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शाला सिसि हमारी शाला ऐिी हो ‘’जीवन सवकाि का सििा ित है , सथिर रहने का नह’’ (A Case Study of My School) शािकीय ािसमक शाला बोधवाडा 28 फरवरी 2017

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  • शाला सिसि – हमारी शाला ऐिी हो

    ‘’जीवन सवकाि का सििाांत है, सथिर रहन ेका नहीं’’

    (A Case Study of My School)

    शािकीय प्रािसमक शाला बोधवाडा

    28 फरवरी 2017

  • 1

    अनुक्रमसिका

    पररचय एवां भूसमका .................................................................................................................................... 2

    पृष्ठभूसम ..................................................................................................................................................... 3

    शाला में शाला सिसि काययक्रम का आयोजन ................................................................................................... 3

    प्रसशक्षि एवां उन् मखुीकरि – .................................................................................................................... 4

    मेरी शाला का थ वआकलन – ..................................................................................................................... 5

    मेरी शाला का बाह्यमूल याांकन – ................................................................................................................ 7

    शाला उन् नयन कायययोजना का सनमायि – .................................................................................................... 8

    कायययोजना का क्रक्रयान्वयन .......................................................................................................................... 9

    उपलसधधयाां .............................................................................................................................................. 11

    चुनौसतयााँ ................................................................................................................................................. 12

    आगामी लक्ष् य ........................................................................................................................................... 13

  • 2

    पररचय एवां भूसमका

    धार सजल े के सतरला सवकािखांड का ग्राम बोधवाड़ा इांदौर अहमदाबाद मागय पर सथित ह।ै यह अपन े

    सवकािखांड मुख् यालय िे 6 क्रकमी की दरूी पर सथित ह।ै ग्राम बोधवाड़ा में िामान् य (राजपतू, पाटीदार), अजा एवां

    अजजा जासत के लोग समसित थ वरूप में सनवाि करते हैं। अप्रेल 2016 की सथिसत में ग्राम की जनिांख् या 980 ह ै

    सजिमें 493 पुरूष एवां 487 मसहलाएां हैं। 6 िे 14 वषय के बच् चों की िांख् या 222 ह ैइनमें 106 बालक तिा 116

    बासलकाएां हैं। ग्रामीि अियव् यथ िा मखु् य रूप िे खेती और मजदरूी पर सनभयर ह।ै ग्राम बोधवाड़ा में हाईथ कूल तक

    अध् ययन की िुसवधा उपलध ध ह।ै ग्राम के शािकीय हाईथ कूल कें पि में ही शािकीय माध् यसमक एवां प्रािसमक शालाएां

    भी सथित ह।ै िीमसत सतलोत् तमा शशदे जनसशक्षा कें द्र प्रभारी एवां प्राचायय हाईथ कूल बोधवाड़ा के रूप में काययरत हैं।

    शािकीय प्रािसमक शाला बोधवाड़ा (23251205001) में 2 सशसक्षकाएां काययरत हैं तिा शाला में कुल दजय

    बच् चों की िांख् या 48 ह।ै

    शाला में पदथ िापना

    िीमसत कसवता समत् तल

    (प्रधानपारिका) िीमसत प्रज्ञा वैष् िव

    िहायक अध् यापक िहायक अध् यापक

    शाला में पदथ िापना क्रदनाांक - 22 क्रदिांबर

    2009

    शाला में पदथ िापना क्रदनाांक - 08 जुलाई

    2013

    शाला में दजय छात्र िांख् या

    कक्षा बालक बासलका योग

    1 8 6 14

    2 5 5 10

    3 6 4 10

    4 2 3 05

    5 4 5 09

    योग 25 23 48

    उपरोक् त छात्र िांख् या में अनुिूसचत जासत के 9, अनुिूसचत जनजासत के 33 तिा िामान् य एवां सपछडा वगय के 6 बच् चे

    शासमल हैं।

  • 3

    पृष्ठभूसम

    हमारी शाला में बच्चों क्रक सशक्षा क्रक गुिवत्ता के िुधार हते ुपूवय िे ही अपनी क्षमातानरुूप प्रयाि क्रकये जा रह े

    िे, परन्तु हमें शाला के िवाांगीि सवकाि के िभी क्षेत्रों की ना तो जानकारी िी और ना ही हम उिके अनुिार अपनी

    वथतुसथिसत, प्रािसमकताओं व आवश्यकताओं को िमझ पाते ि।े जब हमारी शाला का चयन भी “हमारी शाला ऐिी

    हो” काययक्रम हतेु क्रकया गया और इि काययक्रम पर जब शाला में िासियों िे चचाय होती िी तब हमें भय िा क्रक पता

    नहीं अब क्या नया कायय करना होगा। जब काययक्रम के अांतगयत मैंने तीन क्रदविीय प्रसशक्षि सजला सशक्षा एवां प्रसशक्षि

    केन् द्र, धार में प्राप्त क्रकया तब मझेु ज्ञात हुआ क्रक यह कोई नया कायय तो नहीं ह ैअसपतु इिकी िहायता िे अपनी शाला

    की प्रािसमकताओं व आवश्यकताओं को व्यवसथित रूप िे सचसन्हत कर एवां एक योजना तैयार कर अपनी शाला के

    िवाांगीि सवकाि को िुसनसित क्रकया जा िकता हैं ।

    “हमारी शाला एिी हो” पुसथतका के शुरूआती पृष् िों पर दी गई जानकाररयों को पढने पर मैंने यह जाना क्रक

    यह कोई नया काययक्रम नहीं ह ैबसलक शाला में होन ेवाले दैसनक क्रक्रयाकलापों को िमग्र रूप िे मापने का एक प्रयाि

    ह।ै शाला की वतयमान सथिसत को जानना एवां यिाशसि उन् नयन की योजना बनाना इि काययक्रम का सवशेषता ह।ै

    शाला की दैसनक गसतसवसधयों तिा शाला िे िांबांसधत िभी पक्षों को मापन ेका िाधन इिके पहल ेहमारे पाि नहीं

    िा। िाि ही उपरोक् त पक्षो के उन् नयन हते ुजो प्रयाि शाला द्वारा क्रकए जान ेहैं उनके सलए कोई मागयदर्शशका शालाओं

    के पाि उपलध ध नहीं होती िी। इि काययक्रम की हेंडबुक िे जानने को समला क्रक इि काययक्रम का लक्ष् य शाला में

    भयमुक् त आनांददायी वातावरि का सनमायि करना ह ैजहाां बच् चे अपनी आयु अनुरूप दक्षताओं को प्राप् त कर िकें ।

    शाला िे िांबांसधत सवसभन् न पक्षों को सवसशष् ट मानकों के आधार पर देखत ेहुए शाला सवकाि की योजना बनाना इि

    काययक्रम का महत् वपूिय सहथ िा ह।ै

    शाला में शाला सिसि काययक्रम का आयोजन

    शाला सिसि काययक्रम अांतगयत मेरी शाला में काययक्रम

    की सवसभन् न गसतसवसधयों का आयोजन पूवयसनधायररत प्रक्रक्रया

    के आधार पर सनम् नानुिार क्रकया गया ह ैएवां क्रकया जा रहा ह ै

    1- थ व-मूल याांकन

    2- बाह्य मूल याांकन एवां प्रसतवेदन

    सनमायि

    3- शाला द्वारा कायययोजना सनमायि

    4- कायययोजना का क्रक्रयान् वयन

  • 4

    शािकीय प्रािसमक शाला बोधवाड़ा में शाला सिसि काययक्रम के क्रक्रयान् वयन की महत् वपूिय सतसियाां –

    गसतसवसध क्रदनाांक / अवसध

    प्रसशक्षि 11 िे 13 जून 2016

    शाला थ टाफ का उन् मखुीकरि 14 जून 2016 िे प्रारांभ

    शाला का थ वआकलन जुलाई 2016 िे प्रारांभ

    शाला का बाह्यमूल याांकन 03 अगथ त 2016

    शाला थ तर पर कायययोजना सनमायि (आयाम 2,3,7 पर) सितांबर एवां अक् टूबर 2016

    बाह्यमूल याांकन टूल की पोटयल एांट्री एवां प्रसतवेदन सनमायि 16 नवांबर 2016

    शाला द्वारा कायययोजना पर कायय आरांभ माह अक् टूबर 2016 िे

    शाला द्वारा कायययोजना की पोटयल एांट्री 11 फरवरी 2017

    प्रसशक्षि एवां उन् मुखीकरि –

    शाला के चयन उपराांत काययक्रम के िांचालन हतेु मुझे 3 क्रदविीय प्रसशक्षि सजला सशक्षा एवां प्रसशक्षि केन् द्र,

    धार में प्राप् त करना िा। शािकीय शालाओं में गुिवत् ता िुसनसित करने हतेु शािन सवसभन् न योजनाओं एवां काययक्रमों

    का िांचालन करता ह।ै डाईट धार में प्रसशक्षि के प्रिम क्रदवि मैं और मेरे िािी प्रसशक्षिािी इि काययक्रम को भी अन् य

    काययक्रमों की ही तरह देख रह ेिे।

    क्रदनाांक 11 जून िे 13 जून 2016 तक सजला सशक्षा एवां प्रसशक्षि केन् द्र, धार पर काययक्रम के िांबांध में

    प्रसशक्षि प्राप् त क्रकया। जनसशक्षाकेन् द्र प्रभारी प्राचायाय िीमसत सतलोत् तमा शशदे को भी इन् हीं सतसियों में प्रसशक्षि

    प्रदान क्रकया गया। िाि ही शाला के बाह्य मलू याांकनकताय िी मुकेश पटेल एवां जनसशक्षक िी जगदीश चौहान को

    प्रािसमक शाला बोधवाड़ा का बाह्यमूल याांकनकताय सनयुक् त करते हुए 11 जून िे 14 जून 2016 में ही प्रसशक्षि प्रदान

    क्रकया गया। जनसशक्षक िी जगदीश चौहान द्वारा उक् त अवसध में प्रसशक्षि प्राप् त नहीं क्रकया जा िका िा। उन् हें

    आगामी बैच में प्रसशक्षि प्रदान क्रकया गया।

    प्रसशक्षि में क्रदए गए सनदशेों के अनुिार प्रसशक्षि के िीक पश् चात मुझे शाला के सशक्षकों का शाला सिसि

    काययक्रम हतेु उन् मुखीकरि करना िा। इिके पश् चात बाह्यमूल याांकनकतायओं द्वारा बाह्यमूल याांकन का कायय क्रकया जाना

    सनधायररत िा। तयशुदा काययक्रम के अनुिार प्रसशक्षि के अगल े7 क्रदविों में शाला प्रमुख द्वारा शाला के अन् य िदथ यों

    को काययक्रम के बारे में िमझाना तिा उिके बाद अगले 7 क्रदविों में शाला का थ वआकलन क्रकया जाना सनयत क्रकया

    गया।

    प्रसशक्षि में काययक्रम के थ वरूप को प्रारांसभक रूप िे िमझने पर मैंने पाया क्रक अभी इि काययक्रम पर मुझे

    और िमझ सवकिसत करनी होगी। मैंन े

    यह भी जाना क्रक इि काययक्रम का

    क्रक्रयान् वयन केवल प्रधान पािक अकेल े

    अपने थ तर िे नहीं कर िकता ह ै

    इिसलए मैंने िमयानुिार मरेी िािी

    सशसक्षका िीमसत प्रज्ञा वैष् िव, बाह्य

    मूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल एवां

    प्राचायाय िीमसत सतलोत् तमा शशदे के

    िाि चचाय करना एवां उनकी मदद लेना

    प्रारांभ क्रकया। मैं और मरेी िािी

    सशसक्षका शाला िमय के बाद भी

    आयामों एवां मानकों पर चचाय करत ेि े

  • 5

    तिा शाला सिसि हेंडबुक को थ वअध् ययन हतेु घर भी ल ेजात ेिे।

    इि दौरान असतररक् त िमय की व् यवथ िा करना दौनों के िमक्ष बड़ी चुनौती रही। कई बार की चचायओं एवां

    शाला सिसि हेंडबुक के थ वअध् ययन की िहायता िे उन् मुखीकरि की प्रक्रक्रया पिूय हुई।

    मेरी शाला का थ वआकलन –

    िािी सशसक्षका के उन् मुखीकरि एवां थ वअध् ययन के दौरान मुझे यह अनुभव हुआ क्रक इि काययक्रम का थ वरूप

    बहुत वृहद ह।ै इि काययक्रम का क्रक्रयान् वयन केवल प्रपत्रों के आधार पर नहीं क्रकया जा िकेगा। यह अनुभव प्रसशक्षि

    के दौरान नहीं हो पाया िा।

    काययक्रम के अगल े सहथ िे के रूप में शाला का थ वआकलन क्रकया जाना िा। प्रत् येक आयाम हतेु क्रदए गए

    सवचार िीय प्रश् नों पर चचाय के दौरान तिा मानक एवां थ तर को िमझ कर थ तर सनधायरि करन े में कई बार कुछ

    आयामों में पूरा क्रदन िमाप् त हो जाता

    िा। शुरूआत में तथ् यात् मक जानकारी

    एवां िाक्ष् यों के स्रोत एक िमान लगत े

    ि े ककत ुधीरे धीरे दोनों की उपयोसगता

    एवां अांतर िमझ आने लगा। थ वआकलन

    की पूरी प्रक्रक्रया अनुिार िभी 46

    मानकों पर शाला द्वारा अपना थ तर तय

    प्रक्रक्रया अनुिार सनधायररत क्रकया गया।

    थ वआकलन में शाला थ टाफ, िांकुल

    प्राचायाय तिा बाह्यमूल याांकनकताय िे भी

    िहयोग प्राप् त क्रकया गया। थ वआकलन

    के दौरान सजला एवां राज् य थ तर के

    सवसभन् न दलों द्वारा भी शाला का भ्रमि

    क्रकया गया।

    थ वआकलन के िांबांध में अब मरेी िािी िीमसत प्रज्ञा वैष् िव का किन –

    “शाला में अपन ेसनयसुि क्रदनाांक ि ेही मैं यह जानन ेकी इच् छुक िी क्रक क्रकि प्रकार ि ेमैं अपनी

    क्षमताओं का सवकाि कर िकती हां, थ वआकलन के दौरान व ेिभी शबद ूिचूीबि होत ेगए सजन् हें

    में सपछल ेिमय ि ेखोज रही िी। थ वआकलन ि ेमझु ेथ वयां के और शाला के वतयमान थ तर को

    जानन ेमें न केवल मदद समली बसलक मैं यह भी जान पायी क्रक मझु ेव मरेी शाला को अभी और

    क्रकतना आग ेजाना ह।ै“

    शाला द्वारा थ वआकलन पूिय कर लेन ेपर बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल एवां आकय िे िी देवेन् द्र शमाय

    द्वारा बताया गया क्रक थ वआकलन की जाांच िूची में राज् य थ तर िे कुछ पररवतयन क्रकए गए हैं। तत् पश् चात हमारे द्वारा

    नए प्रपत्र पर थ वआकलन की जाांच िूची तैयार की गयी। इिमें शेष रही अपेक्षाओं एवां उनके अनुिार िुधार के क्षेत्रों

    को भी िूचीबि क्रकया गया।

    नवीन सनदशेों एवां प्रपत्रों के अनुिार पुन: थ वआकलन प्रक्रक्रया पूिय की गयी। उन् मखुीकरि िे लेकर

    थ वआकलन की प्रक्रक्रया पूिय होने में लगभग दो माह का िमय लगा। यह कायय शाला िे िांबांसधत िभी पक्षों की

    उपसथिसत में क्रकया गया तिासप िमुदाय एवां पालकों की भागीदारी बहुत असधक नहीं हो िकी।

  • 6

    शाला द्वारा क्रकए गए थ वआकलन की झलक –

    थ वआकलन प्रपत्रों का िांधारि थ वआकलन – आयाम 2

    थ वआकलन जाांच िूची आयाम 2

    थ वआकलन की जाांच िूची आयाम 3

    नवीन प्रपत्र अनुिार

  • 7

    मेरी शाला का बाह्यमूल याांकन –

    प्रसशक्षि के दौरान बाह्यमूल याांकन के िांबांध में

    यह जानन े को समला िा क्रक इि प्रक्रक्रया में शाला िे

    बाहर के व् यसियों द्वारा शाला का आकलन क्रकया

    जाएगा। यह आकलन क्रकि प्रकार िे होगा इि िांबांध में

    हमें असधक जानकारी नहीं िी।

    हमारी शाला में बाह्यमूल याांकन की िूचना

    बाह्यमूल याांकनकतायओं द्वारा लगभग तीन क्रदन पहल े

    शाला को दे दी गयी िी। शाला का बाह्य मूल याांकन

    बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल एवां जनसशक्षक िी

    जगदीश चौहान द्वारा क्रदनाांक 03 अगथ त 2016 को

    बाह्यमूल याांकन प्रपत्र के 9 टूल ि के माध् यम िे क्रकया गया। इि कायय में बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल की भूसमका

    िाियक रही।

    बाह्यमूल याांकन के दौरान जब हमारे द्वारा

    असधकतर प्रश् नों के उत् तर हाां में क्रदए जाने लगे तो

    बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल न ेहमें इिके प्रभावों

    एवां दषु् प्रभावों के बारे में सवथ तार िे िमझाया। इिका

    प्रभाव हमारी दैसनक काययशैली पर यह हुआ क्रक अब मैं

    और मेरी िािी पूरी तरह सवश् वथ त होन ेपर ही क्रकिी

    प्रश् न का उत् तर हाां में दतेे हैं। िाि ही बाह्यमूल याांकन के

    दौरान शाला और बाह्यमूल याांकनकताय को प्रश् न और

    उनके उत् तरों िे थ तर सनधायरि का पता नहीं चलता है,

    सजििे बाह्यमूल याांकनकताय प्रक्रक्रया के दौरान क्रकिी भी

    पक्ष के सलए िीध-ेिीधे कोई राय नहीं बना पाते हैं।

    शाला या पररसथिसतयों के प्रसत उनके पूवायग्रह भी

    प्रभावी नहीं होते हैं। बाह्यमूल याांकन की मदद िे शाला

    द्वारा मानकों के उच् च थ तर सनधायरि की गलती को रोका

    जा िकता ह।ै बाह्यमूल याांकन िे शाला को दिूरे नजररए िे देखने की िुसवधा समलती ह ै यह बाह्यमूल याांकन की

    महत् वपूिय पहल ूह।ै बाह्यमूल याांकन प्रक्रक्रया पर बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश पटेल के सवचार सनम् न हैं –

    “प्रािसमक शाला बोधवाड़ा और मरेा सवद्यालय एक ही पररिर में हैं। शाला के बाह्यआकलन के

    पवूय कई बार इि शाला को दखेा िा, ककत ु नजदीक ि े परखन े का मौका बाह्यआकलन की

    प्रक्रक्रया के दौरान समला। मैंन ेयह जाना क्रक बाह्यमलू याांकन की प्रक्रक्रया थ वआकलन की प्रक्रक्रया

    ि े अलग ह ै तिासप टूल में वर्शित प्रश् न िभी 7 आयामों को अपन े में िमटेे हुए ह।ै

    बाह्यमलू याांकन के द्वारा शाला की असधक थ पष् ट सथिसत ज्ञात की जाती ह ैतिा पवूायग्रही छसव

    हटकर ि ेिटीक सथिसत को िभी सहतधारकों के िमक्ष लान ेका कायय क्रकया जाता ह।ै“

  • 8

    बाह्यमलू याांकन टूलक्रकट -

    शाला के बाह्यमलू याांकन का टूल – 5 शाला के बाह्यमलू याांकन का टूल – 3

    बाह्यमलू याांकन प्रसतवदेन –

    काययक्रम में राज् य थ तर िे क्रकए गए बदलाव एवां नवीन जाांच िूची के कारि बाह्यमूल याांकन का कां प् यूटर

    जसनत प्रसतवेदन नवांबर माह में शाला को प्राप् त हुआ। हमें यह देखकर खुशी हुई क्रक मानकों के जो थ तर हमारे द्वारा

    थ वआकलन में सनधायररत क्रकए गए िे वे ही थ तर बाह्यमूल याांकन की प्रक्रक्रया िे प्राप् त हुए। बाह्यमूल याांकनकताय िी मुकेश

    पटेल न ेबाह्यमूल याांकन प्रसतवेदन को शाला के िाि िाझा करते हुए इिका कारि बताया क्रक बाह्यमूल याांकन बगरै

    क्रकिी पूवायग्रह के एवां पूरी प्रक्रक्रया का पालन करत ेहुए िांपन् न कराया गया िा इिसलए शाला द्वारा सनधायररत थ तर एवां

    बाह्यमूल याांकन के थ तरों में अांतर नहीं आया।

    शाला उन् नयन कायययोजना का सनमायि –

    हमारी शाला द्वारा सितांबर 2016

    िे ही कायययोजना का सनमायि का कायय,

    सजले िे प्रदत् त फॉमेट पर, प्रारांभ कर क्रदया

    गया िा। कायययोजना सनमायि के दौरान

    शाला द्वारा िमय िमय पर कई बदलाव

    क्रकए गए। इनमें सवसभन् न थ तरों िे प्राप् त

    िुझावों को भी शासमल क्रकया गया।

    कायययोजना सनमायि के दौरान

    बाह्यमूल याांकनताय िी मुकेश पटेल, आकय िे

    िी देवेन् द्र शमाय, डीआरजी-एिआरजी, राज् य थ तरीय टीम एवां िसचव थ कूल सशक्षा िीमसत दीसप्त गौड़ मुकजी िे

    िहयोग, िुझाव एवां मागयदशयन प्राप् त हुआ।

  • 9

    शाला प्रसतवेदन, थ वयां की

    िमझ, प्राप् त िुझाव, हमारी शाला ऐिी

    हो हेंडबुक के िहयोग िे शाला उन् नयन

    कायययोजना का सनमायि क्रकया। काययक्रम

    पर अपनी िमझ एवां आकय प्रसतसनसध के

    िुझावों के आधार पर शाला द्वारा

    कायययोजना में िसम्मसलत कुछ क्षैत्रों /

    मानकों पर तरुांत कायय प्रारांभ कर क्रदया

    गया िा। आकय प्रसतसनसध द्वारा शाला का

    ध् यान कुछ छूटे हुए क्षेत्रों पर भी क्रदलाया

    गया। इिमें आयाम 2 एवां 3 के कुछ

    महत् वपूिय क्षेत्र िसम्मसलत िे। ये िभी

    कायय अांसतम कायययोजना का सहथ िा बने।

    सचसन्हत क्षैत्रों हतेु आवश् यक काययशबदओुं का चयन शाला की वतयमान सथिसत एवां क्षमताओं को देखकर क्रकया

    गया। यह ध् यान रखा गया क्रक िभी आवश् यक क्षेत्रों एवां काययशबदओुं का िमायोजन अवश् य कर सलया जाए। शाला

    थ तर पर फरवरी के प्रिम िप् ताह में कायययोजना को अांसतम थ वरूप प्रदान क्रकया गया और 10 एवां 11 फरवरी 2017

    को डाईट धार ले जाकर, इिे पोटयल पर अपलोड करवाया गया।

    कायययोजना का क्रक्रयान्वयन

    काययक्रम पर मेरी िमझ, बाहरी

    मागयदशयन तिा जनसशक्षाकें द्र प्रभारी प्राचायय

    महोदया के िहयोग िे माह सितांबर-अक् टूबर

    2016 िे ही कुछ काययशबदओुं पर कायय आरांभ

    कर क्रदया गया िा। जनवरी 2017 में

    कायययोजना को अांसतम थ वरूप में पहुांचाने के

    िाि ही िाि कायययोजना में शासमल अन् य

    कई क्षेत्रों पर भी शाला न े कायय आरांभ कर

    क्रदया ह।ै

    शाला उन् नयन कायययोजना में शासमल क्षेत्रों में िे िवयप्रिम आयाम 2, 3, 6 पर कायय आरांभ क्रकया गया।

    जनसशक्षाकें द्र प्रभारी प्राचायय की िहायता िे एवां शाला में उपलध ध िांिाधनों की िहायता िे आयाम 1, 4 पर भी

    कायय क्रकया जा रहा ह।ै

    हमारी शाला द्वारा कायययोजना के क्रक्रयान् वयन हते ुआयामवार क्रकए जा रह ेप्रयाि सनम् नानुिार हैं –

    क्रमाांक आयाम का नाम मानक सजन पर कायय प्रारांभ कर

    क्रदया गया ह ै

    शाला द्वारा क्रकए जा रह ेप्रयाि

    1 शाला में उपलब्ध

    ससंाधन – उनकी

    उपलब्धता, पर्ााप्तता

    और उपर्ोगिता

    शाला परिसि

    कक्षा औि अन्य कक्ष

    विद्यतु औि उपकिण

    शाला परिसि की िंगाई पतुाई (पणूण)

    कक्षा कक्षों को सवु् यिवथित किना (पणूण)

    शाला प्रधान हते ुकक्ष की व् यिथ िा (पणूण)

  • 10

    क्रमाांक आयाम का नाम मानक सजन पर कायय प्रारांभ कर

    क्रदया गया ह ै

    शाला द्वारा क्रकए जा रह ेप्रयाि

    पथुतकालय

    मध्याह्न भोजन, िसोई औि बतणन

    पेयजल

    हाि धोने की सवुिधाए ँ

    विद्यतु व् यिथ िा (पणूण)

    पथु तकालय हतेु पथु तकें प्राप् त किन ेके प्रयास (कायण जािी)

    मध्याह्न भोजन हतेु आिश् यक बतणनों की व् यिथ िा हते ुप्रयास (कायण जािी)

    पेयजल एिं हाि धोने की व् यिथ िा हतेु टंकी (पणूण)

    2 सीखना -गसखाना और

    उसका आकलन विद्याविणयों के बािे में वशक्षकों

    की समझ

    वशक्षण के वलए योजना

    कक्षा प्रबंधन

    विद्याविणयों का आकलन

    सीखने -वसखाने की विवधयों पि वशक्षकों द्वािा थि-व तंन

    प्रत् यके विद्यािी हते ुनाम पट्टी (पणूण)

    विद्याविणयों की पारििारिक पषृ् ठभवूम का ज्ञान (पणूण)

    दवैनक आधाि पि वशक्षक डायिी (पणूण)

    कक्षा की बैठक व् यिथ िा में परिितणन (पणूण)

    विद्याविणयों के आकलन हतेु विवभन् न टेथ ट से प्राप् त परिणामों का संकलन – विद्यार्थीिार

    विश् लेषण (संकलन पणूण एिं सधुाि वनिंति

    जािी)

    दवैनक आधाि पि शाला एिं हाईथ कूल के थ टॉफ से ाण (वनिंति)

    3 गिद्यागथार्ों की प्रिगत,

    उपलगब्ध और गिकास विद्याविणयों की उपवथिवत

    विद्याविणयों की भागीदािी एिं संलग्नता

    विद्याविणयों की प्रगवत

    विद्याविणयों का व्यविगत औि सामावजक विकास

    डी एिं ई गे्रड के बच् ों की प्रगवत सवुनवित किने हते ुकक्षा में थ िान परिितणन (पणूण)

    उपवथिवत भागीदािी एिं संलग् नता हते ुविवभन् न सह शैवक्षक कायणक्रमों का

    आयोजन तिा उसमें विद्याविणयों की

    भागीदािी सवुनवित किना

    प्रत् यके विद्यािी को प्रोत् साहन थ िरूप परुूथ काि वितिण (गणतंत्र वदिस पि सभी

    को पेन, पेंवसल, थ केल एिं पट्टी पहाडे का

    वितिण)

    4 गशक्षकों का कार्ा-

    प्रदशान और उनका

    व्र्ािसागर्क उन्नर्न

    वशक्षक उपवथिवत

    पाठ्यक्रम की बदलती आिश्यकताओ ं के अनरुूप

    वशक्षकों की तैयािी

    वशक्षकों के कायण -प्रदशणन की मॉवनटरिंग

    शाला प्रमखु द्वािा थ टाफ को मागणदशणन एिं दवैनक आधाि कायण प्रदशणन संबंधी ाण

    (वनिंति)

    आिश् यकतानसुाि जनवशक्षाकें द्र प्रभािी से सहयोग (वनिंति)

    5 शाला नेतृत्ि और

    शाला प्रबंधन सीखने -वसखाने के वलए नेततृ्ि शाला प्रमखु के कक्ष में कक्षािाि पाठ्यक्रम

    की प्रवतवलवप का प्रदशणन (पणूण)

  • 11

    क्रमाांक आयाम का नाम मानक सजन पर कायय प्रारांभ कर

    क्रदया गया ह ै

    शाला द्वारा क्रकए जा रह ेप्रयाि

    6 समािेश, स्िास््र् और

    सरुक्षा समािेश का िाताििण

    शािीरिक सिुक्षा

    भािनात्मक सिुक्षा

    थिाथ्य औि साफ़ -सफ़ाई

    सवक्रय बाल केवबनेट (पणूण)

    प्रािवमक उप ाि हतेु व्यिथिाएं (पणूण)

    गणतंत्र वदिस पि विद्यािीयों को टूि ब्रश का वितिण (पणूण)

    7 समुदार् की

    सहभागिता शाला प्रबंधन सवमवत

    )एसएमसी (का गठन औि

    प्रबंधन

    शाला प्रबंधन सवमवत का गठन (पणूण)

    उपलसधधयाां

    शाला में शाला उन् नयन कायययोजना का क्रक्रयान् वयन जारी ह।ै हम अपने प्रयािों िे शाला में भयमुक् त

    वातावरि बनाने में िफल रह ेहैं। वतयमान में आनांददायी वातावरि के प्रयाि जारी हैं िाि ही कक्षा कक्ष सशक्षि म े

    िुधार करते हुए बच् चों को मूलभूत दक्षताएां पान ेमें िहयोग करने के प्रयाि भी जारी हैं। शाला अपने प्रयािों िे कुछ

    क्षेत्रों में आवश् यक पररवतयन लाने में िफल रही ह।ै य ेक्षेत्र सनम् न हैं –

    दसृिकोि पररवतयन – शाला सिसि काययक्रम िे जुडकर मरेे और मेरी शाला के थ टाफ की िोच में पररवतयन

    आया ह।ै अब हम प्रत् येक कायय को उिी प्रकार व् यसथित तरीके िे करन ेका प्रयाि करते हैं जैिे क्रक काययक्रम में आयाम

    और मानक गुि ेहुए हैं। इि काययक्रम िे हमें हमारे कायय को करने के सलए एक िांरचनात् मक क्रदशा समली ह।ै

    आत् मसवश् वाि – सजतनी मेहनत हमारी शाला ने इि काययक्रम को िमझने में की ह ैऔर जो प्रयाि हम कर

    रह ेहैं उिके तात् कासलक फलथ वरूप हमारे आत् मसवश् वाि में तो वृसि हुई ही ह ैिाि ही िाि बच् चों के व् यवहार में भी

    पररवतयन देखने को समलन ेलग ेहैं। उदा. थ वरूप, हमन ेडी और ई ग्रेड के बच् चों के बैिने के थ िान में जो पररवतयन

    करवाया ह ैउिकी वजह िे उन बच् चों के प्रसतभासगता थ तर में वृसि हुई ह।ै

    बहेतर कायययोजना सनमायि – शाला की कायययोजना का अवलोकन

    सवसभन् न थ तरों पर क्रकया गया ह ैसजििे शाला को कई थ तरों िे फीडबैक प्राप् त करन े

    तिा कायययोजना को और असधक बेहतर बनाने के मौके समले हैं।

    सवद्यािी आकलन चाटय का सनमायि – शाला द्वारा कक्षा 1 िे लकेर 5 तक

    के सवद्यार्शियों हतेु आकलन चाटय का सनमायि क्रकया गया ह ैतिा उिको सनसित

    अांतराल पर अद्यतन क्रकया जाता ह।ै

    कक्षावार पाठ्यक्रम - शाला प्रमुख के कक्ष में कक्षावार पाठ्यक्रम की

    प्रसतसलसप को चथ पा क्रकया गया ह,ै तिासप शाला का ध् यान सवद्यािीवार आवश् यक

    आधारभूत कौशलों का सवकाि करने पर असधक ह।ै

  • 12

    सवद्यार्शियों की िांलग् नता एवां भागीदारी – सवद्यार्शियों को शैसक्षक एवां िह शैसक्षक गसतसवसधयों में िांलग् न

    करने हते ु शाला सवशेष प्रयाि कर रही ह।ै सवसभन् न काययक्रमों का आयोजन एवां प्रोत् िाहन थ वरूप पुरूथ कारों का

    सवतरि इनमें प्रमुख हैं।

    बाल केसबनटे – शाला में बाल केसबनेट को शाला सिसि के प्रसशक्षि उपराांत ही िक्रक्रय क्रकए जाने के प्रयाि

    प्रारांभ क्रकए गए हैं।

    शारीररक एवां भावनात् मक िरुक्षा – शाला का थ टाफ सवद्यार्शियों की

    पाररवाररक पृष् िभूसम को जानता ह ैतिा उिी के अनुिार कायय करता ह।ै शाला में

    प्रािसमक उपचार हतेु आवश् यक व् यवथ िाएां की गयी हैं। यक्रद काई सवद्यािी शाला

    िमय में बीमार होता ह ैतो थ टाफ सवद्यािी की पाररवाररक सथिसत के अनुिार सनियय

    लेता ह।ै सजन बच् चों के माता सपता मजदरूी पर जात ेहैं उन् हें शाला में ही रखकर

    आवश् यक उपचार करवान ेका प्रयाि भी क्रकया जाता ह।ै

    भौसतक िांिाधन – शाला पररिर की िफाई एवां रांगाई पतुाई का कायय पिूय

    हो गया ह।ै शाला प्रमुख हतेु असतररक् त कक्षा की व् यवथ िा भी कर ली गई ह।ै शाला में

    पेयजल एवां हाि धोन े हते ु एक टेंक की व् यवथ िा भी कर ली गई ह।ै शाला में

    सवद्यार्शियों द्वारा शाला उद्यान तैयार क्रकया गया ह।ै

    चुनौसतयााँ

    शाला सिसि - हमारी शाला ऐिी हो काययक्रम के क्रक्रयान् वयन के दौरान मरेे और मरेी शाला ने सनम् नानुिार

    चुनौसतयों का िामना क्रकया -

    सशक्षकों की िांख् या – काययक्रम के क्रक्रयान् वयन की दसृि िे शाला में केवल 2 ही सशसक्षकाएां होना चुनौती रही।

    क्रकिी एक सशसक्षका के व् यथ त होने िे दिूरी सशसक्षका पर सजम् मेदाररयाां बढ जाती हैं।

    काययक्रम पर िमझ – काययक्रम पर थ वयां एवां िािी की िमझ बनाना बहुत चुनौतीपिूय कायय िा। प्रसशक्षि के

    दौरान सबल कुल अांदाजा नहीं िा क्रक िमझ बनाने में इतना असधक िमय और उजाय लगेगी।

    अन् य गसतसवसधयों/काययक्रमों के िाि िमन् वय – शािन के सवसभन् न थ तरों िे कई अन् य काययक्रम एवां आयोजन

    भी होते हैं। उन िभी के िाि िमन् वय थ िासपत करते हुए शाला सिसि के सलए पूरे ध् यान िे कायय करना चुनौती ह।ै

    काययक्रम के दौरान पररवतयन – प्रसशक्षि प्राप् त कर लेन ेके पश् चात क्रकए गए पररवतयन और सजले िे प्रदाय

    सनदेशों के आधार पर पूवय िे जारी काययक्रम में िाि िाि बदलाव करते हुए कायययोजना सनमायि चुनौतीपिूय रहा।

  • 13

    आगामी लक्ष् य

    शाला उन् नयन कायययोजना अनुिार शाला के िमक्ष आयाम 2 एवां 3 इि िमय उच् च प्रािसमता पर हैं,

    सवसभन् न कारिों िे बच् चों को पढाने के िमय में जो कमी आई ह ैउिे पूरा करना प्रिम लक्ष् य ह।ै इिके असतररक् त

    आगामी िमय में शाला सनम् नसलसखत सवषयों पर ध् यान दगेी -

    िीखने की प्रक्रक्रया एवां िीखने सिखाने के िांिाधन का उपयोग

    सवद्यार्शियों के उपलसधध थ तर में सनरांतर िुधार

    िमुदाय एवां शाला प्रबांधन िसमसत की िक्रक्रयता

    सशक्षकों का व् याविासयक उन् नयन

    आयाम 5 अांतगयत नेतृत् व िे िांबांसधत मानकों पर कायय

    जब बच् चे सशक्षक की न् यूनतम मदद िे, थ वयां अपनी रूसच िे कायय करन ेलगें, इतना भरोिा बच् चों में

    जगाना हमारा अगला लक्ष् य ह।ै शाला सिसि काययक्रम की भावना के अनुरूप शाला द्वारा भयमुक् त वातावरि का

    सनमायि कर क्रदया गया ह।ै इि िमय शाला आनांददायी वातावरि का सनमायि कर रही ह।ै आगामी िमय में बच् चों के

    थ तर अनरुूप आवश् यक कौशलों का सवकाि शाला का प्रािसमक लक्ष् य होगा।

    ‘’शाला सिसि, सवद्यालय के सशक्षकों को अपनी क्षमता मापने का मौका देने वाला काययक्रम ह।ै‘’

    िीमसत सतलोत् तमा शशदे (प्राचायाय एवां जनसशक्षाकें द्र प्रभारी)

    ‘’गुिवत् ता उन् नयन हते ुहम िभी हमेशा िे प्रयाि करते रह ेहैं, शाला सिसि काययक्रम के माध् यम

    िे मुझे और मरेी शाला को अपने प्रयािों हते ुएक िुसनयोसजत क्रदशा समली ह।ै‘’

    िीमसत कसवता समत् तल (प्रधान पािक)

    ‘’मुझे िीखने का अविर समला ह।ै यह काययक्रम मेरे और शाला िे िांबांसधत िभी आवश् यक

    पहलुओं को िूचीबि कर िुसनयोसजत सवकाि का अविर ह।ै‘’

    िीमसत प्रज्ञा वषै् िव (िहायक अध् यापक)

    ‘’इि काययक्रम की िहायता िे शाला की असधक थ पष् ट सथिसत ज्ञात की जाती ह ैतिा पूवायग्रही

    छसव हटकर िे िटीक सथिसत को िभी सहतधारकों के िमक्ष लाने का कायय क्रकया जाता ह।ै‘’

    िी मकेुश पटेल (बाह्य मलू याांकनकताय)