श्वेतपत्र · नई स्टाटकअप फंवडंग मैकेवनम(तंत्र) वनिेशकों की भागीदारी के
International Conference on Role of Communication Media in ......स्वाथर्ष के...
Transcript of International Conference on Role of Communication Media in ......स्वाथर्ष के...
•
International Conference
on
Role of Communication Media in
Promoting Scientific Temper
:Organized by
-CSIR NISCAIR
( )Vigyan Prasar DST
( ) &NCSTC DST
NCSM
वजै्ञानिनिक दृष्टिष्टिकोण तथान चेतनिान जगाननि ेमेसंचानर मानध्यमों की भूमिमकान पर अंतररानष्टिरीय सम्मेलनि
29-30 मई, 2012एन.ए.एस.सी.कॉम्प्लेक्स, पूसा
नई िदिल्ली
शोधपत्र का शीषकर्षकवजै्ञानिनिक दृष्टिष्टिकोण तथान चेतनिान जगाननि ेमेसमानचानर-पत्रों की भूमिमकान: एक केस स्टिडी
प्रस्तुतितडॉ. कृष्ण कुमार िमश
होमी भाभा िविज्ञान िशिक्षा केन्दटाटा मूलभतू अनुसधंान संस्थान
मंुबई-400088
सहअध्येतान- सवर्वश्री अिरंदम बोस एवं अिमत शर्मानर्व
प्रस्तानवनिान● पं. नेहरू ने 1946 में अपनी पुस्तक 'िडिस्कवरी आफ इंिडिया' में वैज्ञािनक प्रवृत्तित्ति का सामान्य िवचार स्पष्ट िकया था। उन्होंने इस ेजीवन शैली, सोचने का तरीका, कायर्ष करने का तरीका तथा सहचरों के साथ व्यवहार तथा सगंत करने का तरीका बताया था।
● जनमानस में वैज्ञािनक दृष्टिष्टकोण का िवकास हमारे संिवधान के अनुच्छेदि 51,अ के अंतगर्षत मौलिलक कत्तिर्षव्यों में स ेएक है।
प्रस्तानवनिान● वषकर्ष 1976 में 42वें सिंवधान सशंोधन में वजै्ञािनक “प्रवृत्तित्ति के साथ मनुष्य जाित की सवेा" को जोड़ा गया। भारत दुििनया का पहला राष्टर बना िजसने वैज्ञािनक चेतना को नागिरक कतर्षव्यों में शािमल िकया।
● जैन, सांख्य तथा बौलद्ध परंपराएं अन्वेषकण की प्रवृत्तित्ति पर बारंबार बल देिती हैं। आंख मूदंि कर िवश्वास न करने की बात उनमें कही गयी है।
प्रस्तानवनिान● अन्वेषकण की प्रवृत्तित्ति तथा प्रश्न पूछने तथा पूछे जाने का अिधकार वैज्ञािनक प्रवृत्तित्ति के मूलाधार हैं। इसका एक सार है; मनुष्य जाित का अपने भाग्य का स्वामी होना, न िक ग्रह-नक्षत्रों के दुिष्ट भाव का अप्रितरोधी िशकार बनना।
● अनुभव बताता है िक िवगत 3 दिशकों में धािमर्षक तथा साम्प्रदिाियक एकरूपता के सावर्षजिनक प्रदिशर्षन, अिववेकपूणर्ष धािमर्षक मान्यताओं का प्रभुत्व, सधुारिवरोधी व्यवहार को प्रश्रय तथा धािमर्षकता तथा धािमर्षक प्रतीकों के प्रयोग में वृत्तिद्ध हुई है।
प्रस्तानवनिान● िवगत 2 दिशकों में ICT सवेाओं का जबदिर्षश्त िवस्तार हुआ है। इंटरनेट तथा www की पहुंच बढ़ी है। लेिकन इसी साइबर स्पेस को उन लोगों ने अपने स्वाथर्ष के िलए बखूबी इस्तेमाल िकया है जो ततं्र-मतं्र, जादूि-टोने तथा अवजै्ञािनक िवचारों के प्रसार में संलग्न हैं।
● यह सच है िक बीत ेवषकोर्षों में वैज्ञािनक सचूना का आधार बढ़ा है लेिकन यह मान लेना िक यह सचूना ज्ञान में पिरवितर्षत होकर दृष्टिष्टकोण में बदिलाव ला रही है, वास्तिवकता से परे है।
प्रस्तानवनिान● आज मीिडिया जगत में अिधसंख्य धािमर्षक चैनल हैं लेिकन अफसोस! एक भी िवज्ञान चैनल नहीं है।
● िवज्ञान सचंार, खास करके लोकिवज्ञान की मलूभावना लोकिहतकारी है। वास्तव में यह वह कंुजी है जो जनोपयोगी ज्ञान-िवज्ञान की जानकारी तथा वैज्ञािनक दृष्टिष्टकोण के लाभों को जनता तक पहुँचा सकती है िजसस ेवैज्ञािनक चेतनासंपन्न समाज के िनमार्षण में मदिदि िमलेगी।
प्रस्तानवनिान● लोकतंत्र में आमआदिमी के मद्िदेिनज़र िप्रण्ट माध्यमों में समाचार-पत्रों की भूिमका सबसे अहम है। इसकी अहिमयत के संदिभर्ष में एडिमंडि बकर्ष ने कभी इसे 'फोथर्ष इस्टेट' कहा था।
● इस अध्ययन में 22 जुलाई 2009 को सदिी के सबस े बड़े सूयर्षग्रहण के अवसर पर 19-23 जुलाई तक, कुल 5 िदिनों के दिौलरान छपी सयूर्षग्रहण स ेजुड़ी समस्त प्रकािशत सामिग्रयों का एक केस स्टडिी के तौलर पर अध्ययन तथा िवश्लेषकण िकया गया।
अध्ययनि कान अभीष्टि
● एक बड़ी खगोलीय घटना के दिौलरान समाचार-पत्रों के द्वारा िवज्ञान संचार का तथ्यात्मक तथा सोद्िदेिश्य आकलन करना।
● इस अध्ययन में गुणात्मक एवं पिरमाणात्मक, दिोनों िविधयों की मदिदि ली गयी।
● मुबंई से प्रकािशत कुल 8 अखबारों का चयन िकया गया िजनमें िहन्दिी (1), मराठी (3) तथा अंग्रेजी (4) अखबार शािमल थे।
अध्ययनि कान अभीष्टि
● क्षेत्रफल के तौलर पर अखबार का कुल मिुद्रित क्षेत्रफल, सयूर्षग्रहण से संबिन्धत सामग्री का क्षेत्रफल तथा इतर सामिग्रयों का क्षेत्रफल मापा गया।
● गुणात्मक अध्ययन में; ) i िवशुद्ध समाचार, ) ii
िवज्ञान िवषकयक समाचार तथा ) iii
अंधिवश्वास/रुढ़िढ़वािदिता प्रसारक समाचार
सामग्री तथा अध्ययन िविधयां
िदिनाकं िहन्दिी समाचार पत्रों की संख्या
मराठी समाचार- पत्रों की संख्या
अग्रेजी समाचार-पत्रों की सखं्या
कुल
19 जुलाई 2009 -- 1 -- 1
20 जुलाई 2009 -- 1 1 2
21 जुलाई 2009 1 1 3 5
22 जुलाई 2009 1 3 3 7
23 जुलाई 2009 1 3 4 8
तािलका-1
समाचार पत्र का नाम
िदिनाकं कुल समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी)
सयूर्षग्रहण स ेअसबंंिधत समाचार का कुल क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
ग्रहण सबंंिधत समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण पर शुद्ध समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण स ेसबंंिधत िवज्ञान प्रसारक समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
अंधिवश्वास-प्रसारक समाचार
का क्षेत्रफल(वगर्ष समेी)
भारत सरकार द्वारा िदिए गय े
िवज्ञापन का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी) तथा %
लोकसत्तिा 22.7.09 33000 32021.5 978.5 2.9%
74.2507.59%
904.25 92.41%
0 0%
0 0%
23.7.09 36300 34363.38 1936.62 5.3%
732.12 37.8%
1204.50 62.2%
0 0%
0 0%
लोकमत 21.7.09 26400 25986 382.24 1.4%
0 0%
349.74 91.5%
32.50 8.5%
0 0%
22.7.09 26400 25910.25 489.75 1.9%
379.577.49%
110.2522.51%
00%
0 0%
23.7.09 26400 25181.5 1218.54.6%
1218.5100%
00%
00%
00%
समाचार पत्र का नाम
िदिनांक कुल समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
सयूर्षग्रहण स ेअसबंंिधत समाचार का कुल क्षेत्रफल (वगर्ष समेी)
ग्रहण सबंंिधत समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण पर शुद्ध समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण स ेसबंंिधत िवज्ञान प्रसारक समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
अंधिवश्वास-
प्रसारक समाचार का
क्षते्रफल(वगर्ष समेी)
भारत सरकार द्वारा िदिए गये
िवज्ञापन का
क्षते्रफल(वगर्ष समेी) तथा %
सकाल 19.7.09 34243.2 33580.64 662.561.9%
00%
662.56100%
00%
00%
20.7.09 34243.2 33812.6 430.601.3
00%
430.60100%
00%
00%
22.7.09 34243.2 34182.15 61.050.02%
61.050100%
00%
00%
00%
23.7.09 34243.2 33346.89 896.312.6%
896.310100%
00%
00%
00%
कुल मराठी समाचार-पत्र
285472.8 278384.9197.51%
7056.132.49%
3358.1347.59%
3661.951.89%
32.50.46%
00%
समाचार पत्र का नाम
िदिनांक कुल समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
सयूर्षग्रहण स ेअसबंंिधत समाचार का कुल क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
ग्रहण सबंंिधत समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण पर शुद्ध समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण स ेसबंंिधत िवज्ञान प्रसारक समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
अंधिवश्वास-
प्रसारक समाचार का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी)
भारत सरकार द्वारा िदिए गय े
िवज्ञापन का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी) तथा %
नव भारत टाइम्स
21.7.09 17056 16006.39 642.066.2%
255.7539.83%
00%
386.3160.17%
00%
22.7.09 23878.4 23470.85 407.551.7%
00%
407.55100%
00%
00%
23.7.09 20467.2 19724.82 742.383.6%
742.38100%
00%
00%
00%
कुल िहन्दिी समाचार पत्र
61401.6 59202.0696.5%
1791.993.5%
998.1355.69%
407.5522.74%
386.3121.55%
00%
समाचार पत्र का नाम
िदिनांक कुल समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी)
सयूर्षग्रहण स ेअसबंंिधत समाचार का कुल क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
ग्रहण सबंंिधत समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण पर शुद्ध समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण स ेसबंंिधत िवज्ञान प्रसारक समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
अंधिवश्वास-प्रसारक समाचार का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी)
भारत सरकार द्वारा िदिए गये
िवज्ञापन का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी) तथा %
डिीएनए 21.07.09 52800 52098.75 701.251.3%
150.0021.39
551.2578.61%
00%
00%
22.07.09 52800 52405.5 394.50.07%
289.5073.38%
105.0026.2%
00%
00%
23.07.09 52800 50920.5 1879.503.6%
1879.50100%
00%
00%
00%
िहन्दिसु्तानटाइम्स
20.07.09 48700 48524 93.50.04%
00%
93.50100%
00%
00%
21.07.09 48700 48606.5 1760.02%
176.00100%
00%
00%
00%
समाचार पत्र का नाम
िदिनांक कुल समाचार का क्षते्रफल (वगर्ष समेी)
सयूर्षग्रहण स ेअसबंंिधत समाचार का कुल क्षेत्रफल (वगर्ष समेी)
ग्रहण सबंंिधत समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण पर शुद्ध समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
ग्रहण स ेसबंंिधत िवज्ञान प्रसारक समाचार का क्षेत्रफल (वगर्ष समेी तथा %)
अंधिवश्वसा -
प्रसारक समाचार का
क्षते्रफल(वगर्ष समेी)
भारत सरकार द्वारा
िदिए गये िवज्ञापन का
क्षेत्रफल(वगर्ष समेी) तथा %
िहन्दिसु्तानटाइम्स
23.07.09 57800 55645.04 2154.963.7
1793.8283.24%
231.1410.73%
130.006.03%
00%
कुल अंग्रेज़ी समाचार-पत्र
573700 561279.7297.9%
12420.282.1%
9818.4679.05%
1935.915.58%
275.682.21%
408.243.28%
कुल समाचार-पत्र
920574.4
89886.6997.7%
21268.42.3%
14178.3266.64%
6005.3528.23%
676.493.18%
408.241.9%
पिरणानम तथान पे्रक्षण● यद्यपिप समाचार-पत्रों ने इस खगोलीय घटना को स्थान िदिया (2.3%), लेिकन प्रकािशत सामग्री में अिधकतर िवशुद्ध 'िरपोिटर्षोंग' ही थी (66.64%)।
● िकसी भी अखबार ने सपंादिकीय िलखने की जरूरत नहीं समझी, तथा िकसी िवज्ञान-सचंारक से भेंटवातार्ष प्रकािशत नहीं िकया।
● ग्रहण के शैिक्षक संदिभोर्षों तथा लोकचेतना िवकिसत करने के पिरप्रेक्ष्य का अभाव
● अलबत्तिा ग्रहण स ेजुड़ी रूिढ़यों, िमथों, लोकिवश्वासों तथा लोकाचारों पर ज्यादिा बल था।
●
पिरणानम तथान पे्रक्षण
● कुछ शीषकर्षक द्रिष्टव्य हैं; सयूर्षग्रहण में करें पुण्यग्रहण!, ग्रहण का िविभन्न रािशयों पर प्रभाव, वेधकाल (अपुण्यकारी), वगैरह।
● ग्रहण स े जुड़ी वैज्ञािनक तथा वस्तुिनष्ठ बातों पर जोर कम (28.23%) था।
● केवल एक अखबार (अंग्रेज़ी) में सरकारी संस्था की तरफ से एक िवज्ञापन छपा था िजसमें लोगों से सयूर्षग्रहण को सरुिक्षत तौलर से देिखने का आग्रह िकया था।
िवमशर्र्व तथान िनिष्कष�र्व● इस अध्ययन से स्पष्ट हुआ िक दुििनया के सबस ेबड़े लोकतंत्र में इस चौलथे स्तम्भ की जो भूिमका होनी चािहए वह कहीं दृष्टिष्टगोचर नहीं हुई।
● समाज में व्याप्त अंधिवश्वासों तथा रुढ़िढ़यों से िनजात िदिलाने, तथा जनमानस को िवज्ञानदृष्टिष्ट प्रदिान करने की िदिशा में समाचार-पत्र गंभीर नहीं िदिखे।
●
िवमशर्र्व तथान िनिष्कष�र्व
● बाजारवादिी व्यवस्था में अगर समाचार-पत्र खुदि को चंदि दिायरों में सीिमत रखते हुए अपने दिाियत्वों से कतराते रहे तथा देिश के परंपरावादिी तथा रुढ़िढ़वादिी समाज को उसके दििकयानूसी सोच तथा िचतंन की जकड़न स ेमकु्त कराने में भागीदिार बनने स ेबचते रहे तो जािहर है िक राष्टरीय िवज्ञान नीित तथा सिंवधान की मलू भावना के तहत तकर्ष सम्मत समाज िनमार्षण का सपना शायदि बहुत दूिर की बात होकर रह जाएगा।
संदिभर्ष-पुस्तकें
● िवज्ञान पत्रकािरता के मूल िसद्धान्त (2001), डिॉ. िशवगोपाल िमश्र (सपंा.), तक्षिशला प्रकाशन, नयी िदिल्ली
● िवज्ञान सचंार (2001), डिॉ. मनोज पटैिरया, तक्षिशला प्रकाशन, नयी िदिल्ली
● िवज्ञान-समाचार-लेखन (1992), चके्रश जैन, हीरा भैया प्रकाशन, इंदिौलर
समाचार पत्रों में सूयर्ष ग्रहण
िवशुद्ध समाचार
िवज्ञान प्रसारक समाचार
अंधिवश्वास प्रसारक समाचार
सरकारी प्रयास