीज िकए गए

    ह� । म� यह भी कहना चाह�गंी िक इ�ह�ने िवशेष �प से महारा�� क� �ि� से �� रखा है । यान� ब�क

    �क�म के अतंग�त इंड��ी टै�सटाइल किम�र के पास ब�क� के मा�यम स ेएक एसपीपी बनाकर

    जाती है, तभी इस �कार क� योजनाओ ंको हम उस �े� म� िनधा��रत �प से बना सकते ह� । अगर

    वह िवशेष जानना चाहते ह� िक महारा�� म� िकस-िकस इंड��ी ने एमएसएमई के �तर पर यान� ब�क

    क� क�पना के सदंभ� म� अपने िवचार ��ततु िकए ह� और िकतने पास ह�ए ह� तो वह जानकारी म�

    टै�सटाइल किम�र के ऑिफस से माननीय सद�य को उपल�ध करवा दूगंी ।

    डॉ. �ीतम गोपीनाथ राव मुडें: अ�य� महोदय, ए�चुअली म� म� सवाल मराठी म� पूछना चाहती थी

    But apparently, since the interpreter is not there, I would put my

    Supplementary in English.

    The hon. Minister has given us the answer. But through you, I would like

    to know whether there is any scope for including Maharashtra, specially

    Marathwada region, which is a drought prone area, under Powertex India, but

    cotton is a cash crop which is taken up on a very large scale there. Is there any

    scope to include Marathwada Region, specially my district, Beed, under is

    Scheme as it grows cotton in a few blocks on a very large scale? Is there any

    scope to include Beed under Powertex India Scheme?

  • 28.06.2019 12 �ीमती �मिृत जूिबन ईरानी : अ�य� महोदय, आप�या माहीत आहेत िक माला पण मराठी

    येते, पण �यानी खूप छान िनण�य घेतला िक िहंदी म�ये बोलाइची िकंवा इंि�लश म�ये बोलाइची । I

    can only, through you, tell the hon. Member that with respect to knitwear,

    textile, handloom and handcraft or for that matter power loom, if the hon.

    Member deems it fit to communicate with my office, specially regarding drought

    prone areas, I am more than happy to extend all the help from the Ministry of

    Textiles for drought affected areas.

    �ी रवनीत िसहं : �पीकर महोदय, लिुधयाना टै�साइ�स हब है । म� मं�ी जी क� इस बात के िलए

    तारीफ भी क�ंगा �य�िक जो वह �क��स लेकर आई ह�, खासतौर पर यान� खरीदने के िलए पांच

    करोड़ �पये तक इ�े�ट �� उ�ह�ने िकया है, चाहे कोई लेबरर �ेिनंग लेना चाहे तो िमिन��ी क�

    तरफ से दस हजार �पये िदया जाता है ।

    �पीकर महोदय, म� आपके मा�यम से पूछना चाहता ह�,ं खासतौर से छह हजार करोड़ �पये

    का कॉटन चीन को ए�सपोट� करते ह� । चीन अपनी टी-शट� और शट� बना कर िकसी भी तरीके से

    बं�लादेश भेज देता है । बं�लादेश से सारा माल इंिडया म� आता है �य�िक हमारी उसस े�ीटी है, न

    हम इ�पोट� ड्यूटी लगा सकते ह�, न क�टम ड्यूटी लगा सकते ह� । इससे इंिडया क� सबसे बड़ी

    माक� ट पर मार पड़ती है । उसके साथ ही जो बात जड़ुी ह�ई है, टै�नोलॉजी अप�ेडेशन के िलए हम

    िमिन��ी क� तरफ से फंड देते ह�, लेिकन आज 4500 केसेज पेि�डंग पड़े ह�ए ह� । म� आपको एक

    छोटी सी बात बताऊं, जहा ं�ोज कंपनी क� एक नीडल आती है, चाहे जापान, को�रया, इटली,

    चीन और जम�नी से इ�पोट� करनी पड़ती है । अगर हम उस टै�नोलॉजी को यहां नह� ला सकते तो

    िफर इ�पोट� ड्यूटी 16 परस�ट �य� लगाई ह�ई है? उसे कम करना चािहए और जहा ंहम� अप�ेडेशन

    करना चािहए ।

    �ीमती �मिृत जूिबन ईरानी : अ�य� महोदय, म� आपके मा�यम से आदरणीय सांसद �ी को

    बताना चाहती ह� ंिनटिवयर हब क� �ि� से लिुधयाना म� एक िवशेष �ोजे�ट …(�यवधान) ।

  • 28.06.2019 13 माननीय अ�य� : माननीय सद�यगण, जब माननीय मं�ी जी जवाब दे रहे ह� तो उनके सामने नह�

    आए ं ।

    �ीमती �मिृत जूिबन ईरानी: माननीय अ�य� जी, म� आपके मा�यम से माननीय सांसद को

    अवगत कराना चाहती ह� ंिक िनटवेयर और टै�सटाइल क� �ि� से लिुधयाना शहर के िलए िवशेष

    2 करोड़ के यान� ब�क का �ावधान िकया गया और साथ ही टे�नोलॉजी अप�ेडेशन म� दो करोड़

    �पये का एक और �ोजे�ट स��शन िकया गया है ।

    माननीय सांसद ने आपके मा�यम से एक िवशेष कंपनी का उ�लेख िकया है । टै�सटाइल

    किम�र आिफस म� टे�नोलाजी से सबंंिधत पैरामीटस� सैट होते ह� जो इंड��ी के साथ बाक�

    सबंंिधत मं�ालय� के सम�वय से ही ��तुत िकए जाते ह� । इस टे�नोलॉजी के आधार पर बाक�

    मशीनरी का काम सि�सडी क� �ि� से अलाऊ िकया जाता है ।

    माननीय सद�य ने बां�लादेश का िवषय रखा है । जहा ंतक बां�लादेश के मा�यम से कपड़ा

    आने क� बात है, यह िवषय बार-बार आता है । जब भी इंड��ी यह िवषय मं�ालय के स�मखु

    उठाती है, हम उनसे बार-बार आ�ह करते ह� िक ड��यूटीओ का �ोटोकाल देखते ह�ए, डीजीएफटी

    के आिफस म� अपनी ए�लीकेशन एिवड�स के साथ ��ततु कर� तािक टै�सटाइल किम�र आिफस

    से डाटा को वैलीडेट कर इस िवषय पर कोई ठोस कदम उठा सक� ।

    मेरा आपके मा�यम से सांसद महोदय को यह बताने का �यास है िक अब तक जब भी

    डाटा वैलीडेट ह�आ है, जैसे जूट क� डि�पंग होती थी, हमने उसे रोका है । यह इंड��ी फं�शन है,

    सरकार क� भूिमका इसम� िलिमिटड है इसिलए म� आपके मा�यम से दोबारा उ�लेख करना चाहती

    ह�ं िक ��स आफ ओ�रिजन को पढ़ते ह�ए डीजीएफटी म� इंड��ी अपने िवषय को ��ततु करती है

    तो हम टै�सटाइल किम�र से डाटा वैलीिडटी का काम मं�ालय के मा�यम से सिुनि�त कराएगें ।

  • 28.06.2019 14 SHRI K. SHANMUGA SUNDARAM : Thank you, Sir for giving me this

    opportunity. I would also like to thank my Party President, Mr. Stalin.

    Sir, there is an important issue regarding Textile Industry in Coimbatore

    and Tiruppur.

    Around 25,000 projects covered under various Technology Upgradation

    Fund Schemes are yet to receive the TUF subsidy amounting to around Rs.

    10,000 crore. Now, it is pending with the Government. This is causing severe

    financial stress to the textile industry and greatly affecting the new

    investments, exports and job creation. Out of the total fund of Rs. 17,822 crore,

    allotted for this purpose, not even Rs. 3,000 crore was utilised. The necessary

    support may be extended to the hon. Union Minister for Textiles and release

    the subsidy as early as possible.

    There is one more issue.…(Interruptions) The Government is refunding

    the taxes for the export of textiles and clothing products by way of duty

    drawback and Rebate of State and Central Taxes and Levies including

    embedded taxes. Currently, RoSCTL benefit is extended only for garments

    and made-ups. It is essential to extend this benefit for yarns and fabrics to

    enable spinning mills and power looms to utilise the idle capacity, to provide

    jobs for lakhs of people and also to prevent them from becoming sick and

    coming to a grinding halt. We export around 50 to 60 lakh bales of raw cotton.

    This could be converted into value added yarns and fabrics. So, I would like to

    know from the hon. Minister as to when the Government will release the

    subsidy.

  • 28.06.2019 15 SHRIMATI SMRITI ZUBIN IRANI: Sir, through you, I would like to tell the hon.

    Member that subsidy is not a right. It is a facilitation given by the Government

    of India on the basis of papers inspected by the banks and the officials who go

    to that particular company to see whether the proposal that the company has

    made can be validated through the technology that the company claims to

    have and the number of people the company claims to employ. Given that, the

    Joint Inspection Committees are undertaken through the Textile

    Commissioner’s Office to see whether the application given by the company is

    in no way flawed. Any application where the company is found to give flawed

    information is struck down immediately. A UID is generated. It is a transparent

    and automated mechanism. There is an instruction in the Ministry of Textiles

    that every Joint Inspection Committee which finds validated proof of the claims

    made by a company will release the subsidy within the first seven working

    days. But if the claim of the company is found to be false, then subsidy is not

    released so that the banks do not get the added pressure of having NPAs and

    the companies do not stand to gain illegally from the Government and the tax

    payers’ coffers.

    Sir, I would also like to take this opportunity to attract the hon. Member’s

    attention to the fact that Tiruppur has received one project of Yarn Bank, two

    projects of Common Facility Centre and one Group Work Shed Scheme. In

    fact, under ATUFS, the city of Tiruppur only has received more than Rs. 178

    crore. At my level, every month I meet industry representatives, be it small

  • 28.06.2019 16 scale or otherwise and industry associations, including from the cities of

    Tiruppur and Coimbatore.

    In terms of Duty Drawback and RoSCTL, let me inform the hon.

    Member, through you, that RoSCTL on garments and made-ups was given

    because for every crore invested, 70 jobs were assured by the industry. In

    yarn, the job creating capacity is less and any other segment of textile, where

    job creating capacity is seemed to be enhanced and can be validated by the

    industry, is currently under study by the Department of Commerce.

  • 28.06.2019 17

    (Q. 103)

    �ी ल�लू िसहं: माननीय अ�य� महोदय, यह स�य है िक जबसे माननीय मोदी जी क� सरकार

    देश म� बनी है, तबसे चह�मँखुी िवकास क� योजनाए ं चल रही ह� । नई �ो�ौिगक योजनाओ ं को

    �ो�सािहत करने के िलए अनेक� कदम यवुा वै�ािनक� को �ो�सािहत करने के िलए उठाए गए ह� ।

    पर�त ुआज भी देश म� िव�ान के �े� म� मिहलाओ ंक� भागीदारी बेहद कम है । हमारा सवाल है िक

    सरकार िव�ान और तकनीक के �े� म� आज छा�� क� भागीदारी का �ितशत िकतना है तथा

    छा�� क� भागीदारी बढ़ाने के िलए कोई िवशेष योजना चल रही है, तािक िव�ान और तकनीक के

    �े� म� मिहलाओ ंका योगदान बढ़ सके?

    �ी अि�नी कुमार चौबे: अ�य� महोदय, माननीय सद�य ने जो �� िकया है, म� उनको बताना

    चाह�ंगा और पूर ेदेश के छा�� और यवुाओ ंको अपने लोकि�य �धान मं�ी �ी नर�े� भाई मोदी जी

    का वह सदंेश भी पनु: आपके मा�यम से देना चाह�ंगा । महोदय, आप जानते ह� िक सरकार ने यवुा

    वै�ािनक� को अनसुधंान करने के िलए, �ो�सािहत करने के िलए तथा उनक� सहायता करने के

    िलए बह�त सारी मह�वाकां�ी योजनाए ं चलाई ह� । िवशेषकर, �थमत: िव�ान और �ो�ौिगक�

    मं�ालय म� यवुा वै�ािनक� क� दो तरीके से हम सहायता करते ह� । इसम� मिहलाए ंभी ह� और छा��

    म� यवुती और यवुा दोन� ह� । महोदय, डॉ�टोरल एव ंपो�ट डॉ�टोरल अनसुधंानकता�ओ ंदोन� के

    िलए अनसुधंान फैलोिशप भारतीय िव�िव�ालय�, रा��ीय �योगशालाओ ंऔर उ�ोग म� िश�ण

    करने एव ंअनसुधंान क�रयर अपनाने के िलए हम उ�ह� दो से पाचँ वष� तक �िशि�त करते ह� ।

    दूसरा, अनसुधंान प�रयोजनाओ ं के मा�यम से आरिंभक क�रयर अनसुधंान सहायता

    काय�रत यवुा सकंाय� एव ंवै�ािनक� को उ�च गणुव�ापूण� एव ंरा��ीय �ाथिमकताओ ंम� �ासंिगक

    अनसुधंान करने के िलए हमारी सहायता क� जा रही है ।

    महोदय, िह�द�ुतान म� पहली बार हमार ेमाननीय �धान मं�ी जी के माग�दशन म� 30 हजार

    नए यवुक� को जो हम हर साल वै�ािनक� को सहायता �दान करते ह�, अनसुधंान करते ह� । वे

    अ�छे िश�क बन�, अ�छे वै�ािनक बन� और देश के भिव�य को आगे ले चलने म� वे पूरी मेहनत के

  • 28.06.2019 18 साथ सफल ह�, इसका �यास हमारी सरकार बराबर कर रही है । जो �ेन �ेन है उसको �ेन गेन

    करने का भी काम हम कर रहे ह� । जो िवदेश� म� गए ह�, उनके िलए भी हमने योजनाए ंबनायी ह� ।

    �ी ल�लू िसहं : अ�य� महोदय, दूसरा सवाल है िक �या यह स�य है िक भारतीय अतंरी�

    अनसुधंान सगंठन इस वष� से �कूल के ब�च� के िलए यवुा वै�ािनक काय��म चलाने वाला है?

    यिद हां तो उसके �या प�रणाम रह रहे ह�? पूर ेदेश से उसम� �ामीण और शहरी �े� के िकतने ब�च�

    को शािमल िकया गया ह?ै

    �ी अि�नी कुमार चौबे: अ�य� महोदय, हालािंक माननीय सांसद ने जो �� िकया है, वह थोड़ा

    इतर है । यवुा वै�ािनक तो ठीक है, लेिकन जहा ंतक मेरी जानकारी है िव�ालय� म� लगातार इस

    मं�ालय के �ारा तीन जगह� पर देश म�, चे�नई, िद�ली और लखनऊ म�, ऐसे ब�च� को जो सभी

    सांसद� के आदश� �ाम के ब�चे थ,े वहा ंउनको बलुाया गया था । हालािंक यह �� स ेबाहर है ।

    हजार� ब�च� ने इसम� भाग िलया है और उनका बह�त �ानवध�न ह�आ है । एक अ�छे वै�ािनक बनने

    का उनका सपना आगे भिव�य म� साकार होगा ऐसा मझुे लगता है ।

    SHRI HEMANT TUKARAM GODSE: Hon. Speaker Sir, our country has

    created a separate S&T research and teaching system. On the contrary, the

    most innovative country such as United States blend research and teaching.

    Upto some extent, our leading institutions such as IITs are following the same

    approach. However, our S&T research institutions have been slow in building

    teaching capacity. Such capacity building can provide huge benefits to young

    scientists.

    So, I want to ask hon. Minister whether Government is planning to

    reform agenda to make our leading S&T research institutions such as NCL,

    DRDO, BARC and ISRO into at least post-graduate research and teaching

    institutions and further into full-fledged research universities in the future.

  • 28.06.2019 19 �ी अि�नी कुमार चौबे: महोदय, माननीय सांसद जी ने जो कहा है तो िनि�त �प से हमार ेजो

    यवुा वै�ािनक ह�, वे अ�छी-अ�छी जगह� पर जाए,ं पहले तो वे छा� के �प म� रहते ह� और हम

    फैलोिशप देकर उनको बढ़ाते ह� । जहा ंतक ‘इं�पायर’ क� बात है, जो हमारी सवा�िधक लोकि�य

    और अित स�मािनत रा��ीय योजना हमारी सरकार ने बनायी है, दूसरा, एन.पी.जी.एफ. के �ारा

    रा��ीय पो�ट डॉ�टोरल फैलोिशप और तीसरा जो आरिंभक क�रयर अनसुंधान परु�कार तथा

    चौथा सी.एस.आई.आर., यू.जी.सी. अनसुधंान फैलोिशप है, इनके मा�यम से हम 31 हजार से

    लेकर 1 लाख 35 हजार �पये तक उनको छा�विृ� देते ह� और देश भर म� इस �कार क� 30

    हजार छा�विृ�या ंहम द ेरहे ह� । भिव�य म� हमारी सरकार क� जो �टाट�अप इंिडया योजना क� बात

    �धान मं�ी जी ने क� है, उसे हम और आगे बढ़ान ेका काम का काम कर रहे ह� ।

    डॉ. स�यपाल िसहं: अ�य� महोदय, आपका बह�त-बह�त ध�यवाद । सबसे पहले तो म� आपका

    हािद�क अिभन�दन करता ह� ंऔर साइंस एडं टे�नोलॉजी िमिन��ी और एच.आर.डी. िमिन��ी के

    �ारा िपछले लगभग पांच साल� के अ�दर माननीय �धान मं�ी जी के नेत�ृव म� िजस �कार से

    साइंस टे�नोलॉजी के फ��ड म� िजतना अ�छा काम इस देश म� ह�आ है, बह�त �तिुत है इतना

    अ�छा काम िपछले बह�त साल� म� नह� ह�आ है ।

    मेरा एक सवाल यह है िक दिुनया म� �लोबल सव� यह कहता है िक करीब 82 परस�ट जो

    दिुनया क� िड�कवरीज़ ह�, वह यंग साइंिट�ट� ने क� ह� । हमार े यहां अभी भी यूिनविस�िटज़ के

    अदंर, �रसच� इंि�टट्यूट्स के अदंर �यादातर जो �रसच� फंड ह�, वह सीिनयर �ोफेसर और

    सीिनयर साइंिट�ट लेकर जाते ह� । �या भारत सरकार कोई ऐसी योजना बना रही है, िवचार कर

    रही है िक कम-से-कम 50 परस�ट जो �रसच� फंड है वह यंग साइंिट�ट� के िलए �रजव� िकया

    जाएगा? यह मेरा सवाल है ।

    �ी अि�नी कुमार चौबे: महोदय, माननीय सांसद मं�ी भी रहे ह� और बड़े िव�ान ह� । उ�ह�ने ठीक

    ही कहा है िक 50 परस�ट जो नयी पीढ़ी के यवुा वै�ािनक ह� उनको कैसे फंड िदया जाए । जहा ंतक

    मेरी जानकारी है यवुा वै�ािनक� के िलए, इन सभी �क�म� िजनके बार ेम� हमने पहले कहा, इसके

  • 28.06.2019 20 अित�र� 40 वष� से कम आय ुवाले ऐस े37 �ितशत यवुा वै�ािनक और जो 45 वष� से कम आय ु

    के 65 �ितशत ह�, ऐसे वै�ािनक� को एस.ई.आर.बी. क� म�ुयधारा वाली अनुसधंान सहायता

    �क�म� के ज�रए िनिध �ा� कराते रह� और इसके िलए हम उनको �ो�सािहत करते रहते ह� तािक

    भिव�य म� अपने उ��वल भिव�य को आगे बढ़ाते रह� ।

  • 28.06.2019 21

    (Q.104)

    �ी मनोज ितवारी : माननीय अ�य� जी, �धान म�ंी जी ने भारत के गरीब� के िलए ‘आय�ुमान

    योजना’ नाम का एक ऐसा उपहार िदया, जो ऐसी खशुहाली लाया है िक भारत के गरीब ज�म-

    ज�मा�तर तक नर�े� मोदी जी को �धान मं�ी बनाये रखना चाहते ह� । िद�ली ने भी सात क� सात

    सीट� देकर �धान मं�ी जी के �ित एक गजब का िव�ास िदया है, लेिकन िद�ली म� ‘आय�ुमान

    योजना’ को िद�ली सरकार ने रोक िदया है ।

    तो इसका �ितफल यह ह�आ है िक िद�ली है�थ इंडे�स म� पांचव� �थान पर िपछड़ गई है ।

    माननीय अ�य� जी, म� माननीय मं�ी जी से यह जानना चाहता ह� ँिक जहा ंपर मोह�ला ि�लीिनक

    भी, अब इलाज क� जगह ��ाचार का के�� बन गया है, �या िद�लीवािसय� को बेहतर �वा��य

    सेवाए ंदेने के िलए के�� सरकार कोई कदम उठा रही है? �या आय�ुमान भारत योजना को िद�ली

    म� लागू करने के िलए ऐसी �यव�था क� जा सकती है िक ऐसी गरीब िवरोधी सरकार� को झटका

    लगे और गरीब� को इसका लाभ िमले?

    �ी अि�नी कुमार चौबे: अ�य� महोदय, माननीय सांसद जी ने जो �� िकया है, वह �देश

    अ�य� भी ह�, भारतीय जनता पाट� के बड़े अ�छे नेता भी ह� और अिभनेता भी ह� । सचमचु म�

    उनके नेत�ृव म� िद�ली �देश काफ� आगे बढ़ रहा है । महोदय, जहा ं तक आय�ुमान भारत क�

    योजना जो आप जानते ह� िक देश म� और दिुनया म� यह अनूठी योजना �धान मं�ी �ी नर�े� भाई

    मोदी जी ने 23 िसत�बर को िपछली बार लागू क� थी । पिंडत दीनदयाल उपा�याय जी के ज�म

    जयंती क� पूव� स�ंया पर ।

    महोदय, आपको यह भी जानकर अ�छा लगेगा िक लगभग 11 करोड़ प�रवार ह�, िजनम� 50

    करोड़ या 52 करोड़ से भी �यादा लोग जो इसके अदंर आते ह�, उनको हम लाभ दे रहे ह� । आपको

    यह भी जानकर अ�छा लगेगा िक िद�ली और दशे दिुनया के लोग� ने जो यह अनूठी योजना

    अपनाई है, गरीब� ने अभी हाल के चनुाव� म� इसक� सराहना क� है । महोदय, िजनको कभी कोई

    चीज िदखाई नह� पड़ती थी, उन मा ँबहन� के िलए, उन गरीब� के िलए कभी सोच भी नह� सकते थे

  • 28.06.2019 22 िक पॉकेट म� पैसा न हो और उसके बावजूद भी वह िद�ली म� आकर इलाज करवाए ं। हमारी िचंता

    इस बात क� है िक िद�ली �देश क� जो सरकार है, वह हमारी आय�ुमान भारत योजना से नह�

    जड़ुी है । अभी 33 ऐसे आय�ुमान भारत से हमार ेरा�य जड़ेु ह� । और रा�य� को भी अभी हाल म�

    दूसरी सरकार बनने के बाद भी हमार ेमं�ी जी न ेम�ुय मं�ी जी को हमारी सरकार क� ओर से प�

    भी िलखा है, आ�ह भी िकया है । जहा ं तक िद�ली �देश क� बात है तो िद�ली �देश म� 17

    हॉि�पटल जो बड़े-बड़े �ाइवेट हॉि�पटल भी ह�, 12 �ाइवेट ह� और 5 सरकारी हॉि�पटल ह�, उनको

    हमने ए�पैनल िकया है । ए�पैनल करने के मा�यम से िद�ली म� दूर के गांव का, चाह े वह

    अहमदाबाद का गरीब हो, गांव का रहने वाला हो या िबहार का हो, गांव का गरीब ब�चा िबना पैसे

    िलए ह�ए आता है और यहां िद�ली के बड़े-बड़े हॉि�पट�स म� इलाज करवाता है,

    महोदय, हमारा आपसे आ�ह है िक िद�ली जैसे �दशे म�, िद�ली िदल वाल� क� है, पूर ेदेश

    क� है । महोदय, िद�ली म� जो यहां झ�ुगी-झोपड़ी म� रहने वाला गरीब है, जो यहां के लोग ह�, देश के

    कोने-कोने से यहां आकर बसते ह�, उनको इस योजना का लाभ नह� िमल रहा है । हम लोग बार

    बार कह रहे ह� िक बाहर के लोग यहां के अ�पताल म� इलाज करवा रहे ह� । िद�ली के मूलवासी

    यहां इलाज करवाने से विंचत ह� । यह रा�य सरकार को सोचना होगा । िद�ली सरकार को गंभीरता

    से इस पर िनण�य करना होगा । हम आमंि�त करते ह� िक िद�ली �देश भी ज�द से ज�द इसम�

    शािमल हो ।

    �ी मनोज ितवारी: माननीय अ�य� जी, म� ध�यवाद करता ह�,ँ जो जवाब िदया मं�ी जी ने,

    उ�ह�ने हमारी िद�ली का दद� समझा है, लेिकन ये जो अ�पताल बता रहे ह�, वे तो के�� सरकार के

    अ�पताल ह�, जो िद�ली सरकार के अ�पताल� म� नह� ह� । तो दूसरा पूरक �� मेरा यह है िक जैसे

    राज�थान म�, म�य �देश म�, छ�ीसगढ़ म� जो अ�पताल पैनलब� िकए गए ह�, वे बह�त ही दोयम

    दज� के और ऐसे अ�पताल ह�, जहा ं इलाज तो �या, बड़ा खतरा हो जाता है । राज�थान,

    म�य�देश, छ�ीसगढ़ और िद�ली म� भी यही ि�थित न हो जाए, इसिलए मेरा सवाल है िक �या

    आय�ुमान भारत योजना के जो पैनलब� अ�पताल ह�, उनम� भी कोई कागज प� िलया जाए, कोई

  • 28.06.2019 23 नकदी रिहत सिुवधा �दान क� जाए? यिद ऐसा हो रहा है तो उसका त�संबंधी �यौरा �या है? और

    ए.बी.वाई. काय��म के दौरान सरकार के सम� सारी �कावट�, खािमय� का �यौरा �या है, यह म�

    मं�ी जी से जानना चाह�गँा ।

    �ी अि�नी कुमार चौब:े महोदय, जो माननीय मं�ी जी ने आज आय�ुमान भारत के िलए कहा है

    आप जानते ह�, आय�ुमान भारत के दो कंपोन�ट ह� । एक �धान मं�ी जन आरो�य योजना और दूसरा

    जो आय�ुमान भारत के अंदर हमने पूर ेदेश म� 2022 तक डेढ़ लाख सबसे�टर एडीशनल �ाइमरी

    है�थ से�टर इसको हमने वैलनेस से�टर म� बदलने का िन�य िकया है, इसम� जो बीमार ह�, उनको

    �व�थ बनाने का िन�य िकया है ।

    महोदय, जहा ंतक राज�थान, म�य �देश और छ�ीसगढ़ के अ�पताल� क� बात माननीय

    सद�य ने कही है, ऐसी कोई बात नह� है । हमार ेअ�छे सरकारी और �ाइवेट अ�पताल वहा ंचल

    रहे ह�, वहा ंलोग� का इलाज हो रहा है । माननीय सद�य को हम इस बार ेम� आंकड़े और जानकारी

    अलग से भेज द�गे िक कहां िकतने लोग� का इलाज ह�आ है । यह जानकारी हम बाद म� उनको

    �यि�गत �प से भेज द�गे ।

    �ी राजीव �ताप �डी: अ�य� महोदय, माननीय मं�ी जी न ेउ�र िदया है, म� सदन का �यान

    आकृ� करना चाह�ंगा िक म� िबहार स ेआता ह�ं । …(�यवधान) लॉटरी म� आया है ।…(�यवधान)

    िबहार का हर ससंद सद�य डॉ�टर है, क�पाउ�डर है या नस� है, �य�िक कोई भी ऐसा ससंद

    सद�य नह� है, िजसके घर के पीछे एक िड�प�सरी न चल रही हो, जहा ंसैकड़� क� स�ंया म� मरीज

    न आ रहे ह� और हम सब डॉ�टर ह� । आज आप िद�ली के िकसी ससंद सद�य से पूछ लीिजए,

    वह ए�स के दस डॉ�टस� के नाम और मोबाइल न�बर बता द�गे, आरएमएल हॉि�पटल और

    मेिडिसटी का बता द�गे, �य�िक आजकल िबहार म� हम िजस सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे

    ह�, वह यही है ।

    अ�य� जी, आप देख सकते ह� िक म� एक कागज लेकर आया ह�,ं यह �धान मं�ी जी के

    राहत कोष का है और 23 मई तक, मझेु लगता है िक अभी तक लगभग सवा दो करोड़ �पये,

  • 28.06.2019 24 िपछले पांच साल म� म�न ेसीधे �धान मं�ी जी से िलया है । शायद इसी पीड़ा को समझकर उ�ह�ने

    यह बड़ी योजना, जो दिुनया क� ऐसी सबसे बड़ी योजना है, श�ु क� है । हम पािल�याम�ट म� यह

    काड� लगाकर आए ह�, यह हम सब लोग� को लगाना चािहए, यह मेरी पहचान है । …(�यवधान) म�

    �� पर आ रहा ह�ं । …(�यवधान) भारत म� ऐसा काड� …(�यवधान) आपने मझेु टोक िदया,

    …(�यवधान) इसी काड� के कारण आप वहा ं बैठे ह� और हम 303 क� स�ंया म� पह�ंचे ह� ।

    …(�यवधान) आपको पता ही नह� है िक देश म� �या हो रहा है । …(�यवधान) अगर आपने अपने

    रा�य म� यह काड� लागू कर िदया होता तो आपक� सीट� भरी ह�ई िदखत� । इसिलए ऐसा मत

    बोिलए ।…(�यवधान)

    सर, हम लोग� को सीजीएचएस काड� िमलता है । …(�यवधान) पहले देश के �धान मं�ी

    रहे ।…(�यवधान) यह काड� सदन क� स�पि� है, यह �धान मं�ी जी का काड� है । …(�यवधान) म�

    उस िदन के इंतजार म� ह�ं । मझुे जब टोक� गे तो ऐसा ही जवाब िमलेगा । …(�यवधान) महोदय, यह

    सीजीएचएस का काड� पहले हम लोग� को िमला करता था और हम लोग अपने आपको

    …(�यवधान) मझेु मत टोिकए, अ�यथा जवाब यही िमलेगा । …(�यवधान) महोदय, हम सभी

    ससंद सद�य� को सीजीएचएस काड� िमलता था । आज देश के �धान मं�ी जी ने 50 करोड़ लोग�

    को हे�थ काड� दनेे क� बात क� है । …(�यवधान) िजस िदन हमारा यह ल�य पूरा होगा,

    …(�यवधान) गो�डन काड� का ल�य पूरा होगा ।…(�यवधान) िजस िदन भारत का हर गरीब यह

    गो�डन काड� अपनी गद�न म� लगाकर घूमेगा, उस िदन देश के �धान मं�ी को इस कुस� से हटाने

    क� ताकत िकसी म� नह� होगी । …(�यवधान) यह काड� ही ताकत है और ऐसी सैकड़� योजनाए ं

    ताकत ह�, िज�ह�ने हम� 303 और 353 क� स�ंया म� यहां बैठाया है । …(�यवधान) यह एक स�चाई

    है ।

    महोदय, मेरा सवाल यह है िक कब तक देश क� सरकार 50 करोड़ गरीब� के पास यह काड�

    पह�ंचा देगी? इसके िलए ल�य �या है और ��ताव �या है? …(�यवधान) म� यह भी जानना चाह�ंगा

  • 28.06.2019 25 िक यह गो�डन काड� कब तक 50 करोड़ गरीब� के पास पह�ंच जाएगा? इसका ल�य �या है, इसक�

    �ि�या �या है और आप इसके िलए �या कदम उठाएगें?

    �ी अि�नी कुमार चौबे: अ�य� महोदय, माननीय सद�य हमार ेिबहार के यवुा साथी ह� । उ�ह�ने

    बह�त अ�छे �� िकए ह� । म� आपक� जानकारी के िलए बताना चाह�ंगा िक अभी तक देश म� तीन

    करोड़ स े�यादा प�रवार� तक �धान मं�ी जी का यह ई-काड� पह�ंचाया जा चकुा है । यह सबस ेबड़ी

    उपलि�ध है िक इतने कम समय म� �धान मं�ी जी के प� लगभग करोड़� के घर तक जा चकेु ह� ।

    म�ने तीन करोड़ प�रवार� क� बात क� है, लाभक नह� । दस करोड़ प�रवार� म� से तीन करोड़

    प�रवार� तक यह काड� पह�ंच चकुा है और दस करोड़ प�रवार� को �धान मं�ी जी ने ��य� िच�ी

    भी िलखी है िक अगर वे इस बीच म� िकसी कारण बीमार हो जाते ह�, तो वे हमार े ए�पैन�ड

    अ�पताल म� जाएगें और वहा ंपर जाएगें तो उनका तरुतं इलाज श�ु हो जाएगा । जो ई-काड� है, जब

    उनको वहा ंदोबारा जाना होगा, तब वहा ंबन जाएगा । सरकार इसके िलए ज�द ही �यास कर रही

    है िक इस िदशा म� आगे बढ़� ।

    �ी दु�यतं िसहं: अ�य� महोदय, म� राज�थान से आता ह� ं। राज�थान म� पूव� सरकार ने भामाशाह

    काड� का काम िकया था, िजसम� सभी लोग� को �वा��य लाभ िमला था, लेिकन वत�मान सरकार

    ने आयु�मान भारत को अब तक िकया नह� है ।

    आज मूल �� ए�पैनलम�ट का है । इसम� हमार ेपूर ेराज�थान के �े� म� तीन लाख �पये से

    पांच लाख �पये तक म� राहत िमले । राज�थान के पूर े�े� के सभी प�रवार� को इसका लाभ िमले ।

    �या वत�मान क� सरकार उनको इतना िनद�श देगी िक ज�द से हमार े सभी अ�पताल, िजसम�

    अड़ौती का �े� हो, जोधपरु का �े� हो या ऊपर के �े� हो, राज�थान के पूर े �े� म� यह

    इ�पैनलम�ट हो । हमार ेसभी लोग� को �वा��य क� सेवा िमले, जैसा आपने ‘आयु�मान िम�’ के बार े

    म� कहा है, इसके सबंंध म� कुछ नह� हो रहा है । अभी तक हमार ेराज�थान म� इसको नह� लागू

    िकया गया है । आप इसे पूर ेराज�थान म� कब लागू कर�गे?

  • 28.06.2019 26 �ी अि�नी कुमार चौबे : अ�य� महोदय, इनक� पीड़ा से म� भी पीिड़त ह� ंऔर हमारी सरकार भी

    पीिड़त है । म� राज�थान सरकार को भी बधाई देता ह� ंिक िजन 33 रा�य� ने एमओयू िकया, उसम�

    से राज�थान सरकार भी है और साथ ही पजंाब सरकार भी है । अभी हाल म� उ�ह�ने जो खबर क�

    है िक जलुाई महीने म� हम इस काय� योजना को �ारभं कर द�गे । यह उ�ह�ने हम� आ��त िकया है

    िक हम जलुाई महीने म� इस योजना को �ारभं कर�गे । ऐसा उ�ह�ने मं�ालय को सूिचत िकया है ।

    …(�यवधान)

    माननीय अ�य� : माननीय सद�य, अभी आप माननीय मं�ी नह� बने ह� । जवाब द ेिदया गया है,

    आप बैठ जाइए ।

    …(�यवधान)

  • 28.06.2019 27

    (Q. 105)

    ADV. ADOOR PRAKASH: Sir, viral diseases are alarmingly increasing in the

    country. The outbreak of acute encephalitis syndrome claimed about 150 lives

    in Muzaffarpur, Bihar and 16 deaths in Gorakhpur, Uttar Pradesh. The

    repeated outbreak of Nipah virus in Kerala caused panic in the State but it

    could be effectively controlled with the help of a strong public health system in

    the State.

    I would like to know from the hon. Minister whether the Government will

    consider taking more effective measures to strengthen the public health

    system in the country and to implement a Centrally sponsored special

    programme to assist the States for prevention of viral diseases.

    �ी अि�नी कुमार चौबे : अ�य� महोदय, य� तो इ�ह�ने िनि�त सवाल िकया है, लेिकन म�ुय �प

    से सवाल एच-1 और एन-1 वायरस के बार ेम� िकया गया था । यह ठीक है िक इ�ह�ने अ�य वायरस

    के बार ेम� भी सवाल पूछा है । हम इ�ह� बताना चाह�गे िक ए�यूट ए�सेफलाइिटस िसं�ोम, एईएस हम

    सभी के िलए िचंता का िवषय है । यह बह�त द:ुखद है । हमार ेकुछ ब�चे उससे म�ृयु का िशकार ह�ए

    ह� ।…(�यवधान) यह �� म� नह� है । ये दोन� �� के बाहर से ह� । म� उसके बार ेम� बता रहा ह� ं।

    �ी अधीर रजंन चौधरी: िकतने ब�च� क� मौत ह�ई है?

    �ी अि�नी कुमार चौबे : अधीर जी, कृपया आप बैठ जाइए । आप िब�कुल अधीर न ह� ।

    �ी अधीर रजंन चौधरी: ब�चे मरते ह� तो हम अधीर होते ह� ।

    �ी अि�नी कुमार चौबे : अ�य� महोदय, वष� 2019 म� ए��लूएजंा, एच-1, एन-1 बह�त फैला ।

    उसम� समय �वाइन �लू के 26,140 मामले सामने आए थे । िवशेषकर यही �� है । उसम� 1076

    मौत� ह�ई थी । वष� 2019 म� मौसमी ए��लूएजंा, िजसको एन-1, एन-1, �वाइन �लू कहत ेह�, इस

  • 28.06.2019 28 मामले म� हम लोग� ने सभी रा�य� को एलट� िकया और इसम� हमारी काफ� उपलि�ध रही है । केरल

    म� जो बीमारी फैली थी, उस पर पूरी टीम भेज कर हम ने 15 िदन� म� िनयं�ण िकया था ।

    मजु�फरपरु म� भी हमारी क� � सरकार क� तीन उ�च �तरीय टीम� गई ह� । हमार ेमं�ी हष�

    वध�न जी ने चार घंटे तक 100 मरीज� को एक-एक करके देखा । उस समय हम उनके साथ थे ।

    िबहार सरकार और क� � सरकार �ारा हर �कार से ब�च� क� जान बचाने के िलए �यापक पैमाने पर

    अवेयरनेस का काय��म चल रहा ह ैऔर साथ ही हमारी जो दवाइया ंह�, वे भी हम उपल�ध करवा

    रहे ह� ।…(�यवधान)

    माननीय अ�य� : मं�ी जी आपक� पाट� के सद�य के �� का उ�र द ेरहे ह� । आप बैठ जाए ं।

    …(�यवधान)

    �ी अि�नी कुमार चौबे : िद�ली के ए�स अ�पताल के 10 बड़े डा�टस� वहा ंइलाज कर रहे ह�

    और िबहार के भी बड़े-बड़े डा�टर वहा ंलगे ह�ए ह� । कुछ हद तक इस बीमारी म� कमी आई है । हम

    भिव�य म� इसके िलए दीघ�कालीन योजना भी बना रहे ह� । हमारी वहा ं7 लाइफ सपोट� ए�बुल�सेज़

    भी चल रही ह� । हम कैस ेदीघ�कालीन योजना बनाकर इस बीमारी पर िनय�ंण कर सकते ह�, इसके

    िलए वायरोलॉजीकल लैब म� उसके िसरम को भी जांच के िलए भेजा गया है । हम इस िवषय पर

    पूरी तरह से काम कर�गे, तािक भिव�य म� इस �कार क� ि�थित न बने ।

    �ी अधीर रजंन चौधरी: महोदय, म� पूछना चाहता ह� ंिक उन ब�च� को आय�ुमान भारत योजना

    का लाभ िमलेगा या नह�?

    �ी अि�नी कुमार चौबे : उन ब�च� को आय�ुमान भारत योजना का लाभ पूरी तरह से िमल

    रहा है । आप केवल अदंाज़ लगाकर �� मत क�िजए ।

    अ�य� महोदय, आय�ुमान भारत योजना का लाभ उन गरीब� को देने के िलए हम िनि�त

    �प से वचनब� ह� और दे भी रहे ह�, इसम� कोई दो मत नह� ह� ।

    ADV. ADOOR PRAKASH : The State of Kerala is more vulnerable to viral

    diseases.

  • 28.06.2019 29 As the former Health Minister of Kerala, I know the needs of the State

    very well. It is necessary to set well-equipped virology institutes in the State. I

    would like to know whether the Government will consider providing more

    financial assistance to set up advanced virology institutes in the States.

    �ी अि�नी कुमार चौबे : महोदय, इस �कार क� कोई योजना िफलहाल नह� है, लेिकन हम इस

    बार ेम� िचंितत ह� और वहा ंबराबर हम साइंिट�ट्स को भेज रहे ह� । वायरोलॉजीकल लैबोर�ेी पूना

    से भी वहा ंजाते रहे ह� और उस रा�य म� भी एक छोटी लैब है । भिव�य म� इस बार ेम� यिद और कुछ

    िकया जाएगा, तो माननीय सद�य को बताएगें ।

  • 28.06.2019 30

    (Q. 106)

    SHRI KODIKUNNIL SURESH : Sir, the latest urban air quality database

    released by World Health Organisation reconfirms that most Indian cities are

    becoming death traps due to very high air pollution levels. India appears

    among the group of countries with highest particulate matter (PM) levels. Also,

    compared to other cities, Indian cities have the highest levels of PM10 and

    PM2.5 causing serious health hazards for the population especially, children

    and elderly people.

    Combating air pollution must become the national priority as it

    endangers the future of the nation more than the effects of any calamity.

    Taking into account the gravity of the matter, I would like to ask the Hon.

    Minister whether the Government is aware of the reports concerning

    dangerously high levels of particulate matter in various cities, and, one out of

    every seven deaths in India was attributable to air pollution.

    SHRI PRAKASH JAVADEKAR: Sir, this is a very important question. The

    Government realises it and has started taking action very vigorously against air

    pollution because air pollution leads to ailments especially for lungs and

    others.

    I will not give comment right now on the world reports because there is a

    must to read in between the lines.

    It is a very good thing that we have taken five basic decision to tackle

    the air pollution. First is that the vehicle pollution has to be contained on the

    immediate basis.

  • 28.06.2019 31

    We have already preponed the launch of BS-VI. We have skipped BS-V.

    We are giving now clean fuel in Delhi from this year and throughout the country

    from next year. The BS-VI compliant vehicles are also going to come from next

    year. That will reduce 90 per cent of the vehicular pollution. We are sitting in

    Delhi. For 20 years, the peripheral highways were not built. But now they have

    been built completely in four years, and the last batch will be done this year.

    So, 60,000 vehicles, which were coming to Delhi just to pass through, are not

    coming to Delhi now, and that much pollution is reduced.

    We have closed Badarpur Thermal Power Plant. हम� समझना चािहए । पहले

    क�पना यह थी िक थम�ल पावर �टेशन शहर के बीच�-बीच होनी चािहए । लेिकन अब यह नई सोच

    है िक वहा ँ�दूषकारी भी कुछ नह� होना चािहए । बदरपरु थम�ल �लांट हमने बंद कर िदया । हमने

    तीन साल म� तीन वे�ट-टू-एनज� �लांट्स श�ु िकये । �टबल बिन�ग का जो इ�यू है, वह एक

    मह�वपूण� इ�यू है, यह ह�रयाणा, पजंाब आिद रा�य� म� होता है । उसका धआु ँिद�ली म� आता है ।

    उसके िलए भी पाचँ रा�य� क� एक को-ऑिड�नेशन कमेटी बनाई गई है । उसका प�रणाम यह ह�आ

    है, अभी ने��ट मंथ म� स� समा� होते ही, म� इसक� बैठक बलुा रहा ह� ँ। सभी रा�य� के म�ुय मं�ी

    और अिधका�रय� को इक�ा बलुाकर, हमने जो शॉट� टम�, मीिडयम टम� और लांग टम� �ो�ाम बनाए

    ह�, उनको �र�यू करके, चूंिक यह �यादा नव�बर म� होता है, तो उसके िलए तैयारी अभी से ही कर�गे

    एक काम यह िकया गया है िक सभी इंड��ीज़, जो �दूषणकारी ह�, के िलए ऑन-लाइन

    मॉिनटस� िबठाए ह� । यिद आप मेर ेकाया�लय म� आएगं,े तो आपको हर इंड��ी से िकतना �दूषण हो

    रहा है, िकतना एिमशन हो रहा है, ��येक इंड��ी क� मॉिनट�रगं �रपोट� हर 15 िमनट पर आती है ।

    देश भर क� साढ़े तीन हजार क�पिनय� को मॉिनटर करने के िलए ऐसी मशीन लगाई गई है ।

  • 28.06.2019 32 इसके साथ-साथ, िजतने भी ि�किक��स थ,े all have been shifted to zig-zag

    technology. इस �कार से, ईटं-भ�� से जो �दूषण होता था, वह भी ख�म ह�आ है ।

    �ी अधीर रजंन चौधरी : यह टे�नोलॉजी का नाम �या है, िज़ग-ज़ैग?

    �ी �काश जावड़ेकर: आपके समझने के िलए म� बता रहा ह�,ँ एक उिचत टे�नोलॉजी का उपयोग

    िकया गया है, िजससे ईटं-भ�� का �दूषण ख�म होता है । समझने के िलए यह भी काफ� है ।

    Suresh Ji, what you have asked about is PM10, and that has increased

    and that is the real worry. But let me tell you with confidence that in the last

    three years in the city of Delhi--every city has different PM10 or PM2.5 levels--

    पीएम-10 लेवल म� 16 पस�ट कमी आई है । िद�ली म� पीएम-2.5, जो फाइन पािट�क�स ह�, उनम�

    15 पस�ट क� कमी आई है और गुड, मॉडरटे एडं सैिट�फै��ी यानी िजसम� हवा क� तबीयत ठीक

    रहती है, ऐसे िदन वष� 2016 म� 106 थे, 2017 ये 152 िदन ह�ए और अब ये 159 िदन ह�ए ह� ।

    So, a number of good days are increasing. That is the good news for the

    environment.

    SHRI KODIKUNNIL SURESH : Is the Government further aware of the World

    Health Organization’s Report which states that exposure to particulate matter

    contributes to the risk of developing cardiovascular and respiratory diseases as

    well as lung cancer? If yes, cite the details of action taken to reverse the air

    pollution and to control the accelerating factors that cause pollution in the

    country.

    SHRI PRAKASH JAVADEKAR: Actually, I have narrated and I have given in

    the reply all the measures taken by the Government but importantly, let me tell

    you, दिुनया म� यह �ॉ�लम है । This is a global problem and not India’s or Delhi’s

  • 28.06.2019 33 problem. अमे�रका, यूरोप आिद देश� म� जाइए, तो लोग �दूषण क� चचा� करते ह� । वहा ँओज़ोन

    का �दूषण है, कह� ‘नॉ�स’ पॉलूशन है, कह� ‘सॉ�स’ पॉलूशन है ।

    SHRI KODIKUNNIL SURESH : How will you tackle it in India?

    SHRI PRAKASH JAVADEKAR: Let us understand that this is a global

    phenomenon. The world is fighting against it. We are part of the global

    solution. Therefore, we have taken measures, and the result is that PM2.5,

    which causes really the chest problem, has been reduced by 15 per cent in

    three years. If we continue with this speed, I am very sure, we can reduce it

    further because in Delhi also, the problem aggravated since 2007 but the

    action started since 2014.

    SHRI FEROZE VARUN GANDHI : Construction dust accounts for about 45

    per cent of all air pollutants in the National Capital Region. My question,

    through you, to the hon. Minister is, whether the Government plans to expand

    the scope of green building ratings to include adherence to environmentally

    sound construction processes for buildings thereof.

    �ी �काश जावड़ेकर : अ�य� महोदय, यह बह�त अ�छा सझुाव है । �ीन रिेटंग �यादा से �यादा

    नए भवन के िनमा�ण म� पया�वरण पूरक हो, इसके िलए हमने नए मानक बनाए ह� । अगर 5 हज़ार

    मीटर म� भवन का िनमा�ण करोगे, तो भी कुछ पया�वरण पूरक काम करने पड़�गे, 20 हज़ार मीटर का

    काय� होगा, तो भी करने पड़�गे । जैसे-जैसे साइज़ बढ़ेगा, वैसे ही पया�वरण के िनयम� का और �यादा

    पालन होगा । This is what we are trying.

    So far as construction and demolition waste is concerned, we have

    formed rules for the first time in Independent India. When I went to see a metro

    tunnelling work, I could realize that they were removing huge quantity of dust

  • 28.06.2019 34 everyday but there was no sign of dust anywhere being dumped. So, I took this

    concept from them as to how they manage and transport all the dust. Now

    these rules are notified for the management of construction and demolition

    waste. I think we are making pavements, side-lines and many other things

    from construction and demolition waste.

    We are going to implement it very strictly. The National Green Tribunal

    has also asked all the Chief Secretaries to take immediate action on the

    management of construction and demolition waste. Your suggestion is very

    good and we are going ahead in this regard. …(Interruptions)

    �ी िफरोज़ व�ण गाधंी: सर, मेरा एक और �वे�न भी है । …(�यवधान)

    माननीय अ�य� : आप िलिखत म� दे दीिजयेगा ।

    …(�यवधान)

    �ी गौरव गोगोई: अ�य� महोदय, ध�यवाद ।

    मं�ी महोदय ने अपने उ�र म� िलखा है िक साल भर म� िजतने पूअर और िसिवयर डेज़ ह�,

    जब �दूषण बह�त �यादा होता है, वष� 2018 म� 206 िदन ऐसे थे, जब ऐसा गंभीर वातावरण था िक

    सांस लेना भी मिु�कल था । एयर �वािलटी पूअर से िसिवयर है । आज भी अगर हम एयर �वािलटी

    को देख� तो �यादातर िदन, चाहे सद� का मौसम हो या गम� का मौसम हो, ये 206 िदन ह�, जब

    पीएम 2.5 लेवल बह�त �यादा होता है ।

    महोदय, मेरा सौभा�य है िक म� दो साल पहले िपता बना । आज मेरी जो िचंता है, वही

    लाख� प�रवार� क� िचंता है । िद�ली शहर म� ब�चे को पैदा करना और बड़ा करना बह�त मिु�कल हो

    गया है । इसीिलए, म� लाख� माताओ-ंिपताओ ंके िहत म� पूछना चाहता ह� ं िक जब बह�त िसिवयर

    डेज़ होते ह�, जब घर से बाहर िनकलना भी उिचत नह� होता, तो मेिडकल एडवाइज़री आती है ।

    यह मेिडकल एडवाइज़री भी यही कहती है िक आप घर के अदंर रिहए । म� पूछना चाहता ह� ं�या

  • 28.06.2019 35 क� � सरकार ऐसी कोई �ि�या सोच रही है िक जब िद�ली म� वाय ु �दूषण िसिवयर �लस या

    इमरज�सी लेवल पर होता है, तो सरकार एक पि�लक है�थ एडवाइज़री जारी कर ेिक सार ेनाग�रक

    उन दो िदन� के िलए - क्य�िक िसिवयर इमरज�सी है - घर