पिि बाबा क अंपतम पिक्षाएँ...(Final Teachings of Shiv Baba)...

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जापिता ाकु मारी ईरीय पिपिालय (BK Godfatherly Spiritual University) पिि बाबा की अंपतम पिाएँ (Final Teachings of Shiv Baba) “ मीठ े बो, संगम युग क े महान समय को ऐसे सफल करो ~ ाण आाओ के पलए पििेष ान-योग-िुषाथ की अनमोल पकताब ~ An eBook of Purusharth to print and revise Telecasted by: Peace of Mind TV | Book Created by: Shiv Baba Service Initiative Source: www.bkgsu.com

Transcript of पिि बाबा क अंपतम पिक्षाएँ...(Final Teachings of Shiv Baba)...

  • प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय पिश्वपिद्यालय

    (BK Godfatherly Spiritual University)

    — पिि बाबा की अंपतम पिक्षाएँ —

    (Final Teachings of Shiv Baba)

    “ मीठे बच्चो, संगम युग के महान समय को ऐसे सफल करो ”

    ~ ब्राह्मण आत्माओ के पलए पििेष ज्ञान-योग-िुरुषार्थ की अनमोल पकताब ~

    An eBook of Purusharth to print and revise

    Telecasted by: Peace of Mind TV | Book Created by: Shiv Baba Service Initiative

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  • यह मधुबन से आये हुए PMTV द्वारा ममले मिशेष पुरुषार्थ स्वयं परममपता मशि बाबा द्वारा पे्रररत है। इसे

    बहुत ध्यान से रोज पढ़े। समय अनुसार बाबा के अव्यक्त इशारे भी आपको इसी में ममलेंगे। सभी पुरुषार्ी

    ब्राह्मण आत्माए इस मकताब का लाभ उठाए (print करें ) और अपने पुरुषार्थ में गमत और सुधार लाए।

    Daily Purusharth inspired by Shiv baba (God, the Supreme father) for present time's special

    and rewarding Purusharth. These inspirations are directly given by Shiv baba during

    ‘Amritvela Yog’ and were broadcasted from madhuban through PMTV (Peace of mind TV).

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  • First Edition:

    27th March, 2020

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    The Shiv Baba Service Initiative (Contact: [email protected]);

    Prajapita Brahma Kumari Ishwariya Vishwa Vidhyalay (Madhuban)

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  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    Om Shanti 08.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    आज बाबा बच्चों के पुरूषाथर् को देख रहा था...,  तो बाबा ने देखा िक बच्चे मेहनत कर रह ेह.ै..!

    परन्तु बच्चे, अब आप बच्चों को मेहनत नहीं करनी, अब आपके अंदर ज्ञान, योग, धारणा, सेवा समा गयी ह।ै   बस स्वयं पर attention ही रखना ह ैऔर बहुत सहज रीित आगे से आगे बढ़ना ह.ै..।  

    िफर बाबा ने कहा ... िनश्चय, समपर्ण भाव और धैयर्ता - यहीं गुण कहो ... शिक्त कहो ... आप बच्चों को मंिज़ल पर पहँुचाएगी...।  

    देखो बच्च,े बाप (परमात्मा िपता) इस समय आपके छोटे से छोटे काम के िलए भी हािज़र ह.ै..। बस आप बाप को बता िनिश्चन्त होकर बैठ जाओ...।   परन्तु होता क्या ह.ै.., जब आप कोई छोटा-सा कायर् बाबा को बोलत ेहो और वो जल्दी से नहीं होता तो आप स्वयं करने लग जाते हो...!   परन्तु उस समय आप बाप पर 100% िनश्चय रखो...।  

    यिद वो कायर् उस समय नहीं हो रहा ह,ै तो उसमें केवल आप बच्चों का ही कल्याण ह.ै..।   यिद बाप को कहने के बाद नहीं हो रहा और आपके करने से हो जाता ह ैतो short term के िलए तो सफलता िमलेगी परन्तु हमेशा के िलए नहीं...!  

    इसिलए अपनी शान्तिचत्त अवस्था बनाये रखो..., love and light का अभ्यास करत ेरहो...।  

    बच्चे, यह ज्ञान और योग ठीक रीित करने पर आप बच्चों में accuracy, awareness और balance आएगा ... अथार्त् आपकी बुिद्ध सभी directions पर कायर् करेगी ... इसिलए इस बात पर भी attention दो...।  

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 1 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    योग में मस्त होना अच्छा ह,ै लेिकन इतना मस्त नहीं होना िक आप अपनी िज़म्मेवािरयों से ही पीछे हट जाओ ... अथार्त् िजस समय, िजस कायर् की ज़रूरत ह ैअथार्त ्िजस कायर् से आपके पिरवार के सदस्य satisfied रहते ह,ै वो कायर् भी करो..., तािक आपके पिरवार का खुशी भरा वातावरण आप सबको उड़ा दे...।   महीनता से इस point को समझना ह.ै..।  

    इसिलए बच्चे, अब स्वयं के पुरूषाथर् पर और बाप (परमात्मा िपता) पर, 100% िनश्चय रख धैयर्तापूवर्क चलो...।  

    जो यह िवश्व-पिरवतर्न का कायर् हो रहा ह,ै वह कोई छोटा कायर् नहीं ह.ै..!   और इस समय यह कायर् बहुत speed से चल रहा ह ैअथार्त् internally सारी तैयारी हो चुकी ह ै... बस प्रत्यक्ष होने ही वाली ह.ै..।  

    बस बच्च,े आप 100% समपर्ण हो, बाप पर िनश्चय रख आगे से आगे बढ़ो ... िबलु्कल अचानक ही पिरवतर्न हो जायेगा...।  

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 09.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    आज बाबा ने कहा िक बच्चे सोचते हैं िक हमारा योग बहुत powerful लग रहा ह,ै तो योग में और क्या करे◌े◌ं...?

    तो बाबा ने कहा िक अगर बाबा बच्चों को कहें िक आप अपने powerful vibrations का प्रयोग करो ... वृित से अपने आस-पास के वायुमण्डल का, आत्माओं का पिरवतर्न करो और बच्चे यह कायर् करें, और यिद उन्हें सफलता जल्दी नहीं िमलती तो बच्चे सोच में पड़ जाते ह.ै..!

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 2 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    परन्तु बच्चे, हर कायर् धैयर्तापूवर्क ही होता ह.ै..। हर बुराई की अित के बाद अन्त होती ह।ै इन सब बातों का ज्ञान ना होने के कारण बच्चे मूंझ जाते हैं। 

    इसिलए बाबा बच्चों को कहता ह ैिक आप सहज रीित स्वय ंपर attention दे आगे बढ़ते रहो...। 

    बच्चे, िकसी भी कायर् में सदा के िलए सफलता चाहते हो तो जो भी result िमल रही ह ैउसकी परवाह िकये िबगर आगे बढ़ो ... और आपके िनिश्चन्त होते ही आपको आपके कायर् में भरपूर सफलता िमलनी शुरू हो जायेगी...। 

    ‘िनश्चय और धैयर्ता’ - यही सफलता की चाबी ह।ै  इसे बाबा दृढ़ता भी कहता ह ैअथार्त् कुछ भी हो मुझे अपना कायर् करते ही रहना ह ै... डगमग नहीं होना...। 

    बाबा ने देखा िक बच्चों न ेतपस्या की ह,ै वो भी िबलु्कल बाप की श्रीमत प्रमाण ... बाप के सपूत बच्चे का सबूत िदया ह ैऔर बाप भी बच्चों के िलए यही गीत गा रहा ह ैिक वाह बच्चे वाह, वाह मेरे सपूत बच्चे वाह...। 

    ज्ञान की महीनता को समझ स्वयं पर attention के आधार पर बच्चों ने स्वय ंमें बहुत पिरवतर्न िकया ह ै...और इस सफलता का major आधार ह ै- ‘िनश्चय और धैयर्ता’...।  िजस तरह बच्चे ‘एक बल - एक भरोसा’ हो चले हो, तो सफलता ह ैही ह.ै..। 

    तो बच्चों ने कहा; बाबा हम भी हमेशा वाह बाबा वाह के गीत गाते ह ै... और आपके सहयोग से ही हम यहा ँतक पहँुचे ह.ै..। 

    तो बाबा ने कहा िक बाबा (परमात्मा िपता) अपने सपूत बच्चों के साथ हर पल ह ैऔर उनकी िवजय तो िनिश्चत ही ह.ै..।  बस बाबा तो िनिमत्त बन अपना part बजा रहा ह.ै..। 

    बस बच्च,े इसी तरह उमंग-उत्साह में रह आगे बढ़ो ... बस मंिज़ल अब कुछ ही कदम पर ह.ै..।  सभी बच्चे बाप पर 100% िनश्चय रखें...।  सभी श्रेष्ठ आत्माएं ह ैऔर सभी का part ऊँचा ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 3 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    इसिलए हमेशा बाप पर 100% िनश्चय रख, िनिश्चन्त रह, आग ेबढ़ो...।  जब परमात्मा बाप साथ में हैं, तो िवजय तो ह ैही ह.ै..। 

    देखो, अब problems के बारे में सोचना बन्द करो ... प्रािप्तयों के बारे में सोचो...। बस आगे प्रािप्तयां ही प्रािप्तयां ह ै... नाचो, गाओ, खुिशयां मनाओ ... वाह बच्चे वाह...!

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 10.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, स्वयं पर full attention रख love and light के साथ-साथ purity का भी अभ्यास करत ेरहो ... और सदा अपनी स्व-िस्थित के आसन पर अथार्त् एकरस िस्थित के आसन पर िस्थत रहो...।

    कुछ भी सोचो मत अथार्त् प्रभाव-मुक्त ... अथार्त् िकसी भी बात का, िकसी भी atmosphere का, िकसी के भी स्वभाव-संस्कार का, कोई भी िकसी भी तरह के कमज़ोरी के प्रभाव से मुक्त ... अथार्त् िकसी भी बात को या कायर् को कहते, करते, सुनते - no effect - इसमें मूंझो मत...।

    देखो बच्च,े कोई भी अच्छी वा बुरी बात का पता तो चलेगा, परन्तु आपके संकल्पों में ना चले...। एक दम शांतिचत्त बन वरदानी मूतर् बन जाओ...। कोई भी अकल्याण की बात वा जो बात आपके according ना हो, तो भी उसके प्रित शुभ भावना, शुभ कामना अथार्त् अकल्याण को भी, ज्ञान के point को use कर, कल्याण में पिरवतर्न कर दो...।

    देखो, जब बाप (परमात्मा िपता) ह ैही साथ में तो कल्याण ह ैही ह.ै..। इसिलए 100% िनश्चय, िफर िनिश्चन्त अवस्था...।

    िनिश्चन्त अवस्था ह ैतो िवजय हुई ही पड़ी ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 4 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बस, इसके िलए 100% समपर्ण भाव रखो। खुद को भी बाप को समपर्ण कर दो ... अथार्त् जहा ँिबठाये, जो िखलाये ... जहाँ रखे, तेरी मज़ीर्...।

    बच्चे, बाप के हर बोल पर 100% िनश्चय रख आगे बढ़ते जाओ, क्योंिक आपको पता नहीं चल रहा ह ैिक पाँच तत्वों से बनी दिुनया जोिक इस समय िबलु्कल तमोप्रधान हो गयी ह,ै वो सतोप्रधान िकस तरह बनती ह.ै.., जबिक आप बच्चे ही िनिमत्त बनते हो...। परन्तु इस दिुनया के पिरवतर्न की िविद्ध को ना जानने के कारण मूँझ जात ेहो।

    जो यह बात बाप बार-बार कह रहा ह ैिक ‘आप ही हो’ अथार्त् आप ही हो िवश्व-पिरवतर्न कतार्..., बच्चे अब आप ‘पहँुचे की पहँुचे’ अथार्त् अपनी सम्पूणर्ता की मंिज़ल के समीप, पहँुच ेकी पहँुचे...। यह दोनों बात 100% सत्य ह ै... और यही संकल्प मंिज़ल पर पहँुचने के आधार ह.ै..।

    इसिलए िनश्चयबुिद्ध बन, िनिश्चन्त रह, इस संकल्प को धारण कर तीव्र गित से आग ेबढ़ो ... बस अब शुभ िदन आयो रें..., शुभ िदन आयो रें...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 11.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, आप शरीर नहीं आत्मा हो, और आित्मक दृिष्ट से सारा संसार ही आपका पिरवार ह।ै  अब बस इस अिन्तम जन्म में गृहस्थ व्यवहार में रहते आपको स्वयं पर attention ही रखना ह ैिक मेरी वज़ह से कोई भी आत्मा असंतुष्ट ना हो ... और आप िजस पिरवार में रहत ेहो, उन सदस्यों की िज़म्मेवारी बुिद्ध से बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर दो...। 

    देखो, अब सब कुछ सम्भालने परमात्मा बाप आ गया ह ै... और उसे पता ह ैिक िकस रीित उसको सम्भालना ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 5 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

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    यिद आप अपनी िज़म्मेवारी समझोगे तो आपके सम्बन्ध में आने वाली आत्माओं के साथ-साथ आपका भी िहसाब-िकताब बन जायेगा, जो िफर आपको स्वयं ही चुक्त ुकरना पड़गेा...! 

    अब सब कुछ बाप (परमात्मा िपता) हवाले करने में आपका भी कल्याण ह ैऔर आपके सम्बन्ध में आने वाली आत्माओं का भी...।  इसिलए बच्चे, आप िनिश्चन्त हो जाओ...। आपका बाप स्वयं आ गया ह,ै आप बच्चों की िज़म्मेवारी संभालने...। िफर बार-बार, सोच-सोच कर क्यों भारी हो जाते हो...? 

    जो थोड़ा बहुत िहसाब-िकताब ह,ै वो सहज रीित चुक्त ुकरो अथार्त् बार-बार बाप को समपर्ण कर अपनी seat पर set होने का अभ्यास करो...।  अब अपना िहसाब-िकताब मत बनाओ। यह ना हो िक समय पिरवतर्न हो जायें और आपको पश्चाताप करना पड़.े..!  अब बस समय पिरवतर्न हुआ की हुआ...।

    इसिलए बच्चे, इस समय सबसे अिधक ज़रूरी ह ैअपनी एकरस अथार्त् शांतिचत्त िस्थित में िस्थत रहना। आपको अपनी यह seat िकसी भी कारण से नहीं छोड़नी ह ै... चाह ेकुछ भी हो जायें...! 

    देखो बच्च,े एकरस िस्थित आपकी बाप-समान िस्थित ह ै... इस िस्थित में जब आप िस्थत होते हो तो आपके साथ बाप ह ैही ह ै... और जब आप योग लगाने के िलए वा िकसी भी कारणवश संकल्पों में क्या, क्यों, कैसे, ऐसे, वैसे वा कब तक लाते हों, तो आप बाप से दरू अथार्त् अपनी मंिज़ल से दरू हो जाते हो...।  इसिलए सदा प्रेमस्वरूप बनकर रहो ... कोई भी बड़ ेसे बड़ा कारण आपको आपकी िस्थित से ना िहलाये...।  बस बच्च,े आप मंिज़ल के समीप ही हो...। 

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 12.07.2018

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 6 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

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                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, अब जल्दी से बाप-समान बन, बाप (परमात्मा िपता) की बाँहो में समा जाओ...। 

    (तो बच्चों ने कहा ... बाबा, हमें भी बहुत जल्दी ह ैिक हम भी आप-समान बन आपकी बाँहो में समा, अितिन्द्रय सुख का अनुभव करें...) 

    िफर बाबा ने कहा... बच्चे, इसके िलए प्रवृित में रहते यह ध्यान रखना ह ैिक आपको एक तो सदा एकरस िस्थित में िस्थत रहना ह,ै दसूरा जो आपने अपना तन, मन, धन, जन ... बुिद्ध से िशवबाबा को समिपर् त िकया ह,ै तो उसमें िफर आपकी आसिक्त ना हो, अथार्त उसमें मन-बुिद्ध ना जाय.े..।

    देखो बच्च,े जो आपने तन बाबा को समपर्ण िकया ह,ै िशवबाबा आपसे भी अच्छी तरह इस तन की संभाल भी करेगा और सहज रीित िहसाब-िकताब चुक्तु करवा देगा...।

    इसी तरह मन में जो संकल्प आये वो भी बाप को सौंपने पर बाप आपके संकल्पों को श्रेष्ठ बना देगा, शुभ भावना ... शुभ कामना से संपन्न कर देगा ... और आपको कभी भी धन की भी कमी नहीं होने देगा ... और साथ ही आपको ज्ञान-धन से भी इतना भरपूर कर देगा िक आप जन्म-जन्मान्तर तक धन-धान्य सम्पन्न बन जाओगे...।

    जन अथार्त् सम्बन्ध-संपकर् में आने वाली आत्माओं की भी अच्छी रीित संभाल कर, उनके सहज रीित िहसाब-िकताब चुक्तु करवा अपने साथ ले जायेगा...। 

    इसिलए बच्चे, आपको सम्पूणर् रीित समपर्ण होना ह.ै..।  यिद अभी भी इनमें आपका समय गया या मन-बुिद्ध गई, तो आप फँस जाओग ेऔर दसूरा आपको बहुत ज्यादा िनश्चय भी होना चािहए...। 

    जैसे एक छोटे बच्चे को माँ-बाप पर संपूणर् िनश्चय होता ह,ै तो मा-ँबाप भी बच्चे की इतनी संभाल करते हैं िक जब भी कोई problem आती ह ैतो वो तुरंत ही अपने बच्चे को अपनी गोदी में िछपा लेते हैं..., जैसे रास्ते में कीचड़ आये तो भी, सफर में कोई गन्दा side scene आय ेतो भी, मा-ँबाप अपने बच्चे को गोदी में िछपा लेते ह ैिक मेरा बच्चा ना देखें...। अथार्त् वो अपने से ज्यादा अपने बच्चे का ध्यान रखते हैं...। 

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 7 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

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    िशवबाबा तो हमेशा बच्चों के श्रेष्ठ भाग्य के गीत गाता ह,ै और बच्चों पर नज़र पड़ते ही बाबा वाह वाह बच्चे..., कहता ह.ै..।  इस तरह आपको भी अपने ऊँच से ऊँच, श्रेष्ठ से श्रेष्ठ स्वमान में िस्थत हो, श्रेष्ठ से श्रेष्ठ अथार्त् बाप-समान बन जाना ह.ै..। 

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 13.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    आज बाबा ने भक्तों और बच्चों में फकर् बताया िक भक्त भी भगवान ्को याद करत ेह ैऔर इसके साथ छोटी-छोटी इच्छाएं रखत ेह ैऔर वो बाप को पूरी रीित जानना भी नहीं चाहत े... अथार्त् उन्होंने द्वापर से सच्ची भिक्त अथार्त् िनःस्वाथर् भिक्त, नहीं की होती...।  िजस कारण मैं परमात्मा िशव, भी उनकी वो ही इच्छा पूणर् कर उनकी भिक्त का फल उन्हें उसी समय दे देता हँू...। 

    भगवान को तो जोिक सभी आत्माओं का बाप ह ैइसिलए सभी बच्चों को उनकी तपस्या का 100% फल देना पड़ता ह ै... चाह ेवो भक्त, भगवान के द्वारा प्राप्त वरदान को दरुूपयोग करें ... तब भी भगवान सब कुछ जानत ेहुए भी उसे उसकी तपस्या का फल देता ही ह.ै..।

    और यहाँ तो स्वयं भगवान बाप बन, आप मीठे-मीठे, प्यारे बच्चों को जन्म-जन्म की तपस्या का फल direct देन ेआ गया ह.ै..।  यह माला में number fix होना, एक जन्म की प्रालब्ध नहीं ह,ै बिल्क द्वापर से लेकर बजाए गये part की प्रालब्ध ह.ै..। 

    आप बच्चे जोिक द्वापर से ही सच्ची भिक्त करते हो अथार्त् िनष्काम भिक्त, िजसकी एवज में मैं (परमात्मा िशव) तुम्हें बाप रूप में िमलता हँू और तुम्हें ऐसा ज्ञान कहो, समझानी कहो देता हँू, िजससे तुम नम्बरवार मेरे समान बन जाते हो...। 

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 8 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    मैं तुम्हारी छोटी-छोटी इच्छाएं नहीं पूरी करता, बिल्क तुम्हें इतना योग्य बना देता हँू िक तुम अपने साथ-साथ सारे िवश्व की आत्माओं की इच्छा को पूणर् कर देते हो...। 

    यिद मैं बीच-बीच में तुम्हारी इच्छायें पूरी करने लग जाऊँ, तो तुम्हारी तपस्या का फल कम हो जाता ह.ै..। इसिलए मैं बार-बार कहता हँू िक आप समपर्ण हो जाओ अथार्त ्इन सभी पिरिस्थितयों को मुझ ेसमपर्ण कर दो ... अथार्त् आप बेिफक्र हो जाओ...।

    और जब आप इच्छा-मुक्त या पिरिस्थित-मुक्त हो जाते हो, तो आपमें इतनी power आ जाती ह ैिक आपके संकल्प कायर् करने लग जाते ह,ै अथार्त् आपके powerful vibrations आपके आस-पास, आपके अनुकूल वातावरण बना देते ह.ै..।  अन्यथा आप छोटी-छोटी पिरिस्थित में फँस मैं और मेरे में आ जाते हो...। 

    इसिलए बाबा कहता ह.ै.. िनरसंकल्प हो जैसे बाप कहता ह,ै वैस ेकरो ... तब ही आप सभी चीज़ों से अथार्त् इस पाँच तत्वों की दिुनया के प्रभाव से िनकल बाप-समान बन सकते हो...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 14.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, मन और बुिद्ध के मािलक बन इन्हें अपने order से चलाओ...।

    यिद अभी भी, कभी आप मािलक बनो ... और कभी मन-बुिद्ध..., तो वह ठीक नहीं ह.ै..।

    यिद अभी भी आप स्वराज्य अिधकारी अथार्त् अपने मन-बुिद्ध के राजा नहीं बनोगे, तो ना ही बाप के िदलतख्तनशीन बनोगे और ना ही िवश्व-अिधकारी बन पाओगे...।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 9 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

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    बच्चे, आपको इस दिुनया के सभी साधनों से वैराग्य आ जाना चािहए, नहीं तो अंत समय यह साधन आपको अपनी तरफ खींचेगे...।

    • इन साधनों से क्या प्राप्त करना चाहते हो...? • क्या इच्छा रह गयी ह.ै..? • दिुनया के समाचार जानना चाहते हो या अपना time paas करने के िलए इन्हें use करत ेहो...!  • क्या बाप से यह सब प्रािप्त नहीं होती...? • या आप स्वयं से या बाप से bore हो जाते हो...? • या सोचते हो िक एक second तो लगता ह.ै..!

    परन्तु बच्चे, आपका एक-एक second बहुत बहुमूल्य ह ै... और िफर पूरे कल्प में ऐसे बाप (परमात्मा िपता) का साथ नहीं िमलेगा...!

    अितिन्द्रय सुख का गायन ही गोप-गोिपयों का ह ै... और सवर् प्रािप्त अभी की, और भिवष्य में भी िशव बाप से ही होनी ह.ै..।

    इसिलए full attention दो ... मनन-िचंतन करो ... बाप से रूह-िरहान करो ... मन्सा सेवा करो ... और शांित में बैठ यह अभ्यास बढ़ात ेचलो...।

    बच्चे, बाबा बार-बार कह रहा ह ै- ‘अभी नहीं, तो कभी नहीं’...।

    यिद आप मजबूरी से कोई कायर् करते हो, तो वो भी जमा हो जात ेह ै... और यिद मन से करते हो तो नीचे की तरफ आ जाते हो...। इसिलए हर बात को परखकर बड़ी युिक्त-युक्त ढगं से चलते चलो...।

    बच्चे, प्रवृित में रहते बड़ ेयुिक्त-यक्त ढगं से चलना पड़ता ह,ै इसिलए आप बच्चों को अपने गुणों और शिक्तयों की seat से कभी भी नहीं उतरना ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 10 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

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    Om Shanti 15.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    आज बच्चों ने बाबा से कहा िक बाबा, हम अपना 100% दे पुरूषाथर् कर रह ेह ै... हमारे अंदर एक ही लगन ह ैिक बाप-समान बनना ही ह।ै इतना पुरूषाथर् करन ेके बाद भी वो powerful िस्थित नहीं बन रही ह.ै..?

    Light की dress में रहन ेका भी अभ्यास करते ह ै... और आपकी छत्रछाया के नीचे रहने का भी अभ्यास करते ह.ै.., परन्त ुदोनों एक साथ नहीं कर पाते...!

    तो बाबा ने कहा... बच्चे, िशवबाबा की नज़र हर पल आप बच्चों पर ही ह।ै बाबा देख रहा ह ैिक बच्चों के अंदर एक ही लगन ह ैपरन्तु मगन होने में नम्बरवार ह.ै..।

    यिद बच्चे, आप अपना 100% दे पुरूषाथर् करते हो और आपके ऊपर अपना full attention ह,ै तो बाप की guarantee ह ैिक बाप आपको अपने समान बना साथ ले जायेगा...।

    यह अभ्यास नया होने के कारण आप लोगों को थोड़ा मुिश्कल लगता ह,ै परन्त ुजैसे-जैसे अभ्यास बढ़ाते जाओगे उतना ही सहज हो जायेगा और पहले से सहज हुआ भी ह.ै..।

    और जब आप light house - might house िस्थित में िस्थत होत ेहो, तो automatically आपका connection main power house के साथ हो जाता ह.ै..।

    इसिलए ज्यादा सोचो मत, ज्यादा सोचने पर िदलिशकस्त हो जात ेहो। वैसे भी िहसाब-िकताब clear करने का समय होने के कारण िस्थित ऊपर-नीच ेहोती ह,ै परन्त ुआपका full attention होने के कारण आप तुरन्त अपनी seat पर set हो जात ेहो...। इसिलए अपने पर िनश्चय रखो। आप ही कल्प-कल्प के िवजयी रत्न हो...।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 11 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बस मैं और मेरे-पन का त्याग कर, बाबा पर 100% िनश्चय रख, हले्क हो, आगे से आगे बढ़ते चलो ... ज्यादा सोचो मत ... कैसे होगा ... कब होगा ... मैं कर पाऊँगा या नहीं...!

    स्वयं से संतुष्ट रह अथार्त् अपने पुरूषाथर् से संतुष्ट रह, बीती को िबंदी लगा, परमात्मा बाप की याद की लगन में मगन रहो...। बाबा हर पल आपके साथ ह ैअथार्त् बाप भी आपको स्नेह, सहयोग और शिक्त दे रहा ह,ै िफर तो हुआ ही पड़ा ह ैना...!

    इसिलए अब कोई हलचल नहीं, एकदम संतुष्ट, अचल, अडोल और एकरस रहना ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 16.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, आप हो एक आत्मा अथार्त ्संकल्प शिक्त अथार्त् point of energy अथार्त् आत्मा...।

    एक तरफ हो आप थोड़ी-सी आत्मायें िजन्हें बाप तैयार कर रहा ह.ै..। उन्हें ऐसी पढ़ाई पढ़ा रहा ह ैिजससे उनके अंदर केवल positive संकल्प ही होंग,े कोई mixture नहीं ... ना ही कोई साधारण संकल्प ... ना ही कोई व्यथर् ... सदा उमंग, उत्साह, सफलता, खुशी से भरे हुए ... बेहद के कल्याण के िनिमत्त powerful संकल्प...।

    और दसूरी तरफ, सारे िवश्व की आत्मायें, व्यथर्, negative और साधारण संकल्पों से भरपूर ... परन्तु इस समय वो सभी आत्मायें हार चुकी ह,ै थक चुकी ह,ै िनराश हो चुकी ह ैऔर उनकी हर खुशी और सफलता क्षण भंगुर ह ै... उनके अंदर हर समय एक डर समाया हुआ ह ै... अथार्त् उनकी आसुरी शिक्तया ंशिक्तहीन हो चुकी ह ैऔर इधर आप आत्मायें िदनों-िदन शिक्तशाली होती जा रही हो, क्योंिक आपका स्वयं पर attention हर पल का ह ैऔर आप बच्चों ने अपने इस पाँच तत्वों रूपी वस्त्र में भी अंदर-रीित (अथार्त् internally) काफी पिरवतर्न कर िलया ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 12 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बस थोड़ ेसे attention से ही सारा कायर् हो जायेगा अथार्त ्आपकी ईश्वरीय ताकत आसुरी ताकत पर िवजय प्राप्त कर लेगी अथार्त् उन्हें तमोप्रधान से सतोप्रधान बना देगी...।

    अभी भी आपकी शिक्तयों ने आसुरी शिक्तयों को िबलु्कल कमज़ोर कर िदया ह ै... बस आप सब बच्चों का एक powerful िस्थर संकल्प, पिरवतर्न का संकल्प सब कुछ पिरवतर्न कर देगा...।

    बस बच्च,े बाप (परमात्मा िपता) को, बाप की िशक्षाओं को संग रख, love and light के अभ्यास को करते आगे बढ़ो ... िवजय हुई ही पड़ी ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 17.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, आपका लक्ष्य बहुत ऊँच ह ैअथार्त् आप मनुष्य से देव और देव से भगवान समान बनने का पुरूषाथर् करते हो ... अथार्त् आप सारी दिुनया के रचियता परमिपता परमात्मा के समान इस दिुनया में रहत ेबनना चाहते हो।

    जबिक इस दिुनया की मनुष्य आत्मायें, द्वापर से ही परमात्मा से िमलन ेके िलए या उनके क्षण भर के दशर्न के िलए अपना पूरा जीवन ही लगा देती ह।ै

    परन्तु आप मुट्ठी भर बच्चे, परमात्मा बाप की श्रीमत पर सच्चे मन से, पूरी लगन से चल, बाप-समान बन जाते हो...।

    आपका बाप के प्रित समपर्ण भाव ही आपको, आपके लक्ष्य तक पहँुचाता ह।ै

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 13 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    यह समय की भी बिलहारी ह,ै जो केवल इस समय ही कोई-कोई आत्मायें ही बाप (परमात्मा िपता) को पहचान बाप-समान बनन ेका attention देती ह।ै और केवल योग्य आत्मायें ही नम्बरवार बाप-समान बन सकती ह।ै

    योग्य अथार्त् जो आत्मायें बेहद में सोचे और सच्चे िदल स ेिनश्चय और धैयर्ता को अपना आधार बना आगे बढे़...। ऐसे बच्चों को ही बाप का हर कदम में full सहयोग िमलता ह ै... अथार्त् भगवान बाप ऐसी आत्माओं को ही अपने समान बना लेता ह,ै अन्यथा भगवान तो सबका बाप ह.ै..!

    कई बच्चे सोचते ह ैिक पता नहीं िकतना समय अभी और लगेगा...! देखो बच्च,े बाप की शिक्तयाँ अपरमअपार ह,ै इसके कारण बाप की मिहमा भी अपरमअपार ह.ै..।

    बाप-समान बनने के िलए आपको स्वयं को इतना योग्य तो बनाना ही पड़गेा िक आप बाप की दी गई शिक्तयों को स्वय ंमें सही रीित धारण कर, उसे सही रीित use कर सको...।

    बस बच्च,े बाप पर िनश्चय रख आगे बढ़ो, आप ही कल्प-कल्प के िवजयी हो...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 18.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, बाप-समान बनना सहज नहीं ह.ै.., इसके िलए 100% त्याग, तपस्या अथार्त् समपर्ण भाव चािहए ... 100% िनश्चय चािहए ... क्योंिक हर कायर् सूक्ष्म ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 14 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    इस स्थूल नेत्रों से कुछ िदखाई नहीं देता, परन्तु यहाँ ह ैपरमिपता परमात्मा, सवर् कल्याणकारी, पालनहार भगवान जोिक अपने बच्चों की छोटी-बड़ी हर समस्या को सहज ही अथार्त् हर तूफान को तोहफे में पिरवतर्न कर देता ह.ै.., बस wait and watch की आवश्यकता ह.ै..।

    भक्तों को भिक्त का फल जल्दी िमलता ह,ै परन्तु बच्चों को हर तरह का त्याग कर अपना 100% दे तपस्या कर, कई तरह के papers देने पड़ते ह,ै तब ही बच्चे अपने aim को प्राप्त कर अपनी प्रािप्तयों को, जोिक अपरमअपार ह,ै को प्राप्त करते ह.ै..।

    जैसे एक बच्चा, थोड़ी-सी मेहनत कर कमाने लग जाये, तो थोड़ी-सी मेहनत से थोड़ी बहुत प्रािप्त होनी शुरू हो जाती ह.ै..।

    दसूरी तरफ, एक बच्चा पढ़ने लगे तो उसे तन, मन, धन भी लगाना पड़ता ह ै... और paper भी देने पड़ते ह.ै..। परन्तु जब तक वो अपने aim तक नहीं पहँुचता, तब तक प्रािप्त कुछ नहीं...।

    परन्तु aim पर पहँुचते ही दोनों बच्चों में ज़मीन-आसमान का अन्तर िदखता ह।ै इसिलए बच्चे, आप उमंग-उत्साह के साथ, स्वयं पर attention दे आगे बढ़ो...।

    आप बच्चों के साथ-साथ आपके पिरवार की हर तरह से सम्भाल रखने की  guarantee स्वयं भगवान की ह,ै इसिलए िनिश्चन्त रहो...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 19.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा...

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 15 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बच्चे, िनश्चयबुिद्ध िवजयन्ती - इस बात को महीनता से समझो...। जब नम्बरवन बनना ह ैतो समय से पहले ही अथार्त् सारी दिुनया से पहले अपने सारे िहसाब-िकताब clear कर, अपनी seat पर set होना पड़गेा...।

    इसके िलए स्वयं पर 100% attention ज़रूरी ह ैऔर साथ ही साथ, धैयर्ता का गुण जो िनश्चय के साथ बंधा हुआ ही ह.ै..।

    • िनश्चय अथार्त् िनिश्चन्त िस्थित... • िनश्चय अथार्त् एक बल, एक भरोसा... • िनश्चय अथार्त् एक बाप (परमात्मा िपता) दसूरा ना कोई, हर छोटी-बड़ी पिरिस्थित में... • िनश्चय अथार्त् खुशनुमा चेहरा, सदैव हल्का, संतुष्टता से भरपूर मन... • िनश्चय अथार्त् रमता योगी... • िनश्चय अथार्त् no question, no complaint...

    जो बच्चा िनश्चय और धैयर्ता के गुण को अपनी शिक्त बना लेगा वो ही मास्टर सवर्शिक्तमान ्बन, मास्टर भगवान् बन जायेगा ... अथार्त् कल्प-कल्प की िवजयी आत्मा...।

    इसिलए बच्चे, आप सभी बातों से न्यारे रहो..., बाबा बैठा ह.ै..। हर बात में 100% कल्याण समाया हुआ ह ैक्योंिक हर आत्मा अपना accurate part play कर रही ह ै... drama का अन्त अथार्त् climax period चल रहा ह,ै िजसमें हर आत्मा के िछप ेहुए संस्कार-स्वभाव सामने आ िवदाई ले रह ेहैं...।

    आप अपनी शुभ भावना, शुभ कामना सभी आत्माओं के िलए बनाय ेरखो, िजससे सभी का कल्याण हो - यही बाप-समान बच्चों का कतर्व्य ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 20.07.2018

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 16 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा िक अब आप बच्चों की स्व-िस्थित ऊँची होती जा रही ह ै... अथार्त् आप सब इस दिुनया के प्रभाव से न्यारे अथार्त् तेरा, मेरा, क्या, क्यों, ऐसे, वैसे, अच्छा, बुरा ... हर चीज़ से न्यारे होत ेजा रह ेहो...। अब आप बच्चों के संकल्प भी बेहद में रहते हैं।

    बाबा ने एक example िदया..., जैसे, जब पानी से भरे एक बतर्न को अिग्न के ऊपर रख दें, तो पानी भाप बन ऊपर उड़ता जाता ह ै... इसी तरह अब आप बच्चों की िस्थित योग-अिग्न से ऊपर की तरफ अथार्त् बेहद में िस्थत होती जा रही ह.ै..। अब आप दिुनया के प्रभाव से न्यारे होते जा रह ेहो...।

    यिद कोई बच्चा अभी भी क्या, क्यों करता ह,ै तो जैसेिक बतर्न के ऊपर plate रख देता ह,ै िजससे वो हद में भी आ जाता ह ैऔर योग-अिग्न भी slow हो जाती ह.ै..।

    इसिलए बच्चे स्वयं पर attention रखो और हर बंधन से मुक्त रह सभी आत्माओं को बंधन-मुक्त बनाओ ... और आपकी बेहद की िस्थित अथार्त् बाप-समान िस्थित ही सभी को मुक्त कर सकती ह।ै

    बच्चे, अब आपके अंदर एक ही संकल्प हो िक सब अच्छा ह ै... और हर बात में केवल कल्याण ही कल्याण ह.ै..।

    देखो बच्च,े यह love and light का अभ्यास आप बच्चों को ऊपर ही ऊपर लेकर जा रहा ह ै... और जैसे-जैसे आप बच्चों की िस्थित ऊँची होती जा रही ह,ै तो आपके पिरवतर्न की speed बहुत तेज़ हो रही ह.ै..।

    बस आप बच्चे बाप (परमात्मा िपता) पर 100% िनश्चय रख, हर कदम में अपना कल्याण समझ, धैयर्तापूवर्क आगे बढ़ते जाओ - यही सवर्श्रेष्ठ िविध ह ैअपनी-अपनी position पर पहँुचने की...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 17 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    Om Shanti 21.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बच्चे, अब आपका बाप प्रत्यक्ष रूप में आपकी सम्भाल करने आ गया ह।ै इसिलए, िनिश्चन्त हो जाओ...।

    िकसी भी बात में क्या, क्यों मत करो...। चाह ेतन ह,ै चाह ेमन ह ै... इसे सतोप्रधान बनाने के िलए इसकी सफाई आवश्यक ह ैऔर जब सफाई होगी, तो कुड़ा तो िनकलेगा ही..., अथार्त् तन की बीमारी और मन की कमज़ोरी बाहर िकसी ना िकसी रूप में आयेगी, और इसी में आपका 100% कल्याण समाया हुआ ह.ै..।

    यह समय केवल आपके कल्याण के िनिमत्त ह।ै इसिलए 100% बाप (परमात्मा िपता) पर िनश्चय रख, स्वयं का पिरवतर्न करो, तब ही आप िवश्व-पिरवतर्न कर पाओगे...।

    बस बाप पर 100% िनश्चय रख, धैयर्तापूवर्क चलते रहो..., पूरे िनश्चय के साथ आगे बढ़ो...।

    बच्चे, आप तो मास्टर प्रेम के सागर हो - िनमार्णता, नम्रता और मधुरता तो आपके िवशेष गुण ह।ै आप सवर् िवशेष हो...। आपकी presence ही सभी आत्माओं में जागृित देती ह।ै

    बस आप अपने उच्चतम् authority रूपी स्वमान में िस्थत रहो। देखो, अगर paper के रूप में कोई भी बात आये तो आप िवशाल हृदय बन सभी को क्षमा कर स्नेह दो, यही िवश्व-कल्याणकारी आत्मा के िवशेष गुण ह।ै

    आपके साथ तो स्वयं भगवान, बाप रूप में चलता ह ै... िफर आपको तो िकसी भी बात की सोच होनी ही नहीं चािहए...!

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 18 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    इसिलए बच्चे, बहुत carefully, love and light के साथ-साथ पिवत्रता का अभ्यास करते रहो। पूरे alert रहो...।

    मैं भी light ... यह तन भी light ... और मेरे चारों तरफ light ही light ह.ै..। यह light का अभ्यास ही इन पाँचों तत्वों की originality को सामने लायेगा..., तब ही तो अन्त सो आिद होगी...।

    बस बच्च,े बाप भी light ... आप भी light ... चारों तरफ बस light ही light ह.ै..। बच्चे, यह अनुभव करो िक बाबा की light आप पर आ रही ह ैऔर आप आत्मा में समाती जा रही ह.ै..। इसे कहा जाता ह ैिचिड़याओं ने सागर को हप कर िलया..., अथार्त् िशवबाबा की light लेते-लेते light स्वरूप ही बन गये...। बस बच्चे, ऐसा अभ्यास करते रहो...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 22.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, इस मागर् में संस्कार पिरवतर्न अित आवश्यक ह।ै संस्कार पिरवतर्न अथार्त् स्व-पिरवतर्न अथार्त् िवश्व-पिरवतर्न...।

    देखो बच्च,े जो स्वयं ही स्वयं के संस्कार पिरवतर्न नहीं कर सकते, तो समय आने पर बाप (परमात्मा िपता) उन आत्माओं के संस्कार पिरवतर्न कर उन्हें घर (परमधाम) लेकर जात ेहैं ... और जो आत्मायें स्वय ंही स्वयं के संस्कार पिरवतर्न करते हैं, वो समय को पिरवतर्न करने के िनिमत्त बन जाते हैं ... और अपना उच्चतम् भाग्य बना लेते हैं...।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 19 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    देखो, बाप की सारी पढ़ाई का सार ही पिरवतर्न ह,ै इसिलए स्वयं ही स्वयं की checking कर अपने संस्कार बाप-समान बना लो ... अथार्त् drama के हर scene पर िनश्चय अथार्त् no question - no complaint, िकसी भी तरह का...।

    ऐसी आत्मायें ही िबन्द ुरूप में िस्थत अथार्त् अपने सारे संकल्पों से मुक्त, बाप-समान िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग िवश्व-पिरवतर्न का कायर् कर सकती ह।ै

    देखो बच्च,े आप सब आगे से आगे ही बढ़ रह ेहो...। बस अब ना ही अलबेल ेबनना ह ैऔर ना ही िदलिशकस्त बनना ह,ै बस स्वयं पर full attention रख, love and light का अभ्यास करते रहो...। क्या, क्यों, कैसे में मत जाना, नहीं तो आपकी speed रूक जायेगी िजससे आपका number पीछे रह जायेगा...।

    बस attention दे आग ेसे आगे बढ़ो...। बाप पर और स्वय ंपर िनश्चय रख, िनिश्चन्त रहो ... धैयर्तापूवर्क चलते चलो...। िवजय आप बच्चों की ही ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 23.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, िबलु्कल हले्क रहना ह,ै कभी भी स्वयं को अथार्त् संकल्पों द्वारा एक second के िलए भी कहीं जुड़ना या फँसना नहीं ह.ै..।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 20 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    अचे्छ से अच्छा कायर् करन ेके बाद भी उस संकल्प से न्यारा हो, स्वमान में िस्थत हो, बाप (परमात्मा िपता) के संग बैठ जाओ ... अथार्त् सदा याद रह े- करनहार मैं हँू और करावनहार बाबा ह ै... हर संकल्प के प्रभाव से न्यारा, िबलु्कल हल्का...।

    देखो, िवश्व-पिरवतर्न भी आपके पिरवतर्न पर आधािरत ह ैपरन्तु एक limited समय तक, िफर तो पिरवतर्न होना ही ह ै... इसिलए बाप की समझानी की महीनता को समझ हर बात से न्यारे हो जाओ...। न्यारी आत्मा ही अिन्तम समय 100% safe रहगेी...।

    यिद कहीं भी संकल्प फँसे तो आपको भी अन्य आत्माओं की तरह ही पश्चाताप या दःुख की भासना होगी ... चाह े1% हो, परन्तु होगी तो ना..., जो बाप नहीं चाहता...।

    िजन बच्चों को इतना समय तक एक-एक बात की समझानी दी, इतना कािबल बनाया ... वो भी अपने थोड़ ेसे अलबेलेपन के कारण कहीं भी फँस जायें...!

    बस बच्च,े बाप पर न्यौछावर हो जाओ ... तब ही बाप-समान बन पाओगे...।

    इसिलए, बाप पर 100% िनश्चय रखो ... और आगे बढ़ो...। बाप ऐसे ही कोई बात नहीं बताता। हर बात की और हर समझानी देने का एक समय होता ह।ै िजस समय, िजस बात को बताने की आवश्यकता होती ह,ै उसी according बाप आपको बताता ह।ै

    इसिलए िकसी बात की depth में ना जा ... बहुत सहज रीित अथार्त् हले्क रह, बाप की हर बात पर िनश्चय रख ऊपर से ऊपर उड़ते रहो...।

    परमात्मा बाप की हर पल नज़र आप बच्चों पर ही ह ै... और आप भी स्वय ंपर 100% attention दे आगे से आग ेउड़ते रहो।

    अभी तो बाप बहुत ही जल्दी आप बच्चों के आगे कई गुप्त राज़ स्पष्ट करेगा...। बस आप धैयर्तापूवर्क बाप पर िनश्चय रख, बाप की श्रीमत प्रमाण आग ेसे आगे बढ़ो...।

    हर बात में, हर समझानी में केवल आप बच्चों का ही कल्याण समाया हुआ ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 21 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    Om Shanti 24.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... देखो बच्च,े भक्तों को भी भगवान पर िकतना िवश्वास होता ह ै... अिन्तम श्वांस तक भी भक्त भगवान पर िवश्वास रखत ेहैं ... और कई बार तो िकसी के श्वांस छोड़ने के बाद भी उसके पिरजन सोचते हैं िक यह वापस आ जायेगा...।

    देखो, सारी दिुनया की हर तरह की आत्मा, भगवान पर भरोसा रखकर ही अपना जीवन व्यतीत करती ह ै... और आप तो नम्बरवन बच्चे हो, िजन बच्चों पर भगवान को भी मान ह ै... िवश्वास ह.ै.., िक यही बच्चे मुझे िवश्व-भर में प्रत्यक्ष करेंगे...। परमात्मा बाप का नाम बाला करेंगे...।

    िफर बताओ, बाबा की हर पल नज़र आप बच्चों पर नहीं होगी, तो िकस पर होगी...!

    िजस तरह बाप को बच्चों पर अटूट िनश्चय ह,ै इस तरह आप भी स्वयं पर ... बाप पर ... अटूट िनश्चय रख, हर िस्थित, पिरिस्थित में स्वयं का 100% कल्याण समझ आग ेसे आग ेबढ़ो ... यह paper नहीं..., बिल्क आपको आपके लक्ष्य तक पहँुचाने की िविध ह,ै जो बस खत्म ही होने वाली ह।ै

    देखो यह िनश्चय और धैयर्ता का गुण, शिक्त रूप में काम कर रहा ह,ै यह पिरिस्थित के समय ही पता चलता ह.ै..। हर पिरिस्थित में आपकी िस्थित अचल-अडोल रह.े.., क्योंिक आपका रक्षक स्वयं परमिपता परमात्मा ह.ै..। बस बाप जैसे कहें, वैसे करत ेजाओ...। अचानक ही प्रािप्तया ँशुरू हो जायेगी...।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 22 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    इसिलए बच्चे ... हले्क रहो, िबलु्कल हले्क ... ज्यादा सोचो मत अथार्त् कोई भी बात वा कोई भी कायर्, स्वयं का या िकसी भी आत्मा का स्वभाव-संस्कार समझ में नहीं आता, तो उसे 100% बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर स्व-िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग आकर बैठ जाओ...।

    हर तरफ से अपना बुिद्धयोग हटा बाप की तरफ लगाओ...। समय बस पिरवतर्न होन ेही वाला ह।ै

    आप बच्चों को इस दिुनया में कुछ भी नया नहीं िदख रहा ह,ै इसिलए आप मूँझ जाते हो परन्त ुबाप पर िनश्चय रखो िक पिरवतर्न हुआ िक हुआ...।

    बाबा ने यह भी बताया िक जब कोई ऐसी बात वा कायर् होता ह,ै जो आपकी समझ में नहीं आता िक करना चािहए की नहीं...! तो जो पहला संकल्प उठे, उस according कर उसे बाप हवाल ेकर दो अथार्त् उसका result बाप हवाले कर िनिश्चन्त िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग बैठ जाओ...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 25.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बच्चे, अब िबलु्कल शान्त िस्थित में िस्थत हो जाओ। अपनी शािन्त की drill, िदन में बार-बार करो...।

    स्वयं पर full attention दे, कमर् करते-करते िबलु्कल detach हो जाओ ... अथार्त् मन-बुिद्ध के द्वारा शािन्त की िस्थित में िस्थत हो, शािन्त के सागर के संग बैठ जाओ...। यही अभ्यास बार-बार करो...। इसी अभ्यास से दिुनया से न्यारे हो पाओग.े..।

    िबलु्कल गहन शािन्त में चले जाओ और कुछ नहीं...। ‘‘मैं और मेरा बाबा ... और बीच में शािन्त की शिक्त’’ ... जो आपके पूरे घर को बहुत जल्द, शािन्त कुण्ड बना देगी।

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 23 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बार-बार स्वयं की स्मृित का switch on करो। इसमें attention कम मत करना ... िबलु्कल हले्क रह यह attention रखना ह.ै..।

    कुछ भी हो जाये, सबकुछ बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर शान्तिचत्त हो, बाप के संग जाकर बैठ जाओ..., पिरिस्थित second में गायब हो जायेगी...।

    यिद िकसी कारणवश भूल भी जाओ, तो उस समय को िबन्दी लगा, अगले ही second में बाप के संग जाकर बैठ जाओ। यही सबसे ऊँचा पुरूषाथर् ह।ै कभी पिवत्रता की शिक्त फैलाओ ... कभी प्रेम की ... तो कभी शािन्त की...।

    बस िबलु्कल हले्क रह, 100% attention दे करते रहो...। यही attention आपको आपके लक्ष्य तक पहँुचायेगा।

    बाप की खुशी आपके लक्ष्य तक पहँुचने पर इतनी अिधक हो जाती ह ैिक उस खुशी में सारा संसार झूम उठता ह.ै..। बस हर पल आप बच्चों को उमंग-उत्साह में रह खुशी-खुशी बाप के संग बैठे रहना ह,ै इसी attention से सबकुछ पिरवतर्न हो जायेगा...। आप सभी आत्मायें िवशेष हो।

    बस, यह अभ्यास attention देकर करना भी ह ैऔर साथ ही साथ पिरवार की सभी आत्माओं को सन्तुष्ट भी रखना ह ैतािक वो भी आपके संग-संग चल सके...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 26.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 24 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    बाबा ने कहा... बच्चे, अन्तमुर्खी बन जाओ...। िकसी भी बात का ज्यादा मन्थन मत करो...।

    आप बच्चे हो िवश्व-कल्याणकारी बच्चे...। अभी तो आप बच्चों को मास्टर भगवान-भगवती बन, दाता-वरदाता बन, बेहद की आत्माओं का कल्याण करना ह ैअथार्त् िवश्व की सभी आत्माओं को घर (परमधाम) का रास्ता िदखाना ह.ै..।

    बस आप हर पल अपने उच्चतम् स्वमान की authority में रहो...। आपके ऊँच स्वमान की शिक्त ही सारा कायर् कर देगी और अभी कर भी रही ह.ै..। बस आप तो अपनी स्मृित का switch on रखो...। आपके बैठने से ही सारा कायर् अथार्त् आत्माओं को मुिक्त-जीवनमुिक्त का वसार् िमलेगा...।

    ज्यादा सोचो मत ... ज्ञान, गुण, शिक्त के स्वरूप बन जाओ, तभी तो मास्टर भगवान कहलाओंग.े..। इसिलए बच्चे, हर बात में कल्याण ह ैऔर कल्याण तो होना ही ह ै... आप द्वारा नहीं होगा, तो िफर बताओ कौन करेगा...!

    देखो, िवश्व-कल्याण करन ेके िलए स्वयं को िबलु्कल हल्का रखना ह ैऔर सदा मास्टर सवर्शिक्तवान ्की seat पर set रहना ह।ै इस seat पर set होते ही दरू से ही हर तरह की आत्मायें अथार्त् आपकी संकल्प power से ही वो मुिक्त को प्राप्त कर, आपका धन्यवाद कर, खुशी-खुशी घर को जायेगी...।

    बस आपको तो केवल स्वयं को अपनी seat पर set रखने का attention रखना ह ैऔर जो आत्मा अपनी seat पर set ह,ै वो िबलु्कल हल्की और खुश ह।ै तब ही तो आपके vibrations ही सारा कायर् कर देंगे...।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 27.07.2018

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 25 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    आज बाबा ने कहा... तुम हो िवश्व-पिरवतर्क बच्चे, अथार्त् िवश्व की तमोप्रधान से तमोप्रधान वस्तु को एक second से भी कम समय में सतोप्रधान बनाने वाले...। िफर आप बच्चों को िकसी भी वस्त ुकी बुराई के बारे में कोई single संकल्प भी नहीं चलाना चािहए।

    िफर बाबा ने कहा... आपके साथ जो कुछ भी हो रहा ह,ै वो िशव बाप की planning के according ही हो रहा ह।ै हर िस्थित, पिरिस्थित से गुज़र कर ही बच्चों की checking होती ह,ै तभी तो बच्चे पिरपक्व बनते ह.ै..।

    इसिलए हमेशा अचल, अडोल, एकरस िस्थित में िस्थत रह, हर आत्मा के प्रित शुभ-भावना रखनी ह।ै आपके सम्पकर् में आने वाली आत्मायें भी बाप के according ही आपके सम्पकर् में आ रही ह।ै िफर तो आप बच्चों को उन आत्माओं का धन्यवाद करना चािहए।

    बच्चे, िजन-िजन स्थान पर आप रह रह ेहो वो सब िशवबाबा का भंडारा ह ैऔर जहा ँआप श्रेष्ठ आत्मायें भोजन स्वीकार करें ... वो भोजन, भोजन ना रहकर भोग अथार्त् प्रसाद बन जाता ह.ै..। िजस भोजन से अन्य आत्माओं का भी कल्याण होता ह।ै

    बस बच्च,े स्वयं पर और बाप पर 100% िनश्चय रख धैयर्तापूवर्क love and light के साथ purity का भी अभ्यास करते जाओ...। पिरवतर्न तो होना ही ह ैऔर अचानक होना ह.ै..।

    बस बच्च,े आपके लक्ष्य पर पहँुचने के बाद वो-वो आनन्द भरे scene होन ेह,ै जो आपके संकल्प, स्वप्न में भी नहीं ह.ै..। देखो, परमात्मा बाप आपको पढ़ा-पढ़ाकर कािबल बना रहा ह।ै और आप बच्चे भी अपना 100% दे बाप के आगे समपर्ण हो जाते हो।

    तो बताओ, उसकी result िकतनी ऊँची, आश्चयर्जनक और आनन्द से भरपूर होगी...! बच्चे, यह result आपकी द्वापर से सच्ची भिक्त और बाप (परमात्मा िपता) के अनुसार की गई तपस्या और त्याग का ही ह ैऔर बच्चे अब तो बस प्रािप्तयाँ शुरू होने वाली ही ह।ै

    “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” of 26 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”

  • PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba”

    देखो, इस समय जो बच्चा पूरे सच्चे मन से अपने लक्ष्य को सामने रख बाप की श्रीमत ्प्रमाण ही अपने संकल्प करता ह ैअथार्त् अपनी मन्सा, वाचा, कमर्णा और सम्बन्ध, सम्पकर् में बाप की श्रीमत ्प्रमाण अथार्त् स्व-िस्थित के आसन पर िस्थत हो बाप के आगे 100% समपर्ण हो, full िनश्चय रख, धैयर्तापूवर्क आगे से आग ेबढ़ रहा ह,ै वो बहुत ही जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त कर अपना कायर् अथार्त् परमात्मा बाप की post पर पहँुच साक्षात् इस िवश्व का कल्याण करना शुरू कर देगा ... और िफर सभी अपना-अपना कायर् शुरू करेंगे...।

    बस बच्च,े हर हाल में चाह ेअच्छा हो या पिरिस्थित वाला हो, िनश्चय के साथ-साथ समपर्ण और धैयर्ता के साथ आगे बढ़ो...। कभी भी, कुछ भी हो सकता ह.ै..।

    अच्छा। ओम् शािन्त। 

    Om Shanti 28.07.2018

                  ★【 आज का पुरूषाथर्】★

    बाबा ने कहा... बच्चे, आप भगवान बाप के िवशेष बच्चे हो ... िजन्हें स्वयं भगवान पढ़ा िवश्व के आग ेप्रत्यक्ष करेगा...। इसिलए आप