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PERSPECTIVES OF HUMANITIES, LANGUAGES AND METHODOLOGY BA HINDI IV SEMESTER CORE COURSE (2011 Admission) UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION CALICUT UNIVERSITY P.O., THENJIPALAM, MALAPPURAM, KERALA-679 635. 176

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    METHODOLOGY

    BA HINDI IV SEMESTER

    CORE COURSE

    (2011 Admission)

    UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

    CALICUT UNIVERSITY P.O., THENJIPALAM, MALAPPURAM, KERALA-679 635.

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    UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

    STUDY MATERIAL

    B.A. HINDI I V SE ME S T ER CORE COURSE

    PERSPECTIVES OF HUMANITIES, LANGUAGES AND METHODOLOGY

    Lessons prepared by:

    Module I & II Dr.Ranjith .M., Assistant Professor

    Dept. of Hindi, M.E.S. Asmabi College, P. Vemballur P.O. Kodungallur-680 671.

    Module III & IV Dr. C. Shibi Assistant Professor Department of Hindi Carmel College, Mala Thrissur Scrutinised By:

    Dr.Pavoor Sasheendran, 38/1294, ‘Appughar’, Edakkad P.O., Calicut-5

    Lay out & Settings Computer Section, SDE

    © Reserved

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    Module I and II भाषा आ यंत व ध

    पु तक के पहले दो अ याय म सजृन म मान वक क भू मका, भाषा सं कृ त और पहचान पर वचार वमश कया गया है.

    Unit I 1. यनूानी शा ीय वचारधारा के अनसुार नाग रक को ---- दानकरना मान वक है. यापक श ा 2. मान वक श द का योग सबसे पहले कब हुआ ? इतालवी पुनजागरण काल म 3. जीवन म कतने कार के अनुभव होते है ? दो 4. 'गोदान' कस क रचना है ? ेमचंद क 5. ' मलैाआचँल ' कसक रचनाहै ? फणी वरनाथरेनकु 6. 'गोदान ' का त न ध च र कौन है ? होर 7. नाटक --- कला म आता है . यकला 8. पूवानमुान क जांच कस प त म क जाती है ? वै ा नक प त म 9. व ान का ल य --- तक पहंूचना है परमस य 10. प रक पनाओ ंका खंडन कस प त म होता है ? वै ा नक प त म 11. बाहर ाकृ तक व व का वै ा नक अ ययन को या कहते है ? ाकृ तक व ान 12. आधु नक व ान का वकास कब हुआ ? स हवी शता द के उ तराधम 13. शि त और ान के े म सवा धक व वसनीय वधा या है ? आधु नक व ान 14. नतृ व शा कस व ान के अ तरगत आते है ? सामािजक व ान के

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    15. स य के संधान का सबसे ामा ण कदा वा कौन करता है ? व ान 16. सामािजक व ान का संबंध --- से है सामिजक पयावरण से 17. मानव क अव था के सम तापणू अ ययन --- कह लाती है मा वीक 18. मा वीक म कन बात पर जोर देता है ? व ले ण और वचार के आदान – दान पर 19. दसुरे लोग ने जीवन कैसे िजया, इसक जानकार हम कौन देती है ? मा वीक 20. वा त वक और अवा त वक ान के कार का सयंोग --- है दशन शा 21. तक पर आ त एक वधा ---- है दशनशा 22. कृ त और समाज का अ ययन -- है भ न 23. वै ा नक प तय का ल य या है ? परमस य को ढंूढना 24. यह आमपारप रक शा ीय धारणा है क ---- ानसट क होता है. वै ा नक 25. मा वीक ---- मू य से स बि धत है. मानवीय 26. 'त य' श दमूलत: कस भाषा का है ? लै टन 27. ' त य' कस श द से नकला हुआ श द है ? फै स 28. ' हाटइस ह टर ' कसक रचना है ? ई.एच .कार 29. व तुपरकता और स य का न --- क खोज क या का अ वभा य अंग है त य क 30. व भ न वै ा नक वधा अपनी वषयव तु -----के प म ततु करते है .

    त य

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    31. इ तहास ----का अ ययन है अतीत या भूतकाल का 32. "आरंभ म इ तहासकार त य का साम यकतौर पर चनुाव करता है ".यह कथन कस का है ? ई.एच.कौर 33. इ तहासकार- --का अगं होता है वतमान का 34. ---- से वह न इ तहासकार बना जद का होता है. त य से 35. अतीत और वतमान के बीच के अतंह न सवंाद को या कहते है ? इ तहास 36. ांसीसी व ोह के पहले इ तहास लेखन को या मानते थे ? सा हि यक कला 37. 'टो प स ऑफ़ ड कोस: ए से स इन क तुल त स म ' कसक रचना है ? हेडन वाईट 38. स चाई क शाि दक ता वीर पेशकरने keliye इ तहासकार --- क सहायता लेते है क सागोई क 39. इ तहासकार --- से भा वत होकर लखते है यगुबोध से 40. इ तहास कौनसी या है ? अतं : सबंंध क सम 41. मान वक मनु य क --- से सारोबार है. रचना मक क पनाशीलता से 42. सा ह य को वा त वक व व का कला मक त न ध व मानने से इनकार करनेवाला आचाय

    कौन था ? लातो 43. लातो के एक अनुयायी का नाम ल खए. अर तु 44. " कसी सा हि यक लेखन का मह व उसक आनदं दान करने क मता के

    अनसुार नधा रत होना चा हए "यह कथन कसका है ? द वड़हूम 45. समाज शा का जनक कौन है ? अग त डी कॉ ते

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    46. समाज शा को वै ा नक वधा के प म उभारने क को शश कसने क ? इमाइल दु खम 47. समाज का नमाण कसका प रणाम है ? मानवीय सबंंध का 48. मनु य --- ाणी है. सां कृ तक ाणी 49. यादा वीकृत ,वैधा नक और उ चत चयाँ को या कहते है ? भावशाल चयाँ 50. सामािजक व ान चय का अ ययन कस के प म करता है ? सामािजक घटना के प म

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    Unit 2 51. सामिजक व ान को ' मू यसेंआज़ाद 'आशय कसने द ? मै स बेवर 52. चय कसे संबं धत है ? मू य से 53. मानवीय आ थाव के समु चय को या कहते है ? मू य 54. मू य ---का आ मसातीकरण है यव था का 55. सामािजक वीकृ त क वचारधारा कन से सबंं धत है ? पुर कार और दंड मू य से 56. ए शयाई समाज म ---- गहराई म धंसी है पतसृ ता 57. कौनसी त आम लोग क चेतना को भा वत करता है ? धा मकत 58. वचार के समु चय को या कहते है ? वचारधारा 59. ' वचारधारा ' श द क खोज कसने क थी? दे तातडी ेसी ने 60. वचारधारा श द का पयाय प ल खए म या चेतना 61. 'डी जमन ऐ दओलोिज ' कसक रचना है ? मा स और अ गे स का 62. " वचारधारा सापे क पसे वाय त होतीहै " यह कथन कसका है ? लईू अ थसूर 63. वचारधारा --- का खं टत त न थ व नह ं करती यथाथ का 64. ---- सामािजक सजृन के साथ जुडी है सा हि यक वधाएं 65. जान बी थामसन कौन था ? मी डया स ांतकार 66. तेर इगा न कस वचारधारा से भा वत था ? मा सवाद से

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    67. मू य का व नमय कस के बीच होता है ? समाज या यि त समूह के बीच 68. नै तक वचार के समु चय को या कहते है ? नै तक मू य 69. चय केसरंचना मक नमाण म मह व पोरण् भू मका नभाने वाला कौन है? सामिजक वग 70. ए शयाई समाज और प शमी समाज का मु या अंतर या है ? ए शयाई समाज प स ता मक है 71. मनु य ---- ाणी है सां कृ तक ाणी 72. भाषा कसका मा यम है ? स े ण का 73. कसी यि त क वैि वक ि ट के नमाण म कौन भू म का नभाते ह? भाषा 74. सगंीत कस भाषा का उदाहरण है ? मौ खक भाषा का 75. ------ हमारे लये अथ का समु चय रखते है भाषा 76. सनेमा कस भाषा का उदाहरण है? य भाषा का 77. भाषा कस पर आधा रत सामिजक य था है ? भ नाताव पर आधा रत 78. श द क पुनरावृ त ह ---- और पहचान क के यता है . भाषा 79. ---- भाषा क साझदेार है अथ 80. वषय न ठता या है ? कसी भी यि त क वैि वक समझ उसक वषय न ठता है . 81. भाषा के दो अवयव या – या है ? नयम और अ भ यि त और बातचीत का वा त वक तर का 82. फ नांडडीसासरू कौन था ? ि वस भाषा वद 83. सं कृ त क याशीलता कसके मा यम से संभव होते है ? भाषा के मा यम से 84. मनु य क पहचान क वशेषता या है ? मनु य क पहचान बहुरंगी है

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    85. ए तहा सक त य और अतीत कसके मा यम से उ घा टत हो जाते है ? भाषा के 86. 'ह रजन' के स पादक कौन था ? महा मागाँधीजी 87. बीसवीं सद के समाज का मु या ल ण या है ? बहुभाषावाद 88. सेमे टक भाषाओ ंका उ व कब हुई ? रबसेदोहज़ारईसापूव 89. भाषाएँ कस के साथ ग त क ? समय के साथ 90. हमार अि मता क नमाण करनेवाला कौन है ? भाषाएँ 91. भाषा एक -----घटना है सामािजक 92. सामिजकसंरचना श दका योगसबसेपहले कसने कयाथा ? पीटरबेजरऔरथामसलकुमानने 93. हम समाज से ान कैसे मलते है ? सामिजक यवहार से 94. गांधीजी ने 'ह रजन ' श द का योग कस अथ म कया था ? इ वर के लोग के अथ म 95. भाषाओ ंऔर सं कृ तय के वशेष य को या कहते है ? ा यवाद 96. थानीय ब चे अपनी सं कृ त से वं चत रहने का कारण या है ? अं ेजी श ा के कारण 97. थापुरा कस वधा क रचना है ? उप यास 98. भाषा का -- से गहरा जुड़ाव है सं कृ तसे 99. राममनोहरलोहया वारा सचंा लत आ दोलन का नाम ल खए अं ेजी हटाओ मातभृाषा लाओ 100. कस क कटारा वकास म पी चे रह जायगे ? मातभृाषासे 101. औप नवे शक भाषा दमन क भाषा नह ं है, यह कसका कथन है ? सलमान द का 102. ह द ू गाथाम रामकथा गायन के लए कौनसी शाखा को अपनाया गया है ? महाका य शाखा को

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    103. "भाषा अपने आपम कोई चीज़ नह ं है, अगर वह सदेंश को स े षत नह ं karti " यह कथन कसका है ?

    अ ेय का 104. 'अनुकरण पर वचारकरनेवाले आचाय कौन –कौन थे ? लातो और अर तु 105. अनकुरण के भाव को या कहत ेहै ? भाव वरेचन 106. अनकुरण ----- का सीधा न पण है यथाथका 107. "कवी का काम सफ यथाथ का वणन करना नह ं है "यह कथन कसका है ? अर तु 108. ---- यथाथ का परो वणन है डायजे सस 109. वा त वकताओ ंको हमारे मि त क तक पहँुचाने के लए कन कन क ज़ रत होती है ? भाषा और श द कोश क 110. सामािजक यवहार कस पर आधतृ है ? अि मतापर 111. ------ म दु नया का ऐसा वणन करता है जैसे वह सच हो उप यासम

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    Unit 3 एकवा यमउ तर ल खए १. यनूानी वचारधारा के अनसुार मान वक या है ? नाग रक को यापक श ा दान करना मान वक है. २. मान वक म जीवन के कौन -कौन रह य उ घा टत कया गया है ? जीवन के ववेकशील और अ ववेकशील दोन कार के अनभुव के रह य उ घा टत

    कया गया है ३. मान वक का उ े य या है ? व व म बौ क -आ या मक सवेंदनाओ ंके संसार क रचना करना है. ४. व ान या है ? सभी ाकृ तक और सामिजक प रि थ तय तथा चीज़ का मब एव ं यवि थत अ यायाँ है. ५. ाकृ तक व ान से ता पय या है ? बाहर ाकृतक व व का वै ा नक अ ययन ाकृ त व ान कहलाता है. ६. ाकृ तक व ान म जानका रयाँ कैसे जुटाई जाते है ? वषय के सीधे सव ण से ७. आधु नक जीवन के वकास म अतुलनीय योगदान कसने कया ? आधु नक व ान ने ९. सामिजक व ान माने या है ? मनु य के सामिजक यवहार क या या वै ा नक प तय के आधार पर करने से मलने

    वाले ान को सामिजक व ान कहते है. १० सामािजक व ान के अंतगत कौनसी वषय का अ ययन होता है? समाजशा , तुा वाशा ,राजनी तक व ान,मनो व ान और अथशा का अ ययन होता है. ११. ाकृ तक व ान से हम कौनसी ान ा त होता है ? पदाथ या था, या है और कैसा होगा का ान ा त होता है. १२. मान वक से ता पय या है ? मानव क अव था के मह वपूण अ ययन क वधा को मान वक कहते है. १३. मान वक और सामिजक व ान का अतंर या है ?

    सामिजक व ान अनुभवज य प तय पर आधा रत है और मान वक रचना मक प तय पर

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    १४. मान वक म कस बात पर यान अ धक दया जाता है ? मानवीय प रि थ तय के अथ ,उ े य और ल य क भू मका पर. १५. ान के सट कता कस पर आधा रत है ? व तु न ठता पर १६. मानवीय ान क नभरता कस पर आधा रत है ? य ान पर १७. मान वक का ुहदांश क से सबंं धत है ? मानवीय मू य और ेरणाओ ंसे १८. त य श द का अथ या है ? िजसका अि त व हो अथवा जो घ टत हुआ हो १९. इ तहास या है ? इ तहास भूत काल का अ ययन है २०. त य और इ तहासकार का र ता या है ? दोन पर पर पूरक है २१. उप यासकार स चाई को कैसे कट करता है ? भावना मक अदंाज़ म २२. मान वक कस पर जोर देते है ? अथ क व श टताओ ंऔर उसके वकास पर २३. मान वक का क बदं ु या है ? अपने अनभुव के त ब बन से पार प रक चतेना का वकास करना. २४. मान वक कस को या या यत करता है ? मानवीय संबंध को २५. सा ह य को वा त वक व व का कला मक त न ध व करने वाले के प म न मानने वाले

    आचाय कौन थे ? लातो २६ . कसी सा ह य लेखन का मह व कैसे नधा रत करना है ? उसक आनंद दान करने क मता के अनसुार २७. मनु य म कौन कौन सी भाव अतं न हत है ? मू य और ेरणा २८. समाज का नमाण कसका प रणाम है ? मानवीय संबंध का २९. मू य माने या है ? मानवीय आ थाओ ंके समु चय को मू य कहते है

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    ३०. मू य का व नमय कहाँ होता है ? एक समाज या यि त समहू के बीच ३१. वचारधारा माने या है ? वचार के समु चय को वचारधारा कहते है ३२. सं ेषण का मा यम या है ? भाषा ३३. भाषा के दो अवयव या - या है ? भाषा के वा त वक नयम तथा अ भ यि त एवं बातचीत का वा त वक तर का ३४. सं कृ त क याशीलता कसके मा यम से संभव होती है ? भाषा के मा यम से ३५. अथ कसक या है ? भाषा ३६. वमश माने या है ? भाषा का योग और सभी अ भ यि तयाँ वशषे सामािजक,राजनी तक और आ थक स दभ म

    अवि थत है,इस स दभ को वमश कहते है. ३७. सं थानीकरण माने या है ? सं थानीकरण वह या है िजसम आदत, रवाज़और थानीय तौर तर के ान का ोत बन

    जाते है. ३८. ऐ तहा सक त य अतीत कैसे उ घा टत होते है ? भाषा के ज़ रये ३९. रा य पहचान क संवेदना न मत करने म मह वपूण भू मका कौन नभाते है ? भाषा ४०. हमार अि मता का नमाण कौन करता है ? भाषा ४१. ' ह दु तान ' श द म कौनसी भावना व यमान है ? धा मकता क भावना ४२. महा मा गांधी वारा चलाये गए अखबार के नाम ल खए. ह रजन और यंग इं डया ४३ . हदं ---- भाषाओ ंम शा मल है भारोपीय ४४. अं ेज़ी का भाषा के तौर पर आधनुीकरण कब हुआ ? १५वी और १६वी स दय म

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    ४५. सेमे टक भाषाओ ंका उ व कब हुआ ? अरब से दो हज़ार ईसा पवू ४६. २०वीम सद के समाज का मु य ल ण या है? बहुभाषावाद ४७. भाषा के नु सान को लोग --- मानते है अपना नु सान ४८. हमार अि मता का नमाण कौन करता है? भाषा ५०. फ म म कौ नसी भाषा क योग होती है ? सड़क छाप भाषा का भीमराव ूअ बेदकर के नेतृ व म ५३. औप नवे शक शासक ने अं जी भाषा को थोपने कोनसा तक दया ? अं ेजी ह ान क भाषा है और यरूोपीय सं कृ त ह समानता, वत ता , वकास और

    आधु नक करण सु न षत कर सकते है . ५४. भारत म अं ेजी भाषा लागू होने के कारण या आपाि त हुई है ? थानीय ब चे अपनी भाषा और सं कृत से दरू हो गयी ५५. राम मनोहर लो हया ने कौनसा आ दोलन चलाया ? 'अं ेजी हटाओ ', 'मा ुभाषा लाओ ' आ दोलन ५६. कौनसी रा क वकास क ग त अ यतं धीमी हो जाती है ? मातभृाषा से kate रा क ५७. मा ुसं कृ त को िज़ंदा रखने के लए कसक आव यकता पड़ती है ? अपनी भाषा और अ भ यि त क ५८ . ा य वाद कसे कहते है ? भाषाओ ंऔर सं कृ तय के वशषे को र् यावाद कहते है. ५९. भाषाओ ंके नमाण कैसे होते है ? येक वग अपने अनभुव के आधार पर भाषाओ ंका नमाण करता है ६०. अि मताओ ंका नमाण कैसे होता है ? भाषाओं क

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    Unit 4 सं त उ तर ल खए १. मान वक के कतने अनशुासन है ?

    1. ाचीन थ व शा 2. सा ह य और भाषाएँ 3. दशनशा 4. धमशा 5. इ तहास एवं या मक और दशमूलक कलाएं

    २. टप णी ल खए -सामिजक व ान मनु य के सामिजक यवहार क या या अथवा भ व य वाणी जब वै ा नक प तय के आधार पर क जाती है तब उससे उ प न ान को सामिजक व ान कहते है* सामिजक व ान के अंतगत समाज शा , ता वाशा , राजनी तक व ान, मनो व ान और अथ शा का अ यायाँ कया जाता है* सामिजक व ान म कुछ भी प ट नधा रत कये बगैर ह " या है और या होना चा हए " क सम या पर वचार कया जाता है* सामिजक व ान का सबंंध सामिजक पयावरण से है* ३. मान वक मानव क अव था के सम तापूण अ ययन क वधा ह सामा यतः मान वक कहलाती है* दशन, भाषा तथा सा ह य को मान वक का वषय माना जाता है* मान वक म रचना मक और प रक पना मक विृ तय पर यादा यान दया जाता है* मान वक म व लेषण और वचार के आदान - दान पर जोर दया जाता है* इ ये जीवन और दु नया का सजीव च ण हम मान वक के अ यायाँ से हम ा त होते है* मान वक हम यह यहती है क दसुरे लोग ने जीवन कैसे बताया और िजया* हमारे जीवन म या मह वपूण या है उसके बारे म सचूना मान वक हम देते है* मानवीय प रि थ तय के अथ, उ े य और ल य क भू मका समचने म हम मदद मान वक देते है* ४. इ तहास माने या है ? इ तहास अतीत या भूत काल का अ ययन है. इ तहास ,इ तहासकार और उनके त य क या -त या क एक एक अनवरत त या है* अतीत और वतमान के बीच के एक अतंह न संवाद है.इ तहास म

    वै ा नक प तय वारा अतीत को तुत करता है* कभी कभी इ तहासकार उप यासकार हो जाते है.इ तहास पर इ तहासकार के वैयि तक भाव का असर पड़ सकते है*

    ५. च,मू य और आ था च सां तक पसदं से जुड़ े हुए श द है* च -जीवनशैल , यवहार आद को दखाते है* चयाँ

    मू य से सबंं धत है.मू य मानवीय आ थाओ ंके समु चय है* येक समाज को अपना मू य होता है और

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    उसका सरं क समाज के वय क यि त ह होते है य क लोग मू य को संयोिजत करते है और दसूर तक पहंुचाते है सामािजक वीकृत मू य से जुडी रहती है मू य का व नमय समाज के बीच होता है ायः पुर कार ा त करने यो य चीज़ ,ि थ तयोनाद ह मू य बन जाते है नै तक मू य उन आ थाओं के समु चय है ,िजनके मा यम से समाज म यि त के वारानै तक वचार को वक सत कया जाता है ६. टप णी ल खए भाषा भाषा स ेषण का मा यम है,भाषा यथाथ का दपण नह ं है.मगर यह हमारे लए यथाथ को न मत करती है.हमार पहचान बनाती है.भाषा अपनी संरचना खुद था पत करती है.भाषा के उपयोग करने वाल को भ नताओ ं के अतंर मानकर इ तमाल करना पडगेा.भाषा के कसी भी श द क जड़ उस समाज म धसी रहती है.श द के अथ का नधारण स दभ वशेष के अनुसार लेना पडगेा अथ भाषा क या है भाषा और उसक अथव ता का सबंंध वग, वचारधारा जैसे ि थ तय से है कसी भी भाषा का वकास उस देश और उसक जनता वारा इ तमाल क जाने वाल भाषा क ऐ तहा सक पहचान से सबंं दत है भाषा के नयम का सं हताकरण याकरण म कया गया है समय के साथ भाषा म भी बदलाव आ जाती है अि मता से ता पय या है ?

    अि मता या पहचान लगातार बदलती वषय ि थ तय के समु चय है हमार अि मताए ंलगं, वग, रा यता जैसे सां कृ तक स दभ पर आधा रत है अि मता हमार यि त व म छपी हुई है अि मताओ ंका नमाण भाषाओं क वजह से होती है अि मता हम नाम ,पहचान और अथव ता दान करते है हम जो अि मता मल हुई है उसी के आधार पर हम यवहार करते हैअि मता सामािजक और सां कृ तक स दभ म लगातार अ वे षत हो रह है

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    Module III ¥™……J™…… +…ËÆ˙ ¥…h…«x…

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    ¥™……J™……i®…EÚ  ¥…S……Æ˙ EÚ… =q‰˘∂™…

    ∫…… Ω˛i™… ®…Â ¥™……J™……

    n˘∂…«x…∂……∫j… ®… ¥…h…«x…

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 19

    ¥™……J™…… +…ËÆ˙ ¥…h…«x… ¥™……J™……  EÚ∫…“ ¥™… HÚ u˘…Æ˙…  EÚ∫…“ n⁄˘∫…Ɖ˙ ¥™… HÚ ∫…‰  EÚ∫…“ +¥…∫…Æ˙ {…Æ˙  EÚ∫…“ =q‰˘∂™… ∫…‰ ™…Ω˛

    EÚΩ˛x…… Ω˲  EÚ E÷ÚUÙ P… ]ıi… Ω÷̨+… ΩĘ̈ * ™…Ω˛  EÚ∫…“ P…]ıx……, S… Æ˙j… +…ËÆ˙ C™…… Ω÷˛+… EÚ… BEÚ GÚ ®…EÚ

    +∆n˘…V… ®… ¥…h…«x… Ω˲ * ™…Ω˛…ƒ ™…Ω˛  ∫…±… ∫…±……  EÚ∫…“ GÚ®…¥……Æ˙ P…]ıx…… EÚ… EÚ…Æ˙h… ™…… |…¶……¥… ∫…‰ Ω˛…‰

    ∫…EÚi…… ΩĘ̈ * ¥™……J™…… §……‰±…x…‰ EÚ… BEÚ i…Æ˙“EÚ… ΩĘ̈ *

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 20

    1. x…EÚ±… ™…… |… i…∞¸{…i……

    ™…⁄x……x…“ n˘…∂…« x…EÚ {±…‰]ı…‰ +…ËÆ˙ +Æ˙∫i…÷ x…‰ ∫…§…∫…‰ {…Ω˛±…‰ x…EÚ±… ∫…∆§…xv…“  ¥…S……Æ˙ EÚ…‰ |…∫i…÷i…  EÚ™…… l…… *

    {±…‰]ı…‰ E‰Ú +x…÷∫……Æ˙ EÚ ¥… V…§… {…±…∆M… EÚ… ¥…h…«x… EÚÆ˙i…… ΩĘ̈ i……‰ ¥…Ω˛ ¥……∫i… ¥…EÚ {…±…∆M… x…Ω˛” Ω˲ * {±…‰]ı…‰

    E‰Ú +x…÷∫……Æ˙ ™…Ω˛ =∫… {…±…∆M… EÚ… |… i…∞¸{… Ω˲ V……‰ ∫¥…M…« ®… Æ˙J…… ΩĘ̈ * §…f¯

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    ¥™……J™……i®…EÚ  ¥…S……Æ˙ EÚ… =q‰˘∂™…

    1. ¥™……J™……i®…EÚ  ¥…S……Æ˙ EÚ… =q‰˘∂™… ∫…i™… ∫l…… {…i… EÚÆ˙x…… x…Ω˛” Ω˲ §…Œ±EÚ

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 22

    2. ∫…÷V…‰`ˆ (Plot)

    ∫…÷V…‰`ˆ ¥…Ω˛ Æ˙“ i… Ω˲  V…∫…®… P…]ıx……+… EÚ…‰ B‰∫…‰ GÚ®… ®… Æ˙J…‰ V……i…‰ ΩĘ̀  V…∫…∫…‰ =∫…EÚ… EÚ…‰

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    Ω˲ * +i…“i… EÚ“ ¥……∫i… ¥…EÚi…… C™…… l…“, =∫…EÚ… ™…l……l…« EËÚ∫…‰ l…… ™…Ω˛ ¥…i…«®……x… EÚ…‰ i…¶…“ ={…±…§v… Ω˛…‰ {……i……

    Ω˲ V…§… ¥…Ω˛ Ω˛®……Ɖ˙ ∫……®…x…‰  EÚ∫…“  x…Œ∂S…i… ∞¸{… ®… |…∫i…÷i…  EÚ™…… V……i…… Ω˲ * 1857 E‰Ú  ∫…{……Ω˛“  µ…n˘…‰Ω˛ EÚ…‰

    +…V… ∫…®…Z…x…‰ E‰Ú  ±…B Ω˛®… 1857 EÚ“ P…]ıx……+… EÚ“ {…÷x…Æ«˙S…x…… EÚÆ˙x…“ {…c‰˜M…“ * {…÷x…Æ«˙S…x…… EÚ“ ™…Ω˛

    |… GÚ™…… =∫… ∫…®…™… E‰Ú ª……‰i……Â, {…÷∫i…EÚ…Â, ¶……Ë i…EÚ ¥…∫i…÷+…Â,

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    ]‰ıC∫S…÷+ ±…]ı“ ({……`ˆ…‰{…n‰˘™…i……)

    {……`ˆ EÚ…‰ {…Æ∆̇{…Æ˙…M…i… ∞¸{… ∫…‰ {…⁄h…« ®……x…… V……i…… Ω˲ * ™…Ω˛ ∫…∆{…⁄h…« Ω˛…‰i…… ΩĘ̈ +…ËÆ˙ ∫…®…Z…n˘…Æ˙

    {……`ˆEÚ Ω˛“

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    Module IV

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… ®… Y……x… EÚ“ ∫…Ër˘…∆ i…EÚ“

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… |…h…… ±…™…… EÚ… =n¬˘¶…¥… B¥…∆  ¥…EÚ…∫…

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… E‰Ú  ¥… ¶…z… EÚ…±…J…∆b˜

    +…Œ∫i…EÚ +…ËÆ˙ x……Œ∫i…EÚ

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… E‰Ú  ¥… ¥…v… ∫…∆|…n˘…™…

    Y……x… C™…… Ω˲ ?

    Y……x… B¥…∆ |…®……

    Y……x… EÚ… ∫¥…∞¸{…

    Y……x… EÚ… ¥…M…‘EÚÆ˙h…

    ¶……Æ˙i…“™… {…Æ∆˙{…Æ˙… ®… Y……x… EÚ“ +¥…v……Æ˙h……B∆

    Y……x… i……ÃEÚEÚi…… EÚ…  ∫…r˘…xi…

    ¶……Æ˙i…“™… Y……x… |…h…… ±…™……Â EÚ“  ¥… ¶…z… {…r˘ i…™……ƒ

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    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… |…h…… ±…™…… EÚ… =n¬˘¶…¥… +…ËÆ˙  ¥…EÚ…∫… Philosophy E‰Ú  ±…B ¶……Æ˙i… ®… n˘∂…«x… ∂…§n˘ EÚ… ¥™……{…EÚ |…™……‰M… Ω˛…‰i…… Ω˲ * n˘∂…«x… ∂…§n˘ EÚ… +…Ã¥…¶……¥… o˘∂… ∂…§n˘ ∫…‰ Ω÷̨+… ΩĘ̈,  V…∫…EÚ… +l…« ΩĘ̈ n‰̆J…x…… * n˘∂…«x… Ω˛®… {…Æ˙®… ∫…i™… EÚ“

    +…‰Æ˙ ±…‰ V……i…‰ ΩÈ˛ * ¶……Æ˙i…“™… ∫…∆n˘¶…« E‰Ú  ¥… ¥…v… n˘∂…«x… Ω˛®… ®…÷ HÚ EÚ“ +…‰Æ˙ S…±…x…‰ EÚ“ |…‰Æ˙h…… n‰˘i…‰ ΩÈ˛ *

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… EÚ… =n¬̆¶…¥… ¥…‰n˘… ®… ®……x…… M…™…… Ω˲*

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    i…l…… =xΩ² +…ËÆ˙ {…÷π]ı EÚÆ˙x…‰ ®… +{…x…“ I…®…i…… +…ËÆ˙ ∂… HÚ EÚ…‰ ±…M……

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    2. {…÷Æ˙…h… EÚ…±… (

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    |…i™…I… ™…… {…Æ˙…‰I… ∞¸{… ®… ¥…‰n˘… E‰Ú |…¶…÷i¥… EÚ…‰ ∫¥…“EÚ…Æ˙i…‰ ΩÈ˛ * ®…“®……∆∫…… +…ËÆ˙ ¥…‰n˘…xi…: {…⁄h…«i…: ¥…‰n˘… {…Æ˙

     x…¶…«Æ˙ ΩÈ˛ * ¥…Ë n˘EÚ {…Æ∆˙{…Æ˙… EÚ…‰ ¶…“ ®……x…i…‰ ΩĘ̀ * ®…“®……∆∫…… ®… ¥…‰n˘… E‰Ú ®…Ω˛i¥… {…Æ˙ W……‰Æ˙  n˘™…… M…™…… ΩĘ̈ *

    V…§… EÚ ∫……∆J™…, ™……‰M…, x™……™… +…ËÆ˙ ¥…Ë∂…‰ π…EÚ n˘∂…«x… {…⁄h…« ∞¸{… ®… ¥…‰n˘… EÚ…‰ x…Ω˛” ®……x…i…‰ ΩĘ̀ * ±…‰ EÚx… +{…x…‰

     ∫…r˘…xi……Â +…ËÆ˙ ¥…‰n˘…Â E‰Ú §…“S… BEÚ i……n˘…i®™… ∫l…… {…i…  EÚ™…… ΩĘ̈ *

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… E‰Ú  ¥… ¥…v… ∫…∆|…n˘…™…

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… ¥™…¥…∫l…… ®… x……Ë ∫…∆|…n˘…™… n˘∂…«x…“™… ΩÈ˛ *

    1. ¶……Ë i…EÚi……¥……n˘ ™…… V…c˜¥……n˘ (Materialism) ™…Ω ∫…∆|…n˘…™… S……¥……«EÚ n˘∂…«x… ¶…“ EÚΩ˛±……i…… Ω˲ * ™…Ω˛ x……®…

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    M…™…… ΩĘ̈*

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    1) ™…Ω˛…ƒ n÷̆:J… ΩĘ̈

    2) n÷̆:J… EÚ… EÚ…Æ˙h… ΩĘ̈ *

    3) n÷˘:J… EÚ…‰ ∫…®……{i…  EÚ™…… V…… ∫…EÚi…… Ω˲

    4) n÷˘:J… n⁄˘Æ˙ EÚÆ˙x…‰ E‰Ú  ±…B {…l… Ω˲ *

    n⁄̆∫…Æ˙…  ∫…r˘…xi… ΩĘ̈, |…i…“i™… ∫…®…÷i{……n˘  ∫…r˘…xi… * ™…Ω˛ n⁄̆∫…Ɖ˙ +…ËÆ˙ i…“∫…Ɖ˙ +…™…« ∫…i™… ∫…‰

    ∫…∆§…Œxv…i… ΩĘ̈ *

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    ∫……∆J™… n˘∂…«x… ®… |…i™…™…, +x…÷®……x… +…ËÆ˙ ∫……I™… EÚ…‰ |…®…÷J…i…… n˘“ M…

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 34

    x…“ i…§……‰v… {…Æ˙ +…v…… Æ˙i…

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    Y……x… B¥…∆ |…®…… ∫……®……x™…i…: ±……‰M……Â EÚ“ v……Æ˙h…… ™…Ω˛ ΩĘ̈  EÚ Y……x… ∂…§n˘ EÚ… +l…« ∫…¶…“ |…EÚ…Æ˙ E‰Ú §……‰v… ∫…‰ ΩĘ̈  EÚ

    C™…… ∫…Ω˛“ Ω˲ +…ËÆ˙ C™…… M…±…i… Ω˲ *

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    Y……x… EÚ… ∫¥…∞¸{… C™…… ΩĘ̈ ? B‰∫…‰ |…∂x… {…⁄UÙx…‰ {…Æ˙ Ω˛®…‰∂…… ∫…®…∫™…… +… V……i…“ Ω˲ * Y……x…

    EÚ…‰ M… i… ¥… v…, ∫…∆§…xv… +…ËÆ˙ M…÷h… V…Ë∫…‰  ¥… ¥…v… ∞¸{… ®… ®……x…x…‰¥……±…‰ ΩÈ˛ *

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    +x… v…EfiÚi… ™…… +{…÷π]ı Y……x… EÚ“ +¥…v……Æ˙h……™…Â

    1. ∫®…fi i… ¶……Æ˙i…“™… Y……x… ∂……∫j… ®… ∫®…fi i… E‰Ú  ±…B  ¥…∂…‰π… ∫l……x… Ω˲ * ™…Ω˛ {…÷π]ı ™…… +{…÷π]ı Y……x… x…Ω˛”

    Ω˲ * ∫®…fi i… B‰∫…“ +¥…∫l…… Ω˲  V…∫…®… ™……n˘ EÚ“ M…™…“ ¥…∫i…÷ Ω˛®…‰∂…… ={…Œ∫l…i… x…Ω˛” Ω˛…‰i…‰ * ∫®…fi i… ®… ¥…∫i…÷ ∫…‰

    ∫…∆§…Œxv…i…  {…UÙ±…‰ +x…÷¶…¥… EÚ…‰ ™……n˘ EÚÆ˙x…‰ E‰Ú §……n˘  n˘®……M… ®… =∫…EÚ…‰ ±…‰ +…i…‰ ΩĘ̀ * ∫®…fi i… ®… EÚ¶…“ ¥…∫i…÷+…Â

    E‰Ú ™…l……l…« ∞¸{… +…ËÆ˙ EÚ¶…“ +™…l……l…« ∞¸{…  ®…±… V……i…‰ ΩĘ̀ *

    2. ∫…∆∂…™… ∫…∆∂…™… Ω˛…‰x…‰ ∫…‰ Ω˛“ Y……x…  ®…±…i…‰ ΩÈ˛ +…ËÆ˙ Y……x… EÚ… J…hb˜x… ¶…“ Ω˛…‰i…… Ω˲ * BEÚ Ω˛“ ¥…∫i…÷

    E‰Ú §……Ɖ̇ ®… ∫…∆∂…™… E‰Ú EÚ…Æ˙h…,  ¥… ¥…v… +…ËÆ˙  ¥…{…Æ˙“i… ®……x™…i……™… Ω˛…‰x…‰ E‰Ú EÚ…Æ˙h… Ω˛“ Y……x……V…«x… ∫…∆¶…¥… Ω˛…‰ {……i…‰

    ΩÈ˛ * ¥…∫i…÷ E‰Ú §……Ɖ˙ ®… BEÚ  x…h…«™… x…  ®…±… {……x…‰ ∫…‰ ∫…∆∂…™… =i{…z… Ω˛…‰ V……i…… ΩĘ̈ * ∫…∆∂…™… ∫…SS…… ™…… Z…⁄`ˆ…

    Y……x… x…Ω˛” Ω˲ *

    3.  ¥…{…™…«™… ™…Ω˛ +{…÷π]ı Y……x… ΩĘ̈ *  ¥…{…™…«™… ®… Ω˛®… ¥…∫i…÷ EÚ…‰ +¥™…¥…Œ∫l…i… ™…… +¥……∫i… ¥…EÚ ∞¸{… ®…Â

    n‰̆J…i…‰ ΩĘ̀ *  ¥…{…™…«™… E‰Ú ®……v™…®… ∫…‰ ¥…∫i…÷+… ®… E÷ÚUÙ M…÷h… EÚ…±{… x…EÚ ∞¸{… ®… ®……x… ±…‰i…‰ ΩÈ˛ * =n˘…Ω˛Æ˙h… E‰Ú

    ∞¸{… ®… Ω˛®… Æ˙∫∫…“ EÚ…‰ ∫……ƒ{… ®……x…EÚÆ˙ =∫…®… ∫……ƒ{… E‰Ú M…÷h… n‰˘J…i…‰ ΩÈ˛ *  ¥…{…™…«™… +…ËÆ˙ ∫…∆∂…™… ®… +∆i…Æ˙ Ω˲ *

    ∫…∆∂…™… ®… + x…∂S…™… EÚ“ Œ∫l… i… Ω˲ * ±…‰ EÚx…  ¥…{…™…«™… ®…  x…Œ∂S…i…i…… EÚ… i…i¥… Ω˲ * ¥…∫i…÷ E‰Ú §……Ɖ˙ ®… Z…⁄`ˆ…

    n˘…¥……  EÚ™…… V……i…… Ω˲ *

    4. i…E«Ú V…§…  EÚ∫…“ J……∫… ®…÷q‰̆ {…Æ˙ n˘…‰ ∫…®……x… ∞¸{…“ ™…÷ HÚ +…ËÆ˙  ¥…Æ˙…‰v……¶……∫…“  ¥…EÚ±{… +… V……i…‰ ΩĘ̀,

    i……‰ =x…EÚ“ §…“S… ®… ∫…‰ + x…∂S…™… EÚ“ Œ∫l… i… EÚ…‰  ®…]ı…x…‰ E‰Ú  ±…B +…ËÆ˙  EÚ∫…“ BEÚ EÚ…‰ S…÷x…x…‰ E‰Ú  ±…B

    EÚ…±{… x…EÚ i…E«Ú EÚ… ∫…Ω˛…Æ˙…  ±…™…… V……i…… Ω˲ *

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    Y……x… E‰Ú ¶……Æ˙i…“™…  ∫…r˘…xi…… EÚ…‰ V……x…x…‰ E‰Ú  ±…B ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… ®… V……‰ Y……x… ∫…∆§…xv…“

    {… Æ˙EÚ±{…x……™… ΩÈ˛, =∫…‰ ∫…Ω˛“ ∞¸{… ®… V……x…x…… W…∞¸Æ˙“ Ω˲ *

    1. §……‰v…

    ¶……Æ˙i…“™… n˘∂…«x… ®… §……‰v… E‰Ú  ±…B ®…Ω˛i¥…{…⁄h…« ∫l……x… Ω˲ *  EÚ∫…“ ¶…“ ¥™… HÚ ®…  EÚ∫…“ ¶…“

    ¥…∫i…÷ E‰Ú §……Ɖ˙ ®… EÚΩ˛x…‰ ∫…‰ ™…… ∫…÷x…x…‰ ∫…‰ {…Ën˘… Ω˛…‰x…‰¥……±…‰ S…‰i…x…… EÚ…‰ Ω˛®… §……‰v… EÚΩ˛i…‰ ΩĘ̀ * §……‰v… EÚ…‰

    i…E«Ú ∫…∆M…i… Y……x… EÚ“ EÚ∫……Ë]ı“ {…Æ˙ n‰˘J…x…… W…∞¸Æ˙“ x…Ω˛” Ω˲ *

    2. ∫……{…‰I… Y……x… (relational knowledge)

    ∫……{…‰I… Y……x… E‰Ú  ±…B S……Æ˙ |…®…÷J… i…i¥… ΩÈ˛ *

    1. Y……i…… (knower) 2. Y…‰™… (the object known) 3. Y……x… |……Œ{i… EÚ“ |… GÚ™…… (process of acquiring knowledge) 4. {… Æ˙h……®…∫¥…∞¸{… |……{i… Y……x… (resultant knowledge)

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 39

    {…÷π]ı Y……x… EÚ“ ∫……v…x…… EÚ…‰ |…®……h…… E‰Ú + v…EÚ…Æ˙ E‰Ú +…v……Æ˙ {…Æ˙  ¥…¶…HÚ  EÚ™…… M…™…… Ω˲ *

    Ω˛Æ˙ BEÚ |…®……h… EÚ… + v…EÚ…Æ˙ E‰Ú I…‰j…  EÚ∫…“ +x™… |…®……h… EÚ… + v…EÚ…Æ˙ I…‰j… ∫…‰  ¥… ∂…π]ı ®……x…… M…™……

    Ω˲ *

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    Perspectives of Humanities, Languages and Methodology Page 40

    =n˘…Ω˛Æ˙h… ΩĘ̈ *  ®…l™……v……Æ˙h…… EÚ“ {… Æ˙EÚ±{…x…… EÚ…‰ ∫…®…Z…x…… =i…x…… +…∫……x… x…Ω˛” Ω˲ *

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    V…Ëx…… EÚ… ∫™……n˘¥……n˘ |…∫…∆M… E‰Ú BEÚn˘®…  ¥…Ø˚r˘ Ω˲*