Maha Sharnam Ambikey-March14
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िवषय स ु ची
क ु छ बत े अपस े
वण क ु ब ेर सधन
वरद लमी सधन
प ू ण प ु षव रस ेर सधन
अय ु वद
रसतं और क ु डलनी जगरण
लघ ुयोग
दरत नशक क ु क ु ल योग
महलमी धनप सधन
परद शवलंग और लघ ुयोग
रकली सधन
मं िकस
प ू ण ह त
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क ु छ बात ेअपस े
सधन मग क े सभी भइ एवं बहनो को ेम प ू व क नमकर। मो अज अप सभी को
अपक ऄपनी पक " शरणम ्ऄबक े " क तीय ऄंक " रस तं वश ेषं क " होि ू क ह .ै आस ऄंक म परद क े वह , ग ु क अद पर क जन े वली सधनय े दी गयी ह .ै व ै स े तो रस त ं एक ऄलग ही वषय ह ,ैऔर आस े म एक स े बढ़कर एक ईिच को क सधनय े होती ह .ै आस ऄंक म हमन े वही सधनय े दी ह ैजो सधक बन कसी वन क े घर पर ही सरलत क े सथ कर सकत ह ै. परद म ऄसीमत अकष ण ह ,ै आसलए परद पर क जन े वली सधनय े ऄय सधनओ ंक ऄप े शी फल दन करती ह .ै तथ परद सधक क े ऄंदर ईपन होन े वल े दोषो को शी ही सम कर द ेत ह ै. बस आसक एक ही शत ह ैक जस वह पर अप सधन कर रह े ह ैवो श ु परद स े नम त होन िहए , तभी वो ईित परणम द ेन े म सम होत ह ै.अज बज़र परद स े बन े वह स े भर पड़ ह .ै कत ुवतवकत तो य े ह ैक ईन सब म परद न होकर रं ग होत ह ै. य परद मलय भी जत ह ैतो नम म क े लए . य ु क ऄसली परद स े नम त वह २०० य ३०० म होन ऄसभव ह .ै आनक े नम ण म परम ही आतन लग जत ह ैक नि हत े हए भी आनक म ू य ऄधक हो जत ह .ै रा ग े स े नम त शवलंग य वह कोइ फल दन नह करत य ु क यद अप रस तं स े ज ु डी सधनय े करत े ह ैतो अपको श ु परद वह पर ही करन िहए ,ऄयथ नकली वह पर सधन करक े अप ऄपन
समय तथ धन दोन क ही नश कर ग े।अजकल परद वह म बज़र क े यपरी एकि लक और करन े लग े ह .ै प ू र शवलगं रं ग े स े नम त करक े उपर स े परद िढ़ द ेत े ह ,ै आस करण हम वो श ु परद शवलंग ही लगत ह ै. कत ुऐस होत नह ह ै. जब अप ईसक प ू जन करत े ह ैतो क ु छ समय बद ही ईसक े उपर िढ़य हअ परद ईतर जत ह ैऔर रस ेर क े ऄंदर स े रं ग ेर ग हो जत े ह ै. ऐसी ही बइमनी ऄय वह ज ै स े परद
कली , परद ी य अद वहो क े सथ भी क ज रही ह ै. परद कली क नम ण आतन
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सरल नह ह ैरस तं क न होन े क े बद भी नम णकत क े पसीन े छ ू जत े ह ै. वह बर बर िकत ह ैसहनम पठ क े मय।और िक े भी य न ,ऄद श क नम ण आतन सरल भी नह ह ै. मो ऄंक म जतनी भी सधनय े दी ज रही ह ै. आसम वह कश ु त क यन ऄवय रख े. सथ ही एक बत और यहा कहन िहंग क जब भी अप
परद वह पर कोइ सधन कर े तो सधन कल म सधन प ू ण होन े तक वह को कसी ऄय को पश न करन े द े. य ु क परद नकरमक उज को िखी ल ेत ह ै.और हर य क े पश करन े स े सधक क सधनमक उज पर आसक भव पड़त ह .ैऄब औरऄधक न लखत े हए आस वषय को यही पर वरम द ेत ह य ु क परद आतन बड़ वषय
ह ैक आस पर कइ कइ थ लख े ज सकत े ह ै.अप सभी पक क यन प ू व क ऄययन कर े ,और रस तं क महवत को समझन े क यन कर े . आसी कमन क े सथ .
जय ऄब े
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िर ण क ु ब े साधना
य रज क ु ब ेर क सधन सद स े सधन जगत म होती अयी ह ै. य ु क यो क े संसर स े सधको क एक गहर सबध रह ह .ै कोइ भी यणी क सधन क
ु ब ेर प
ू जन क े बन
सफल नह होती ह .ै य ु क सभी य और यणी पर धनपत क ु ब ेर शसन करत े ह .ै क ु ब ेर द ेव को धन क े द ेवत क े प म प ू ज जत ह .ै जन पर आनक क ृप हो जती ह ैव े सधकअथ क क स े सद सद क े लए ईबर जत े ह ै. क ु ब ेर द ेव क े कइ प ह ैजह े प थृक प थृक
नमो स े जन जत ह .ै प ु प क ु ब ेर ,ऄंश क ु ब ेर ,धन क ु ब ेर , य क ु ब ेर ,अनंद क ु ब ेर अद औरभी कइ नम ह ैजनस े क ु ब ेर द ेव को सधन मग म जन जत ह ै. तथ सभी वप क
सधन ऄलग होती ह .ै क ु ब ेर द ेव क े आही वप म स े एक प ह ै" वण क ु ब ेर " , क ु ब ेर द ेव क े आस वप क सधन जम जमतर क दरत सम
करन े क े लए क जती ह ै. मनव कइ कइ कम क दोषो क े करण दरत क भोग करत ह .ै तथ हर सभव यस क े बद भी दरत क नश न हो तो जीवन नरक त ु य हो जत ह .ै परत ुसधन मग म जीवन क हर समय क हल ह ै.अवयत ह ैतो क े वल आतनी क हम समप त भव स े सधन कर े . य ु क कोइ भी सधन प ू ण एकत तथ प ू ण वस क े सथ ही सफल होती ह ै. मं तथ वध क े त , आ क े त तील म भी शंक क भव सधन को ऄसफलत क गहरी खयी म फ े क द ेत ह ै. जब तक सधन स े सबंधत द ेवत पर प ू ण वस न हो सधन करन े स े कोइ लभ नह ह .ै मो वण क ु ब ेर
क सधन सधक क े जीवन म संपनत लती ह .ै रस तं क े े म क ु ब ेर द ेव क कइ सधनय े ह ,ै ईही सधनओ क े मय वण क ु ब ेर क सधन को वश ेष थन ह .ै यद सधन प ू ण न स े क जय े तो जीवन म धन क नरंतर अगमन बन रहत ह ै. यहा एक बत और प करन िहत ह , क कसी भी योग को एक बर ही करक े नह छोड़ द ेन िहए।वश ेषकर धन स े सबंधत योगो को . य ु क जतन ऄधक अप एक सधन को करत े जय ग े, ईतन े ही ऄधक ईस सधन क े भव अपक े सम ग
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हग े।एक समय तो ऐस अ जत ह ैक फर यद अप ईस सधन स े सबंधत मं क क ु छ म म ही जप कर ल े तो भव दखयी पड़न े लगत ह ै.अप अज धन कम ल े तो य कल नह कमएंग े ? ऐस तो सभव ही नह ह ,ैधनज न क े लए अप नय परम करत े ह ,ै तो फर धन स े सबंधत सधनओ ंको एक ही बर करक े य छोड़ द ेत े ह ै?
बक ऐसी सधनओ को तो बर बर कय जन िहए तक ईसक भव दन तदन बढ़त जय े।क ु ब ेर द ेव क सधन स े क े वल धन लभ ही नह होत ह ,ैऄपत ुघर म धन थर भी होत ह .ै य ु क धन क संिय करन े वल े ह ैक ु ब ेर द ेव . महलमी क सधन
स े धन अ तो जत ह ैपरत ुलमी िंिल ह ैथर नह होती ह ै. परत ुक ु ब ेर क क ृप स े धन लमी जीवन म थर होती ह ै.ऄब भल जो द ेवतओ ंक े कोष को साभलत े ह ै, वो यअपक े धन को थर नह कर ग े ? कर ग े ऄवय कर ग े।परत ुसधन तो अपको ही
करनी होगी तब जकर हम क ृप क े प बन ग े। और जब सधन रस तं स े हो तब तो िवर करन े क ही नह ईठत ह .ै य ु क रस तं क सधनय े वरत परणम दन करती ह .ै तथ आनक भव सधक क े जीवन पर शी ही पड़त ह ै. क ु ब ेर द ेव क य महव ह ैआस वषय पर बहत िि हो ि ु क ,अइय े ऄब जनत े ह ,ै " वण क ु ब ेर सधन "
वण क ु ब ेर सधन प ु य न स े अरभ क ज सकती ह .ै य कसी भी सोमवर ऄथव ग ु वर भी सधन अरभ करन े ह ेत ु े दवस ह .ै सधन य तो तः ४ स े ६ क े मय य र ११.३० क े बद कर े . व ै स े र कल म य े सधन वश ेष फल दन करती ह ै. नन कर पील े व धरण कर े तथ पील े असन पर ईर क और म ु ख कर ब ै ठ जय े।समन े
भ ू म पर बजो रख ईस पर पल व बछ द े. आस पर स ु ि , गणपत तथ कोइ भी शव लंग थपत कर े . सथ ही हदी मत ऄत क एक ढ ेरी बनकर ईस पर ण तत श ु परद क ु ब ेर य थपत कर े . सव थम स ु प ू जन संपन कर ग ु मं क एक मल कर े . आसक े बद गणपत क समय प ू जन कर वन नश क थ न कर े . आसक े बद शव प ू जन कर २१ बर " ॎ य नमः " मं क लंग म ु क दश न करत े हए जप कर े . आसक े बद परद क ु ब ेर य क समय प ू जन कर े . तील क े त े ल क दीपक जलय े।तथ क े सर मत खीर क भोग ऄप त कर े . फर नन मो को पड़त े हए
परद क ु ब ेर य पर हदी मत ऄत ऄप त करत े जय े।एक बर मं पड़ े और ऄतऄप त कर े . आसी कर हर मं क े सथ ऄत ऄप त कर े .
ॎ य रजय नमः
ॎ धनदय नमः
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ॎ रज रजय नमः
ॎ व ेरय नमः
ॎ प ू ण य नमः
ॎ भय नमः
जब य े य प ू ण हो जय े तब एक मल " ॎ य नमः " क फक मल स े कर े . तपत फक मल स े ही वण क ु ब ेर मं क २१ मल जप कर े . जन सधको क े पस परद मल हो व े परद मल स े ही सप ू ण जप कर े .ऄयथ फक मल स े जप कर े .
वण क ु ब ेर मं
ॎ ऐ ं वण क ु ब ेरय धन दय सकल दर ्य नशय नशय ऐ ंक ु ब ेरय नमः
मं जप क े बद प ु नः उपर दए मंो स े हदी मत ऄत ऄप त कर े .और प ु नः लंग म ु
क दश न करत े हए २१ बर "ॎ य नमः " मं क जप कर े आसक े बद ऄन वलत कर , घी , तथ पिञ म ेव मलकर २११ अह त मं क े ऄंत म वह लगकरऄप त कर े . आसी कर सधन ८ दन तक कर े . सद नय प ु र े परवर को दय ज
सकत ह .ै सधन सम क े बद ऄत अद जल वह कर द े य पय को डल द े.अह त अपको नय द ेन होगी।एक बत क मरण रख े जब तक सधन िल े नय शवदश न ह ेत ुमंदर ऄवय जय े।क ु छ दन क े ऄंतरल म यद वण क ु ब ेर सधन को सधक करत रह े तो ईस े ईित परणम क होती ही ह ै. य ु क सधन मग म वही
य क ु छ कर सकत ह ैजो ढ़ नयी तथ उज वन हो . जसन े अलय क यग कर दय हो . तो द ेर क ै सी अज ही ऄपनी दरत क नश करन े क संकप ल े और जीवन को एक नयी दश दन कर े , जह स ु ख शं त तथ अनंद हो .
ॐ क ु ब े ाय नमः
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एक बर करन े क े बद भी थोड़ े थोड़ े समय क े ऄंतरल म करत े रहन िहए।य ु क दन तदन कय े जन े स े सधक क श क वकस होत ह ै, तथ सधन स े ज ु ड़ े आ कश सधक क े ऄंदर थपत होन े लगती ह ै. ज ै स क अप सभी जनत े ह .ै पक क य े ऄंक रसतं वश ेषं क ह .ैऄतः आस ऄंक म परद वह पर क जन े वली सधनय े ही दी
ज रही ह ै.
तक सधक आस े स े ज ु डी ईिच को क सधनओ ंको संपन कर लभ कर सक े . वरद लमी सधन महलमी क े श ु परद वह पर क जती ह ै. परद क अकष ण ही ह ैजो अपक सधन को उज स े भर द ेत ह ैतथ , सधक को सफलत दलन े म म ु य भ ू मक नभत ह ै. पर अवयक ह ैक रसत क सधनय े श ु तथ संकरत परद वहो पर क जय े।नकली वह पर सधन करन े स े ऄधक ऄचछ ह ै क अप सधन न कर े . य ु क नकली वह पर सधन करन े पर न तो फल क सभव ह ैन ही समय क नवरण सभव ह .ैऄतः ऄपन समय यथ करन े स े ऄचछ ह ै सधन श ु परद वह पर ही कर े . महलमी क सधन य ेक सधक को करन हीि हए , य ु क दरत स े म ु करन अपक ऄधकर ह ै.
वरद लमी क सधन अप कसी भी श ु वर र १२ बज े स े अरभ कर े . आस सधन म समय यही रह ेग कोइ परवत न सभव नह ह .ैऄतः सभी बहनो क यग कर आसी समय पर सधन कर े .अप नन कर लल व धरण कर े , तथ ईर क और म ु ख कर ललअसन पर ब ै ठ जय े।भ ू म को हदी स े लीपकर ईस पर क ु मक ु म स े बीज मं " " कऄंकन कर े .और आस पर बजो थपत कर े . बजो पर लल व बछ द े, तथ एक त
प म संद ू र स े बीज मं " " लखकर ईस प को बजो पर थपत कर े .ऄब सव थम अप ऄपन े स ु द ेव क समय प ू जन कर े तथ सफलत क थ न कर े , आसक े बद गणपत क प ू जन कर २१ बर कसी भी गणपत मं क ईचिरण कर े .ऄब एक प म परद लमी वह ऄपन े समन े रख े और िन े दए ज रह े मंो तथ समी क े मयम स े परद लमी वह को नन करय े।
सव थम अप जल स े नन करय े, वह पर नन मं पड़त े जए और एक एक ििम
जल ऄप त कर े ऐस २१ बर कर े
ॎ ल फ ( जल स े नन करय े )
आसक े बद द धू स े नन करय े २१ बर
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ॎ ल ॎ ( द धू स े नन करय े )
ऄब दही स े २१ बर नन करय े
ॎ वरदय ैनमः (
दही स े नन करय े )
ऄब घी स े नन करय े २१ बर
ॎ कमलय ैनमः ( घी स े नन करय े )
मध ु स े नन करय े २१ बर
वण ु यय ैनमः ( मध ु स े नन करय े )
ऄब शकर स े नन करय े
ॎ संध ु स ु तय ैनमः ( शकर स े नन करय े )
ऄब सफ़ े द तील स े नन करय े
ॎ परद ेरय ैनमः
आसक े बद प ु नः श ु जल स े परद लमी को नन करद े।तथ बीज जस प म लख थ ईस प म परद लमी क वह थपत कर द े .ऄब लमी क समय प ू जन कर े . क ु मक ु म , हदी ,ऄत अद ऄप त कर े . तील क े त ेल क दीपक वलत कर , खीर कभोग ऄप त कर े . य े नन क य अपको नय करनी होगी।ऄब फक ऄथव म ू ंग
मल स े वरद लमी मं क २१ मल जप कर े .
वरद लमी मं
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ॎ वरद लमी वण ु यय ैनमः
जब जप प ू ण हो जय े तो घी म पिञ म ेव , कमलगट ,और सफ़ े द तील मलकर ऄन म
१०८ अह त दन कर े.
आस कर अपको य े सधन ३ दन करनी होगी।सद नय सधन सम क े बद वयं खय े तथ परवर को भी दय ज सकत ह ै. बद म नय आसी मं क एक मल करत े रह े क ु छ ही दन म अपको अथ क परवत नो क ऄन ुभव होन े लग ेग।परत ुफर भी समय नकल कर अपको य े सधन बर बर करन हीि हए।लमी सधन करत े रह ग े तो सद स ु खी रह ग े।सधन क े बद परद लमी को सधन क य प ू जन थल म थपत कर द े . जस घर म श ु परद लमी वह होत ह ै. वहा लमी व ै स े ही थर हो जती ह ैज ै स े नरयण क े ी िरणो म होती ह ै.
प ू र ण प ु षि स े साधना
रस े क े स नगज ु न न े कह ह ैक , आस परद म वो श ह ैजसक े मयम स े समत संसर क दरत क नश कर सपनत थपत क ज सकती ह ै. रसतं क े र न क े वल भौतक स ु ख कय े ज सकत े ह ैबक म ृ य ु क े पर जन े क य भी
रसत क े मयम स े सभव ह .ै जल स े जल रोगो पर रसत क े मयम स े वजय क ज सकती ह .ै रस े म ऐसी कइ द ुल भ सधनय े होती ह ैजनक े मयम स े सधक स ु ख कर सकत ह .ैऄपन े जीवन क कमय को द ू र कर प ू ण त कर सकत ह .ैअज हम प ू ण प ु षव रस ेर सधन क िि कर रह े ह .ै मो आस सधन क े मयम स े कोइ भी प ु ष सधक प ू ण प ु षव कर सकत ह .ैअजकल कइ प ु षो म एक समय द ेखन े को मलती ह .ै आस समय को श ु ण ु क कमी कह जत ह .ै कभी
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कभी य े समय हमनल डसब ै ल स क े करण हो जती ह ै. ह य े आतन गभीर रोग भी नह ह ैआसक ईिपर अज िकस पद म ईपलध ह ै. परत ुकइ बर ईिपर य पर कय नह करत े ह .ैऔर प ु षव क कमी क े करण य ऄयत नरश क ऄन ुभव करत ह .ै कत ुऐस नह ह ैक जनम े प ु षव क कमी हो ईह क े वल श ु ण ु स े
सबंधत समय ही होगी।कइ बर य े समय न होकर प ु ष क अवज़ म ऄंतर अ जत ह ैजो क लगभग य स े मलती ज ु लती होती ह ै.और शन ेः शन ेः प ु ष म कइ ऐस े परवत न होन े लगत े ह ैजो य स े म ेल खन े लगत े ह ै. आस े भी प ु षव क ही कमी मन जय ेग।आसक े ऄतर य द ेह स े प ु ष होत ह ैपरत ुईसक मन ी क तरह हो जत ह .ै ज ै स े ईस े ी क तरह ृ ंगर अद करन े क मन होत ह ै. ईसक िल ढल भी य क तरह हो जती ह .ै आस े भी प ु षव क कमी मन जय ेग।य कोइ प ु ष द ेहक प स े कम स ु ख को भोगन े म सम न हो तो ईस े भी प ु षव क कमी मन जय ेग।तो ऐस े कइ लण ह ैजसक े अधर पर त कय ज सकत ह ैक प ु षव क कमी अ रही ह .ै कइ बर अप द ेहक तथ मनसक दोन ही प स े सम होत े ह ै.ऄभी हमन े प ु षव क कमी क े एक प को जन ह ैजो क हमर े ही भीतर ईपन होत ह ैऔर नन कर क े क पहित ह ।ै ऄब हम आसक े द ू सर े प क और िलत े ह .ै प ु षव क कमी अपक े भीतर अ ि ु क ह ैआसक े ऄय लण य े ह ैक ,अपको नरंतर हतश तथ नरश बनी
रह ेगी।सथ ही कय े म सतत समय अती रह गी य ु क प ु षव सम हो जय े तोऄय जन य पर हवी होन े लगत े ह .ै सतत लोग झ ु ड बनकर एक य क नंद म
लग जत े ह .ै य े प ु षव क कमी क ही भव ह .ै रसत न े हम आसी प ु षव क कमी को
सम करन े क े लए कइ सधनय े दन क . तथ य े ईपय भी स ु झय क कस कर हम प ू ण प ु षव को कर ऄपन े जीवन को स ु खी बनय े।ईपरो कोइ भी समय होतो तो रसत क य े सधन अपक े ही लए ह .ैऔर यद समय न हो तो भी य े सधनऄवय कर े तक भवय म ऐसी कोइ समय ईपन हो ही नह।त ु त सधन वधनअपको परद क े श ु एवं संकरत शवलंग पर करन होत ह ै. परद म वो मत ह ै
जसक े मयम स े हम जीवन क समत कमय स े म ु प सकत े ह .ै सव थम श ु एवं संकरत परद शवलंग कर े , आसक े बद कसी भी सोमवर स े सधन अरभ
कर े . समय क ियन अप ऄपनी स ु वध क े ऄन ु सर कर सकत े ह .ै फर भी तः य र कल ईम ह .ै सव थम नन कर ेत व धरण कर े तथ ेत असन ऄथव क ु श क े असन पर प ू व क और म ु ख कर ब ै ठ जय े।ऄब भ ू म पर बजो रखकर ईसपर ऄत क
एक ढ ेरी बनय े और ईस पर संकरत शवलंग क थपन कर े . आसक े बद स ु तथ गणपत क समय प ू जन कर अशीव द कर े . तपत परद शवलंग क समय
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प ू जन कर े श ु घ ृ त क दीपक वलत कर े . क े सर मत खीर सद प म ऄप त कर े . आसक े पत ्
ॎ ल ऄनंग ेरय नमः
मं क एक मल फक मल स े संपन कर े . आसक े बद प ु षव मं क २१ मल सधक फक मल स े संपन कर े .
प ु षव मं
ॎ ल ऄनंग ेरय प ू ण प ु षवं द ेह द ेह ल ॎ फ
जब २१ मल प ू ण हो जय े तब प ु नः " ॎ ल ऄनंग ेरय नमः " मं क एक मल संपन कर े . मरण रख े प ु षव मं क य ेक मल सम होन े पर एक ि ु क हदी परद शवलंग पर ऄप त कर े . नय जप सम होन े क े बद ऄन वलत कर े औरश ु घ ृ त क े र प ु षव मं क १०८ अह त ऄन म ऄप त कर े . आस कर य े सधन
सधक को ८ दन करनी होगी।आस सधन म फक मल नयी ल े जो कभी कसी ऄय सधन म योग न क गयी हो . जब सधन सम हो जय े तब मल को ऄपन े गल े म धरण कर ल े. सद म ऄप त क गयी खीर नय सधक वयं खय े।तथ सधन सम
क े बद नय जल को प ु षव मं स े २१ बर पड़कर ऄभीमंत कर ल े और आस जल क स ेवन कर े . क ु छ ही दन म अप ऄपन े भीतर प ु षव क ऄन ुभव करन े लग ग े।मो रस ेर क यही वश ेषत ह ैक व े सधक को प ू ण त दन कर द ेत े ह ै. तो ऄब द ेर न कर े ऄपन े जीवन क आस कमी पर वजय कर े और एक अनंदत कर द ेन े वल े जीवन कऔर बड़ े.
ॐ स ेाय नमः
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अय िु द
अय ु वद म औषध को कइ प म लय जत ह .ै कभी गोली बनकर , कभी वथ प म तो
कभी ि ू ण क े प म .अज हम क ु छ अय ु वदक ि ू ण क नम ण तथ स ेवन वध द े रह े ह .ैअश ही नह प ू ण वस ह ैक अम जन मनस को आसस े लभ होग।व ै स े तो सभी ि ू ण ऄन ुभ ू त ह .ै फर भी स ेवन स े प ू ण ऄपन े व धै क सलह ऄवय ल .े तथ आन दय औषधय
क लभ ईठय े।
१. मंजद ि ू ण
नम ण वध : मजीठ , हरड़ , ग ु लब क पया, एवं नसोत सभी औषध ढइ ढइ तोल ल े.और सनय १० तोल ल े. सभी को बरीक़ पीसकर अपस म मल ल े.और आस ि ू ण म ४० तोल मी पीसकर मल द े . आस कर मंजद ि ू ण त ै यर हो जय ेग।
स ेवन वध : एक िौथइ ििम र सोन े स े प ू व जल स े ल े.
लभ : यह ि ू ण र को श ु करत ह .ै र स े सर े वकर सम हो जत े ह ै. िव रोग ठीक
हो जत े ह .ै जह े कज क समय होती ह ैय कोइ ईदर वकर होत ह ैवो भी मंजदि ू ण स े ठीक हो जत ह .ै
२. वीय शोधन ि ू ण
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नम ण वध : बब ु ल क बन बीज वली किची फली , बब ु ल क कोपल , बब ु ल क गद , सभी को समभग ल ेकर ि ू ण कर ल े, आस कर वीय शोधन ि ू ण त ै यर हो जत ह ै.
स ेवन वध : एक िौथइ ििम र को द धू स े स ेवन कर े .
लभ : वीय शोधन ि ू ण स े वीय क े सभी दोष सम हो जत े ह .ै
३. भमक नशक ि ू ण
नम ण वध : हरड़ , बह ेड़ ,अवल , नगरमोथ , बयवडंग , पीपली , मी और ऄपमग क े बीज , सभी को सभग मलकर पीस ल े. आस कर भमक नशक ि ू ण त ै यर हो जत ह ै.
स ेवन वध : नय एक तोल ि ू ण शहद म मलकर ि े।
लभ : जन लोगो को बहत ऄधक भ ू ख लगती ह ैय जनक ख ु रक बहत ऄधक हो जती ह ैईह भमक रोगी कह जत ह ै. ऐस े रोगीको हर थोड़ी थोड़ी द ेर म क ु छ खन े कोि हए होत ह ैतथ भ ू ख लगती रहती ह ै. आस भमक रोग क नश भमक नशक ि ू ण स े हो जत ह .ै
४. पंिसम ि ू ण
नम ण वध : सोठ , छोी हरड़ , पीपली , कली नसोत , कल नमक सभी को समभग ल ेकर पीस ल े. आस कर पंिसम ि ू ण त ै यर हो जत ह ै.
स ेवन वध : एक िौथइ दन म एक बर जल स े ल े .
लभ : यह ि ू ण ईदर श ू ल ,ऄफर , कज ,अमवत अद रोगो म मलश ु करक े रोगो को द ू र करत ह .ै ईदर क ृम , ईदर म अम संह , कफ धन ईदर रोग अद ठीक हो जत े ह ै.
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५. व ृ दंड ि ू ण
नम ण वध : सफ़ े द म ु सली एक तोल , स ेमल क े जड़ क छल एक तोल , गलोय सव एक तोल , कि बीज एक तोल , मी एक तोल , गोख एक तोल।सभी को समभग मलकर
पीस ल े फर बद म मी मलय े।
स ेवन वध : अध ििम तः तथ र म द धू स े स ेवन कर े .
लभ : यह ि ू ण धत ुीणत , वन दोष क नश करत ह ै. व ृ वथ म होन े वली कमजोरी को द ू र करत ह .ै तथ कमर क व ेदन को द ू र करत ह ै.
६. मध ु नशक ि ू ण
नम ण वध : १०० म म ेथीदन ,१०० म त ेजप , १५० म जम ु न क ग ु ठली और२५० म ब ेलप िरो को स ु खकर पीस ल े और अपस म मल ल े.
स ेवन वध : एक ििम ि ू ण तः नत े क े एक घं े पहल े जल स े ल े. तथ र भोजन क े एक घं े पहल े जल स े हण कर े .
लभ : य ेि ू ण र म शक र क म को नयंत करत ह ै. मध ु म ेह क े रोगय क े लय े यहि ू ण रमबण ह .ै
७. वर नशक ि ू ण
नम ण वध : ५० म पीपली ,५० म कली िम ,५० म त ु लसी क े पो क ि ू ण ,१०
म लग।िरो को पीसकर मल ल े.
स ेवन वध : बड़ े य क े लए अध ििम ि ू ण को अध े गलस पनी म डलकर आतन ईबल े क पनी अध रह जय े।आसम थोड स ग ु ड भी डल े तक कढ़ े क वद तीख न लग े. आस े तीन हसो म बकर दन म तीन बर पल द े . बिचो क े लए ि ू ण क म एकि ौथइ िि रख े.
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लभ : आस ि ू ण क े र बनय े गए कढ़ े क े स ेवन स े वर त ु रंत कम होन े लगत ह ै.
८. श ु ण ु वध क ि ू ण
नम ण वध : ऄगधं ,शतवरी , सफ़ े द म ु सली , तथ िकौ बीज ,ि रो को समभग मलकर पीस ल े.
स ेवन वध : नय ५ म तः तथ ५ म र म जल ऄथव द धू स े स ेवन कर े .
लभ : यह ि ू ण प ु ष म श ु ण ु क कमी को प ू ण कर . बल दन करत ह .ै यद कसी ी को ऄंडण ु क कमी हो तो ईस े भी यह ि ू ण दय ज सकत ह ै. बस ी को दए जन े वल े ि ू ण म िकौ बीज न डल े।क े वल ऄगधं ,शतवरी , तथ सफ़ े द म ु सली ही मलय े।
९. दद नशक ि ू ण
नम ण वध : हदी , म ेथीदन , तथ दिलीनी को समभग म मलकर पीस ल े .
स ेवन वध : नय २ म ि ू ण हक े गरम पनी स े तः तथ र म स ेवन कर े .
लभ : आस ि ू ण स े मसप ेशय क दद , नसो म िखव तथ हड ्डी क दद ठीक हो जत ह ै.
१०. म ेध ि ू ण
नम ण वध :शंखप ु पी , ी ,अवल , बदम तथ ऄखरो क गरी सभी को समन म म मलकर पीस ल े.
स ेवन वध : नय तः तथ र म एक िौथइ िमिच द धू स े स ेवन कर े .
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लभ : आस ि ू ण स े कमज़ोर हो रही मरण श ती होती ह ै. मतक को बल होत ह ै तथ ऄन , तनव अद द ू र होत े ह .ै
वश ेष : कसी भी ि ू ण स े प ू व ऄपन े व धै क सलह ल े. तथ सभी ि ू ण त ै यर करन े क े बद
कसी काि क शीशी म रख े लक क डबी म न रख े .
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स तं औ क ु डवलनी जागर
क ु डलनी जगरण सद स े सधको क े मय कौत ु हल क वषय रह ह ै. परत ुआसक िि
करन जतन सरल ह ,ै ईतन ही कठन ह ैक ु डलनी को जग ृ त करन।कभी कभी तो क ु छ सधक ऄपन सप ू ण जीवन लग द ेत े ह ,ै क ु डलनी जगरण क य म , परत ु जगरण तो द ू र क बत ह ैईनक े ि ो म व े छो स पंदन भी ऄन ुभव नह कर पत े ह .ै य ु क हमरी द ेह म कइ सरी कमी होती ह ै, जसक े करण हम ऄसफलत क म ु ख द ेखन पड़त ह .ै सथ ही अजकल क दिनय भी ऄसंत ु लत ह ै. जसक े करण य े यऔर भी कठन हो जती ह .ै परत ुरस तं क ही क ृप ह ैक सधको क े लए कइ सधनय े ऄयंत सरल हो पयी ह .ैऄयथ आस घोर कलय ु ग म य े ऄयंत कठन कय हो जत।मो
रसत म क ु डलनी जगरण क े लए कइ य तथ सधनय े होती ह ै . वतव म रसत क ु डलनी जगरण म जतनी तीत स े कय करत ह ै, ईतन कोइ ऄय य नह कर पती ह .ै क ु डलनी अदश ह ैऔर सहर म थत शव स े आसक मलन करवन ही क ु डलनी जगरण कहलत ह ै. परद क े मयम स े यह कय आसलए सरल हो जत ह ैय ु क परद कोइ अम य समय धत ुनह ह ै, य े शव वीय ह ,ै जसम े ऄनंतशय ंछ ु पी हइ ह .ै परद हमरी बहरी तथ अतं रक ऄश ु य को सम कर सधन म अ रही नकरमक उज को सम कर द ेत ह ै. यही करण ह ैक श ु परद वह पर
क गयी सधनय े वरत प स े परणम दन करती ह ै. कसी ऄय धत ुम यह वश ेषत नह ह ैक वो सधन क े मय सफलत तो द े ही सथ ही सधक म अकष ण मत क भी वकस कर े तथ ईसक कमय को प ू ण कर ईस े श ु कर े . वण भी ऐस करन े म सम नह ह .ै परद जतन िंिल ह ैईतन ही ऄंदर स े गभीर भी ह ै. आसक मत क अकलन करन ऄसभव स ह ,ै य ु क अप आस े म जतन ऄधक कय करत े ह ,ै ईतन हीअपको ऄपनी ऄनत क बोध होन े लगत ह ै.और नवन न क ईतप होती ह ै.अज
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बर मं जप करन ह ैऔर ग ु क को नभ स े पश करन ह ै, आसी कर २१ बर य े य संपन कर े . आसक े बद ग ु क को हथ क म ु ी म बाध े और बय े हथ स े प ृवी म ु क दश न करत े हए ५ मन तक बीज मं " लं " क ईिचरण कर े . तपत वण म ु क दश न करत े हए " वं " बीज मं क ५ मन कर े . आसक े बद ऄन म ु क दश न
करत े हए बीज मं"
रं"
तपत वय ु म ु क दश न करत े हए बीज मं"
यं"
क तथअकश म ु क दश न करत े हए बीज मं " हं " क ५ मन तक जप कर े . जब य े य प ू ण हो जय े तो ग ु क को मतक पर पश करत े हए " ॎ ल ॎ क ु डलनी शय ै नमः " मं क २१ बर जप कर े . फर अ ि वल े थन पर ग ु क को पश करत े हए प ु नः " ॎ ल ॎ क ु डलनी शय ैनमः " मं क २१ बर जप कर े फर सहरऄथ त कपल पर पश करत े हए प ु नः आसी मं क जप कर े . य े य प ू ण हो जन े क े बदअप ग ु क को ऄपन े दय े हथ क म ु ी म ही बधंकर नन मं क १५ मन जप
कर े , जप करत े समय अपक यन क ु डलनी श क और होन िहए।
ॎ लं वं रं यं हं क ु डलनी श जय जय स ि भ ेदय भ ेदय लं वं रं यं हं क ु डलनी द ेयय ैनमः
य े य अपको नय समय नकलकर प ू ण करन ही िहए।धीर े धीर े अपको क ु डलनी क ऄन ुभव होन े लगत ह ै.और यद कसी करण वश अप आस े करन े म सम
न हो तो भी ग ु क को धरण करन े म स े उज क संिर द ेह म होत रहत ह ै. सधकि ह े तो नय य क े बद ग ु क को ऄपन े गल े म धरण करक े भी रख सकत ह .ै आसक े लए अपको लल धग े क योग करन होग।सधको सधन न प ू व क करन े स े ही सफल होती ह .ै एक य दो दन म फल क आचछ करन क े वल म म ह ैऄतः सधन को थोड समय द े और ऄपन े जीवन को गत करत े द ेख े।
ॎ क ु ल क ु डलय ैनमः
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लघ ुयोग
१. मनोकमन प ू त ह ेत ु
मंगलवर को तः नन कर हन ु मन जी क समय प ू जन कर े ,और "ॎ हं हन ु मत े नमः" मं क जप करत े हए हन ु मन जी क े ि रणो म एक ि ु क संद ू र ऄप त कर े . आस योग
म अपको एक बर मं पड़न ह ैऔर एक ि ु क संद ू र ऄप त करन ह ै. आस कर १०८ बर १०८ ि ु क संद ू र ऄप त कर े . क ु छ मंगलवर सतत करन े स े मनोकमन प ू ण होती ह ै.
२. ग ृ ह ल ेश नश ह ेत ु
नय प ू जन क े समय एक त प म थोड जल रख े और कसी भी मल स े " ॎ ऐ ं ल ेशनशय ल ऐ ंफ " मं क एक मल जप कर े ,और जल म फ ु क मर द े. आस जल को प ु र े घर म छी े।नय क ु छ दन तक करन े स े घर म होन े वल े ल ेश शं त हो जत े ह ै तथ शं त प ू ण वतवरण क होती ह ै.
३. ग ु क ृप ह ेत ु
कसी भी ग ु रवर को स ु प ू जन कर े तथ क ु छ भी मीठ सद प म ऄप त कर े और ग ु मल ऄथव मल स े " ॎ ऐ ं ग ु व ैनमः " मं क २१ मल जप कर े . आस योग स े सधक क े परवर पर स ु क क ृप होती ह ै.
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४. लमी क ृ प ह ेत ु
कसी भी श ु वर को प ू व म ु ख हो लमी क समय प ू जन कर े और ईनक े समन े एक
ीफल रख े. एक कोरी म क ु मक ु म म जल डलकर गल कर ल े . ऄब " ॎ वण ु यय ैनमः " मं को एक बर पड़ े और क ु मक ु म क एक बंदी ीफल पर लग द े . आस कर १०८ बंदी लगय े।तथ बद म ीफल कसी भी लमी य द ेवी मंदर म दण क े सथ ऄप त कर द े. आस योग को मह म एक बर ऄवय कर े आसस े लमी क ृप बनी रहती ह .ै
५. मनसक शं त ह ेत ु
क ु छ लोग सब क ु छ ठीक होत े हए भी ऄकरण मनसक तनव म रहत े ह .ै य ईह सर परऄतर भर क ऄन ुभव होत रहत ह ै. आसक े लए खड़ी ईड़द क े २१ दन े ल े और ईह
एक दोन े म रखकर ईस पर थोड दही डल द े .ऄब आस दोन े को कसी पीपल व ृ क े िन े रख अय .और घर अ जय े।य े य अप शनवर को स ू य त क े बद कर े सतत ७शनवर करन े स े समय सम हो जती ह ै.
६. द ु ग ृ ह शं त ह ेत ु
कभी कभी हम कसी ग ृ ह र आतन ऄधक क होत ह ैक , सर े कय बगड़न े लगत े ह .ै ऐसी थत स े म ु ह ेत ।ुकसी भी रववर को ९ कोड़ी ल े और कोड़ी म थोडथोड संद ू र भर े ,और कोड़ी क म ु ाह गीली मी ऄथव अ े स े बंद कर द े .ऄब भगवन शव
क े सम ब ै ठकर सरी कौड़ी सीध े हथ म रख कर बीज मं " हं " क १५ मन तक जप कर े . आसक े बद य े कौड़य ंकसी भी पीपल व ृ क े िन े जकर रख द े. यद कोइ ग ृ ह
अपको क पंहि रह होग तो वो शं त हो जय ेग।
७. ऄन व ृ ह ेत ु
कसी भी रववर क े दन एक नरयल क गोल ल ेकर ईसम े छ ेद कर द े .और गोल े कोऄत स े भर द े.ऄब " ॎ ऄनप ू ण य ैनमः " मं क १५ मन तक जप कर े जप करत े
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समय गोल सीध े हथ म रख े य े य तः ९ स े ११ क े मय ही कर े . जप क े बद गोल े को कही भी भ ू म म गड़ द े. आस य स े मा ऄनप ू ण सन होती ह ैऔर सधक क े घर म कभी ऄन क कमी नह अती ह .ै
८. श ुतभन ह ेत ु
कसी भी रववर को स ू य त क े बद एक नब ूल े और दण म ु ख होकर ब ै ठ जय े, नब ू को सीध े हथ म रख े और " ॎ सकल श ु तभय तभय हं फ " मं क १५ मन जप कर े . आसक े बद नब ूघर स े कही द ू र फ े क अय े.श ु क तभन हो जय ेग।
मो लघ ुयोग बस द ेखन े म छो े लगत े ह ैपरत ुआनक भव िऄ ू क होत ह ै. परत ुलघ ु
योग म जब तक अपक प ू ण अथ न हो तब तक आह े न कर े य ु क अथ क े बन य करन यथ ह .ैऄतः पहल े अथ जग ृ त कर े फर यन कर े .
जय ऄब े
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दता नाशक क ु क ु ला योग
कौल मग म सद स े द ेवी क ु क ु ल क सधन होती अयी ह ै. य ु क द ेवी क ु क ु ल कौल मग क म ु ख द ेवी ह .ै आनक सधनय े सद सो न े गोपनीय ही रखी ह ै. तथ ग ु
मग स े सधक को आसक श मलती रही ह ै. र तर को ही कौल मग म क ु क ु ल क े प म प ू ज जत ह .ै आनक सधनय े ऄत ई तथ ती भव वली होती ह ै. परत ुहर सधन क े दो प होत े ह .ै सौय तथ ई।पक क े मयम स े तो क े वल हम अपको सौय प स े ही ऄवगत कर सकत े ह .ै द ेवी क ु क ु ल क सधन श ु नश ह ेत ,ु ग ृ ह शं त ह ेत ,ु स ह ेत ुक जती ह ै. वतव म यद कोइ सधक मा क ु क ु ल को प ू ण प स े सध ल े तो ईस े ऄय कसी सधन क फर अवयकत ही नह पड़ती ह ै. य ु क हमरी पक क यह वश ेषं क रस तं वश ेषं क ह .ैऄतः रस े स े ही अज हम मा क ु क ु ल
क एक सधन यहा द े रह े ह .ै रसत म मा क ु क ु ल स े सबंधत कइ सधनय े होती ह .ै कत ुअज भी अध े स े ऄधक सधनय े सधको न े ऄपन े मय गोपनीय ही रखी ह इ ह .ै आसक म ु य करण क े वल आतन ही ह ैक सधन कसी गलत हथो म न पड़ े. य ु क क ु प को दय गय दन यथ ही जत ह ै. कन ु फर भी कइ ऐसी सधनय े ह ै जह े अम जन मनस तक पहिन े म कोइ समय नह ह .ै य ु क ईनस े क े वल लभ ही होत ह .ैअज हम द ेवी क ु क ु ल क दरत नशक सधन द े रह े ह ै. आसक े मयम स े सधक क े वल कयण और गत ही कर सकत ह ैकसी क ऄहत करन ईसक े लए
सभव ही नह होग।और सधक को सद जन कयण ह ेत ुही ऄपनी सधन तथ सओ ंक योग करन िहए।कसी क ऄहत कर हम वयं को ही हन क और ल े जत े ह .ै जो सधक सद स ु क े ी िरणो क अय ल ेत ह ैईसस े कसी क ऄहत हो ही नह सकत ह .ैऄतः स ु क शरण ल े और सद जनकयण ह ेत ुऄपनी सधन तथशय क योग कर े .अइय े ऄब हम द ेवी क ु क ु ल क दरत नशक सधन क
वध क और िलत े ह .ै त ु त सधन अप कसी भी क ृण प क ऄमी ऄथव कसी
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भी प ू ण म स े अरभ कर सकत े ह .ै समय र ११ क े बद क हो . नन कर लल वधरण कर े तथ ईर क और म ु ख कर लल असन पर ब ै ठ जय े।समन े एक बजो रख
ईस पर लल व बछ द े तथ स ु ि तथ गणपत थपत कर े . तथ बजो पर ही क ु मक ु म स े रंजीत ऄत क एक ढ ेरी बनय े आस ढ ेरी पर " दस महव स गोलक "
को थपत कर े.
गोलक को थपत करन े क े पहल े अप सद ू र स े रंग ल े.
य े संद ू र अप तील क े त ै ल म मलकर ही लगय े।गोलक को थपत करन े क े पत ।् सव थम अपऄपन े स ु द ेव क प ू जन कर ग ु मं क एक मल संपन कर े तथ सफलत क े लएअशीव द कर े आसक े पत ्गणपत प ू जन संपन कर े . गणपत प ू जन क े पत ्सव
थम यस कर े .
करयस ॎ ॎ ऄंग ु य ंनमःॎ तज नीय ंनमःॎ क ु क ु ल े मयमय ंनमःॎ दर ्य नशनी ऄनमकय ंनमःॎ कनकयम ्नमःॎ वह करतल करप ृ य ंनमः
दयदयसॎ ॎ दयय नमःॎ शरस े वहॎ क ु क ु ल े शखय ैवौषॎ दर ्य नशय किवय हंॎ न ेयय वौषॎ वह ऄय फ
ऄब यन कर े म ु क े शी ित भु ु जम म ु ंडमलवभ ू षतम नमम क ु ल ेरी क ु क ु ल प ु नः प ु नः जब यस और यन क य प ू ण हो जय े तो सधक " दस महव स गोलक " क समय प ू जन कर े . क ु मक ु म , हदी , क ु मक ु म रंजीत ऄत गोलक पर ऄप त कर े . भोग म
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कोइ भी मन मा को ऄप त कर े . तील क े त ेल क दीपक वलत कर े . तथ द ेवी क ु क ु ल स े दरत नश क थ न कर े . आसक े बद सधक नन क ु क ु ल मं क११ मल जप संपन कर े .
भगवती क ु क ु ल मं
ॎ हं कौलीनी क ु क ु ल े धनवष णी दर ्यनशनी
क ु क ु लय ै हं फ वह
जब अपक जप प ू ण हो जय े तो भगवती क ु क ु ल को प ू व क नमन कर दरत नश क थ न कर े . आस कर सधक आस सधन को ३ र तक कर े .ऄंतम दन सधन सम होन े क े पत ्श ु घ ृ त म ऄनर क े दन े मलकर १०८ अह त ऄन म दन कर े . मा को ऄप त कय मन सधक वही ब ै ठकर नय ख लय कर े . सधन सम क े ऄगल े दन बजो पर बछ े लल व और ऄत जल वह कर द े.और गोलक को कसी सफ़ व स े पोछकर कसी प म जल भरकर गोलक को २४ घं े क े लए ईसम े ड ुबो द े. बद म पोछकर गोलक को स ु रत रख ल े. आस कर द ेवी क ु क ु ल क यह दय सधन प ू ण होती ह .ै सधक को बर बर आस सधन को करत े रहनिहए , बर बर करत े रहन े स े सधन क श ती होती जती ह ैतथ सधक को सधन क प ू ण
लभ होत ह .ैअप सभी सधन को संपन कर द ेवी क ु क ु ल क क ृप क े प बन े आसी कमन क े सथ .
ी क ु क ु लय ैनमः
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महालमी धनपा साधना
जस पर भगवती महलमी क क ृप हो जती ह ैवो सधक भौतक ही नह ऄपत ुऄयमक े म भी गत करत ह .ै द ेवी कोइ भी हो व े सधक को भोग तथ मो दोन
क करती ही ह ै.शो म ऐस े कइ ईदहरण ह ैजब महलमी क क ृप स े मन ु य को न क े वल भौतक स ु ख हअ बक वो मो क भी ऄधकरी बन . महलमी क सधनय े कइ मग स े क जती ह ै. परत ुलमी को हर कोइ ऄपन े जीवन म थर नह कर पत ह .ै य ु क लमी क वभव ही िंिल ह .ै आसलए सधन े म कह जत ह ैक सधक को नय क ु छ संय म महलमी मंो क े जप करन े ही िहए आसस े लमी क
क ृप बनी रहती ह .ैऔर धन क अगमन बन रहत ह ैतथ धन घर म थर होत ह .ै पक क े आस ऄंक म अपको रसतं क " महलमी धनप सधन " दी ज रही ह .ै आस सधन क े मयम स े सधक धन को घर म थर कर सकत ह ै. सथ ही सधक क े धनगमन क े मग भी ख ु ल जत े ह .ै कइ बर बहत ऄधक धन ऄज त करन े क े बद भी वो
घर स े जन े क े मग खोज ही ल ेत ह ै. आस समय क नवरण महलमी धनप सधन क े मयम स े हो जत ह .ै आस सधन म सधक को श ु संकरत परद ी य कअवयकत होती ह .ै य परद लमी क वह भी योग म लय ज सकत ह ै. सधन
अप कसी भी श ु वर क र ९ क े बद श ु कर सकत े ह .ै यद सधक र ११ क े बद सधन कर े तो आसक भव और बढ़ जत ह ै.अप नन कर लल व धरण कर े .ऄब ईर क और म ु ख कर लल असन पर ब ै ठ जय े।समन े भ ू म पर बजो रख े. बजो पर लल व बछय े और व पर एक हदी मत ऄत क ढ ेरी बनय े, आस ढ ेरी परअपको कसी भी धत ुक एक कोर थपत करन ह ै. आस कोर े म क ु मक ु म स े " ल ल " लख े ईसक े बद ही थपत कर े .ऄब आसक े बद कोर े म परद ी य ऄथव
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परद महलमी क श ु वह थपत कर े . आसक े बद सव थम अप ऄपन े स ु द ेव क प ू जन कर अशीव द कर े . तपत गण ेश प ू जन कर े , आसक े बद हथ म थोड़ े ऄत ल े और " ॎ थरय ैनमः " मं को २१ बर पड़कर ऄत लमी वह ऄथवी य पर ऄप त कर े . आसक े बद अप वह क समय प ू जन
कर े,
क ु मक ु म ,
हदी ,
ऄत ,
सद ू र र प ु प अद ऄप त कर े.
सद प म ि वल क खीरऄप त कर े सभव हो तो ईसम े थोड क े सर भी डल े।तील क े त ेल क दीपक वलत कर े . सधन क े पहल े संकप ऄवय ल े क म यह सधन महलमी तथ धन को ऄपन े घर म थर करन े ह ेत ुकर रह ह , ईसक े बद ही सधन कर े .ऄब जब अप समय प ू जन संपन कर ल े तब म ू ंग ऄथव फक मल स े नन मं क ११ मल संपन कर े .
म ू ल मं
ॎ ल ल थर लय ै ल ल नमः
आस मं क एक मल प ू ण करन े क े बद एक सक अपको प म डलन ह ैजसम े अपन े परद लमी य परद ी य रख ह ै. आस कर हर मल क े बद एक सक
डल े।तदन प म ११ सक े डल े जय ग े।जब मल जप प ू ण हो जय े तब . प ु नः " ॎ थरय ैनमः " मं क २१ बर जप करक े वह पर ऄत ऄप त कर े . मा स े घर म
थर होन े क थ न कर े . आस कर य े सधन अपको ८ दन करनी ह .ै खीर क सद
सधक को वयं खन ह .ैऄंतम दन घ ृ त म कमलगट े, तथ सफ़ े द तील मलकर १०८अह त दन कर े . यहा एक बत मरण रख े क अपको हर अह त म थोड़ े सफ़ े द तीलऔर एक कमल गट घ ृ त क े सथ ऄन म समप त करन ह ै. आस कर १०८ कमलगट े कअहत ऄप त करन ह .ै जब अपक सधन प ू ण हो जय े तो ऄगल े दन तः जो लल व
बजो पर बछय थ ईसी म प को सक े सहत बंध द े. प म रख े परद ी यऄथव परद लमी वह को प ु नः प ू ज थन म थपत कर द े . आस कर आस सधन
क एक िरण प ू ण हअ .ऄब आस प पर अपको एक य और करनी होगी जो क नव े
दन तः ही करनी होती ह ै. व म बंध े हए प को ऄपन े बय े हथ म रख े और ऄपन े दए हथ स े दय म ु क दश न करत े हए नन मं क ३० मन तक जप कर े . आसम अपक म ु ख ईर क और होग अस�