भारत wा iततहास NOTES

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भारत का इतहास NOTES पटवार | पुतिस | ाम सेवक पटवारी पुतिस व ामसेवक की आगामी परीा की तैयारी हेतु भारतीय इतहास पर संकतित सववे नोस सपूव तसिेबस के साथ तवाथी के समय को यान म रख कर बनाये गए है। परीा की दृति से अतत महवपूव तय व संभातवत इसम शातमि है । संकिन कताव : अतजतिवेदी 28/7/2020

Transcript of भारत wा iततहास NOTES

Page 1: भारत wा iततहास NOTES

भारत का इततहास ndash NOTES पटवार | पतिस | गराम सवक पटवारी पतिस व गरामसवक की आगामी परीकषा की तयारी हत

भारतीय इततहास पर सकतित सववशरषठ नोटस समपरव तसिबस क साथ

तवदयाथी क समय को धयान म रख कर बनाय गए ह परीकषा की दति स

अतत महतवपरव तथय व सभातवत परशन इसम शातमि ह

सकिन कताव अतजत तिवदी 2872020

बाधाए ह कौरव दि सी इन सब पर तम कच करो

अजवन सा योदधा बन कर गाणडीव िकर टट पड़ो

कलपना कर की एक नकशा ह जो आपको आपक सपनो की सरकारी नौकरी तक पहचन का सबस सटीक व

अवरोध रतहत मागव ददखता ह आप ऐस ही एक नक़श को अपन हाथ म तिए ह भारीतय इततहास पर 100

पननो की यह पसतक एक नकशा ह जो आपको आपकी आगामी परीकषा म सफिता की और ि जायगा

वस तो बाजार म कई पसतक उपिबध ह जो भारत क इततहास क तसिबस को कवर करती ह और तजनम भर

भर क जानकारी उपिबध ह पर सवाि यह ह की आपको इतनी जानकारी चातहए कयो कया आप इततहासकार

बनना चाहत ह या आपको इततहास का तशकषक बनन की चषठा ह

मर खयाि स नही आपको हर हाि म इस परीकषा को तकियर करना ह जो आपक सपन की नौकरी आपको

ददिाएगी

कॉतमपटटशन क इस यग म वह सफि नही होता जो तसिबस परतयक कोन म झाकन का परयतन करता ह अतपत

सिकशन उसका तनतित होता ह तजस यह पता हो की उस कया नही पढ़ना ह

कलपना कीतजय की आप एक 10 िोगो क समह म कीसी जगि म फस गए ह और चीता आपको खान क तिए

आपक समह क पीछ भाग रहा ह ऐसी तसततथ म कया करग आप कया आप चीता स तज भागन की कोतशश

करग कया आप चीता स तज भाग भी पाएग

इसका सीधा सा समाधान यह ह की आपको बस उन 9 िोगो स तज़ भागना ह जो आपक साथ उस भीड़ म दौड़

रह ह

सामानय जञान का तसिबस वही चीता ह हकीकत म इस कोई भी समय रहत परा नही कर सकता ह इसीतिए

पहचानना सीख की कया पढ़ और कया छोड़

इस पसतक म हमन उन अतत महततवपरव तथयो का सकिन दकया ह जो की परीकषा की दति स नज़रअदाज करन

योगय नही ह इन नोटस को मन स पढ़ और याद कर ि तादक आपको परीकषा म सफि होन स यह तवषय रोक

ना सक

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भारत का आततहास - ऄधयाय 1

(आततहास का पररचय व ससधघाटी सभयता)

आततहास शबद की रचना आततहास = आतत + ह + अस

आततहास म तनमन तितखत घटनाओ को सतममतित ककया जाता ह

1 जो मानव जीवन को परभातवत कर या भौगोतिक जीवन को परभातवत कर

2 तजसम करमबदधता हो

3 तजसक साकषय मौजद हो जो तीन परकार क होत ह -

परातातववक साकषय - जस ऄतभिख (तशिािख सतमभिख गहातभिख)

सातहतवयक साकषय - धारममक सातहवय व धमतर सातहवय

तवदशी तववरण - तवदशी यातियो या वयतियो क दवारा तवकािीन भारतीय समाज व राजनीती क

ईपपर कदया गया तववरण जस - मगसथनीज की आतडका फातहयान की फ़ो-को-की वहनसाग की

सी-य-की

आततहास की 4 पररभाषाए

ऄतीत की घटनाओ का ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

ऄतीत की घटनाओ का वरततमान की घटनाओ क साथ करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

आततहास का वगीकरण

आततहास को हम तनमनतितखत 3 भागो म तवभातजत कर सकत ह

1 परागततहास - जञात आततहास स पवत का आततहास या वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद नही ह ऄथाततत

ककसी भी तितप का ईधदरण नही ह कवि परातातववक साकषय ही तमित ह

2 अदय आततहास - वह काि तजसक तितखतहत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह

3 आततहास अधतनक वरततमान आततहास - वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद ह और ईनह पढ़ा जा चका

NOTE 1842 म कनातटक क रायचर तजि क सिगसगर नामक गााव स कछ पाषाण कािीन औजार परापत ककय

गए ह आसी अधार पर परागततहातसक काि को तनमनतितखत रप म तवभातजत कर कदया गया

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1 परागततहास पाषाण काि (पवथरो का यग)

परापत औजारो की बनावट क अधार पर पाषाण काि को तीन भागो म तवभातजत ककया गया परापाषाण

मधयपाषाण व नवपाषाण काि तीनो का तवसतार तनमन तितखत ह -

परापाषाण काि -

आस काि म अकदमानव की ईवपतरत मानी जाती ह

आस काि क दौरान अकदमानव की तसततथ दयनीय थी तथा वह घममकड़ जीवन वयतीत करता था

आस काि म अकदमानव कवि तशकार करता था तशकार करन हत ईसन पवथर स औजार बनान परारमभ ककय

ऄकदमानव न सवत परथम हसतकठार (hand exe) का तनमातण ककया जो की ऄकद मानव का परथम औजार माना

जाता ह

मधयपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न समह म रहना परारमभ ककया तथा पशपािन भी परारमभ कर कदया

सवतपरथम ईसन करत को ऄपना पाित जानवर बनाया

आस काि क औजारो का अकर छोटा था तजनह सकषमपाषाण (macroliths) कहा जाता था

आस काि म ऄकदमानव की तसततथ यायावर थी तथा तशकार ही करता था

नवपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न अग का अतवषकार ककया

आसी काि म अकदमानव न सथायी बसावट परारमभ की तथा कतष करना भी परारमभ ककया

पतहय का अतवषकार सबस करतनतकारी अतवषकार माना जाता ह

अकदमानव न सवतपरथम तामबा धात का परयोग ककया तथा ऄनाज क भणडारण हत ईसन मदभाडो का तनमातण

ककया

NOTE नवपाषाण काि म अकदमानव ईपभोिा क साथ साथ ईवपादक भी बन गया तथा वह खादय सगराहक

क रप म तवतससत हअ

NOTE मधयपाषाण काि को भारतीय आततहास का सकरमणकािीन चरण कहा जाता ह

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2 अदयआततहास काि

वह काि तजसक तितखत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह अदयआततहास काि म

हम तवशष रप स ससध सभयता और वकदक सभयता का ऄधययन करत ह आस ऄधयाय म हम ससध घाटी

सभयता क बार म जानग अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म

पढ़ग

~ससध घाटी सभयता~

तितप - बरसटोफदन सरमपिाकार गौमिी भाव तचिावमक - आसम 64 मि तचनह ह और सवाततधक ऄकषर U

अकर क तमि ह यह तितप दाए स बाए और बाए स दाए (सरमपिाकार) तिखी जाती थी आस तितप को तवषव

म सबस पहि पढ़न का परयास वडन महोदय न ककया था िककन ऄसफि रह आस तितप को भारत म सबस

पहि पढ़न का परयास शरी नटराज जी न ककया था िककन ऄसफि रह

ससध सभयता का ऄतीत

ऄब तक ससार म तनमनतितखत चार सभयताए हइ ह

1 ndash मसोपोटातमया की सभयता- दजिा व फरात नदी

2 ndash तमशर की सभयता- तनि नदी

3 - ससध सभयता - ससध नदी

4 - चीन की सभयता- वहाग हो नदी

नामकरण - आस सभयता हत तीन नाम परयि ककय जात ह

1 ससध सभयता यह नाम सवतपरथम John Marshal क दवारा कदया गया जो की आस सभयता क तनदशक भी थ

2 ससध घाटी सभयता यह नाम डॉरफ़ीक़ मघि दवारा कदया गाया

3 हडडपा यहाा आसका वततमान म परचतित नाम ह जो की आसक परथम ईवखतनत कषि क अधार पर रखा गया

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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Page 2: भारत wा iततहास NOTES

बाधाए ह कौरव दि सी इन सब पर तम कच करो

अजवन सा योदधा बन कर गाणडीव िकर टट पड़ो

कलपना कर की एक नकशा ह जो आपको आपक सपनो की सरकारी नौकरी तक पहचन का सबस सटीक व

अवरोध रतहत मागव ददखता ह आप ऐस ही एक नक़श को अपन हाथ म तिए ह भारीतय इततहास पर 100

पननो की यह पसतक एक नकशा ह जो आपको आपकी आगामी परीकषा म सफिता की और ि जायगा

वस तो बाजार म कई पसतक उपिबध ह जो भारत क इततहास क तसिबस को कवर करती ह और तजनम भर

भर क जानकारी उपिबध ह पर सवाि यह ह की आपको इतनी जानकारी चातहए कयो कया आप इततहासकार

बनना चाहत ह या आपको इततहास का तशकषक बनन की चषठा ह

मर खयाि स नही आपको हर हाि म इस परीकषा को तकियर करना ह जो आपक सपन की नौकरी आपको

ददिाएगी

कॉतमपटटशन क इस यग म वह सफि नही होता जो तसिबस परतयक कोन म झाकन का परयतन करता ह अतपत

सिकशन उसका तनतित होता ह तजस यह पता हो की उस कया नही पढ़ना ह

कलपना कीतजय की आप एक 10 िोगो क समह म कीसी जगि म फस गए ह और चीता आपको खान क तिए

आपक समह क पीछ भाग रहा ह ऐसी तसततथ म कया करग आप कया आप चीता स तज भागन की कोतशश

करग कया आप चीता स तज भाग भी पाएग

इसका सीधा सा समाधान यह ह की आपको बस उन 9 िोगो स तज़ भागना ह जो आपक साथ उस भीड़ म दौड़

रह ह

सामानय जञान का तसिबस वही चीता ह हकीकत म इस कोई भी समय रहत परा नही कर सकता ह इसीतिए

पहचानना सीख की कया पढ़ और कया छोड़

इस पसतक म हमन उन अतत महततवपरव तथयो का सकिन दकया ह जो की परीकषा की दति स नज़रअदाज करन

योगय नही ह इन नोटस को मन स पढ़ और याद कर ि तादक आपको परीकषा म सफि होन स यह तवषय रोक

ना सक

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भारत का आततहास - ऄधयाय 1

(आततहास का पररचय व ससधघाटी सभयता)

आततहास शबद की रचना आततहास = आतत + ह + अस

आततहास म तनमन तितखत घटनाओ को सतममतित ककया जाता ह

1 जो मानव जीवन को परभातवत कर या भौगोतिक जीवन को परभातवत कर

2 तजसम करमबदधता हो

3 तजसक साकषय मौजद हो जो तीन परकार क होत ह -

परातातववक साकषय - जस ऄतभिख (तशिािख सतमभिख गहातभिख)

सातहतवयक साकषय - धारममक सातहवय व धमतर सातहवय

तवदशी तववरण - तवदशी यातियो या वयतियो क दवारा तवकािीन भारतीय समाज व राजनीती क

ईपपर कदया गया तववरण जस - मगसथनीज की आतडका फातहयान की फ़ो-को-की वहनसाग की

सी-य-की

आततहास की 4 पररभाषाए

ऄतीत की घटनाओ का ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

ऄतीत की घटनाओ का वरततमान की घटनाओ क साथ करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

आततहास का वगीकरण

आततहास को हम तनमनतितखत 3 भागो म तवभातजत कर सकत ह

1 परागततहास - जञात आततहास स पवत का आततहास या वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद नही ह ऄथाततत

ककसी भी तितप का ईधदरण नही ह कवि परातातववक साकषय ही तमित ह

2 अदय आततहास - वह काि तजसक तितखतहत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह

3 आततहास अधतनक वरततमान आततहास - वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद ह और ईनह पढ़ा जा चका

NOTE 1842 म कनातटक क रायचर तजि क सिगसगर नामक गााव स कछ पाषाण कािीन औजार परापत ककय

गए ह आसी अधार पर परागततहातसक काि को तनमनतितखत रप म तवभातजत कर कदया गया

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1 परागततहास पाषाण काि (पवथरो का यग)

परापत औजारो की बनावट क अधार पर पाषाण काि को तीन भागो म तवभातजत ककया गया परापाषाण

मधयपाषाण व नवपाषाण काि तीनो का तवसतार तनमन तितखत ह -

परापाषाण काि -

आस काि म अकदमानव की ईवपतरत मानी जाती ह

आस काि क दौरान अकदमानव की तसततथ दयनीय थी तथा वह घममकड़ जीवन वयतीत करता था

आस काि म अकदमानव कवि तशकार करता था तशकार करन हत ईसन पवथर स औजार बनान परारमभ ककय

ऄकदमानव न सवत परथम हसतकठार (hand exe) का तनमातण ककया जो की ऄकद मानव का परथम औजार माना

जाता ह

मधयपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न समह म रहना परारमभ ककया तथा पशपािन भी परारमभ कर कदया

सवतपरथम ईसन करत को ऄपना पाित जानवर बनाया

आस काि क औजारो का अकर छोटा था तजनह सकषमपाषाण (macroliths) कहा जाता था

आस काि म ऄकदमानव की तसततथ यायावर थी तथा तशकार ही करता था

नवपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न अग का अतवषकार ककया

आसी काि म अकदमानव न सथायी बसावट परारमभ की तथा कतष करना भी परारमभ ककया

पतहय का अतवषकार सबस करतनतकारी अतवषकार माना जाता ह

अकदमानव न सवतपरथम तामबा धात का परयोग ककया तथा ऄनाज क भणडारण हत ईसन मदभाडो का तनमातण

ककया

NOTE नवपाषाण काि म अकदमानव ईपभोिा क साथ साथ ईवपादक भी बन गया तथा वह खादय सगराहक

क रप म तवतससत हअ

NOTE मधयपाषाण काि को भारतीय आततहास का सकरमणकािीन चरण कहा जाता ह

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2 अदयआततहास काि

वह काि तजसक तितखत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह अदयआततहास काि म

हम तवशष रप स ससध सभयता और वकदक सभयता का ऄधययन करत ह आस ऄधयाय म हम ससध घाटी

सभयता क बार म जानग अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म

पढ़ग

~ससध घाटी सभयता~

तितप - बरसटोफदन सरमपिाकार गौमिी भाव तचिावमक - आसम 64 मि तचनह ह और सवाततधक ऄकषर U

अकर क तमि ह यह तितप दाए स बाए और बाए स दाए (सरमपिाकार) तिखी जाती थी आस तितप को तवषव

म सबस पहि पढ़न का परयास वडन महोदय न ककया था िककन ऄसफि रह आस तितप को भारत म सबस

पहि पढ़न का परयास शरी नटराज जी न ककया था िककन ऄसफि रह

ससध सभयता का ऄतीत

ऄब तक ससार म तनमनतितखत चार सभयताए हइ ह

1 ndash मसोपोटातमया की सभयता- दजिा व फरात नदी

2 ndash तमशर की सभयता- तनि नदी

3 - ससध सभयता - ससध नदी

4 - चीन की सभयता- वहाग हो नदी

नामकरण - आस सभयता हत तीन नाम परयि ककय जात ह

1 ससध सभयता यह नाम सवतपरथम John Marshal क दवारा कदया गया जो की आस सभयता क तनदशक भी थ

2 ससध घाटी सभयता यह नाम डॉरफ़ीक़ मघि दवारा कदया गाया

3 हडडपा यहाा आसका वततमान म परचतित नाम ह जो की आसक परथम ईवखतनत कषि क अधार पर रखा गया

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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Page 3: भारत wा iततहास NOTES

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भारत का आततहास - ऄधयाय 1

(आततहास का पररचय व ससधघाटी सभयता)

आततहास शबद की रचना आततहास = आतत + ह + अस

आततहास म तनमन तितखत घटनाओ को सतममतित ककया जाता ह

1 जो मानव जीवन को परभातवत कर या भौगोतिक जीवन को परभातवत कर

2 तजसम करमबदधता हो

3 तजसक साकषय मौजद हो जो तीन परकार क होत ह -

परातातववक साकषय - जस ऄतभिख (तशिािख सतमभिख गहातभिख)

सातहतवयक साकषय - धारममक सातहवय व धमतर सातहवय

तवदशी तववरण - तवदशी यातियो या वयतियो क दवारा तवकािीन भारतीय समाज व राजनीती क

ईपपर कदया गया तववरण जस - मगसथनीज की आतडका फातहयान की फ़ो-को-की वहनसाग की

सी-य-की

आततहास की 4 पररभाषाए

ऄतीत की घटनाओ का ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन

ऄतीत की घटनाओ का करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

ऄतीत की घटनाओ का वरततमान की घटनाओ क साथ करमबदध ऄधययन तजसक साकषय मौजद हो

आततहास का वगीकरण

आततहास को हम तनमनतितखत 3 भागो म तवभातजत कर सकत ह

1 परागततहास - जञात आततहास स पवत का आततहास या वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद नही ह ऄथाततत

ककसी भी तितप का ईधदरण नही ह कवि परातातववक साकषय ही तमित ह

2 अदय आततहास - वह काि तजसक तितखतहत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह

3 आततहास अधतनक वरततमान आततहास - वह काि तजसक तितखत साकषय मौजद ह और ईनह पढ़ा जा चका

NOTE 1842 म कनातटक क रायचर तजि क सिगसगर नामक गााव स कछ पाषाण कािीन औजार परापत ककय

गए ह आसी अधार पर परागततहातसक काि को तनमनतितखत रप म तवभातजत कर कदया गया

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1 परागततहास पाषाण काि (पवथरो का यग)

परापत औजारो की बनावट क अधार पर पाषाण काि को तीन भागो म तवभातजत ककया गया परापाषाण

मधयपाषाण व नवपाषाण काि तीनो का तवसतार तनमन तितखत ह -

परापाषाण काि -

आस काि म अकदमानव की ईवपतरत मानी जाती ह

आस काि क दौरान अकदमानव की तसततथ दयनीय थी तथा वह घममकड़ जीवन वयतीत करता था

आस काि म अकदमानव कवि तशकार करता था तशकार करन हत ईसन पवथर स औजार बनान परारमभ ककय

ऄकदमानव न सवत परथम हसतकठार (hand exe) का तनमातण ककया जो की ऄकद मानव का परथम औजार माना

जाता ह

मधयपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न समह म रहना परारमभ ककया तथा पशपािन भी परारमभ कर कदया

सवतपरथम ईसन करत को ऄपना पाित जानवर बनाया

आस काि क औजारो का अकर छोटा था तजनह सकषमपाषाण (macroliths) कहा जाता था

आस काि म ऄकदमानव की तसततथ यायावर थी तथा तशकार ही करता था

नवपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न अग का अतवषकार ककया

आसी काि म अकदमानव न सथायी बसावट परारमभ की तथा कतष करना भी परारमभ ककया

पतहय का अतवषकार सबस करतनतकारी अतवषकार माना जाता ह

अकदमानव न सवतपरथम तामबा धात का परयोग ककया तथा ऄनाज क भणडारण हत ईसन मदभाडो का तनमातण

ककया

NOTE नवपाषाण काि म अकदमानव ईपभोिा क साथ साथ ईवपादक भी बन गया तथा वह खादय सगराहक

क रप म तवतससत हअ

NOTE मधयपाषाण काि को भारतीय आततहास का सकरमणकािीन चरण कहा जाता ह

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2 अदयआततहास काि

वह काि तजसक तितखत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह अदयआततहास काि म

हम तवशष रप स ससध सभयता और वकदक सभयता का ऄधययन करत ह आस ऄधयाय म हम ससध घाटी

सभयता क बार म जानग अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म

पढ़ग

~ससध घाटी सभयता~

तितप - बरसटोफदन सरमपिाकार गौमिी भाव तचिावमक - आसम 64 मि तचनह ह और सवाततधक ऄकषर U

अकर क तमि ह यह तितप दाए स बाए और बाए स दाए (सरमपिाकार) तिखी जाती थी आस तितप को तवषव

म सबस पहि पढ़न का परयास वडन महोदय न ककया था िककन ऄसफि रह आस तितप को भारत म सबस

पहि पढ़न का परयास शरी नटराज जी न ककया था िककन ऄसफि रह

ससध सभयता का ऄतीत

ऄब तक ससार म तनमनतितखत चार सभयताए हइ ह

1 ndash मसोपोटातमया की सभयता- दजिा व फरात नदी

2 ndash तमशर की सभयता- तनि नदी

3 - ससध सभयता - ससध नदी

4 - चीन की सभयता- वहाग हो नदी

नामकरण - आस सभयता हत तीन नाम परयि ककय जात ह

1 ससध सभयता यह नाम सवतपरथम John Marshal क दवारा कदया गया जो की आस सभयता क तनदशक भी थ

2 ससध घाटी सभयता यह नाम डॉरफ़ीक़ मघि दवारा कदया गाया

3 हडडपा यहाा आसका वततमान म परचतित नाम ह जो की आसक परथम ईवखतनत कषि क अधार पर रखा गया

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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Page 4: भारत wा iततहास NOTES

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1 परागततहास पाषाण काि (पवथरो का यग)

परापत औजारो की बनावट क अधार पर पाषाण काि को तीन भागो म तवभातजत ककया गया परापाषाण

मधयपाषाण व नवपाषाण काि तीनो का तवसतार तनमन तितखत ह -

परापाषाण काि -

आस काि म अकदमानव की ईवपतरत मानी जाती ह

आस काि क दौरान अकदमानव की तसततथ दयनीय थी तथा वह घममकड़ जीवन वयतीत करता था

आस काि म अकदमानव कवि तशकार करता था तशकार करन हत ईसन पवथर स औजार बनान परारमभ ककय

ऄकदमानव न सवत परथम हसतकठार (hand exe) का तनमातण ककया जो की ऄकद मानव का परथम औजार माना

जाता ह

मधयपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न समह म रहना परारमभ ककया तथा पशपािन भी परारमभ कर कदया

सवतपरथम ईसन करत को ऄपना पाित जानवर बनाया

आस काि क औजारो का अकर छोटा था तजनह सकषमपाषाण (macroliths) कहा जाता था

आस काि म ऄकदमानव की तसततथ यायावर थी तथा तशकार ही करता था

नवपाषाण काि -

आस काि क दौरान अकदमानव न अग का अतवषकार ककया

आसी काि म अकदमानव न सथायी बसावट परारमभ की तथा कतष करना भी परारमभ ककया

पतहय का अतवषकार सबस करतनतकारी अतवषकार माना जाता ह

अकदमानव न सवतपरथम तामबा धात का परयोग ककया तथा ऄनाज क भणडारण हत ईसन मदभाडो का तनमातण

ककया

NOTE नवपाषाण काि म अकदमानव ईपभोिा क साथ साथ ईवपादक भी बन गया तथा वह खादय सगराहक

क रप म तवतससत हअ

NOTE मधयपाषाण काि को भारतीय आततहास का सकरमणकािीन चरण कहा जाता ह

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2 अदयआततहास काि

वह काि तजसक तितखत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह अदयआततहास काि म

हम तवशष रप स ससध सभयता और वकदक सभयता का ऄधययन करत ह आस ऄधयाय म हम ससध घाटी

सभयता क बार म जानग अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म

पढ़ग

~ससध घाटी सभयता~

तितप - बरसटोफदन सरमपिाकार गौमिी भाव तचिावमक - आसम 64 मि तचनह ह और सवाततधक ऄकषर U

अकर क तमि ह यह तितप दाए स बाए और बाए स दाए (सरमपिाकार) तिखी जाती थी आस तितप को तवषव

म सबस पहि पढ़न का परयास वडन महोदय न ककया था िककन ऄसफि रह आस तितप को भारत म सबस

पहि पढ़न का परयास शरी नटराज जी न ककया था िककन ऄसफि रह

ससध सभयता का ऄतीत

ऄब तक ससार म तनमनतितखत चार सभयताए हइ ह

1 ndash मसोपोटातमया की सभयता- दजिा व फरात नदी

2 ndash तमशर की सभयता- तनि नदी

3 - ससध सभयता - ससध नदी

4 - चीन की सभयता- वहाग हो नदी

नामकरण - आस सभयता हत तीन नाम परयि ककय जात ह

1 ससध सभयता यह नाम सवतपरथम John Marshal क दवारा कदया गया जो की आस सभयता क तनदशक भी थ

2 ससध घाटी सभयता यह नाम डॉरफ़ीक़ मघि दवारा कदया गाया

3 हडडपा यहाा आसका वततमान म परचतित नाम ह जो की आसक परथम ईवखतनत कषि क अधार पर रखा गया

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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Page 5: भारत wा iततहास NOTES

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2 अदयआततहास काि

वह काि तजसक तितखत साकषय तो मौजद ह परनत ऄब तक ईनह पढ़ा नही जा सका ह अदयआततहास काि म

हम तवशष रप स ससध सभयता और वकदक सभयता का ऄधययन करत ह आस ऄधयाय म हम ससध घाटी

सभयता क बार म जानग अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म

पढ़ग

~ससध घाटी सभयता~

तितप - बरसटोफदन सरमपिाकार गौमिी भाव तचिावमक - आसम 64 मि तचनह ह और सवाततधक ऄकषर U

अकर क तमि ह यह तितप दाए स बाए और बाए स दाए (सरमपिाकार) तिखी जाती थी आस तितप को तवषव

म सबस पहि पढ़न का परयास वडन महोदय न ककया था िककन ऄसफि रह आस तितप को भारत म सबस

पहि पढ़न का परयास शरी नटराज जी न ककया था िककन ऄसफि रह

ससध सभयता का ऄतीत

ऄब तक ससार म तनमनतितखत चार सभयताए हइ ह

1 ndash मसोपोटातमया की सभयता- दजिा व फरात नदी

2 ndash तमशर की सभयता- तनि नदी

3 - ससध सभयता - ससध नदी

4 - चीन की सभयता- वहाग हो नदी

नामकरण - आस सभयता हत तीन नाम परयि ककय जात ह

1 ससध सभयता यह नाम सवतपरथम John Marshal क दवारा कदया गया जो की आस सभयता क तनदशक भी थ

2 ससध घाटी सभयता यह नाम डॉरफ़ीक़ मघि दवारा कदया गाया

3 हडडपा यहाा आसका वततमान म परचतित नाम ह जो की आसक परथम ईवखतनत कषि क अधार पर रखा गया

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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Page 6: भारत wा iततहास NOTES

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ससध घाटी सभयता का तवसतार

आस सभयता का तवसतार 3 दशो म तमिता ह - भारत पाककसतान व ऄफगातनसतान

ससध घाटी सभयता क कषि और ईनक परासथि

1 ऄफगातनसतान ndash मडीगाक amp शोततगोइ (यह ससध घाटी सभयता क सबस ईरतरतम सबद ह)

2 बिोतचसतान - महरगढ़ राणाघड़इ सवकागडोर सतकाकोह कवटा घाटी कलिा-कलिी डाबरकोट

3 ससध (पाककसतान) -ऄिीमराद मोहन-जो-दड़ो अमरी कोटदीजी चनहदडो

4 पजाब (पाककसतान) - रहमान ढरी ज़िीिपर हडडपा डरा आसमाआि खान

5 पजाब (भारत) - रोपड़ सघोि चक-86 बाड़ा

6 हररयाणा - कनाि राखीगढ़ी तमरताथि बनाविी भरातना

7 राजसथान - बािाथि कािीबगा

8 ईरतर परदश - अिमगीरपर बड़ागाव हिास

9 गजरात - िोथि धोिावीरा रगपर रोजड़ी दशिपर भगतराव सरकोटडा

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ससध घाटी सभयता का काि -

1 - माशति क ऄनसार - 3250 इ प - 2750 इ प

2 - C-14 क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

3 - डॉ रोतमिा थापर और डी तप ऄगरवाि क ऄनसार - 2350 इ प - 1750 इ प

ससध घाटी सभयता की परजाततयाा

सनधव सभयता भारत की परथम नगरीय सभयता मानी जाती ह यहाा कासय यगीन सभयता थी आस सभयता म

तनमन तितखत 4 परकार की परजाततया पायी जाती थी

1 परोटो ऑसरतियाआड

2 ऄलपाआन

3 मगोतियन

4 भमधय सागरीय (दरतवड़) | सवाततधक साकषय आनही िोगो क परापत हए ह | आनह ससध सभयता क तनमातता

भी कहा जाता ह

ससध घाटी सभयता क सथि

ऄब हम सधव सभयता क कछ परमख सथिो की तवशष बातो का ऄधयन करग जो परीकषा ईपयोगी ह आन सथिो

क बार म अप ऄचछ स समज िीतजय और याद कर िीतजय-

1 हडडपा नगर

हडडपा क बार म सवतपरथम जानकारी 1826 म चालसत मसन क दवारा दी गयी ईसन ऄपन िख म तिखा की

भारत म एक हडडपा नामक पराचीनतम नगर ह

1856 म कराची स िाहौर रिव िाआन तबछात समय जॉन बटतन व तवतियम बटतन क अदश स हडडपा क

टीि स कछ इट तनकािी गआ तजसस यहाा छपी हइ सभयता िोगो क सामन अयी

खोज - दयाराम साहनी

समय - 1921

सथान - पजाब -मोटगोमरी (वततमान नाम शाहीवाि)

नदी - रावी नदी क बाय तट पर

ईवखनन - 1926 म - माधोसवरप ववस और 1946 म मारटटन वहीिर

यह नगर 2 भागो म तवभातजत था -

1 - दगत टीिा (पतिमी टीिा)

2 - नगर टीिा (पवी टीिा)

दगत टीि को मारटटन वहीिर न माईट AB कहा ह

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हडडपा स तनमन तितखत चीज़ परापत होती ह -

6-6 की पतियो म दो ऄननागार ह आस ऄननागार स गह व जौ क साकषय तमित ह दगत टीि म शरतमक अवास

मजदर बरक व परशासतनक वगत क िोगो क तिए भवन क साकषय भी परापत होत ह

हडडपा का नगर तनयोजन

हडडपा क नगर दो भागो म तवभातजत थ िककन धोिावीरा एक माि ऐसा सथि ह जो की 3 भागो म तवभातजत

था

दगत टीि म ऄननागार बन हए होत थ हडडपा स परापत ऄननागार समपणत सधव सभयता की दसरी सबस बड़ी

इमारत ह (परथम सबस बड़ी इमारत िोथि का गोड़ीवाड़ा (बदरगाह) ह )

हडडपा नगर की सड़क एक दसर को समकोण प काटती थी तजस ऑससफ़ोडत सकतस पददतत या तगरड पटनत कहा

जाता ह नगर का मखय परवश दवार पवत कदशा की और होता था जबकक मखय सड़क ईरतर स दतकषण की और

बानी हइ होती थी यह तमटटी स तनरममत तथा 9 स 10 मीटर चौड़ी होती थी नगर क घरो क दरवाज एक

दसर क अमन सामन गतियो म खित थ

नगर टीि क दतकषणी भाग म कतबरसतान बन हए होत थ हडडपा स दो परकार क कतबरसतान क साकषय तमित ह

तजनह करमशः कतबरसतान H व R-37 कहा गया ह

NOTE िोथि एक माि ऐसा सथि था तजसक घरो क दरवाज मखय सड़क की और खित थ

ऄनय ऄवशष

सतरी क गभत स तनकित हए पौध की मण मरमत तजस हडडपा वातसयो न ईवतरकता दवी या पथवी

दवी कहा ह

हडडपा स मानव क साथ बकर क शवदान क साकषय परापत होत ह

यहाा स परसाधन मञजषा व काास का दपतण भी परापत हअ ह

सवाततधक ऄतभिख यि मोहर हडडपा स जब की सवाततधक मोहर मोहन-जो-दड़ो स तमिी ह

हडडपा स परापत मोहोर सिखड़ी ( steatite) स तनरममत थी तजन पर एक शरगी बि या तहरण

कबड़दार बि व पशपततनाथ का ऄकन तमिता ह

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2 मोहन-जो-दड़ो

मोहन-जो-दड़ो की खोज 1922 म राखि दास बनजी क दवारा की गयी थी यह ससध परानत क िरकाना तजि म

तसथत ह मोहन-जो-दड़ो का शातबदक ऄथत मतको का टीिा होता ह मोहन-जो-दड़ो की सबस बड़ी सावतजतनक

इमारत यहाा स परापत सनानागार ह तजसका धारममक महवव था जान माशति न आस तवकािीन तवशव

का असचयतजनक तनमातण कहा ह तथा आस तवराट वासत (गरट बाथ) की सजञा दी ह

ऄनय परापत ऄवशष

काास की नवयरत नारी की मरमत

मगोतियन पजारी का तसर

महातवदयािय भवन क ऄवशष

हथी का कपािखणड

घोड़ क दाात

उतन वसतर

NOTE पशपततनाथ की मदरा तजसम एक तीन मख वाि दवता का ऄकन ककया गया ह तजसक चारो और

हथी भसा वयाघर व बि का ऄकन तमिता ह तजस माशति महोदय न अधयतम तशव की सजञा दी ह Stuart

Piggott न मोहन-जो-दड़ो व हड़पपा को ककसी तवशाि सामराजय की जड़वाा राजधानी कहा ह

3 चनहदडो

यह भी ससध परानत म तसथत था तजसकी खोज 1931 म N G मजमदार क दवारा की गयी

आसका ईवखनन 1935 म ऄनसट मक क दवारा ककया गया

चनहदडो एक औदयोतगक नगर था यहाा स मनक बनान का कारखाना पीति की आकका गाड़ी शयाही की

दावत हथी व गतड़या का तखिौना तितपतसटक क साकषय तबलिी क पीछ भागत हए करत क पदतचनह क साकषय

परापत होत ह यहाा स ककसी भी परकार क दगत क साकषय नही तमि ह

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4 िोथि ndash गजरात

यह भोगवा नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1953-54 म रगनाथ राव क दवारा की गयी यहाा स चावि व

बाजर क परथम साकषय और चककी क दो पाट क साकषय तमित ह

यह एक औदयोतगक नगर था जहा स मनक बनान का कारखाना भी परापत हअ ह

यहाा स बाट माप तोि पमाना व हाथीदाात पमाना भी परापत होता ह

िोथि का गोड़ीवाड़ा या बदरगाह (dockyard) समपणत सधव सभयता का सबस बड़ा सथि मन जाता ह

िोथि स खोपड़ी की शलय तचककवसा तीन यगि शवादन कौअ व िोमड़ी क साकषय भी तमित ह

िोथि स हवन कड या ऄति कड क साकषय भी तमित ह

5 कािीबगा राजसथान -

कािीबगा राजसथान क हनमानगढ़ तजि म घगघर(पराचीन सरसवती) नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज

1951-52 म ऄमिानद घोष क दवारा की गआ कािीबगा का शातबदक ऄथत कािी चतड़या होता ह कािीबगा

का ईवखनन 1961 स 1969 क दौरान B B Lal व B K Thapar क दवारा ककया गया

यहाा स उट क साकषय तमटटी स बना हअ हि व जत हए खत क साकषय परापत हअ ह IMPORTANT परी

सधव सभयता म िकड़ी स बना हअ हि ऄभी तक कही स भी नही तमिा ह

कािीबगा क िोग एक साथ दो फसि ईगत थ ऄथातत तमतशरत खती क साकषय तमित ह कािीबगा क परवयक

तीसर घर स कए क साकषय तमित ह कािीबगा स कचची इटो स तनरममत मकान क साकषय तमि ह ऄतः आस

दीनहीन की बसती कहा जाता था

समपणत सधव सभयता म सवतपरथम खोपड़ी की शलय तचककवसा क साकषय कािीबगा स ही परापत होत ह

कािीबगा म तीन परकार क शवदान क साकषय परापत होत ह-

1 अतशक शवदान

2 पणत शवदान

3 दाह ससकार

कािीबगा स परथम भकप क साकषय तमित ह जो की िगभग 2100 आसा पवत क अस पास अया होगा

यहाा स ऄिकत फशत व इट क साकषय तमित ह समपणत सधव सभयता म यह एक मािा ऐसा सथि था जहा स

बिनाकार मोहर परापत हइ ह आस परकार की मोहर मसोपोटातमया म परचतित थी ऄतः तवदवानो क ऄनसार

कािीबगा व मसोपोटातमया क तबच वयापाररक समबनध रह होग

यहाा स हवन कड क साकषय भी तमित ह िकड़ी की नातियो क साकषय भी एकमाि कािीबगा स ही तमि ह

IMPORTANT

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6 बनाविी या वनवािी -

यह हररयाणा म पराचीन सरवसती नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1973-74 म R S Bisht न की

यहाा स ईरतम ककसम की जौ तति सरसो व चावि की खती क साकषय तमित ह तमटटी स बना हअ हि भी

परापत हअ ह तमटटी स बन हए बततन तामब क बाणागर मात दवी की मण मरमत तथा एक मोहर क साकषय भी

परापत हए ह

NOTE यह समपणत सधव सभयता का एकमाि ऐसा सथि ह जहा नातियो का अभाव पाया गया ह

7 सरकोटड़ा -

यह गजरात क कचछ क राण म तसथत ह तजसकी खोज 1964 म जगपतत जोशी क दवारा की गयी सरकोटड़ा

एक माि ऐसा सथि ह जहा स ससध सभयता क पतन या तवनाश क साकषय तमित ह

सधव सभयता का पतन नगर - सरकोटड़ा

सधव सभयता का पातन परतन नगर - िोथि

यहाा स तराज़ क दो पिड़ क साकषय भी तमित ह

यहाा स खदाइ क ऄततम चरण म घोड़ की ऄतसथओ क साकषय तमि ह

8 धोिावीरा -

धोिावीरा गजरात म तसथत ह तथा मानसर व मनहर नकदयो क तबच म तसथत ह आसकी खोज 1967-68 म

जगपतत जोशी क दवारा की गयी धोिावीरा स तवशव क पराचीनतम सटतडयम क साकषय परापत होत ह तथा यहाा स

एक सचना पटट भी परापत हअ ह तजसपर सधव तितप ऄककत थी

धोिावीरा स नहर व जि सरकषण क साकषय भी परापत होत ह

भारत म खोज गए सथिो म धोिावीरा सबस बड़ा नगर ह यह तीन भागो म तवभातजत था

1 दगत टीिा

2 मधयमा

3 नगर टीिा

NOTE समपणत सधव सभयता म सबस बड़ नगरो क रप म करमशः मोहन-जो-दड़ो gt हडडपा gt गनड़ीवाि gt

धोिावीरा gt राखीगढ़ी

जबकक कषिफि की दरति स सबस बड़ नगर करमशः गनड़ीवाि gt हडडपा gt मोहन-जो-दड़ो gt धोिावीरा gt

राखीगढ़ी

धोिावीरा व राखीगढ़ी को राजधानी क रप म माना गया जबकक डॉ दशरथ शमात न कािीबगा को सधव

सभयता की तीसरी राजधानी बताया ह

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9 रोपड़ -

यह पजाब म सतिज नदी क ककनार तसथत ह तजसकी खोज 1950 म BB Lal क दवारा की गइ जब की

आसका वयापक रप स ईवखनन 1955-56 क दौरान यजञदरत शमात क दवारा करवाया गया

रोपड़ स मानव क साथ करत क शवदान क साकषय परापत होत ह

NOTE आस परकार क पराचीनतम साकषय नव पाषातणक सथि बजतहोम स तमित ह बजतहोम म िोग गतातवास

म तनवास करत थ

10 राखीगढ़ी -

यह हररयाणा क तहसार तजि म तसथत ह आसकी खोज डॉ रफीक मग़ि क दवारा की गयी जबकक आसका

ईवखनन 1997-98 क दौरान ऄमरनदरनाथ क दवारा करवाया गया राखीगढ़ी स मात दवी ऄककत एक िघ मोहर

परापत हइ ह

ससध घाटी सभयता क ऄनय महववपणत तथय

हररयाणा क कणाि स चादी क दो मकट परापत होत ह

सवति भारत म सवतपरथम 1947 म रगपर की खोज की गयी जबकक सवतपरथम ईवखनन रोपड़ का ककया गया

हाि ही म हररयाणा क भरातना नामक सथान स सवणत अभषण परापत हए ह

तवशव क परथम जवारीय बदरगाह का तनमातण िोथि क वासतकारो क दवारा ककया गया

हररयाणा क नाि नामक सथान स कपास की खती क साकषय तमि ह

NOTE सधव सभयता म सवत परथम कपास की खती करन का शरय यनातनयो को जाता ह तजस आनहोन तसनडन

नाम कदया

ससध घाटी सभयता क नगर - नदी यगम

मोहन-जो-दड़ोचनहदडो कोटदीजी - ससध नदी

हडडपा - रावी नदी

रगपर रोजदी - मादर नदी

कािीबगा बनाविी - पराचीन सरसवती नदी

रोपड़ बाड़ा - सतिज नदी

िोथि - भोगवा नदी

मडा - चनाब नदी

अिमगीरपर - तहणडन नदी

दमाबाद - परवरा नदी

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ससध घाटी सभयता क धात - सथि यगम

सोना कनातटक फारस इरान

चादी बिोतचसतान फारस ऄफगातनसतान

तामबा खतड़ी फारस

सिखड़ी राजसथान गजरात बिोतचसतान

नीि रतन बदखशा (ऄफगातनसतान)

ससध घाटी सभयता की दन

1 मातदवी की ईपासना समपणत सधव सभयता म मातदवी की मणमरमतया परापत हइ ह अग म पकी

हइ मदभाडो को टराकोटा कहा जाता ह

2 मात सरतावमक पररवार सधव सभयता की दन ह

3 पशपततनाथ की पजा तजस माशति न अधयतम तशव कहा आसी मोहोर पर भारतीय तचिकिा क

परथम साकषय तमि हभारतीय तचिकिा क पराचीनतम साकषय भीमबटका स परापत हए ह

4 सिग व योतन की पजा सवतसतक का तचनह सयत ईपासना सधव सभयता की दन ह

5 सवतपरथम चाक का परयोग सधव सभयता म ककया गया ह आस काि क दौरान िाि व काि रग क

मदभाड बनाय गए

6 सधव सभयता क िोग तिवार गाय व घोड़ स पररतचत नही थ यहा स ककसी भी परकार क वगत

सघषत क साकषय नही तमित ह

7 सधव सभयता क ककसी भी सथान स मकदर क साकषय नही तमि ह

8 चावि क पराचीनतम साकषय कोतलडहवा स परापत हए ह चावि क परथम साकषय - िोथि जि हए

चावि क साकषय - कािीबगा

CURRENT

तवरत मिी तनमतिा सीतारमण न क दरीय बजट 2020 म पाच परातातववक सथिो क तवकास का ऐिान ककया ह

जो तनमनतितखत ह -

1 हररयाणा का राखीगढ़ी

2 महाभारत काि का हतसतनापर (ईरतर परदश)

3 तशवसागर (ऄसम)

4 धोिावीरा (गजरात)

5 अकदचनलिर (ततमिनाड)

आस ऄधयाय म हमन ससध घाटी सभयता क बार म जाना अदयआततहास काि का दसरा चरण जो की वकदक

काि ह ईस हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 2

(वददक सभयता - ऊगवददक व ईततरवददक काल)

ससध घाटी सभयता क पतन क बाद भारत म एक नयी सभयता का जनम हअ तजसका ईललख वदो म तमलन क

कारण आस वददक सभयता कहा गया यह भारत की परथम गरामीण सभयता मानी जाती ह

वददक सभयता क ससथापको को वदो म अयय कहा गया ह अयय ससकत भाषा क ऄरर + य शबद स तमल क बना

ह तजसका शातबदक ऄथय - सससकत या शरषठ या ईचच कल म ईतपनन वयति होता ह

अयय नारडडक शाखा की सफ़द ईपजातत स समबतधत मानव समह को कहा गया ह अयो क मल सथानो को लकर

ऄलग ऄलग तवदवानो न ऄलग ऄलग मत ददए ह जो की तनमन तलतखत ह

1 बाल गगाधर ततलक - ईततरी धरव

2 दयाननद सरसवती - ततबबत

3 मकस मलर - मधय एतशया - आस सबस परामातणक मत माना जाता ह

बोगाजकोइ ऄतभलख - 1400 इ प क अस पास एतशया माआनर स परापत हअ आस ऄतभलख की भाषा आडो-

इरानी ह खोज 1907 म हयगो क दवारा की गइ आस ऄतभलख म चार ऊगवददक अयय दवताओ का ईललख

तमलता ह - आदर वरण तमतर और नासतय आस ऄतभलख स हम सवयपरथम लोहकालीन सभयता की जानकारी

तमलती ह

वददक सभयता - 1500 इ प स 600 इ प

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ऊगवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

आस काल क दौरान अददमानव क जीवन का परथम गरनथ ऊगवद तलखा गया ऄतः आस काल को ऊगवददक काल

कहा गया

वददक सातहतय क रतचयता - ऄपौरषय

वददक सातहतय क सकलनकताय - महरडष कषण दवपायन वयास

ऊगवददक काल म वदो की सखया - 4

1 ऊगवद - आसम शलोक ह तजसस दवताओ की सततत की गइ ह ऊगवद को मानव जाती का परथम गरनथ

माना जाता ह आस वद म कल 10552 शलोक 10 मडल व 1028 सि ह ऄसतो मा सदगमय का

ईललख व गायतरी मतर का ईललख ऊगवद म तमलता ह गायतरी मतर सतवता नमक दवता को समरडपत ह

2 यजवद - आसम यजञ हवन व कमय काड स समबतधत चीज़ो का ईललख ह यह वद गदय व पदय दोनो म

तमलता ह ऄतः आस चमप कावय कहा जाता ह यजवद की दो शाखाए ह - कषण व शकल

3 सामवद - सामवद को भारतीय सगीत का जनक कहा जाता ह सबस कम महतव आसी वद का

माना जाता ह

4 ऄथवयवद - आस वद म जाद टोना टोटका स समबतधत दियाओ का ईललख तमलता ह ऄतः आस वद को

लोकतपरय धमय परतततनतधतव सातबत करन वाला गरनथ कहा गया ह

NOTE ऊगवद यजवद और सामवद को सतममतलत रप स वदतरय कहा जाता ह जबदक यजवद सामवद और

ऄथवयवद ईततरवददक काल की रचनाय ह सबस नवीनतम वद ऄथवय को माना गया ह

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वदो क ऄनय महतवपणय तथय

अरणयक वानपरसथ अशरम क दौरान तलख गए गरथो को अरणयक कहत ह आसका शातबदक ऄथय वन होता ह

बरामहण वदो की तवशष रप स वयाखया करन वाल गरथो को बरामहण कहा जाता ह

ईपतनषद आसका शातबदक ऄथय गर क साथ धयान पवयक बठना होता ह कल ईपतनषदो की सखया 108 मानी

गयी ह तजनम स 12 ईपतनषदो को मखया माना जाता ह सतयमव जयत - मडकोपतनषद स तलया गया

ह जबदक हाल ही म लोकपाल तबल का परमख वाकय इशोपतनषद स तलया गया ह ईपतनषदो को वदात भी

कहा जाता ह

ऊगवद म 25 नददयो का ईललख तमलता ह जबदक समपणय वदो म कल 31 नददयो का ईललख तमलता ह

अयो की सबस महतवपणय नदी ससध नदी थी वह आस नदी क असपास अकर बस ऄतः ईनक आस सथान को

सधव परदश कहा गयाअयय ससध और ईसकी सहायक नददयो क कषतर म अकर बस ऄतः आस समपणय कषतर को सपत

सधव परदश कहा गया यनातनयो न आस सहदसतान नाम ददया अयो की दसरी सबस महतवपणय नदी सरसवती

नदी थी तजस नदीततमा कहा गया ह

अयो की सबस महतवपणय जनजातत भरत थी आसी अधार पर अग चल कर हमार दश का नाम भारत पड़ा

अयो का सथान होन क कारण परवती गरथो म भारत को अययवतत कहा गया ह

दाशराजञ यदध भारत राजा सदास व दस जानो क तबच रावी नदी (परषणी) क दकनार यदध लड़ा गया तजस

दाशराजञ यदध कहा जाता ह आस यदध म भरत राजा सदास तवजयी रह यहाा ततरतस वश स समबतधत राजा थ

ऊगवददक काल का सामातजक जीवन

पररवार तपतसततातमक था मखया को गहपतत कहा जाता था

खान पान सामानय था - दगध स तनरडमत वसतओ का परयोग होता था मीठ हत शहद का परयोग होता था मास

मछली खान स घणा करत थ गाय को न मरन योगय कहा गया ह परमख पय पदाथय क रप म सोमरस का

परयोग करत थ तजसका ईललख ऊगवद क 9 व मडल म तमलता ह

NOTE गाय वसत तवतनमय का साधन था ऄथायत गाय धन क रप म कायय करता था

ऊगवददक काल का पहनावा

तनतव - शरीर क तनचल भाग को ढकन हत परयि वसतर को तनतव कहत थ

अधीवास - शरीर क उपरी भाग को ढकन हत परयि वसतर को ऄतधवास कहत थ

ऄतक - ईन स बना हअ वसतर

ईषणीय - पगड़ी को ईषणीय कहा जाता था

कषोम - धतन वगय क दवारा पहना जान वाला तवशष वसतर

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ऊगवददक काल म तसतरयो की तसततथ

तसतरयो की तसततथ सममानजनक थी ईनह परषो क सामान ऄतधकार परापत थ जस ईपनयन व समावतयन ससकार

कइ तवदषी मतहलाओ क सशततराथय करन का ईललख तमलता ह जस लोपामदरा घोषा शरदधा ऄपाला चपा

तवशवशवरा

मतहलाओ को तवधवा तववाह पनरडववाह करन का ऄतधकार परापत था ईनह तनयोग करन की ऄनमतत भी परापत

थी तववाह हत 16 या 17 वषय की अय तनधायररत थी 16 वषय तक अशरम म रह कर ऄधयन करन वाली व

ईसक बाद गरहसत अशरम म परवश करन वाली मतहला को सदयोवध कहा जाता था जब की अजीवन भरमहचयय

का पालन करन वाली मतहला को भरमहवाददनी कहा जाता था

जब की अजीवन ऄतववातहत रहन वाली मतहला को ऄमाज कहा था

ऊगवददक काल म अशरम वयवसथा

समपणय मानव जीवन को 100 वषय का मानत हए आस चार बराबर अशरमो म तवभातजत कर ददया गया

1 बरमहचयय अशरम ( 0 - 25 वषय) आस अशरम का परारमभ ईपनयन ससकार क दवारा जब की

समापन समावतयन ससकार क दवारा होता था

2 गहसत अशरम ( 25 - 50 वषय) आस ससार की रीढ़ की हडडी कहा गया ह

3 वनपरसत अशरम ( 50-75 वषय) आस अशरम क दौरान मानव पणय रप स मोह माया बधनो

स मि नही हो पता

4 सनयास अशरम ( 75 -100 वषय) पणय रप स मोह माया बधनो स मि

NOTE आन चारो अशरमो का ईललख जाबालो ईपतनषद म तमलता ह

ऊगवददक काल म वणय वयवसथा

आसका ईललख ऊगवद क 10व मडल परष सि म ह जहा समपणय समाज को 4 वणो म तवभातजत कर ददया

गया ऊगवददक काल म वणय वयवसथा कमय पर अधाररत थी जबदक ईततरवाददक काल म यह वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी वणो की ईतपततत तनमन परकार स हइ ह

मख - बराहमण

भजा - कषततरय

जघा - वशतय

पर - शदर

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ऊगवददक काल का धारडमक जीवन

ऊगवददक अयय एकशवरवादीवादी थ वह परकतत की पजा करत थ दवता तीन परकार क - पथवी

धौस(अकाशीय दवता) और वरण पथवी व धौस क तमलान स आस सति का तनमायण हअ ह तथा आन दोनो क

तबच जो कछ भी ह ईसम वरण का तनवास माना गया ह वरण को दतय दवता क रप म पजा जाता था

अयो क सबस परमख दवता क रप म आदरा का ईलख तमलता ह आदर को परदर भी कहा जाता था ऄथायतय दकलो

को तोड़न वाला दवता आस अधी तफान व वषाय का दवता कहा गया ह ऊगवद म सवायतधक 250 शलोक आदर क

तलए परयि होत ह

दसर परमख दवता क रप म ऄति का ईलख तमलता ह ऊगवद म ऄति क तलए 200 शलोक तमलत ह कइ जगह

आसक तलए 220 शलोको का ईलख भी तमलता ह

तवषण को सरकषक क रप म पजा जाता था पराथयनाओ का तपतामह बहसपतत को माना गया ह ऄदवतवाद का

तसदधात शकराचायय क दवारा ददया गया जबदक दवतवाद का तसदधात मधवाचायय क दवारा ददया गया

ऊगवददक काल का अरडथक जीवन

मखया वयवासय कतष व पशपालन था कतष ईललख ऊगवद म ३३३ बार तमलता ह कतष योगय भतम को

ईवयरा या कषतर कहा जाता था भतम पर सामतहक ऄतधकार होता था तबना जटी हइ भतम को तखलय कहा गया

परमख अनाज क रप म यव (जौ) बरीतह (चावल) गोधम(गह) का ईललख तमलता ह

राजा को कर क रप म ईपज का 16 भाग ददया जाता था परजा ऄपनी सवचछा स राजा को कछ भट परदान

करती थी तजस बतल कहा जाता था

ऊण लन पर ऄतयददक बयाज लन वाल सदखोर को बकनॉट कहा जाता था वयापारी हत पणी शबद का ईललख

तमलता ह जो की मलतः गयो क चोर होत थ

तनषक नामक सवणय मदरा का ईललख तमलता ह ऊगवददक अयय लोह स पररतचत नही थ

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ईततरवददक काल 1500 इ प - 1000 इ प

ईततरवददक अयो का तवसतार गगा यमना दोअब कषतर तक हो गया था आस काल म सभा व सतमतत का

ऄतसततव समापत हो गया सभा को राजा की तपरवी कौतसल बना ददया गया तथा राजा म दवतव का तनवास

माना गया ऄथायतय राजा को दवताओ क परतततनतध क रप म पजा गया राजनततक जीवन राजा न एक

सवयवतसथत परशाशतनक ततर की सथापना की तजसम राजा की पटरानी स लकर रथकार तक क लोग शातमल थ

तजनह सतममतलत रप स रतिन कहा जाता था

Important राजा सतहत कल 12 रतिन होत थ जब की राजा क परमख सहयोतगयो रप म 11 रतिन थ जो

की तनमनतलतखत थ -

1 परोतहत - राजा का परमख सलाहकार

2 सनानी - सना का परमख ऄधयकष

3 सत - राजा का रथवान व यदध क समय राजा का ईतसाहवधयन करता था

4 गरामीणी - गाव का मतखया

5 सगरतहता - कोषाधयकष

6 ऄकषवाप - पस तवभाग का परमख तथा पस क खल म राजा का परमख सहयोगी

7 पलागल - राजा का तमतर और राजा का तवदषक

8 गोतवकतयन - गयो का ऄधयकष

9 कषततर - राजपरासाद का परमख रकषक

10 भागदध - कर सगरतहता

11 तकषण - रथकार

12 मतहतष - राजा की पटरानी

NOTE कइ तवदवानो क ऄनसार गरातमणी व तकषण को राजकत ऄथायत राजा दवारा तनरडमत बताया गया ह ऄतः

राजा क ऄलावा ऄनय रतिनो की सखया 11 ही मानी जाएगी

बाबाता - दसरी सबस तपरय रानी

पररवततत - ईपतकषत रानी

शाततपतत - 100 गावो का परशाशक

सथपतत - सीमात गावो का परशाशक जो की मखय नयायाधीश क रप म भी कायय करता था

NOTE शाततपतत + सथपतत - य दोनो राजा क रतिनो म सतममतलत नही थ

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ईततरवददक काल का सामातजक जीवन

सबस बड़ा पररवतयन वणय वयसथा म हअ समाज पणयतः 4 वणो म तवभातजत हो गया और वणय वयवसथा जनम

पर अधाररत हो गयी

समाज म दो परकार क तववाह परचलन म अय

1 ऄनलोम तववाह - ईचच वणय क परष क दवारा तनमन वणय की मतहला क साथ तववाह

2 परततलोम तववाह - तनमन वणय क परष क दवारा ईचच वणय की मतहला क साथ तववाह

तववाह 2 चरणो म समपाददत होता था

1 पाणीगरहण ससकार

2 सपतपदी

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ

ईततरवददक काल म तसतरयो की तसततथ दयनीय थी कनया क जनम को कि का सचक माना जान लगा आन किो

क तनवारण हत ऄनक परकार क यजञो का परचलन हअ जनम स लकर मतय तक 16 ससकार परचलन म अय

ईततरवददक काल का धारडमक जीवन

ईततरवददक काल म धारडमक जीवन म तकय का ईदय हअ ऄतः सवगय व नकय की ऄवधारणा का ईदय हअ

दवमडल की कलपना की गयी तथा बरमहा तवषण और महश की कलपना भी की गयी

ऄनक परकार क यजञ परचलन म अय जस

1 राजस यजञ - राजा क ससहासन धारण करन क समय दकया जान वाला यजञ

2 वाजपय यजञ - राजा म दतवय शतियो क अरोपण हत दकया जान वाला यजञ

3 दकररररसठ यजञ -ऄकाल क समय वषाय हत दकया जान वाला यजञ

4 पतरति यजञ - पतर की परातपत हत दकया जान वाला यजञ

5 ऄशवमध यजञ - राजा क चिवती होन हत दकया जान वाला यजञ आसम पिी का होना ऄतनवायय था

NOTE 4 परषाथो की कलपना की गइ - धमय ऄथय काम मोकष

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ईततरवददक काल का अरडथक जीवन

कतष व पशपालन पर अधाररत था ईततरवददक काल क अयय लोह स पररतचत हए लोह को कषण या शतयाम

ऄयस कहा गया और तामब को लोतहत ऄयस कहा गया

मदरा क रप म शतमान कषणल और पाद का ईललख तमलता ह सबस परचतलत शतमान थी तजसका परयोग

बराहमणो को दतकषणा दन म दकया जाता था

शरणी परथा का ईललख तमलता ह वयापाररयो हत शरति गणपतत व शरणीन शबदो का ईललख तमलता ह जबदक

आन कबीलो क अग चलन वाल वयति क तलए साथयवाह शबद का ईललख तमला ह

महाजनपद काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 3

(महाजनपद यग का ईदय)

महाजनपद यग म 16 महाजनपद थ तजनकी सति तनमन ह

मगध महाजनपद परारमभ म एक छोटा सा जनपद जो की ऄपनी राजनततक एकता व धमम क कारण परतसदध था यह राजय वरतममान

पटना एव गया क असपास का कषतर था आसकी परारतमभक राजधानी तगररवजर थी आसक बाद राजगह व ऄत म

पाटतिपतर सथानातररत कर दी गयी

मगध पर शासन करन वाि राजवश

1 बहदरथ (समय जञात नही ह) - ससथापक = बहदरथ

2 हयक (544 इ प - 412 इ प) - ससथापक = बबबसार

3 तशशनाग (412 इ प - 344 इ प) - ससथापक = तशशनाग

4 ननद (344 इ प - 323 इ प) - ससथापक = महापदम ननद

5 मौयम (323 इ प - 185 इ प) - ससथापक = िनदरगपत मौयम

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बरहदरथ राजवश

आसका ससथापक बरहदरथ था यह मगध पर शासन करन वािा परथम राजवश था शासको का करम - बरहदरथ gt

जरासध gt ऄजञात gtररपजनय (ऄततम शाशक)

बरहदरथ का पतर जरासध तजसन भगवन शरीकषण क साथ 21 बार यदध ककया परनत ऄत म पाणडपतर भीम क

हाथो मरा गया आस वश का ऄततम शाशक ररपजनय हअ तजस ईसीक सामत भरिय न मार डािा और मगध

पर एक नए राजवश हयक वश की सथापना की

हयक राजवश

हयक का परथम शासक सामत भिीय था परनत आस वश का सबस परतापी शासक व वासततवक ससथापक

तबतमबसार को माना जाता ह

बबबसार ( 544 स 492 इप)

मगध का परथम शासक तजसन वहद मगध सामराजय की नीव रखी आसन ऄपन पडोसी राजयो क साथ ववातहक

समबनध सथातपत ककय तथा पहिी बार मगध को राजनतक एकता क सतर म बाधन का परयास ककया

आसक दवारा ककय गए तववाह करमशः काशी राजकमारी कौशि दवी वशािी की राजकमारी िलिना वपतव

भदर (पजाब) की राजकमारी कषमा

ऄवतनत नरश परदयोत क पाडरोग स पीतित हो जान पर ऄपन राजवदय जीवक को भजा तथा ईस आस रोग स

मकत करवाया

ऄजञातशतर ( 492 इप - 460 इप)

ऄजञातशतर का ईपनाम कतणक था आसी क शासन काि म परथम बौदध सगीतत का अयोजन ककया गया

NOTE आसी क शासन काि म गौतम बदध महावीर व मोखिीपतर पतर गौसि को तनवामण की परातपत हइ

ऄजञातशतर न ऄपन मतरी वातससकार की सहायता स वशािी क तिचछीतवओ पर तवजय परापत की ईसन िगातार

16 वषम तक यदध ििा ऄजञातशतर न ऄपन शासनकाि क ऄततम समय म सोन व गगा क ककनार एक दगम का

तनमामण करवाया किर ऄजञातशतर को ईसक पतर ईदातयन न मार डािा और सवय शासक बन गया

NOTE ऄजञातशतर को भारतीय आततहास का परथम तपतहनता शासक कहा जाता ह जबकक ईदातयन को तदवतीय

तपतहनता माना गया ह भारतीय आततहास म पहिा ऐसा राजवश था तजसम सवामतधक तपतहनता हए

ईदातयन ( 459 इप - 432 इप)

आसन पाटतिपतर नगर की सथापना की तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ईदतयन क बाद ऄतनरदध मड व नागदशक शासक बन तथा आनहोन 412 इप तक शासन ककया नागदशक को

बनारस क राजयपाि तशशनाग न मार डािा और तशशनाग वश की सथापना कर सवय शासक बना

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तशशनाग राजवश

शासको का करम - तशशनाग (412 - 393 इ प) gt कािाशोक(393 - 361 इ प) gt नतनदवधमन + 9 भाइ

(361 - 344 इ प)

तशशनाग

यह राजा बनन स पवम बनारस का राजयपाि था आसन पहिी बार मगध क तिए 2 राजधातनया बनवाइ 1 -

राजगह और 2 - वशािी

कािाशोक

आसका ईपनाम काकवणम था आसन ऄपनी राजधानी एक बार पनः पाटतिपतर को बनाया जो की ऄततम रप स

मगध की राजधानी बानी आसी क शासन काि म 383 इ प म तदवतीय बध सगीतत का अयोजन वशािी म

ककया गया

यनानी आततहासकार करटटयस क ऄनसार कािाशोक क दरबार म ऄगरसन का तपता हजाम था ईसकी मतसय क

बाद ऄगरसन राजा का हजाम बना और रानी का परमी बन बठा ईसन रानी की सहायता स कािाशोक व ईसक

समसत पतरो को मौत क घाट ईतार कदया यही ऄगरसन अग िि कर महापदमनद क नाम स तवखयात हअ तथा

ईसन मगध पर एक नए राजवश ननद वश की सथापना की

ननद राजवश 344 इ प - 323 इ प

ससथापक महापदमनद

शासक महापदमनद gt --- ऄजञात --- gt घनानद

महापदमनद

ननद वश का परथम शासक था आसन सभी कषततरयो का नाश करन की शपत िी ऄतः आस परशराम की भाती

सवकषयानतक भी कहा जाता ह ऄनतगनत सना का सवामी कारण आस ऄगरसन कहा गया खारवि क हाथी

गमभा ऄतभिख क ऄनसार आसन कबिग क ईपपर तवजय परापत की

महापदमनद क 8 पतर थ ऄतः ननद सतहत आन समसत राजाओ को नवननद कहा जाता था

घनानद ndash

ऄतलय धन समपतत होन क कारण आस घनानद कहा जाता था यह ननद वश का ऄततम शासक था तथा तसकदर

का समकािीन था आसकी सना की तवशािता को दखत हए ही तसकदर की सना न वयास नदी को पार करन स

माना करकदया

आसन तकषतशिा क अिायम कौरटलय का ऄपमान ककया ऄतः कौरटलय न िनदरगपत मौयम व घनानद क मततरयो की

सहायता स आसका समि तवनाश करकदया और मगध पर एक नए राजवश मौयम वश की नीव डािी

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घनानद क समय ही तसकदर न 326 इ प क अस पास भारत पर अकरमण ककया तकषतशिा क शासक अमबी

न तबना िाड ही तसकदर क सामन अतसमसमपमण करकदया और वह ईसका सहयोगी बन गया ऄतः अमबी को

भारतीय आततहास का परथम दशदरोही शासक कहा जाता ह

तसकदर न झिम व िनाब नकदयो क तबि तसथत पर राजय पर अकरमण ककया तजसका शासक पोरस था आन

दोनो क तबि झिम नदी क ककनार यदध ििा गया ऄतः आस यदध को झिम का यदध या तवतसता का यदध कहा

जाता ह यनानीओ न आस हाइडसपीज का यदध कहा ह

मौयम काि हम ऄगि ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 4 (मौयय काल का आततहास)

मौयय काल का समय 323 इ प स 185 इ प था आसक जानकारी क सतरोत तनमनतलतखत ह -

1 सातहतययक सतरोत

ऄथयशासतर ऄथयशासतर की रचना कौटिलय (तिषणगपत चाणकय) क दवारा की गयी कौटिलय क ऄथयशासतर भारतीय

राजनीती पर तलखा गया परथम गरनथ था तजसकी तलना मककयािली क THE PRINCE क साथ की जाती

ह ऄतः चाणकय को भारत का मककयािली कहा जाता ह ऄथयशासतर म 15 ऄतधकरण 180 परातधकरण ि

6000 शलोक तमलत ह

यह ससकत भाषा म तलखा गया था तथा आसकी शली गदय ि पदय थी 1905 म तजौर क बराहमण भटटटटसिामी न

पण क पसतकालय ऄधयकष परोफसर शयाम शासतरी को आसकी एक पाणडतलतप भि की सियपरथम आसका परकाशन

1909 म ससकत भाषा म करिाया गया जबकक 1915 म आसका ऄगरजी म ऄनिाद ककया गया

ऄथयशासतर क 6th ऄतधकरण का नाम मडल योतन ह तजसम राजय क 7 ऄग बताय गए ह

आतडका आतडका की रचना मगसथनीज़ क दवारा की गयी ह यह मल रप स ऄपरापय ह परनत ऄनक लखको

क तििरण क अधार पर डॉ सिान बक क दवारा आसका पनः सकलन ककया गया मगसथनीज़ 305 इ प

म सलयकस तनकिर क राजदत रप म भारत अया तथा तयकालीन मौयय समाज ि राजनीती की जानकारी

दी

मदराराकषस यह तिशाखादतत क दवारा तलतखत ह यह गरनथ गपत काल म तलखा गया 10ति सदी म आसपर टिका

ढकढराज न तलखा यह भारत का परथम जाससी गरनथ माना जाता ह

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2 परातातयिक साकषय

ऄतभलख ऄशोक क ऄतभलखो की खोज सियपरथम 1750 म िी फनथलर क दवारा की गइ सियपरथम ईसन

कदलली - मरठ ऄतभलख को खोज ऄशोक क ऄतभलखो को सियपरथम पढ़न का शरय jems prisep को जाता ह

तजसन 1837 म कदलली-िोपरा सतमभलख को पढ़ा

तशलालख ऄशोक क तशलालखो की सखया 14 ह जो की 8 तनमनतलतखत सथानो स परापत होत ह

1 - तगरनार (गजरात ) - बराहमी तलतप

2 - धौली (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

3 - जोगढ़ (ईड़ीसा) - बराहमी तलतप

4 - शाहबाजगढ़ी (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

5 - मानसहर (पाककसतान) - खरोषटी तलतप

6 - कालसी (ईततराखड) - बराहमी तलतप

7 - सोपारा (महाराषटर) - बराहमी तलतप

8 - एरगड़ी (अधरपरदश) ndash बरसिोफदन (बराहमी तलतप + खरोषटी तलतप)

NOTE कधार स परापत शर-ए-कना म गरीक ि ऄरमाआक तलतपयो म परापत होता ह ऄतः ऄशोक क ऄतभलखो

की तलतपया खरोषटी बराहमी गरीक ि ऄरमाआक थी जब की आनह पराकत भाषा म तलखा जाता था भारत स परापत

सभी ऄतभलखो की तलतप बराहमी ह जब की भारत स बहार खरोषटी तलतप म परापत होत ह

सतमभ लख ऄशोक को सतमभ लगान की पररणा इरानी शासक डरा-1 स तमली ऄशोक क िहद सतमभ लखो

की सखया 7 ह जो की तनमनतलतखत 6 सथानो स परापत होत ह

कदलली-िोपरा - एक मातर ऐसा सतमभ लख ह तजस पर परी क परी 7 लाआन तमलत ह ऄनय

सभी पर 6 लाआन ही ईयकीणय ह यह पहल हटरयाणा क ऄमबाला म तसतथ था परनत कफ़रोज़

शाह तगलक दवारा कदलली म गढ़िा कदया गया

कदलली-मरठ - यह मरठ ईपर म था तजस कफ़रोज़ शाह तगलक न कदलली म गढ़िा कदया

लौटरया-ऄरराज - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

लौटरया-नदनगढ़ - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

रमपरिा - तबहार क चमपारन तजल म तसतथ ह

कौशामबी (परयागराज)- आस ऄकबर दवारा आलाहबाद क ककल म लगिाया गया

लघ सतमभ लख

1- सााची (मपर)

2- सारनाथ (ईपर)

3- कौशामबी (ईपर)

4- रतममनदइ (नपाल)

5- तनगलिासागर (नपाल)

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कौशामबी क लघ सतमब लख को रानी का ऄतभलख भी कहा जाता ह कयकी आसम ऄशोक एक मातर सबस तपरय

रानी कोरिाकी का ईललख तमलता ह जो की तीिर की माता थी रतममनदइ एक मातर ऐसा ऄतभलख ह

तजसस मौययकालीन कर वयिसथा की जानकारी तमलती ह

सारनाथ सतमभ लख UP यह अधतनक भारत का राषटरीय परततक तचनह ह आसक फलक पर 4 ससह पीठ सिा

कर बठ हए ह जो की अकरामक ऄिसथा म ह तथा एक चकर धारण ककय हए ह यह चकर गौतम बदध क धमय

चकर परितयक का सचक ह सारनाथ क सतमभ म कल 4 चकर ह तथा आसक फलक पर करमशः हाथी गोदा बल ि

ससह का ऄकन ककअ गया ह तथा सययमि जयत शलोक तलखा गया ह

गहतभलख अजीिक धमय क ऄनयाआयो क तनिास हत मौयय समराठ ऄशोक ि ईसक पौतर दशरथ क दवारा

बारबरा ि नागाजयन की पहातड़यो (तबहार) म 60 गफाओ का तनमायण करिाया गया

बारबरा -

o 1 कणय चौपार ऄशोक

o 2 तिशव झोपड़ी ऄशोक

o 3 सदामा ऄशोक

o 4 लोमश ऊतष दशरथ

नागाजयन -

o 1 गोपी दशरथ

o 2 िापी दशरथ

o 3 पदतथक दशरथ

NOTE अजीिक धमय का ससथापक मखतलपत गोसाल था

भगिान बदध

भगिान बदध न 29 िषय की अय म गह ययाग ककया आस घिना को बौदध धमय म महातभतनषकरमण कहा जाता ह

गह ययाग क बाद ईनहोन िशाली क अलरकलाम को ऄपना परथम गर बनाया जो की साखय दशयन क जञाता थ

बदध न ऄपना दसरा गर िशाली क ही रामपतत को बनाया भगिान बदध न िशाख परणणमा क कदन जञान की

परातपत की आस घिना को बौदध धमय म समबोतध कहा जाता ह भगिन बदध न ऄपना परथम ईपदश सारनाथ म 5

बराहमणो को कदया तजनका नाम करमशः बापपा भदीय ऄससागी महानामा और कौडीनय था बौदध धमय म आस

घिना को धमय चकर परितयन कहा जाता ह भगिान बदध का तनिायण 483 BC म कशीनगर म हअ आस घिना को

महापटरतनिायण कहा जाता ह

बौदध धमय क ततररतन - बदध धमम और सघ को माना जाता ह भगिान बदध को एतशया का जयोततपज कहा जाता

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चदरगपत मौयय 322इप - 298 इ प

यह मौयय िश का ससथापक माना जाता ह आसन ऄपन गर चाणकय की सहायता स ननद िश क घनानद को

परातजत ककया तथा चाणकय को ऄपना परधानमतरी बनाया यनानी आततहास करो न चनदरगपत मौयय क तलए 2

नाम परयकत ककय ह

1 सडरोकोिस - जतसिन सरबो एटरऄन

2 एडरोकोिस - एतपयन पलिाकय

सियपरथम 1793 म तितलयम जोनस न आन नामो क तलए चनदरगपत मौयय की पहचान की पलिाकय ि सरबो क

ऄनसार चनदरगपत मौयय न 6 लाख की सना लकर समपणय भारत को रोध डाला

बौदध गरनथ महािश क ऄनसार कौटिलय न चनदरगपत को सकल जमब दवीप का सिामी बना कदया 305 इप म

चनदरगपत मौयय ि यनानी शासक सलयकस तनकिर क तबच यदध लड़ा गया तजसम सलयकस तनकिर परातजत हअ

तथा दोनो क तबच सतध हइ तजसकी तनमनतलतख शत थी

हलना (कानतलया) क साथ तििाह - यह भारत का परथम ऄतराषटरीय तििाह था

काबल कधार बलोतचसतान और हरात दहज़ क तौर पर

चनदरगपत मौयय न सलकस तनकिर को 500 हथी ईपहार म कदए

सलयकस तनकिर न ऄपन राजदत क रप म मगसथनीज को मौयय दरबार म भजा तजसन

आतडका गरनथ तलखा

Note मगसथनीज भारत म तनयकत होन िाला परथम तिदशी राजदत था

312 BC क असपास मगध म एक भयकर ऄकाल पड़ा जो की 12 िषय तक चला आस दौरान जन मतन

भदरबाह ऄपन तशषयो को लकर दतकषण भारत चला गय परनत सथल भदर ऄपन तशषयो क साथ मगध म ही रहा

12 िषय का ऄकाल समापत हअ तो 300 BC क असपास भदरबाह पनः मगध लौिा 300 BC म पहली जन

सभा का अयोजन पाितलपतर म हअ तजसकी ऄधयकषता भदरबाह ि सथलभदर न की आसी जन सभा क दौरान

जन धमय दो भागो म तिभातजत हो गया पहला तो कदगबर और दसरा शितामबर

चनदरगपत मौयय न ऄपनी गजरात (सौराषटर) क परातपाल पषयगपत िशय को अदश दकर आततहास परतसदध सदशयन

झील का तनमायण करिाया सदशयन झील का ईललख रदरदामन क जनागढ़ ऄतभलख म तमलता ह यह झील

उरणजयत पियत क पास सिणय तसकना नदी ि पलातसनी नदी क पास तसतथ ह आसका पनरणनमायण करमशः

ऄशोक(परातपाल = तषसप) रदरदामन(परातपाल = सतिशाख) और सकनदगप( परातपाल = पणयहटरत) न

करिाया

चनदरगपत मौयय जन मतन भदरबाह क साथ कणायिक क शरिणबलगोला चला गया जहा ईसन सलखना क दवारा

ऄपना दह ययाग कदया तजस पहाड़ी पर दह ययागी ईस पहाड़ी का नाम बदल कर चनदरतगर पहाड़ी कर कदया

गया

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तबनदसार 298 इ प - 274 इ प

चनदरगपत मौयय की मयय क बाद तबनदसार शासक बना चाणकय कछ समय क तलए तबनदसार का परधानमतरी बना

रहा परनत ईसकी मयय क बाद राधागपत परधानमतरी बना

तबनदसार क दरबार म 500 सदसयो की एक मतरी पटरषद थी तजसका परधान खललािक था गरीक आततहासकारो

न तबनदसार को ऄतमतरोकिस या ऄतमतरखाद कहा ह िाय पराण म आस भदरसार जबकक जन गरथो म आस ससह

सन कहा गया ह जन गरथो क ऄनसार तबनदसार की माता का नाम दधयरा था

तबनदसार न तमशर क शासक िॉलमी II को एक पतर तलखा िॉलमी II न तबनदसार क दरबार म डाआनोतसयस

नामक राजदत की तनयतकत की

तबनदसार न यनानी शासक ऄटिओकस I को भी पतर तलखा तथा तनमनतलतखत 3 चीज़ो की माग की

1- सख मि -ऄजीर

2- तिदशी मीठी शराब

3- दाशयतनक

यनानी शासक न ऄजीर ि शराब तो भज दी परनत दाशयतनक भजन स आकार कर कदया ईसन ऄपन राजदत क

रप म डायमकस को भजा

तबनदसार क शासनकाल क ऄततम समय म तकषतशला म 2 तिदरोह हए तजनह दबान हत सबस पहल ईसन

ऄशोक को भजा तथा बाद म ससीम को भजा

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ऄशोक 273 इ प - 232 इ प

ससहली ऄनशरततयो क ऄनसार तबनदसार की मयय क बाद 4 िषय तक ईततरातधकार सघषय चला और आस

ईततरातधकार सघषय म ऄशोक न ऄपन 99 भआओ की हयया कर 269 इ प म तितधिध राजयातभषक

करिाया ऄशोक न किल ऄपन एक भाइ ततषय को जीतित रखा

बौदध गरथो क ऄनसार ऄशोक की माता का नाम सभदरागी या धमम या जपादकलयाणी ि िनदिी तमलता ह यह

चपा क एक बराहमण की पतरी थी राजा बनन स पिय ऄशोक ईजजन का परातपाल था ऄशोक क समपणय

शासनकाल को 3 भागो म तिभातजत ककया जा सकता ह

भाग 1 राजयातभषक स 8ि िषय तक - gt चडाशोक

भाग 2 8ि िषय स 27ि िषय तक - gt धममाशोक

भाग 3 27 ि िषय स 37 िषय तक - gt ऄजञात

कसलग यदध -

आस यदध का ईललख ऄशोक न ऄपन 13ि तशलालख म ककया ह यह यदध ऄशोक क राजयातभषक क 8ि

िषय ऄथायत 261 BC म लड़ा गया खारिल क हाथीगमफा ऄभीलख क ऄनसार कसलग का शासक नदराज था

कसलग यदध हत तनमनतलतखत 3 कारण मान जात ह

अरणथक कारण (हाथीदाात वयापर ि वयापटरक मागय)

कसलग की सितरता

तपता क ऄपमान का बदला

आस यदध म लाखो लोग मर गए ि बघर हो गए ऄशोक दवारा लड़ा गया ऄततम यदध था आसक बाद ऄशोक न

रण घोष क सथान पर धमम घोष को ऄपनाया

कलहण की राजतरतगणी क ऄनसार ऄशोक न झलम नदी क ककनार शरीनगर नामक नगर की सथापना की

ऄशोक का सामराजय नपाल म भी था ईसन नपाल म दिपािन या लतलत पतन नमक नगर बसाया ऄशोक की

पिरानी का नाम ऄतसनधतमतर था ईसकी मयय क बाद ततषयरतकषता पिरानी बनी तजसन कणाल को ऄधा

करिाकदया कणाल की माता का नाम पदमािती तमलता ह ऄशोक की एक ऄनय पतनी दिी थी तजसकी 2

सतान महदर ि सगतमतरा थी ऄशोक न बौदध धमय का परचार परसार करन हत शरीलका भजा

NOTE शरीलका क शासक का नाम ततषय था तजस ऄशोक की भाती दिनाम तपरय या दिनामतपयदशी की

ईपातध परापत थी यह ईपातधया ऄशोक क पौतर दशरथ को भी परापत थी जो की कणाल का पतर था

जन गरथो क ऄनसार ऄशोक की मयय क बाद समपरतत शासक बना परनत बौदध गरथो क ऄनसार शासक का नाम

कणाल तमलता ह

मौयय िश क ऄततम शासक क रप म बरहदरथ का नाम तमलता ह तजसकी हयया 185 BC म पषयतमतर शग क

दवारा कर दी गया

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ऄशोक का नाम ऄशोक तनमनतलतखत ऄतभलखो स परापत होता ह गजयरा(MP) मसकी(karnatak)

नटटिर(karnatak) ईदयगोलम(karnatak)

ऄशोक का धमम

ऄशोक न ऄपनी जनता क नततक ईयथान क तलए जो तनयमो की सतहता परसतत की ईस ऄतभलखो म धमम कहा

गया ह ऄशोक का धमम ईपासक बौदध धमय था सियपरथम ऄशोक को तनगरोथ नामक बालक न बौदध धमय स

पटरतचत ककया लककन मोगगली पत ततसस क परभाि म अकर िह पणय रप स बौदध हो गया कदवयािदान क

ऄनसार ईपगपत नामक बराहमण न ऄशोक को बौदध धमय स दीतकषत ककया ऄशोक क धमम की पटरभाषा दसर ि

साति ऄतभलखो स तमलती ह जो की राहलिाद सत स तमलती ह

मौययकालीन परशासन

मौयय परशासन क दरीय राजततरायमक परशासन था तजसका ईललख कौटिलय न ऄपन ऄथयशासतर म ककया ह पराचीन

भारत म सबस तिशाल नौकरशाही मौयय काल म थी ऄथयशासतर म मतरी पटरषद को िधातनक अियशकता बतात

हए कहा ह की राजय एक पतहय पर नही चल सकता आस मततरपटरषद को ऄशोक क ऄतभलखो म पटरषा कहा

गया ह मततरपटरषद म 2 भाग होत थ -

1 मततरण यह राजा क तिशवासपातर लोगो का समह था तजनम 3 स 5 लोग शातमल होत थ आनह 48000 पण

िारणषक ितन तमलता था

2 सदसय आनका ितन 12000 पण िारणषक था

क दरीय परशासन राजा क परमख 18 सहयोतगयो को तीथय कहा जाता था आनह महामायय कहा जाता था परमख

तीथय मतरी ि परोतहत थ तीथो स तनच तदवतीय शरणी क पदातधकारी होत थ तजनह ऄधयकष कहा जाता था

कौटिलय क ऄथयशासतर क ऄनसार ऄधयकषो की सखया 26 होती थी तीथो ि ऄधयकषो म मधय सयोजक कड़ी क

रप म यकत ि ईपयकत तनयकत होत थ आन सभी की तनयतकत स पिय आनक चटरतर की जाच हत ईपधा पटरकषण

ककया जाता था

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परातीय परशासन

मौयय सामराजय परातो म तिभातजत था चनदरगपत मौयय क समय परातो की सखया 4 जब की ऄशोक क समय परातो

की सखया बढ़ कर 5 हो गयी

परानत - राजधानी - समराि

1 ईततरापथ - तकषतशला

2 दतकषणापथ - सिणयतगटर

3 ऄितनत - ईजजन

4 मधयदश - पाितलपतर

5 कसलग - तोसतल - समराि ऄशोक

सामराजय का तिभाजन तनमन परकार था

सामराजय gt परानत gt अहार (तिषय) gt सथानीय gt दरोणमख gt खिरटिक gt सगरहण gt गराम

IMPORTANT पराचीन भारत म पहली बार जनगणना मौयय काल म की गयी जनगणना ऄतधकारी को

नागरक कहा जाता था

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मौययकालीन नयाय वयिसथा

सिोचच नयायाधीश राजा होता था ऄथयशासतर म 2 परकार क नयायालयो का ईललख तमलता ह

1 धमयसथीय तजनम दीिानी मामल अत थ जस चोरी लि तजनह साहस कहत थ और पतलस को रतकषण

कहा जाता था और मखया नयायाधीश हो वयािहाटरक कहा जाता था

2 किकशोधन तजसम फौजदारी मामल अत थ आसक मखय नयायाधीश को परकदषठा कहा जाता था

मौययकालीन ऄथयवयिसथा

मौययकालीन ऄथयवयिसथा कतष पशपालन ि वयापर पर अधाटरत थी तजस सतममतलत रप स िाताय कहा जाता

था कतष योगय भतम को ईियरा या कषतर कहा जाता था भतम क सिामी को कषतरक कहा जाता था जबकक कतष

करनिाल काशतकार को ईपिास कहा जाता था राजय की समपणय भतम पर राजा का ऄतधकार होता था राजा

को कर क रप म 16 भाग कदया जाता था ऄथयशासतर म 10 परकार की भतमयो का ईललख तमलता ह तजसम

स परमख तनमनतलतखत थी

ऄदिमातक - िह भतम जो की िषाय पर अधाटरत नही होती थी ऄथायत तसचाइ क माधयम स

खती की जाती थी

दिमाततरक - िषाय अधाटरत भतम

ऄकषट - तबना जती हइ भतम

कषट - जिी हइ भतम

सथल - उचाइ पर तसतथ भतम

मौययकालीन कर ऄथयशासतर म कल 21 परकार क करो का ईललख तमलता ह तजनम स परमख तनमनतलतखत थ

भाग कतष ईपज पर तलया जान िाला कर

सीता राजकीय भतम ि िनय भतम स परापत अय पर तलया जान िाला कर

परणयकर अपातकालीन कर

बतल सिचछा स कदए जान िाल राजा को ईपहार

सतबध तसचाइ कर

तहरणय नगद क रप म तलया जान िाला कर

तितषट बगारी कर

मौययकालीन तसकक

कशापणय पण धरण चादी का तसकका (राजकीय तसकक)

सिणय तनषक सोन का तसकका

मषक तामब का बड़ा तसकका

काकनी तामब क छोि तसकक

मौययकालीन तसकक पचमाकय अहत

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ऄनय महतति पणय तथय

चनदरगपत मौयय न ईततरापथ का तनमायण करिाया जो की मौयय काल की सबस लमबी सड़क थी मधयकाल म आस

ईततरापथ का पनरणनमायण शर शाह सरी क दवारा करिाया गया तथा आस सड़क ए अजम नाम कदया अधतनक

भारत म ऄगरज गिनयर जनरल ऑकलड(1836 - 1842) न आसका नाम (G T Road) रखा (Grand Trunk

Road)

मौययकाल म सती िसतर ईदददयोग सबस परमख ईदददयोग था

कौटिलय क ऄथयशासतर म मौययकालीन समाज म 4 िणो का होना बताया गया ह

कौटिलय न पहली बार शदरो को अयय कहा ह तथा कतष ि िातणजय को शदरो की परथम िाताय मन गया ह

मगसथनीज न ऄपनी आतडका म भारतीय समाज म 7 जाततया बताइ ह

गपत काल हम ऄगल ऄधयाय म पढ़ग

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भारत का आततहास - ऄधयाय 5 (गपत काल का आततहास)

गपत काल(300 इ - 600 इ) को भारतीय आततहास का सवरणणम काल कहा जाता ह कयकी आस काल क दौरान

भारतीय कला एव ससकतत का तवकास ऄपनी चरम तसमा को छ गया

मौयय सामराजय क पतन क बाद ईततरी भारत की राजनततक एकता समापत हो गयी तजस एक बार पनः सथातपत

करन का परयास कषाण व सातवाहन वश क दवारा ककया गया परनत वह ऄपन कषतरो तक ही तसतमत रह गपतो

को कषाणो का सामत कहा जाता ह

गपत वश का ससथापक शरीगपत को कहा जाता ह तजसका शासनकाल 275 इ स 300 इ माना गया ह यह गपत

वश का परथम ऐसा शासक था तजसन महाराज की ईपातध धारण की

शरीगपत क बाद शासक गटोतघच बना आसक बार म कोइ भी ऄनय जानकारी नही तमलती ह

चनरगोतमन क वयाकरण म गपता को जटय (जाट) कहा गया ह जबकक चनरगपत तदवतीय की पतरी परभावती गपत न

ऄपन पना तामर पतर म धारण गौतर का ईललख ककया ह जो की ईसक तपता की गौतर रही होगी कयकी ईसक

पतत वाकाटक नरश ररसन तदवतीय तवषणवतधद गौतर क बराहमण थ

गपतो की ईतपततत स समबतधत ऄनक तवदवानो न ऄपन ऄलग-ऄलग मत कदए ह

1 क पी जसवाल शर

2 रोतमला थापर वशय

3 हमचनर राय चौधरी बराहमण

4 मजमदार और ओझा कषततर

चनरगपत 1st आस गपत वश का वासततवक ससथापक मन जाता ह यह गपत काल का ऐसा शासक था तजसन महाराजातधराज

की ईपातध धारण की आसन तलतछछतव राजकमारी कमारदवी स तववाह ककया आस तववाह की पति ईसक दवारा

चलाय गए कमारदवी परकार क सोन क तसकको स होती ह आस तववाह ईपरात चनरगपत परथम को पाटतलपतर

दहज़ म तमला तजस गपतो न ऄपनी राजधानी बनाया

NOTE गपत वशवली म यह पहला शासक था तजसक सोन क तसकक परापत होत ह आसन ऄपन राजयारोहण क

कदन 9 माचय 319 इ को एक नया गपत समवत चलाया

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समरगपत 335 इ - 375इ समरगपत क बार म जानकारी परयाग परशतसत स तमलती ह तजसकी रचना ईसक दरबारी कवी हररसन क दवारा

की गयी परयाग परशतसत को ईतकीणय का शरय ततलभटट को जाता ह परयाग परशतसत म समरगपत को 100 यदधो का

तवजता बताया ह ऄतः तवनसट तसमथ न समरगपत को भारत का नपोतलयन कहा ह परयाग परशतसत म समरगपत

की कतवराज ईपातध का वणयन तमलता ह

परयाग परशतसत म समरगपत क यदधो का वणयन तमलता ह तथा ईसक दवारा ऄपन गयी नीततयो का भी ईललख हअ

ह जो की तनमन परकार थी -

1- समरगपत न ईततरभारत क 12 राजाओ को परातजत ककया ईसन अययवतत क आन यदधो म

परसभौदधरण (जड़ स ईखड फकना) की तनतत का ऄनसरण ककया

2- समरगपत न दतकषणापथ क यदध म भी 12 राजाओ को परातजत ककया तथा ईसन यहाा

गरहणमोकषानगरह तनतत का ऄनसरण ककया ऄथायत राजयो को ऄतधनता सवीकार करवा कर

ईनस ईपहार कर आतयाकद सवीकार ककया तथा ईनह पनः मकत ककया परोफसर राय चौधरी न

दतकषणापथ की आस तवजय को धमय तवजय कहा ह

3- समरगपत न तवदशी शतकतयो को भी परभातवत ककया तथा आस हत तवदशी शतकतयो न

तनमनतलतखत तवतध ऄपना कर समरगपत की ऄधीनता सवीकार की

o कनयोपायन ऄपनी कनयाओ का तववाह गपत शासको क साथ करवा कर

o अतमतनवदन सवय दरबार म ईपतसथत हो कर अतमतनवदन करत थ

o सवतवषय भतकत शासन याचना ऄपन भतकत(परानत) का शासन सचातलत करन क तलए

शासन अदश परापत करत थ

4- समरगपत न ईततर-पवय व ईततर-पतसचम क शासको को ऄधीन करन हत तनमनतलतखत तनतध

ऄपनायी

o सवयकरदानम सारा कर दान दत थ

o अजञाकारम सशन अदश परापत कर क

o परणाम अगमनम ऄथायतय दरबार म परणाम हत ईपतसथत होकर

5- समरगपत की आन समसत तवजयो का ईददशय धरतणबध था ऄथायतय समपणय भारत को राजनततक एकता

क सतर म बाधना

एरण ऄतभलख म समरगपत को रषठ(करोतधत) होन पर ईस यमराज क सामान जबकक परसनन होन पर ईस कबर क

सामान बताया गया ह आसी ऄतभलख म समरगपत की पतनी का नाम दतत दवी बताया गया ह

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समरगपत क तसकक

1 गरड़ परकार

2 धनर धारी परकार

3 परश परकार

4 ऄशवमध परकार

5 वयागरहनन परकार

6 वीणावादन परकार कतवराज की ईपातध

समरगपत क तसकको पर ईस तलतछछतव दोतहतर कहा गया ह गपतकालीन तसकको क ढर राजसथान म बयाना

(भरतपर) स परापत हए ह

चनरगपत II 380 इ - 412 इ चनरगपत II की ईपातधया चनरगपत तवकरमाकदतय की ईपातधया तनमनतलतखत ह -

ऄपरततरथ तजसक तवजयरथ को रोका नही जा सकता समपणय गपत शासको म समरगपत व चनरगपत II को ही

यह ईपातध परापत थी

परमभागवत गपत वश म यह ईपातध धारण करन वाला परथम शासक था आसक ऄलावा आस दवगपत दवशरी

दवराज तवकरमाक शरी तवकरम ससह ईपातधया भी परापत थी

तवशाखदतत क नाटक दवीचरगपतम म समरगपत व चनरगपत II क तबच एक तनबयल शासक क रप म रामगपत का

ईललख तमलता ह चनरगपत II न रामगपत की हतया कर धरवसवातमनी स तववाह कर तलया सवयपरथम 1924 म

राखल दस बनजी न रामगपत की ऐतहातसकता तसदध करन का परयास ककया

चनरगपत तदवतीय न नागवश की राजकमारी कबरनागा स तववाह ककया आसी तववाह स आस परभावती नामक

पतरी परापत हइ परभावती का तववाह वाकाटक नरश ररसन II क साथ ककया गया आसी ररसन की सहायता स

चनरगपत II न पतसचमी भारत स शको का पणयतः ईनमलन करकदया ऄथायत चनरगपत II को शकारी कहा जाता ह

शको पर तवजय परापत करन क ईपलकष म चनरगपत II न तवकरमाकदतय की ईपातध धारण की तथा वयगर परकार क

चादी क तसकक चलाय ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

चनरगपत II क शासन काल म 399 इ स लकर 414 इ तक फातहयान अया आसन ऄपन गरनथ फ़ो-को -की म

चनरगपत II का ईललख नही ककया ह आसम तलखा ह की मधयदश क लोग वयापर हत कोतडयो का परयोग करत

थ फातहयान न गपत कालीन नयाय वयवसथा क तलए तलखा ह की गपत काल क दौरान नयाय कठोर नही था

परनत बार बार ऄपराध करन पर ऄपराधी का दातहना हाथ काट तलया जाता था

चनरगपत II क बार म महरोली(कदलली) क लोह सतमब स भी जानकारी परापत होती ह

चनरगपत तदवतीय क दरबार म 9 तवदवानो की एक मडली तनवास करती थी तजस नवरतन कहा जाता था जो

तनमनतलतखत ह कातलदास धनवतरर कषपणक बतालभटट ऄमरससह घटकपयर शक वररतच वराहतमतहर

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कमारगपत (महनराकदतय) 412 इ 455 इ

समपणय गपत वश क शासको की वशवली तबलसड़ ऄतभलख(UP) स परापत होती ह गपत काल म सवायतधक ऄतभलख

कमारगपत क म ही लगाए गए

तमन ऄतभलख म आस शरदकालीन सयय की भाती शात कहा गया ह गपत वश का परथम ऐसा शासक था तजसक

तीन (तामरपतर) ऄतभलख बगाल स भी परापत होत ह दामोदरपर धनदह और वगराम यह गपत वश का ऐसा

शासक था तजसन गपतकालीन तसकको पर गरड़ क सथान पर मयर का ऄकन करवाया तजसस गपत शासको क शव

होन का भी परमाण तमलता ह

Important नालदा तवषव तवदयालय की सथापना की गयी तजस महायान बौदध धमय का ऑकसफ़ोडय कहा जाता

NOTE चतथय सगीतत का अयोजन कषाण शासक कतनषक शासन काल म कशमीर क कणडलवन म ककया गया

आस बौदध सगीतत म बौधद धमय दो भागो म तवभातजत हो गया हीनयान और महायान महायानो का नता

नागाजयन था तजसन शनयवाद का तसदधात कदया नागाजयन को भारत का einstein कहा जाता ह

नालदा तवशवतवदयालय म धमयगज नमक पसतकालय ह जो की तीन भागो म तवभातजत ह रतनरजक रतनोदतध व

रतनासागर

सकदगपत 455 इ - 467 इ आसन हनो क अकरमण को तनषफल ककया तजसका ईललख भीतरी ऄतभलख (UP) म तमलता ह आसन सदशयन

झील का पनर तनमायण करवाया आसक शासन काल म सोन क तसकको का वजन सवायतधक था कयकी सोन क

तसकको म सवायतधक तमलावट आसी क शासनकाल म हइ आसन परमभागवत की ईपातध धारण की आसकी मतय

क साथ ही गपत सामराजय का पतन हो गया

सकदगपत क बाद परगपत कमारगपत II बधगपत नरससहगपत वलाकदतय व भानगपत

510 इ क भानगपत क एरण ऄतभलख म पहली बार सती परथा का ईललख तमलता ह भानगपत क सतनक

गोपराज की पतनी क सती होन का ईललख ह

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गपतकालीन परशासन

पराचीन काल स चली अ रही ईपातधया जस राजन आतयाकद को तयाग कर नयी ईपातधया धारण की

राजयो म

महाराज - ईपरीक

भोतगक - भोकता गपता

क र म

महाराजा धीराज - समराट

परमभागवत

परमभटटारक

ऄपरततरथ

गपता की राजधानी पाटतलपतर रही परनत चनरगपत II क शासन काल म तदवतीय राजधानी क रप म ईजजन था

जबकक सकदगपत क समय म आस ऄयोधया सथानतररत ककया गया था

गपत काल म पहली बार राजसथानीय शबद का ईललख तमलता ह जो की पतिमी कषतरो क शासको क तलए परयकत

ककया जाता था

गपतो का राजतचनह गरड़ था राजा का पद वशानगत था परनत जयषठातधकार नही था

गपतकाल म मततरपररषद का तवसतत तववरण नही तमलता ह परनत कफर भी कछ ऄतधकाररयो क नाम तमलत

ह जस

1 महाबलातधकत सनापतत

2 महादणडनायक नयायाधीश

3 कमारामातय सवोचच परशासतनक ऄतधकारी( IAS)

4 महासतधतवगरतहक शातत मतरी तवदश मतरी

पदसखया 2 3 व 4 समरगपत क समय हररषण क पास थ जब की चनरगपत II क समय यह पद हररषण क पतर

वीरषण क पास थ

परातीय परशासन

सामराजय समराट

भतकत ईपरीक

तवषयतजला तवषयपतत

पठ तहसील गरातमक भोजक

गराम (सवशातसत) गरातमक भोजक

गरामसभा(सवशातसत) गरातमक भोजक

गराम सभा को मधयभारत म पचमडली कहा जाता था

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गपतकालीन ऄथय वयवसथा

गपतकालीन राजसव वयवसथा कतष व पशपालन पर अधाररत थी वयापर म कमी अयी लमबी दरी क वयापर

लगभग समापत हो गए थ

समपणय भतम का सवामी राजा होता था राजा को ईपज का कल 16 भाग कर क रप म तमलता था तजस

भाग कहा जाता था

ऄनय कर

भोग राजा को ऄपनी आछछा स परततकदन दी जान वाली भट जस फल फल आतयाकद

ईपरीकर सथाइ व ऄसथाइ ककसानो दवारा कदया जान वाला कर

तहरणय नगद क रप म कदया जान वाला कर गपत काल म राजसव नगद व मय क रप म

कदया जाता था

भतम क परकार

कषतर कतष योगय भतम

वासत तनवास योगय भतम

ऄपरहत जगली मीणा जती हइ भतम

ऄदवमातक तबना वषाय वाली भतम

तखल जती हइ भतम

तसकक

पराचीन भारत म सवायतधक सोन तसकक गपत काल म चल यह तसकक कषाणो की नक़ल पर बनाय गए थ चादी क

तसकक को रतपयक व सोन क तसकको को दीनार कहा जाता था आन तसकको पर सवायतधक ऄकन गरड़ का तमलता

ह आसक ऄलावा मयर राजा कारणतक और वषभ

गपतकालीन समाज

समाज 4 वणो म तवभातजत था गपत काल म पहली बार शरो की तसततथया सधरी ईनह महाभारत व पराण

सनन का ऄतधकार तमला शरो को सतनक कायो म लगाया जाता था गपत काल म वणय वयवसथा म सबस बड़ा

पररवतयन हअ

एक नया वणय चाडाल तवकतसत हअ जो की गराम स बहार तनवास करता था तथा गराम म परवश करत समय

यह ढोल बजात हए अत थ ताकक लोग आनस दर हट जाय ऄतः समाज म ऄसपशययता का जनम हअ

तियो की तसततथ ठीक नही थी कयोकक सती परथा का ईललख म तमलता ह महाभारत म तियो क तबना जीवन

को शनय मन गया ह

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गपतकालीन धमय

गपत काल को तहनद धमय का पनरतथान काल मन जाता ह आस कल म तहनद धमय क 2 परमख सपरदाय वषणव व

शव का सवायतधक तवकास हअ भानगपत का एरण ऄतभलख तवषण की सततत स परारमभ होता ह

लकषमीनारायण की पजा गपत काल की दन ह

तशव पारवती की सतममतलत मरणतया तथा ईनह ऄधयनारीशवर क रप म गपत काल म पजा गया

बरहमा तवषण व महश की ततरमरणत क रप म पजा चतमयखी तथा षडमखी तशवसलग की पजा गपत काल की दन ह

IMPORTANT महाभारत व पराणो का वततयमान सवरप जो हम दखन को तमलता ह गपत काल की दन ह

बौदध धमय व जन धमय - तीसर परमख धमय क रप म सबस परमख धमय बौदध धमय था फातहयान न खोतान

व नालदा को बौदध धमय का सबस बड़ा क र बताया ह

सलतानगज स बदध की साढ़ सात कफट उा ची काास की परततमा परापत हइ ह मथरा स खड़ बदध की परततमा व

सारनाथ स बठ बदध की परततमा परापत हइ ह

जन धमय की तदवतीय जन सगीतत का अयोजन गजरात क वललभी नगर म ककया गया तजसकी ऄधयकषता

कषमाशरवण दवदारधीनी क दवारा की गयी

गपतकालीन कला एव सातहतय

गपत काल म पहली बार मकदर तनमायण कला का जनम हअ ऄथायत भारत म एक नयी वासत कला न जनम तलया

वासतकला हत तनमनतलतखत शतलया परचतलत थी

1 नगर शली आस अयय शली भी कहा जाता ह यह शली ईततरी भारत म परचतलत थी आसकी

परमख तवशषता तवशाल तशखर भारत म सवयपरथम तशखर का परयोग झासी तसतथ दवगढ़ क

दशावतार मकदर म ककया गया आसका तशखर 12 मीटर उचा था

2 रतवड़ शली यह शली दतकषण भारत म परचतलत थी आसकी परमख तवशषता आसक तवशाल

परवश दवार ह तजनह गोपरम कहा जाता ह आनका अकर तपरातमड क सामान होता ह

3 बसर शली नगर शली व रतवड़ शली का तमशरण आस खचचर या चचचर शली भी कहा जाता

ह चालकय शासको दवारा परचतलत करन क कारन आस चालकय शली भी कहा जाता ह

4 एकायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म तसफय एक परततमा हो

5 पचायतन शली वह मकदर तजसक गभयगह म एक स ऄतधक ऄथायत 5 तक परततमाय हो ईस

पचायतन शली का मकदर कहत ह जस दशावतार मकदर

6 महामार शली जहा पर ऄनक मकदर एक साथ बन हए हो

तकषण छनी व हतोड़ क माधयम स मरणतयो का तनमायण तकषण कहलाता ह

तसलावट मरणत का तनमायण करन वाल कलाकार

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गपतकालीन परमख मकदर

1 दशावतार मकदर झाासी UP

2 भमरा तशव मकदर MP

3 ततगवा तवषण मकदर MP

4 नाचना कठार MP

5 तसरपर का लकषमण मकदर छततीसगढ़ (इटो स तनरणमत)

6 भीतरगाव कानपर (इटो स तनरणमत)

ऄजता एलोरा की गफा

यह महाराषटर क ऄजता(ऄतनषठा) नामक गराम क पास तसतथ ह आसम कल २९ गफाए ह तजसम स गफा सखया

16 व 17 गपतकालीन ह आन गफाओ की खोज 1819 म मरास रतजमट क एक सतनक सर ऄलकसजडर क दवारा

की गयी आन गफाओ का तनमायण वाकाटक नरश पथवीसन क अदश पर ईसक सामत वयागरदव दवारा करवाया

गया आन गफाओ का अकर घोड़ क खर (नाल) क सामान ह 1983 म आस तवषव तवरासत सतच म सतममतलत

करतलया गया

गपतकालीन सातहतय

कातलदास कातलदास को भारत का शकशतपऄर कहा जाता ह कातलदास क 3 परमख नाटक

मालतवकातितमतरम तवकरमोवरणशयम ऄतभजञानशाकतलम 2 परमख महाकावय रघवशम कमार समभवम

और 2 परमख खडकावय ऊतसहार मघदत

अययभटट यह 5तव शताबदी क महान गतणतजञ जयोततषतवद खगोलतवद मान जात ह यह कसमपर क तनवासी

थ आनहोन अययभटटीयम नामक गरनथ तलखा तजसक चार भाग थ

1 गतणतपाद

2 काल ककरया पाद

3 गोलपाद

4 दशगतत का पाद

अयय भटट परथम ऐस वयतकत थ तजनहोन कहा की पथवी गोल ह तथा सयय क चारो ओर घणयन करती ह आसी कारन

कदन और रात बनत ह अययभटट न सबस पहल गरहण क बार म बताया ईनहोन दशमलव पददतत जीवा का

मान व पाइ का मान 314 बताया

वराहतमतहर आनहोन बारह रातशयो का तसदधात कदया आनहोन कछ गरनथ तलख ह जस पचतसदधातनतक

वहजजातक लाघजजातक वहतसतहता वराहतमतहर न पहली बार पथवी की अकषयण शतकत की बात कही

बरमहगपत आसक गरनथ - बरमहतसदधातनतका खड खादयक बरहमगप पहल ऐस वयतकत थ तजनहोन पथवी की

गरतवाकषयण शतकत क बार म बताया

ऄमरससघ ऄमरकोश

तवषण शमाय पाच ततर =gt सवायतधक भाषाओ म ऄनवाकदत

वातसयायन कामसतर

शरक मछछकरटयम (तमटटी की गाड़ी)

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भारत का आततहास - ऄधयाय 6

(मधयकालीन भारत सलतनत काल)

पषटभतम ऄरब दश म आसलाम धमम की सथापना मोहममद हजरत क दवारा की गयी आनका जनम 570 इ म

हअ आनक तपता का नाम ऄबदलला माता का नाम ऄमीना तथा पतरी का नाम फाततमा तथा दामाद का नाम

ऄली था हजरत मोहममद को 612 इ म जञान की पराति हइ आनहोन 622 इ म तहजरी समवत की सथापना की

यह आनहोन मकका स मदीना जान क ईपलकष म चलाया 632 इ म आनकी मतय हो गइ मतय होन क साथ ही

आसलाम धमम 2 भागो म तवभातजत हो गया - तशया व सननी

सवमपरथम सननी सपरदाय क लोगो न ऄबबकर को ऄपना खलीफा तनयकत ककया तथा तशया समबतधत लोगो न

मोहोममद साहब क दामाद ऄली को ऄपना खलीफा तनयकत ककया

671 इ म खलीफा क पद का राजनततकरण कर कदया गया आसलाम धमम क सवोचच परमख को खलीफा कहा जान

लगा

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ऄरबो का अकरमण

कारण ऄरब इरान क परातपाल ऄल हजजाज व वहा क खलीफा वातलद को शरीलका क शासको न 8 जहाज रतन

अभषणो स भर कर भज तजनह दवल थटटा क समदरी ककनार पर लटरो दवारा लट तलया गया आसपर ससध क

शासक दातहर सन न कोइ कायमवाही नही की

भारत पर सवमपरथम ऄरब अकरमणकाररयो न अकरमण ककय यह पहल मतसलम थ

ससध का शासक रायसहस जो की एक शदर था आसकी हतया एक चच नामक बराहमण न की तथा बराहमणाबाद

नामक नगर बसाया और ससध पर एक तहनद सामराजय की सथापना की ससध की राजधानी अलोर जो की

वरतममान म रतहरा ह दातहर दवारा ऄलहजजाज को समदरी लटरो पर कायमवाही करन स मना करन क बाद

हजजाज न दातहर क ईपपर दो बार अकरमण ककय परनत वह सफल नही हो सका

NOTE ऄल हजजाज इरान का परातपाल था तथा ईस समय ऄरब का खलीफा वातलद था आन दोनो क कहन पर

ही 711 इ म मोहममद तबन कातसम न सवमपरथम दवल पर अकरमण ककया

712 इ म मोहममद तबन कातसम न ससध क शासक दातहर पर अकरमण ककया आस अकरमण म दातहर की मतय

हइ तथा दातहर की तवधवा पतनी रानी बाइ न ऄति का वरण करतलया जो की मधयकालीन भारत का परथम

जोहर माना जाता ह कातसम न रवार का यदध तजतन क बाद दातहर क पतर जय ससह पर अकरमण ककया वह

भाग तनकला ककल म ईपतसतथ दातहर की दसरी पतनी लाडोदवी व ईसकी दो पततरयो सयाम दवी व पारमल दवी

को बधक बना तलया आन दोनो पततरयो को कातसम न बाद म खलीफा वातलद की सवा म भज कदया वातलद न

आन दोनो क बहकाव म अकर कातसम को मतय दड द कदया आस समसत घटना का तववरण चचनामा म तमलता

NOTE चचनामा की रचना कातसम क ककसी ऄजञात सतनक क दवारा की गयी परनत आसका बाद म फ़ारसी

भाषा म ऄनवाद - म ऄली तबन ऄब बकर काफी न ककया तथा आसका ऄगरजी भाषा म ऄनवाद U M

Dawood Pota न ककया

713 इ म कातसम न मलतान क ईपपर अकरमण ककया आस मलतान अकरमण स ईस बहत ऄतधक मातरा म सोना

पराि हअ ऄतः ईसन मलतान का नाम बदलकर सोन का नगर रख कदया

कातसम न ससध तवजय क बाद जतजया कर लगाया तथा कदरहम नामक एक नयी मदरा परचतलत की जतजया

कर बराहमण तियो ऄनाथ बालको व ऄपाग लोगो स नही वसला जाता था भारत म खजर की खती व उट

ऄरबो की दन ह

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तको का अकरमण

कारण भारत की ऄतल लटना

कब 10 वी शताबदी म

कौन सबकतगीन गजनी गौरी

कहाा गजनी (ऄफगातनसतान)

ससथापक ऄलिगीन 962 इ

सबकतगीन (977 इ - 997 इ)

यह ऄलिगीन का गलाम था तजसन 977 इ म यातमनी वश की सथापना की एव गजनी की राजगददी पर बठा

पजाब क शासक जयपाल न 986-87 इ म एक तवशाल सना लकर सबकतगीन पर अकरमण ककया परनत वह

परातजत हो गया और सतध कर क पनः पजाब लौट अया

पजाब लौटन क बाद ईसन सतध का ईललघन ककया कयकी ऄजमर कदलली व कासलजर क शासको न जयपाल को

यदध म सहयोग दन का वायदा ककया आस पर सबकतगीन न ऄपनी तवशाल सना लकर जयपाल पर अकरमण

ककया और आन चारो शासको की सयकत सना परातजत कर तलया एक बार पनः सतध हइ तथा सतध क फल

सवरप पशावर व लगमान क कषतर सबकतगीन को कदए गए 998 इ म सबकतगीन की मतय हो गयी

महमद गजनवी(998 -1030 इ)

सबकतगीन न ऄपन बड़ पतर समाआल को राजगददी पर तबठाया परनत महमद न समाआल को मार डाला और सवय

शासक बन बठा

जनम 1 नवबर 971

ईपातध यामीन-ईल-दौला (सामराजय का दातहना हाथ) यामीन-ईल-ईलला (मतसलमो का सरकषक)

पहला ऐसा तकम शासक तजसन भारत पर कल 17 बार अकरमण ककया आरफ़ान हबीब न तलखा ह की ईसका

ईददशय कवल धन लटना था न की सामराजय तवसतार करना गजनवी क अकरमण क समय ससध व मलतान पर

ऄबदल फ़तह दाउद का शासन था

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गजनवी न तनमन अकरमण ककय

1st अकरमण 1001 इ - पशावर

2nd अकरमण 1001 इ - पजाब (तहनद शासक जयपाल) - मतसलम आततहासकारो न जयपाल को

इशवर का शतर कहा ह

3rd अकरमण 1004 इ - कचछ (शासक वजीरा)

4th अकरमण 1005 इ - मलतान (दाउद) गजनवी न यह अकरमण आसतलए ककया कयकी दाउद तशया

मसलमान था तथा ईसन महमद की सना को ऄपन राजय स तनकलन नही कदया

5 वा अकरमण 1007 इ - ओतहनद मलतान को तजत कर गजनवी न वहा का शासक जयपाल क पतर

सखपाल (राजयपाल) को बना कदया तजसन आसलाम धमम सवीकार कर तलया था आसलाम धमम सवीकार

करन क बाद वह नौशाशाह क नाम स तवखयात हअ

6th अकरमण 1008 इ नगरकोट(नपाल) यहाा क तहनद शासक अनद पाल को परातजत ककया

आसकी आस तवजय को मरततवादी तवचारधारा पर पहली सफलता माना जाता ह

7 वा अकरमण 1009 इ - ऄलवर नारायणपर यहाा क तहनद मकदरो को भी तोड़ा गया

8 वा अकरमण 1010 इ - मलतान

9 वा अकरमण 1013 इ - महमद न थानशवर(हररयाणा) पर अकरमण ककया

10 वा अकरमण 1013 इ - नदन दगम (नपाल) वहा क शासक ततरलोचन पाल को परातजत ककया

11 वा अकरमण 1015 इ - नपाल ततरलोचन पाल क पतर भीम पर अकरमण ककया

12 वा अकरमण 1018 इ मथरा और कननौज - मथरा अकरमण पर ईततथतव तलखता ह की महमद न

ऐसा सहर जीता तजसका वभव सवगम जसा था कननौज क शासक राजयपाल न तबना लाड ही गजनवी क

सामन अतमसमपमण कर कदया मथरा क शासक तवदयादाहर न राजयपाल क अतमसममपण स करोतधत हो

कर गवातलयर की सहायता स राजयपाल को मार डाला गजनवी न तवदयाधर क ईपपर अकरमण ककया

तवदयाधर परातजत हअ तथा 1019 म आन दौन क तबच सतध हो गयी

13 वा अकरमण 1020 - बदलखड (ईपर)

14 वा अकरमण 1021 - गवातलयर और कासलजर पर अकरमण ककया यहाा क शासक गौडा न महमद

क साथ सतध कर ली

15 वा अकरमण 1024 जसलमर व गजरात क तचकलोदर पर ककया गया

16 वा अकरमण 1025 सोमनाथ अकरमण - यह गजनवी का सबस परतसदध अकरमण माना जाता ह

आसन सोमनाथ मकदर को लटा तथा तशवसलग क टकड़ टकड़ करवा कदया आन टकड़ो को ईसन जमी

मतसजद गजनी की सीकढ़यो पर जड़वा कदया आस समय गजरात का शासक भीम परथम था आस

अकरमण क दौरान लगभग 50000 बराहमणो को मार कदया गया

17 वा अकरमण 1027 - यह महमद का ऄततम अकरमण था जो की मलतान व ससध क जाटो क

तखलाफ था तजस समय महमद सोमनाथ मकदर को लट कर जा रहा था ईस समय आन जाटो न

महमद को बड़ा परशान ककया

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NOTE सोमनाथ मकदर का पनरतनमामण चालकय शासक भीमपाल परथम दवारा 1026 म करवाया गया आसक

बाद आसी वश क शासक कमारपाल दवारा 1196 म पनरतनमामण ककया 1765 क तबररटश सामराजय म ऄतहलयाबाइ

होलकर पनरतनमामण न करवाया 1950 (सवततर भारत) म सरदार पटल न आसका पनरतनमामण करवाया

ऄनय महतवपणम तथय

महमद गजनवी का समकालीन आततहासकार ऄलबरनी था तजसन ऄरबी भाषा म ककताब-ईल-तहनद की रचना

की तजसम आततहास भगोल तवजञान व गतणत का वणमन तमलता ह

ऄलबरनी परथम ऐसा मतसलम था तजसन पराणो का ऄधययन ककया

मधय काल म सलतान की ईपातध धारण करन वाला परथम शासक महमद गजनवी था गजनवी को बत-तशकन

(मरततया तोड़न वाला) कहा जाता ह

गजनवी क अकरमण का सबस बड़ा पररणाम यह हअ की पजाब सथायी रप स तको क ऄतधकार म चला गया

गजनी वश का ऄततम शासक खशरव महमद था तजस 1192 इ म गौरी न कद ककया और मार डाला

गौरी वश

गजनी वश क पतन क बाद एक नतवन राजवश का ईड़ाइ हअ तजस गौर वश कहा जाता ह यह कषतर गजनी व

हरत क तबच का पहाड़ी कषतर था यहाा क तनवासी गौरी कहलात थ 1155 इ म ऄलाईददीन हसन न गजनी पर

अकरमण कर ईस बरी तरह स लटा तथा गजनी म अग लगा दी आसी कारन ईस जहाा-सौज (तवषव को जलन

वाला कहा जाता ह)

1163 म गयासददीन महममद तबन साम न गजनी क पास एक सवततर गौर राजय की सथापना की आसन 1173 म

गजनी म बच हए तको को भगा कदया तथा गजनी का शासक ऄपन भाइ मजआददीन तशहाबददीन महममद तबन

साम को गजनी का शासक बना कदया यही तशहाबददीन अग चल कर मोहममद गौरी क नाम स तवखयात हअ

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मोहममद गौरी

न 1175 म भारत क मलतान पर अकरमण ककया यह आसका भारत पर परथम अकरमण था भारत पर अकरमण

का ईददशय सामराजय तवसतार था

1176 इ म ईचछ (ससध) पर अकरमण ककया और तवजय पराि की

1178 इ गजरात (ऄब का यदध) शासक भीम दव II मलराज तदवतीय - आनहोन ऄपनी माता नायका दवी क

नततव म यदध लड़ा और गौरी को बरी तरह स परातजत ककया भारत म यह गौरी की परथम हार थी

गौरी न 1179 इ 1181 इ 1189 इ म करमशः पशावर लाहौर व भटटडा पर अकरमण ककया तथा तवजय

पराि की

तराआन का परथम यदध 1991 इ तराआन भटटडा व थानशवर पड़ता ह यह यदध पथवीराज ततीय व मोहममद

गौरी क तबच लड़ी गइ पथवीराज तवजयी रहा

तराआन का तदवतीय यदध 1992 इ पथवीराज ततीय व गौरी क तबच - गौरी तवजयी रहा

आस यदध स पवम गौरी न ऄपन राजदत क रप म ककवाम- ईल-मलक को भजा ताकक पथवीराज को ऄधीनता

सवीकार करवाइ जाय आस यदध क समय गौरी की सना क साथ खवाजा मोइनददीन तचसती भारत अए और

भारत म तचसती सपरदाय की सथापना करी आस यदध न भारत पर तकी सरता की नीव दाल ली

चदवार का यदध 1194 कननौज क शासक जयचद गहड़वाल को गौरी न परातजत ककया और मार डाला भारत

म गौरी को तकी(मतसलम) सामराजय का वासततवक ससथापक माना जाता ह

NOTE गहड़वाल क कहन पर ही गौरी न पथवीराज पर अकरमण ककया था

NOTE चदवार क यदध क बाद गौरी न ऄपनी सना का नततव कतबददीन ऐबक (गलाम) को सौपा तथा आदरपरसथ

स मधय ऐतशया चला गया

ऄततम समय म खोखरो न तवदरोह ककया तजस दबान क तलए गौरी पनः भारत अया परनत वापस गजनी जात

समय 15 - माचम - 1206 को आस जाटो न ससध नदी क ककनार दयमक नामक सथान पर मार डाला

गौरी कहता था की ककसी सलतान की एक या दो सतान हो सकती ह परनत मर हजारो-लाखो सतान ह जो की

मर तकी गलाम ह मर मरन क बाद य मर नाम का खतबा पढ़ग

गौरी क तसकको पर एक तरफ लकषमी का ऄकन तथा दसरी तरफ कलमा छापा हअ होता था आस परकार क तसकक

को दहलीवाल का तसकका कहा जाता था

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कदलली सलतनत

(1206 इ - 1526 इ)

गलाम वश मामलक वश

1 कतबददीन ऐबक (1206 इ - 1210 इ)

चदवार क यदध क बाद गौरी न आस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत ककया था ऄतः गौरी की मतय क बाद जन

1206 म लाहौर क सथानीय लोगो क ऄनरोध पर गददी पर बठा तथा लाहौर को ही ऄपनी राजधानी बनाया

ऐबक क माता तपता तरककसतान क तकम थ ऐबक का शातबदक ऄथम चनदरमा का सवामी होता था

ऐबक की तनमन तलतखत ईपातधया थी

1 करान खा

2 हाततमताइ

3 लाखबकश

ऐबक न सलतान की ईपातध धारण नही की बतलक ईसन मतलक व तसपहसलार की ईपातध क साथ ही सचातलत

ककया 1208 म गयासददीन न ऐबक को दासता स मकत कर कदया

ऐबक न कदलली म कवत-ईल-आसलाम नामक मतसजद का तनमामण करवाया जो की भारत म परथम मतसलम

मतसजत मानी जाती ह आसन ढाइ कदन क झोपड़ का तनमामण करवाया

आसन खवाजा कतबददीन बतखतयार काकी क नाम पर क़तब मीनार का तनमामण करवाया जो की 5 मतजला

इमारत थी परथम मतजल का तनमामण कतबददीन दवारा दसरी स चौथी का आलतततमश क दवारा व पाचवी का

कफ़रोज़ शाह तगलक क दवारा करवाया गया

ऐबक न कदलली क ककल क पास राय तपथोरा नामक एक नगर बसाया जो की मधय काल म तनरतमत परथम नगर

माना जाता ह

आसकी मतय 1210 म चौगान खलत हए घोड़ स तगर कर हो गयी

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2 आलतततमश (1211 इ 1236 इ)

कतबददीन ऐबक की मतय क बाद अराम शाह शासक बना परनत वह ऄयोगय था आसी कारण ईस परातजत कर

ऐबक का गलाम शमशददीन आलतततमश गददी पर बठा ऄतः आलतततमश को गलामो का गलाम कहा जाता ह

आलतततमश आलबारी तकम था ऐबक न गवातलयर पर तवजय पराि करन क ईपरात आस गवातलयर का सबदार

तनयकत ककया था तथा बाद म आस बदाय का सबदार बना कदया गया ऄतः सलतान बनन स पवम वह बदाय का

सबदार था

सवमपरथम आसन ऄपनी राजधानी को लाहौर स कदलली सथानातररत ककया ऄतः आस कदलली सलतनत का

वासततवक ससथापक माना जाता ह

आसन बगदाद क खलीफा तबलला मसरी स वधातनक पतर पराि ककया तथा ईसक नाम क तसकक चलवाय ऄतः

आलतततमश कदलली का परथम वधातनक और समपरभता सपनन सलतान बना

आसकी ईपातधया -

1 सलतान

2 नातसर-ऄमीर-ईल-मोमनीन

आलतततमश क तवरोधी -

1 यातसर(ताजददीन) एलदौज यह ऐबक का ससर व गलाम था तथा गजनी का सलतान था आलतततमश

न खवाररजम शाह की मदद स तराआन क ततीया यदध(1215 इ) म एलदौज को परातजत कर बदाय क

ककल म कद कर तलया तथा बाद म मार डाला

2 नसीरददीन कबाचा यह भी ऐबक का गलाम व जीजा था आलतततमश न 1227-28 इ म आसक उपर

अकरमण ककया तथा ससध व मलतान पर ऄतधकार कर ईस कदलली सलतनत म तमला कदया कबाचा न

ससध नदी म डब कर अतमहतया कर ली

NOTE 1221 म मगोल अकराता चगज खा न खवाररजम शाह पर अकरमण ककया और ईस परातजत कर कदया

शाह का पतर जलालददीन मगबनी गजनी स ऄपनी जान बचा कर भारत भाग अया ईसन आलतततमश स शरण

मागी परनत आलतततमश न भारत को मगोल अकरमण स बचन क तलए ईस शरण दन स मना कर कदया चगज

खान मगबनी का पीछा करत हए ससध नदी क तट तक पहच गया परनत भारत पर अकरमण नही ककया

NOTE चगज खा का मल नाम तमतजन ऄथामत लोहकमी था यह ऄपन अप को इशवर का ऄतभशाप कहन पर

गवम महसस करता था वह आलतततमश का समकालीन था

1226 इ आसन रणथमबोर व जालोर क चौहानो को परातजत ककया आसक बाद आसन करमशः बयाना नागौर

साभर व ऄजमर क ईपपर भी ऄतधकार कर तलया

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ईसन 1234-35 इ क दौरान तभलसा (मपर) क तहनद मकदरो को तोड़ा तथा ईजजन क महाकाल मकदर को भी

लट तलया

परशासन सधार

आलतततमश न आकता परणाली चलाइ जो की वतन क बदल दी जान वाली भतम होती थी

शासन को सचतलत रप स सचातलत करन हत ऄपन चालीस वफादार गलामो का एक समह बनाया तजस

बरनी न गलाम चालीसा या तरकन-ए-चालीसा(चहलगनी)

Important परथम तकम शासक था तजसन शदध ऄरबी तसकक चलाय तथा तसकक पर टकसाल का नाम तलखना

ऄतनवायम करकदया

दो परकार क तसकक चलाए

1 चाादी का टका

2 तामब का जीतल

NOTE गवातलयर तवजय क बाद आलतततमश न ऄपनी पतरी रतजया का नाम चाादी क टक पर ऄककत करवाया

और ईस ऄपना ईरतरातधकारी घोतषत कर कदया आलतततमश क महल क अग सगमरमर क दो शरो की मरतत

लगी थी तथा आनक गल म घटी बधी हइ होती थी तजस बजन पर फररयादी को तरत नयाय तमलता था

आलतततमश क तनमामण कायम

1 कदलली म कतबमीनार का तनमामण परा करवाया

2 सबस बड़ बट नसीरददीन महमद की मतय(1229) होन पर कदलली म मदरसा-ए-नातसरी बनवाया तजस

सलतान गढ़ी का मकबरा भी कहत ह यह भारत का परथम मकबरा था

3 नागौर म ऄतारककन का दरवाजा बनवाया - (NOTE आसस परररत हो कर ऄकबर न गजरात तवजय क

बाद बलद दरवाजा बनवाया जो फतहपर तसकरी म ह)

4 बदाय (ईपर) म हौज-ए-शमसी (शमसी इदगाह) का तनमामण करवाया

1236 म बामयान (बनयान) ऄतभयान पर ऄचानक आसकी ततबयत ख़राब हो गयी यह पनः कदलली लौट अया

और वही ईसकी मतय हो गयी आलतततमश का मकबरा कदलली म बनाया गया सकरीच शली (आडो + इरानी) म

तनरतमत भारत का यह परथम मकबरा माना जाता ह

आलतततमश की मतय क बाद ऄमीरो न आलतततमश क छोट बट रकनददीन को शासक बना कदया जो की ऄयोगय

शासक था शासन की बागडोर वासततवक रप स तकामन शाह क हाथो म थी जो की तनाशाह मतहला थी

रतजया सलताना न शकरवार की नमाज़ क कदन लाल वि पहन कर तरकन शाह क तवरदध लोगो स सहायता

मागी लोगो न रतज़या को सलताना बना कदया

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3 रतज़या सलताना 1236 इ स 1240 इ

रतज़या को लोगो का समथमन पराि था लककन बदाय व लाहौर क गवनमर आसक तवरोधी थ सबस बड़ा तवरोधी

आलतततमश का वज़ीर मौहममद जनदी था रतज़या क समय सलतान व तकम अमीरो क तबच सगषम परारमभ हअ

जो की बलबन क सरतारढ़ होन तक चला

रतज़या सलताना राजगददी पर बठत समय परषो क पररधान (कबा व कलाह) पहन कर बठती थी

रतज़या न तको को ऄपन पकष म करन क तलए शतकतशाली तकम ऄलततनया स तववाह ककया परनत ऄलततनया व

रतज़या दोनो की हतया 1240 म कथल हररयाणा म कर दी गयी

रतज़या सलताना को भारत म मतसलम आततहास की परथम सलताना माना जाता ह आसन ईमदत-ईल-तनसवा की

ईपातध धारण की थी

4 मआनददीन बहरामशाह (1240 इ - 1242 इ)

1241 म मगोलो का अकरमण हअ

आसन नायब-ए-ममलकत का पद सतजत ककया

1242 म आसकी हतया कर दी गयी

5 ऄलाईददीन मसद शाह (1242 इ - 1246 इ)

यह रकनददीन का पतर था आसन ऄपनी समसत शतकतया चालीसा समह को सौप दी

6 नसीरददीन महमद (1246 इ - 1265 इ)

यह आलतततमश पोता था बलबन क सहयोग स मसद शाह को परातजत कर कदया और सवय शासक बन गया

परत वासततवक शतकतया बलबन क हाथो म थी कयकी बलबन न ऄपनी पतरी का तववाह नासीरददीन महमद क

साथ ककया महमद न बलबन को ईलग खाा की ईपातध दी नासीरददीन महमद धारतमक परवरतत का वयतकत था

वह खली समय म करान की नक़ल करता था

1265 म महमद की मतय हो गयी और बलबन शासक बना

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7 बलबन (1265 इ - 1287 इ)

बलबन का मल नाम बहदीन था यह भी आलतततमश की भाती आलबारी तकम था शासक बनन स पवम ईसन

महमद क वज़ीर क रप म तबस वषम तक कायम ककया आस दौरान वह सलतान न होत हए भी सलतान क छतर का

परयोग करता था

बलबन का राजतव का तसदधात लोह एव रकत तनतत पर अधाररत था आसक ऄनसार सलतान ससार म इशवर का

परतततनतध होता ह तथा ईसम दवतव का ऄश होता ह ईसकी समानता कोइ नही कर सकता

बलबन न सलतान की परततषठा बढ़ान हत चालीसा का दमन बड़ करर तरीक स ककया ईसन बदाय क गवनमर

बकबक खाा को जनता क सामन लोगो स तपटवाया तथा कोड़ लगवाए ऄवध क गवनमर हवत खाा को भी कोड़

लगवाए और बगाल क ऄतमन खाा को ऄवध क फाटक पर लटकवा कदया

बलबन न ऄपन पद की परततषठा बढ़न क तलए दरबार म कछ गर आसलातमक परथाए शर की जस तसजदा

पबौस(पायबोस) तथा फ़ारसी ईतसव नवरोज को मनाना परारमभ ककया

बलबन न सतनको को दी हइ जगीरो की जाच करवाइ तथा ऄयोगय व वदध सतनको को पशन दकर सवा स मकत

कर कदया

सामतो की गतततवतधयो पर धयान रखन हत ईसन दीवान-ए-बररद नामक नए गिचर तवभाग की सथापना की

मगोलो क अकरमण स बचन क तलए आसन ईरतरी पतिमी तसमा पर ककलो की एक शरखला बनवा दी तथा

बलबन न समपणम सीमात परदशो को दो भागो म तवभातजत कर कदया

1 सनम-समाना - शासक बगरा खान को बनाया

2 मलतान-ससध-लाहौर - शासक ऄपन बड़ बट महमद खाा को बनाया परनत 1286 म हए मगोल अकरमण

म महमद खाा मारा गया बलबन न ईस शहीद की ईपातध परदान की वह महमद की मतय स आतना टट

गया की एकात म जाकर फट फट कर रोटा था

ऄमीर खसरो (तोता-ए-तहनद) व हसन दहलवी (भारत का सादी) न ऄपना सातहततयक जीवन महमद खाा क

शासन काल क दौरान ककया

मधयकाल क दौरान ऄमीर खसरो व हसन दहलवी दोनो ही तनजामददीन ओतलया क तशषय थ ऐसा माना जाता

ह की तनजामददीन ओतलया न मधयकालीन भारत क दौरान कदलली सलतनत क 7 शासको का शासन काल दखा

व खसरो न 8 शासको का शासन काल दखा

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ऄनय महतवपणम तथय

ऄपन पतर महमद की मतय क कारण बलबन आतना टट गया की वह ईसकी मतय का कारण बना

बलबन की मतय पर आततहासकारो न तलखा ह की लोगो न ऄपन कपड फाड़ डाल तथा सलतान क शव को

कतबरसतान ल जात समय ऄपनी सर पर धल फकक तथा 40 कदन तक तबना तबसतर क जमी पर सोए

बलबन साधारण(गरीब) व तचछ वयतकतयो स नही तमलता था वह कहता था की जब म गरीब वयतकत को दखता

ह तो मर शरीर की परतयक नाड़ी करोध स ईरततजत हो जाती ह

बलबन परथम भारतीय मसलमान शासक था तजसन ऄपन अप को तजलल आलाही की ईपातध दी

1279 इ म बलबन न खवाजा नामक ऄतधकारी की तनयतकत की जो की आकतदारो पर तनयतरण रखता था

बलबन की मतय क बाद ईसका ऄयोगय (पोता) पौतर ककबाद ईरतरातधकारी बना तजस लकवा हो जान पर

ऄमीरो न ककबाद क पतर शमसददीन कयमसम जो की तशश ही था को गददी पर तबठाया कयकी बगरा खाा कवल

सबदारी स ही सतषट था

जलालददीन कफरोज तखलजी जो की ककबाद का वज़ीर था आसन सबस पहल ककबाद ईसक बाद ईसक पतर

कयमसम की हतया कर कदलली सलतनत पर तखलजी राज वश की सथापना की

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तखलजी राजवश (1290 इ - 1320 इ)

तखलजी वश का ससथापक जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी था तखलजी काल को तखलजी करातत क नाम स भी

जाना जाता ह

1 जलालददीन कफ़रोज़ तखलजी (1290 इ - 1296 इ)

ककबाद की हतया करन क बाद आसन ककलोखरी क ककल (कदलली) म ऄपना राजयातभषक करवाया

ईपातध शाआसता खाा (ककबाद दवारा दी गयी)

ईपलतबधया ककलोखरी को ऄपनी राजधानी बनाया 70 वषम की अय म शासक बना ( सबस वदध शासक था )

शासन तनतत अतररक तनतत (सबको परसनन रखन की तनतत)

बलबन क एक ररशतदार मातलक छजज न आसक तखलाफ तवदरोह ककया जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को

तवदरोह दबान क तलए मतनकपर भजा ऄलाईददीन तखलजी न छजज को परातजत कर कदया परनत कफरोज न ईस

माफ़ करकदया

NOTE ऄलाईददीन का पहली बार ईललख आसी ऄतभयान म तमलता ह आस ऄतभयान क बाद जलाल न

ऄललाईददीन तखलजी को मतनकपर का सबदार बनाया

जलाल न इरान क ईलमा सादीमौला को हातथयो क परो स कचलवा कर मरवा डाला

जलालददीन कहता था की मसलमानो का रकत बहाना ईसक ईसलो क तखलाफ ह

जलालईददीन तखलजी क काल म मगोलो का अकरमण 1292 इ म हअ यह अकरमण ऄबदलला न पजाब क

ईपपर ककया तजस ऄलाईददीन तखलजी न परातजत कर कदया

जललालददीन कफरोज तखलजी न मगोलो को भी ईदारता कदखाइ ईसन चगज खा क वशज ईलग खा क साथ

ऄपनी बटी का तववाह कर कदया ईलग खा ऄपन 4000 सातथयो क साथ कदलली और गजरात क असपास क

कषतरो म अकर बस गया तजनह नतवन मसलमान कहा जाता ह

1291 इ रणथमबोर अकरमण

शासक - हममीर दव जलालददीन तखलजी न एक साल तक घरा डाला ऄत म जलाल व हममीर क तबच झाइन

का यदध हअ तजसम जलालददीन परातजत हअ जलालददीन न कहा की मसलमान क सर क एक बाल की

कीमत ऐस 100 ककलो स जयादा समजता ह

1292 इ म मडोर जोधपर को जीता तथा आस कदलली सलतनत म तमला कदया गया

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1294 इ म जलालददीन न ऄलाईददीन तखलजी को मालवा व तभलसा क ऄतभयान पर भजा ऄलाईददीन सफल

रहा ऄलाईददीन न ईजजन धारानगरी क मकदरो को लटा व तड़वा कदया

1294 इ म ऄलाईददीन तखलजी न जलालददीन की ऄनमतत तलए तबना दवतगरर (महाराषटर) क शासक रामचदर

यादव पर अकरमण ककया और बशमार धन लटा जलाल क तवषवास पातरो न जलाल को पतर तलख कर कहा

की ऄलाईददीन तखलजी तवशवासघाती ह ईसस यह धन छीन तलया जाए

NOTE ऄलाईददीन तखलजी मधय काल क दौरान परथम ऐसा शासक था तजसन जलाल क शासन म पहली बार

दतकषण भारत का ऄतभयान ककया

1296 इ म ऄलाईददीन न ऄपन तवशवास पातर आतततयार हद की सहायता स जलालददीन को मार डाला

ऄलाईददीन तखलजी न जलाल क पतर ऄकमली खा व ईसक समसत पररवार को मोत क घाट ईतार कदया

जलालददीन की तवधवा पतनी मतलका-ए-जहान न ऄपन पतर कदर खा को रकनददीन आबरातहम क नाम स सलतान

घोतषत कर कदया परनत ऄलाईददीन न आनह भी मार डाला

आततहास कार बरनी न कहा की शहीद सलतान क चदोब(मकट) स ऄभी रकत की बाद टपक ही रही थी की

ऄलाईददीन न खन टपकत हए चदोब को ऄपन तसर पर धारण ककया और ऄपन अप को सलतान घोतषत कर

कदया

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2 ऄलाईददीन तखलजी (1296 इ - 1316 इ)

जोधपर क ससकत तशलालख (तामरपतर) म कहा गया ह की ऄलाईददीन क दवतलय शौयम स यह धरती कााप ईठी

आसकी ईपातधया

1 खलीफा का नायब

2 तसकदर-ए-सानी (तसकको म)

3 तवशव का सलतान

4 जनता का चरवाहा

राजयातभषक बलबन क लाल महल म

सलतान बनन स पवम यह कड़ा का सबदार था ऄलाईददीन क शासन काल म मगोलो क सवामतधक 7 बार

अकरमण हए

ऄललाईददीन तखलजी क ऄतभयान

गजरात ऄतभयान (1299 इ) ऄललाईददीन न ऄपन 2 सनापततयो ईलग खा व नसरत खा को सनापतत बना कर

गजरात क शासक कणम बघल क तखलाफ यह ऄतभयान ककया बघल ऄपनी पतरी दवल क साथ दवतगरर भाग

गया बघल की पतनी कमला दवी दोनो सनापततओ को तमली तजस ईनहोन ऄलाईददीन को सौप कदया

ऄलाईददीन न कमला दवी क साथ तववाह ककया यह ईसकी सबस तपरय रानी बानी

गजरात ऄतभयान क दौरान ही नसरत खाा न मातलक काफर को जो की एक तहनद था 1 हजार दीनार म

ख़रीदा ऄथामत काफर को 1000 कदनारी कहा जाता ह

जसलमर ऄतभयान 1299 इ ऄलाईददीन न राव दधा व ईसक सतहयोगी ततलक ससह को परातजत ककया

रणथमबोर अकरमण 1301 इ शासक हममीर दव को परातजत ककया आस ऄतभयान क दौरान ईलग खान व

नसरत खाा सनापतत थ नसरत को हममीर न मार डाला हममीर की पतनी रग दवी न राजपत मतहलाओ क साथ

ऄति जोहर ककया हममीर की पतरी दवल द न पदमला तालाब म कद कर जल जोहर ककया

NOTE रणथमबोर जोहर फ़ारसी सातहतय म ईललतखत परथम जोहर ह ऄतमर खसरो क तारीख-ए-ऄलाआ

(खजाआन-ईल-फतह) म आसका ईललख तमलता ह

हममीर क 2 तवदरोही रणमल व रततपाल को ऄललाईददीन तखलजी न मार डाला

तचरतौड़ ऄतभयान - 1303 इ शासक रावल रतन ससह

कारण सामररक महतव + पतदमनी का ऄदभत सौनदयम

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एक माह तक ककल का घरा डाला कफर रतन ससह को बदी बना तलया गोरा व बदल न वापस छड़ाया परनत

सवय शहीद हो गए पतदमनी न 16000 राजपत मतहलाओ क साथ जोहर कर तलया ऄलाईदीन न 30000

राजपतो को मौत क घाट ईतर कदया

तचरतोड़ ककल का नाम ऄपन पतर तखजर खाा क नाम पर तखजराबाद रखा तथा ईस वहा का शासक तनयकत ककया

सवय कदलली लौट अया कछ समय बाद तख़जर खाा को वातपस कदलली बलाया और राजपत शासक मालदव को

वहा का परशासन सौपा

NOTE ऄमीर खसरो आस ऄतभयान म साथ म था तथा ईसन पतदमनी क जोहार का ईललख ऄपन गरनथ

खजाआन-ईल-फतह म ककया तजस बाद म 1540 म मातलक मोहममद जायसी न ऄपन गरनथ पदमावत म भी

तलखा

सौख (मथरा) ऄतभयान 1304 ऄलाईददीन तखलजी न सौख क शासक नाहर ससह व ईसक सहयोगी ऄनगपाल

जाट को परातजत ककया तथा बजभतम क ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ कदया वहा पर मतसजद का भी तनमामण

करवाया ऄलाईददीन की आस तवजय का ईललख मथरा स पराि एक फ़ारसी लख म तमलता ह तजसम ईसकी 2

ईपातधओ - ऄलाईददीन शाह व तसकदर-ए-सनी का ईललख भी तमलता ह

मालवा तवजय 1305 यहाा का शासक महलकदव

ऄलाईददीन क सनापतत अआन-ए-मलक (मलतान का सबदार) न महलकदव को परातजत ककया

तसवाना ऄतभयान 1308 इ ऄलाईददीन तखलजी क सना पतत कमालददीन गगम न सातल दव को परातजत ककया

जालोर ऄतभयान 1311 इ 1304 इ म जालोर क शासक कानहड़दव न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर

ली परनत 1311 तक ऄपन अप को पनः सवततर कर तलया ऄलाईददीन न कमालददीन गगम क नततव म सना

भजी कानहड़ परातजत हअ

NOTE जालोर तवजय क साथ ही ऄलाईददीन का राजसथान ऄतभयान पणम हो गया

NOTE नपाल ऄसम व कशमीर को छोड़ कर समसत भारत ऄलाईददीन तखलजी क सामराजय का तहससा था

दतकषण क ऄतभयान सनापतत - मातलक काफर ईददशय - धन लटना व कर वसल करना ऄपरतयकष शासन

सथातपत ककया

वारगल ऄतभयान (परथम अकरमण) शासक - परताप रदर दव ऄलाईददीन क सनापतत - 1303 मातलक छजज

परातजत हअ पर 1308 म मातलक काफर तवजय रहा

1308 म परताप रदर दव न ऄपनी सोन की मरतत बनवा कर ईस सोन की जजीर क दवारा गल म लटकाया तथा

कोतहनर तहरा ऄलईददीन को भट ककया

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दवतगरर ऄतभयान (1306 इ - 1307 इ) शासक रामचदर यादव को काफर न परातजत ककया ऄलाईददीन न

आसक साथ ऄचछा वयहार ककया तथा एक लाख टका व चादी का चदोबा दकर सममातनत ककया तथा

रायरयान की ईपातध परदान की

1313 इ म दवतगरर पर पनः अकरमण ककया वहा क शासक शकर दव को मार डाला

होयसल ऄतभयान (1310 इ) शासक वीर बललाल न ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार कर ली

मदरा ऄतभयान 1311 यहाा दो पणड भाआयो वीर व सनदर म ईरतरातधकार सघषम चल रहा था सनदर न काफर

स सहायता मागी तथा वीर को परातजत ककया परनत ऄलाईददीन की ऄधीनता सवीकार करन स आकार कर

कदया काफर न समपणम मदरा को लट डाला

NOTE यह धन पराति की दतषट स ऄलाईददीन का सबस सफल ऄतभयान था

NOTE ऄलाईददीन न ऄपन तमतर ऄलाईल मलक क कहन पर भारत तवजय का तवचार तयाग कदया

तवदरोह ऄलाईददीन न तखलाफ सबस बड़ा तवदरोह ईसक भतीज ऄकत खाा व नतवन मसलमानो न ककया आस

तवदरोह को दबान हत ऄलाईददीन न 4 ऄधयादश जारी ककय

1 ऄमीरो को दी गयी जगीरो को जि कर तलया गया

2 गिचर परणाली का तवकास ककया गया

3 कदलली म शराब तनषध कर दी

4 ऄमीरो क अपसी मल तमलाप व अपस म तववाह पर रोक लगा दी ईसक पवम सलतान स ऄनमतत

लना ऄतनवायम कर कदया

ऄलाईददीन तखलजी का परशासन

ऄलाईददीन तखलजी खलीफा की सरता म तवशवास नही रखता था ईसन खलीफा स ऄनमतत पतर पराि नही ककया

परनत ऄपन अप को खलीफा का नायब घोतषत कर कदया ऄलाईददीन तखलजी क शबद ही कानन थ

परशासतनक सधर

ऄलाईददीन तखलजी न तनमनतलतखत तवभागो की सथापना की -

1 कदवान-ए-ररयासत वयापाररयो पर तनयतरण हत

2 बाररद-ए-ममातलक गिचर तवभाग

3 मनही सचना दन वाल ऄतधकारी

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सनय परशासन

दशमलव वयवसथा क तहत सना का पनगमठन ककया ऄलाईददीन तखलजी परथम ऐसा शासक था तजसन सतनको

को नगद वतन दना परारमभ ककया 234 टका वारतषक वतन कदया जाता था यह पहला ऐसा शासक था तजसन

सथाइ सना राखी आसन सतनको का हतलया रखना व घोड़ दागन की परथा परारमभ की आसकी सना म 475 लाख

सतनक थ

बाजार तनयतरण ऄलाईददीन तखलजी न बाजार तनयतरण परणाली परारमभ की तजसका ईददशय काम खचम पर

ऄतधक सना रखना था

ऄलाईददीन तखलजी न 4 परकार क बाजार बनवाए

1 गलला मडी तवतभनन परकार क ऄनाज हत

2 सराय-ए-ऄदल कपडा बाजार

3 सामानय बाजार दतनक अवयशकता वाली चज़ो हत

4 घोड़-मवशी व गलाम बाजार गलाम तमलत थ

ऄलाईददीन तखलजी न राशसनग परणाली चलाइ ऐसा करन वाला यह भारतीय आततहास का परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी न आनाम आकता व वकफ भतम को जि कर खालसा भतम म सतममतलत कर तलया तथा

खालसा भतम स कर लना परारमभ कर तलया ऐसा करन वाला वह परथम शासक था

ऄलाईददीन तखलजी दवारा तलए जान वाल कर

1 तबसवा = 1 बीघा का 20वा तहससा

2 खराज = ईपज का 12 तहससा कर क रप जाता था

3 खमस = यदध की लट का 15 भाग सतनक व 45 राजय

4 गारी कर = अवास पर तलया जान वाला कर

5 चरर कर = दधार पश पर तलया जान वाला कर

NOTE गारी कर व चरर कर वसलन वाला ऄलाईददीन परथम सलतान था

राजसव आकठठा करन हत आसन कदवान-ए-मसतखराज नामक तवभाग की सथापना की

तनमामण (सथापतय)

ऄलाईददीन तखलजी न क़तब मीनार क पास ऄलाआ दरवाजा का तनमामण करवाया तजसम पहली बार गममद का

परयोग हअ

ऄलाईददीन तखलजी न कदलली क समीप सीरी फोटम तनमामण का करवाया तजसम हजार खमबो वाल महल (हजार

सीतन) का तनमामण करवाया

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ऄलाईददीन तखलजी न ऄपनी सथापतय कला म ऄरबसक शली का परयोग ककया जो की तहनद व मतसलम शली का

तमशरण ह

NOTE ऄलाईददीन कदलली सलतनत का परथम ऐसा शासक था तजसन वशयवतरत पर रोक लगा दी

ऄलाईददीन तखलजी का मकबरा महरोली क क़तब कामपलकस क पीछ बना हअ ह

ऄलाईददीन तखलजी की मतय 2 जनवरी 1316 इ को जलोदर नामक रोग स हो गयी ऐसा माना जाता ह की

मतलक काफर न ऄलाईददीन तखलजी को धीमा ज़हर कदया था ऄलाईददीन तखलजी की मतय क बाद काफर न

ईसक पर पररवार को मार डाला तथा ऄलाईददीन क एक पतर मबारक खाा को कद कर तलया

तथा तशहाबददीन ईमर को नया सलतान बनाया

मबारक खाा न जल म रहत हए ही षडयतर रच कर काफर की हतया करवा दी और सवय शासक बन गया

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3 मबारक खाा तखलजी (1316 इ - 1320 इ)

ईपातध खातलफतललऄलला - ऄपन अप को ही खलीफा घोतषत कर तलया यह ऐसा करन वाला परथम सलतान

था

आसन दवतगरर को जीतकर कदलली सलतनत म तमला तलया ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

बरनी क ऄनसार मबारक शाह कभी कभी शराब क नश म दरबार म नि हो कर अ जाता था तो कभी कभी

तियो क वि धारण कर क अ जाता था

मबारक खाा न गजरात क एक तहनद को आसलाम सवीकार करवा कर ऄपना वज़ीर सवीकार ककया तथा ईसका

नाम नसरददीन खशरव रखा

तनजामददीन औतलया का ऄतभवादन सवीकार करन स माना कर कदया

खसरव न 13 ऄपरल 1320 को मबारक की हतया कर दी तथा सवय गददी पर बठ गया तथा ऄपन अप को

पग़मबर का सनापतत ईपातध दी तथा औतलया को 5 लाख टका की भट दी गयासददीन तगलक न यह भट

वातपस लना चाहा परनत औतलया न मना करकदया 5 तसतमबर 1320 को गयासददीन तगलक न खसरव की

हतया कर दी तथा खद कदलली का सलतान बन गया

NOTE कदलली सलतनत काल क दौरान खसरव सलतान बनन वाला परथम तहनद शासक था

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तगलक राजवश (1320 इ - 1414 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान सबस लमब समय तक शासन करन वाला राजवश था तजसन 94 वषम तक शासन

ककया तगलक करोनातमतशरत तकम थ ऄथामत तपता तकम व माता तहनद होती थी

1 गयासददीन तगलक (1320 इ - 1325 इ)

तगलक वश का ससथापक था यह एक तहनद मतहला का पतर था आसकी ईपातध मतलक-ईल-गाज़ी

29 बार मगोलो को परातजत करन वाला शासक गयासददीन तगलक था ऄततम रप स मगोलो को परातजत

करन क बाद आसन गाजी की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह कदलली का परथम सलतान था

1322 म ऄपन पतर जॉन खाा को दतकषण भारत ऄतभयान पर भजा ईसम वारगल व मदरा पर ऄतधकार कर

कदलली सलतनत म तमला तलया जॉन खाा न वारगल का नाम सलतानपर रख कदया सवामतधक सामराजय तवसतार

आसीकाल म हअ ऄतः कदलली सलतनत की जड़ कमज़ोर हइ

बगाल ऄतभयान स लौटत वकत ईसक सवागत क तलए जॉन खाा न गयासददीन क तलए एक भवय लकड़ी का महल

बनवाया यह महल ऄफगानपर कदलली क पास बनवाया गया था तजसका वासतकार ऄहमद तनयाज था आसी

महल म दब कर गयासददीन तगलक की मतय हो गयी

NOTE माना जाता की गयासददीन की मतय औतलया क शराप क कारण हइ कयकी औतलअ न गयासददीन को

कहा की कदलली ऄभी दर ह गयासददीन को तगलकाबाद म दफनाया गया

महतवपणम कायम

कदलली क समीप तगलकाबाद ककल का तनमामण करवाया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

ऄलाईददीन दवारा चलायी गयी कठोर नीततयो को समाि ककया तथा ईदारवदी नीततया ऄपनाइ तजनह

रसमररयाना कहा जाता ह

तगलक राजवश कदलली सलतनत का एकलौता राजवश ह तजसन ककसानो क तलए ईदारवादी तनतत ऄपनइ

आनहोन ककसानो क तलए तसचाइ हत नहरो का तनमामण करवाया राजसव को घटा कर आसन 13 भाग कर

कदया तथा ककसानो क बकाया ऊणो को माफ़ कर कदया तथा ऊण बकाया होन पर कदए जान वाल शारीररक

दड को भी बद कर कदया

NOTE आसन भ राजसव म राजय की माग का अधार हकम-ए-हातसल ऄथामत पदावार क ऄनरप राजसव तलया

जाता था ककसानो क होन वाल नकसान को समायोतजत करन का परावधान ककया

आस यातायात वयवसथा व डाक परणाली का पणम रपण वयवसथापक माना जाता ह

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2 मोहममद तबन तगलक (1325 इ-1351 इ)

यह कदलली सलतनत काल क दौरान सबस तवदवान व पढ़ा तलखा शासक था जो खगोल तवजञान गतणत व

अयरतवजञान ऄकद म तनपण था आसन पहली बार गर मसलमानो व भारतीय मसलमानो को ईचच सरकारी पदो

पर तनयकत ककया ऄथामत बरनी न आस तछछोरा जलाह नाआ रसोआया कहा

यह पहला ऐसा मतसलम शासक था तजसन तहनद तयोहारो को मनाया आसन ऄपनी राजधानी दवतगरर को

बनाया तथा ईसका नाम दौलताबाद कर कदया

कदलली सलतनत का वह पहला ऐसा शासक था तजसन साकततक मदरा चलाइ ईसन चादी क टाक का मलय

तामब क तजरतल क बराबर कर कदया आस वजह स वयापाररयो न जीतल लन स माना कर कदया ऄथामत लोगो

न तामब का टका बना कर चादी का टका ल तलया ऄथामत सलतान का खाजाना खली हो गया

NOTE कागज की साकततक मदरा का परचलन सबस पहल चीन दश क काबलीख़ाा दवारा ककया गया

मोहममद तबन तगलक न ऄपना राजसव सधार न क तलय दोअब कषतर म कर की वतदध की परनत वहा ऄकाल पड़

गया आस पर सलतान न कदलली छोड़ कर गगा क पास ऄपना तशतवर लगाया तथा 25 वषम तक आस तशतवर म

रहा और ऄकाल पीतड़त ककसानो की सहायता हत सौनघर नामक ऄकाल सतहता का तनमामण करवाया तथा

कदवान-ए-कोही नामक एक नए कतष तवभाग की सथापना की तजसक तहत ककसानो को परतयकष रप स सहायता

दी जाती थी ऐसा करन वाला यह परथम शासक था

NOTE फसल चकर क अधार पर खती करवान वाला तबन तगलक पहला शासक था

आसक ऄततम समय म - गजरात म तातग नामक वयतकत न तवदरोह कर कदया तजस दबान हत मोहममद तबन

तगलक गजरात गया तो तातग भाग कर ससध चला गया वह ईसका पीछा करत हए ससध पहचा और आस

दौरान बीमार पड़ा और 20 माचम 1351 को ईसकी मतय हो गयी

आसकी मतय पर बदायनी न तलखा की सलतान को ईसकी परजा स और परजा को सलतान स मतकत तमल गइ

मोहममद तबन तगलक को ऄभागा अदशमवादी सलतान कहा जाता ह

आसी क शासन काल क दौरान आबनबतता अया और आसन रहला नामक गरनथ की रचना की

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2 कफरोज तगलक 1351 इ 1388 इ

जनम 1309 इ म माता का बीबी जला तपता रजजब तगलक यह गयासददीन तगलक क भाइ थ कफरोज

तगलक मोहममद तबन तगलक का चचरा भाइ था

कफरोज शाह तगलक सलतनत काल का ऄकबर कहलाता ह

कफरोज तगलक की ईपलतबधया

कफ़रोज़ तगलक न दीवान बनदगान (दास तवभाग) की सथापना की दसो क तनयामत पर रोक लगा दी

दारल तशफा नामक तवभाग की सथापना की तजसक तहत तनशलक तचकतसा दी जाती थी

दीवान खरात की सथापना की तजसक दवारा गरीब व ऄसहाय लोगो की सहायता तमलती थी

दीवान आतसतहक (पशन तवभाग) बजगो को पशन दन का परबध करवाया

PWD सावमजातनक तनमामण तवभाग का तनमामण करवाया

आसन 24 कषटदाआ करो को समाि ककया तथा शरीऄत म ईललतखत कवल चार कर जतजया जकात खराज व

ख़मस ही वसलता था

आसन एक तास घतड़याल नामक जल घडी का तनमामण करवाया

कफरोज शाह तगलक न तशकषा म वयवसाआक ऄधययन पाठयकरम म लाग करवाया ताकक ऄचछ कारीगर तमल सक

क़तब मीनार की 5वी मतजल का पनरतनमामण तनमामण करवाया

सवामतधक नहरो का तनमामण आसी क शासन काल क दौरान ककया गया नहर तनमामण क बाद आसन हक़-ए-सबम

हब-ए-सबम नामक तसचाइ कर लगवाया

कफरोज शाह तगलक न 12 हजार फलो क बाग़ लगवाए तजसस 18 लाख टका वारतषक अय होती थी जबकक

आसकी कल सालाना अय 6 करोड़ 85 लाख टका थी

कफरोज शाह तगलक न लगभग 300 नगरो का तनमामण करवाया तजनम स मखय तनमन तलतखत ह

1 फतहाबाद (हररयाणा)

2 तहसार (हररयाणा)

3 कफरोजपर (पजाब)

4 जौनपर (ईपर) ऄपन चचर भाइ की याद म

5 कफरोजाबाद (ईपर)

6 कफरोजशाह कोटला (कदलली) तजननो का नगर

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कफरोज तगलक को मधयकालीन भारत का कलयाण कारी तनरकश शासक कहा जाता ह

कफरोज तगलक न खलीफाओ की परशसा पान क तलए परी(ईड़ीसा) व जगननाथ मकदर को लटा तथा ईसकी

मरततयो को तोड़ कर समनदर म कफकवा कदया

कफरोज तगलक न ऄपनी अतम कथा फतहात-ए-कफरोजशाही सवय तलखी

1388 इ म कफरोज तगलक की मतय क बाद ईसका पौतर तगलक शाह शासक बना जो की ऄयोगय था

जफ़र खाा क पतर ऄब बकर न तगलक शाह की हतया कर दी और सवय शासक बना जो की 1390 इ तक शासक

बना रहा

2 नसरददीन मोहमद शाह I 1390 इ 1391 इ

एक साल म कया ही कर लगा

3 नसरददीन मोहममद शाह II 1391 इ 1394 इ

आसक समय गजरात म लोगो न तवदरोह कर कदया था

4 महमद शाह तगलक 1394 इ 1414 इ

तगलक वश का ऄततम शासक था मगोल अकराता तमर न 1398 इ आसी क शासन काल क दौरान अकरमण

ककया

1414 इ म कदलली क ऄनक राजयो न ऄपन अप को सवततर घोतषत कर तलया और 1414 म ही आसकी मतय हो

गयी

आसी की साथ तगलक वश समाि हो गया

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सययद राजवश (1414 इ - 1451 इ)

कदलली सलतनत काल क दौरान ऄनक राजयो दवारा ऄपन अप को सवततर घोतषत करकदय जान क बाद हइ

राजनततक ईठापटक म कदलली की गददी सययद वश क हाथ लगी

कदलली सलतनत काल क दौरान सययद वश एक मातर ऐसा वश था जो की ऄपन अप को पग़मबर मोहममद का

वशज मानत थ ऄतः यह तशया समदाय क थ आस वश का ससथापक तखजर खाा था तखजर खाा क तपता मदामन

दौलत ऄरब क तनवासी थ जो की कफरोज शाह तगलक क अतमर वगम म शातमल थ तमर क अकरमण क

दौरान मदामन दौलत व तखजर खाा न तमर की सहायता की आसी सहायता स परसनन हो कर तमर न तखजर खाा को

मलतान लाहौर व ससध की सबदारी परदान की तखजर खाा न तमर क बट शाह रक खाा क परतततनतध क रप म

कायम ककया 20 मइ 1421 को तखजर खाा की मतय हो गइ

1 मबारक शाह (1421 इ 1434 इ)

मबारक शाह तखजर खाा का पतर था यह सययद वश का सबस परतापी शासक था आसक तखलाफ ऄनक तवदरोह

हए तजस ईसन सफलता पवमक दबा कदया

मबारक शाह न यमना क ककनार मबारकबाद नामक एक नए नगर का तनमामण करवाया

मबारक शाह स ऄसतषट लोगो न एक गट का तनमामण करा तजसम तहनद व मतसलम दोनो सतममतलत थ

मसलमानो का मतखया सरवर ईल मलक को बनाया गया तथा तहनदओ का मतखया ररदधपाल बना आन सभी न

सलतान को मबारकबाद नगर कदखन क बहान स वह बलाया और ईस मार डाला

बाकक क राजाओ न कछ खास ईखाड़ा नही ह जो की एगजाम अय तो हम अग बढ़त ह बस आतना याद रखो

की ऄततम शासक हममीर खाा को 1450 म बहलोल लोदी न मार डाला और सययद वश का पतन हो गया

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लोदी राजवश (1451 इ - 1526 इ)

बहलोल लोदी न ऄततम सययद वश क शासक हममीर खाा को 1450 म मार डाला और शासन की बागडोर ऄपन

हाथो म ल ली और कदलली सलतनत पर एक नए राजवश लोदी वश की नीव डाली

कदलली सलतनत काल म यह परथम ऄफगान सामराजय था तजसकी सथापना बहलोल लोदी न की

1 बहलोल लोदी 1451 इ - 1489 इ

बहलोल लोदी क तपता का नाम मातलक काला था तजसकी मतय बहलोल क जनम क पवम ही हो गयी ऄतः

बहलोल का लालन पालन ईसक दादा मतलक बहराम व ईसक चाचा आलम खाा न ककया

सबस पहल आसन गाजी की ईपातध धारण की आसक शासन काल क दौरान सरकक शासक महमद शाह न आस पर

अकरमण ककया आस अकरमण क दौरान एक ऄफगान सनापतत दररया खा लोदी स तमला आसी कारण लोदी

यह यदध तजतन म सफल रहा यह यदध पानीपत क पास नरला नामक सथान पर लड़ा गया

गवातलयर ऄतभयान स लौटत समय आस ल लग गयी और आसी कारण आसकी मतय हो गयी

NOTE कदलली सलतनत म सवमतदधक लमब समय तक शासक बहलोल लोदी रहा आसन बहलोली परकार क तसकक

चलाए जो की ऄकबर क अन तक चलत रह

यह ऄपन सरदारो क सामन गददी पर नही बठता था आसक कल 9 पतर थ तजनम ईसकी मतय क बाद

ईरतरातधकार सघषम हअ परनत तसकदर लोदी शासक बना

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2 तसकदर लोदी 1489 इ 1517 इ

आसका मल नाम जबदजबबनद था आस तनयाज खाा भी कहा जाता था यह लोदी वश का सवमशरषठ शासक माना

जाता ह

तसकदर लोदी न 1504 इ म यमना क ककनार अगरा नगर बसाया तथा बादल गढ़ क ककल का तनमामण

करवाया 1506 इ म अगरा को ऄपनी राजधानी बनाया अगरा की सथापना का ईददशय राजसथान क

शासको व वयापाररक मागम पर तनयतरण करना था

आसन जमीन म गढ़ हए धन म ऄपना कोइ तहससा नही तलया

आसन ऄपन तपता क तवपरीत ससहासन पर बठना परारमभ ककया और ऄफगान ऄमीरो की जगीरो की जाच

करवाइ और ईनह दतणडत करना परारमभ ककया वह ऄमीरो को जनता क सामन कोडो स तपटवाता था

तसकदर लोदी न तहसाब ककताब रखन हत लखा पररकषण परणाली परारमभ की यह धमााध था ऄतः आसन समसत

तहनदओ पर जतजया कर लगवाया तथा ऄनक तहनद मकदरो को तोड़ डाला ऄतः आस औरगजब का पवमगामी कहा

जाता ह

तसकदर लोदी न ऄनवाद तवभाग की सथापना की तथा मतसलम तशकषा म सधर हत इरान क तवदवान शख़

ऄबदलला को बलाया आसकी मतय 1517 इ म हो गइ आसका मकबरा खरपर कदलली म ह

तसकदर लोदी न तसकदरी गज - भतम माप परणाली चलाइ

3 आबरातहम लोदी 1517 इ - 1526 इ

तसकदर लोदी का बड़ा बटा था जो ऄपन छोट भाइ जलाल खाा लोदी को हरा कर शासक बना

1517-18 इ म राणा सागा स खतौली क यदध म परातजत हअ

1526 पानीपत क यदध म बाबर क हाथो मारा गया आस परकार यदध भतम म मारा जान वाला कदलली सलतनत

का परथम शासक था

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भारत का आततहास - ऄधयाय 7 (मग़ल सामराजय 1526 इ - 1857 इ)

बाबर 1526 इ - 1530 इ

मग़ल सामराजय का ससथापक बाबर को माना जाता ह बाबर का जनम 14 फरवरी 1483 को टास ऑतससयना

क परानत फरगना म हअ

आसक तपता का नाम ईमर शख़ तमजाा था माता का नाम कतलग तनगार खानम था दादी का नाम ऐसान

दौलत बगम था बाबर तपत पकष की और स तमर तका का 5वा वशज था जब की माा की और स चगज़ खाा

मगोल का 14वा वशज था

1504 इ म आसन काबल पर तवजय परापत की तथा 1507 म तमजाा की ईपातध का तयाग कर पादशाहबादशाह

की ईपातध धारण की ऐसा करन वाला यह परथम मग़ल समराट था

बाबर न भारत पर पहला अकरमण 1519 म बाजोर(पजाब) म कीया आसी अकरमण क दौरान ईसन

भरा(पजाब) क ककल को जीता

IMPORTANT भरा अकरमण क दौरान ही ईसन सवापरथम तोपखान का परयोग ककया

बाबर दवारा लड गए परमख यदध

1526 इ पानीपथ का परथम यदध बाबर तवजयी आबरातहम लोदी हारा

1527 इ खानवा का यदध बाबर तवजयी राणा सागा हारा

1528 इ चदरी का यदध बाबर तवजयी मकदनीराय हारा

1529 इ घाघरा का यदध बाबर तवजयी महमद लोदी हारा

NOTE घाघरा का यदध ऐसा परथम यदध था जो की जल व थल दोनो पर लड़ा गया आसम पहली बार नवो का

परयोग ककया गया

NOTE पानीपत तवजय क बाद बाबर न काबल क परतयक तनवासी को चाादी का एक एक तसकका कदया ऄतः ईस

कलदर कहा जाता ह

NOTE खानवा यदध क दौरान ईसन तजहाद का नारा कदया तथा सतनको पर लगन वाल तमगा कर को हटा

कदया खानवा यदध क बाद ही ईसन गाजी की ईपातध धारण की

NOTE बाबर की मतय 26-12-1530 को अगरा म हइ तजस अगरा क नर ऄफगान (अराम बाग़) म दफनाया

गया परनत बाद म ईस यहाा स तनकाल कर काबल क नर ऄफगान बाग़ म दफनाया गया

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बाबर न ऄपन गरनथ तजक बाबरी की रचना की यह मल तह तकी भाषा म थीआसका चार बार फ़ारसी भाषा

म ऄनवाद ककया गया - 2 बार हमाय क समय पायनदा खाा व जन खाा क दवारा तीसरी बार ऄबदल रहीम

खानखाना क दवारा तथा चौथी बार शाह जहाा क शासन काल म ऄब ऄली तरबती क दवारा ककया गया आसका

ऄगरजी म ऄनवाद 1905 म AS Beverage क दवारा ककया गया

बाबर न सड़क मापन क तलए गज-ए-बाबरी का तनमााण करवाया बाबर को बाग़ लगवान का बड़ा शौक था

ऄतः ईसन जयातमतीय तवतध क अधार पर नर ऄफगान (अराम बाग़ का तनमााण करवाया)

हमाय 1530 इ ndash 1540 इ

जनम 6 माचा 1508 को हअ माता का नाम महम बगम तपता का नाम बाबर

हमाय न ऄपन तपता क अदश ऄनसार ऄपन सामराजय का तवभाजन ऄपन भाआयो म कर कदया जो की करमशः

आस परकार था -

कामरान काबल व कधार

ऄसकरी सभल

तहनदाल मवात

सलमान तमज़ाा बदख़शा

NOTE कामरान आस तवभाजन स खश नही था ऄतः ईसन पजाब पर अकरमण ककया और ईस पर ऄतधकार कर

तलया हमाय न माफ़ कर कदया

हमाय का सबस बड़ा तवरोधी ऄफगान नता शर शाह सरी था

हमाय न 1534-35 इ म गजरात क शासक बहदर शाह क तवरदध ऄतभयान ककया परनत आस दौरान बहादर

शाह न तचततौड़ क ककल का घरा डाल रखा था तचततौड़ की रानी कमाावती न हमाय को राखी भज कर सहायता

मागी हमाय रानी की सहायता करन क तलए सहारन पर (ईपर) तक पहचा परनत अग तनणाय नही ल सका आस

दौरान बहादर शाह न चततौड पर ऄतधकार कर तलया

हमाय न बहादर शाह को ऄपरल 1535 म मदसौर क यदध म परातजत ककया बहादर शाह भाग कर माड पहचा

यहाा पर भी हमाय न ईसका पीछा नही छोड़ा तो वह ऄहमदाबाद पहचा ऄहमदाबाद तक पीछा करन क बाद

बहादर शाह भाग कर गोवा चला गया

हमाय न ऄसकरी को मालवा व गजरात का सबदार तनयकत ककया

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चौसा का यदध 26 जन 1539

यह यदध हमाय व शर शाह सरी क तबच लड़ा गया शर शाह न हमाय को बससर क तनकट परातजत ककया

ऄनक मग़ल सतनक मार गए हमाय ऄपनी जान बचन क तलए कमानासा (गगा) नदी म कद गया जहा ईसकी

जान तनज़ाम सकका नामक तभसती न बचाइ आसी ईपकार क बदल हमाय न 1555 इ म सकका को एक कदन का

बादशाह बनाया ईसन चमड़ क तसकक चलाए

NOTE तनजाम सकका की मजार ऄजमर म बानी हइ ह

NOTE आस यदध क बाद शर खाा न शर शाह सरी की ईपातध धारण की और ऄपन नाम क तसकक चलाए

कननौजतबलगराम का यदध 17-5-1540

शर शाह न आस यदध म हमाय को तनणाायक रप स परातजत ककया हमाय भारत छोड़ कर भागन पर मजबर हो

गया और आसी क साथ भारत म तदवतीय ऄफगान सामराजय की नीव पड़ी आस यदध क तलए कहा जाता ह की

एक भी तीर गोली नही चली और मग़ल सना भाग खड़ी हइ

शर शाह सरी की सना न हमाय का ऄफगान तक पीछा ककया वह भाग कर ससध (थटटा) पहचा जहा ईसका

तववाह 1541 इ म हमीदा बनो बगम क साथ हअ आसी क गभा स ऄमरकोट क राजा वीरसाल क ककल म 15

ऄसटबर 1542 को ऄकबर का जनम हअ

तनवाासन काल क दौरान हमाय न फारस क शासक तहमाशप क यहाा शरण ली

5 साल क ऄकबर को 1547 इ म कामरान न काबल क ककल पर लटकवा कदया ताकक हमाय ककल पर तोप

नही चला सक हमाय न कामरान को ऄधा कर बधी बना तलया

आसी समय ऄफगान नता शर शाह सरी की मतय हइ हमाय न भारत पर पनः तवजय करन का तवचार बनाया

मचछीवाडा का यदध 15 -5 -1555

आस यदध म हमाय की सना न ऄफगानो को परातजत ककया तथा समपणा पजाब पर ऄतधकार कर तलया

सरसहद का यदध 22-6-1555

आस यदध म सर शासक तसकदर शाह को बरम खाा न परातजत कर कदया आसी यदध क साथ हमाय एक बार पनः

भारत का शासक बना

24 जनवरी 1556 म हमाय कदनपनाह नामक नगर म तसतथ पसतकालय की सीकढ़यो स तगरा और 26 जनवरी

1556 को ईसकी मतय हो गयी

लनपल न तलखा ह की हमाय का ऄथा भागयशाली होता ह परनत वह ऄतयत दभाागय शाली शासक था जो

सजदगी भर लड़खड़ाता रहा और ऄततः लड़खड़ाकर ही ईसकी मतय हो गइ

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हमाय को जयोततष तवदया पर बहत जयादा तवशवाश था ऄतः वह सपताह क हर कदन ऄलग ऄलग रग क वसतर

पहनता था

हमाय का मकबरा

ऄकबर क काल म तनरममत यह परथम इमारत थी तजसका तनमााण ऄकबर की सौतली माा हाजी बगा बगम क

दवारा करवाया गया आसका वासतकार तमरक तमज़ाा गयास था आसम पहली बार दोहर गमबद का परयोग ककया

गया पहली बार चार बाग़ पददतत का परयोग ककया गया आस ताजमहल का पवा गामी माना जाता ह 1857 की

करातत क दौरान ऄततम मग़ल समराट बाहदर शाह ज़फर व ईसक 3 शहजादो को ऄगरज़ ऄफसर हडसन क दवारा

आसी मकबर स तगरफतार ककया गया

NOTE मग़ल काल म पहली बार सगमरमर का परयोग एतमाददौला क मकबर म ककया गया आसी मकबर म

पहली बार तपतरा डयरा का परयोग ककया गया

ऄकबर 1556इ ndash 1605 इ

जनम 15-10-1542 को हअ माता का नाम हमीदा बगम तजनह मररयम मकानी भी कहा जाता था आसक जनम

पर हमाय न सरदारो को कसतरी बाटी आसका पहला तववाह 9 वषा की अय म तहनदाल की पतरी रतजया

सलताना (रकया बगम) क साथ ककया गया ऄकबर का राजय ऄतभषक 14 फरवरी 1556 को कलानौर नामक

सथान म ककया गया

पानीपत का तदवतीय यदध 5-11-1556 हम और ऄकबर( बरम खाा ) क मधय ऄकबर न ऄततम तहनद शासक

हम को परातजत ककया आस यदध का नततव बरम खाा क दवारा ककया गया हम को मार कर ऄकबर न गाजी की

ईपातध धारण की बराम खाा ऄकबर का सरकषक था तजसकी हतया गजरात क पाटन नामक सथान पर एक सर

वयतकत मबारक खाा क दवारा की गयी

ऄकबर न बराम खान की तवधवा पतनी सलीमा बगम स तववाह कर तलया तथा ईसक पतर ऄबदल रहीम को

खानखाना की ईपातध परदान की तथा ईस वकील-ए-मतलक़ का पद परदान ककया

NOTE 1560 इ स 1562 इ क दौरान ऄकबर क शासन काल पर महामगा ईसकी पतरी जीजी ऄगा व ईसक

पतर अधम खान का सवाातधक परभाव था आस काल को पटीकोट सरकार(हरम दल) कहा जाता ह

1562 म ऄकबर की ऄजमर यातरा क दौरान अमर क शासक भारमल न मगलो की सवापरथम ऄधीनता सवीकार

की तथा ऄपनी पतरी हरखा बाइ का तववाह ऄकबर क साथ ककया हरखा बाइ को मररयम ईजजमानी क नाम

स जाना जाता ह आनही क गभा स 30-8-1510 को सलीम(जहागीर) का जनम हअ

अमर शासक भारमल न भगवानदास व मान ससह को मग़ल सवा म रखा

तचततौड़ तवजय ऄकबर न 1567-68 इ म तचततौड़ का ऄतभयान ककया आसी ऄतभयान क दौरान ऄकबर न एक

फतहनामा जारी ककया तथा कतलअम करवाया जो की ऄकबर क जीवन पर धबबा माना जाता ह

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ऄसीरगढ़ तवजय ऄसीरगढ़ मधयपरदश क बरहानपर क पास ह यहाा क शासक मीरन बहादर को परातजत

करन क तलए ऄकबर सवय गया यह ऄकबर क जीवन का ऄततम यदध था

आसी तवजय क ईपलकष म ऄकबर न एक सोन का तसकका चलवाया तजस पर ऄकबर को एक घोड़ पर बठ हए

कदखाया गया ह तथा हाथ पर बाज का तचतरण ह

ऄकबर की मतय 25-10-1605 को पतचस क कारण हो गइ जहागीर न ईसका मकबरा तसकदरा अगरा म

बनवाया आस मकबर की बनावट बौदध तवहार जसी ह तथा आसम गमबद का परयोग नही ककया गया ह आसम

कवल 4 सनदर मीनारो का परयोग ककया गया ह

ऄकबर क समय की परमख घटनाए

1562 दास परथा और सती परथा पर रोक लगाइ

1563 तीथा यातरा कर को समापत ककया

1564 जतज़या कर समापत ककया

1571 फतहपर तसकरी की सथापना

1574 घोड़ दागन की परथा परारमभ की

1575 मनसबदारी परथा परारमभ की फतहपर तसकरी म आबादत खान की सथापना

1577 तसख गर रामदास को 500 तबगा ज़मीन दी जहा बाद म ऄमतसर नगर बसाया गया

1578 आबादत खान को सभी धमो को तलए खोल कदया गया

1579 महाजर की घोषणा तजलल आलाही व फर आजदी की ईपातध

1580 समपणा सामराजय 12 सबो म तवभातजत ककया 1605 तक ऄकबर क शासन काल म सबो की

सखया 15 हो गइ थी मग़ल काल म सवाातधक सब औरगजब क शासन काल म 20-21 1580 म

टोडरमल की दहसला परणाली लाग

1582 आबादत खान म बहस पर रोक लगाइ कदन-ए-आलाही धमा की सथापना कदन-ए-आलाही धमा

सवीकार करन वाला परथम वयतकत महश दास (बीरबल) था

1583 कछ तवशष कदनो पर पशवध पर रोक लगा दी

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जहाागीर 1605 इ 1627 इ

जनम 30-8-1569

बचपन का नाम सलीम

तपता का नाम ऄकबर | माता का नाम हरखा बाइ

परथम तववाह भगवतदास अमर क शासक की पतरी मान बाइ स ककया गया आनकी ईपातध शाह बगम आनका

पतर खसरो था खसरो न तवदरोह कर कदया तो जहागीर न ईस ऄाधा करवा कदया खसरो का वध 1622 म

शहजादा खराम(शाहजहाा ) क दवारा ककया गया

तदवतीय तववाह मारवाड़ क राजा ईदय ससह की पतरी जोधा बाइ आनको मतलका ए जहाा की ईपातध दी आनह

जगत गोसाइ क नाम स भी जाना जाता ह आनही क गभा स खराम(शाह जहाा) ईतपनन हअ

जहागीर न शासक बनत ही 12 घोषणाए परकातशत करवाइ तजनह अयन जहागीरी कहा जाता ह

खसरो न 1606 म तवदरोह ककया सयकी ऄजीज कोका व मान ससह ईस बादशाह बनाना चाहत थ तवदरोह करन

स पवा ईसन 5व तसख गर ऄजान दव स अशीवााद तलया तजस जहागीर न राजदरोह का अरोप लगा कर मतय दड

द कदया

जहाागीर क जीवन पर सबस जयादा परभाव नर जहा का था नर जहा की माता ऄसमत बग न गलाब स आतर

बनान का ऄतवषकार ककया नर जहा न शगार वसतर व गहनो की नइ रीती चलाइ जहागीर की मतय क बाद नर

को 2 लाख सालाना पशन द कर लाहौर भजा जहा 1645 म ईसकी मतय हो गयी

जहागीर का मकबरा नर जहा क दवारा लाहौर क सहोदरा नामक सथान पर रावी नदी क तट पर बनवाया गया

ऄनय महतवपणा तथय दतकषण म तवजय करन क बाद जहागीर न शहजादा खराम को शाहजहा की ईपातध दी

खराम न 1615 म मवाड़ शासक ऄमर ससह क साथ सतध की यह सतध ऄकबर दवारा ऄपनाइ गइ राजपत मग़ल

तनतत का चरमोतकषा थी

जहागीर न फ़ारसी भाषा म तजक जहागीरी तलखवाइ तजसम ऄपन परारतभक 16 वषो का आततहास सवय न

अग क तीन वषो का आततहास मोततमद खाा न जबकक आस परा करवान का शय मोहममद हादी को जाता ह

जहागीर क शासन काल म 1608 म परथम ऄगरज वयापारी कपतान हॉककस अया था जो ऄपन साथ हसटर नामक

जहाजी बडा भारत लकर अया तथा अगरा क दरबार म तमला

आसी क शासन काल म 1615 म सर टॉमस रॉ तसमथ भारत अया तथा यह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क

ककल म तमला

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शाहजहाा 1627 -1658

शाहजहाा 1627 -1658

जनम 5-1-1592

बचपन का नाम खराम

तववाह नर जहा क भाइ ऄसफ खाा की पतरी ऄजामद बनो बगम क साथ ककया गया जो आततहास म ममताज क

नाम स परतसदद हइ तजसकी मतय 1631 म शाहजहाा क 14 व बचच को जनम दत समय बरहानपर म हइ आसकी

यद म ताजमहल का तनमााण ककया गया सथापतय व कला क तवकास की दति स शाहजहाा क शासनकाल को

मग़ल काल का सवरमणम यग कहा जाता ह

शाहजहा ऄपन जीवन क ऄततम 8 वषा अगरा क ककल क शाह बजा (मससमन बजा) म कदी क रप म रहा बदी

क रप म रहन वाला यह मग़ल काल का परथम शासक था आसकी मतय 1666 म हइ ईस ताज महल म ममताज

की कबर क पास दफनाया गया

आसकी मतय क बाद ईततराातधकार सघषा हए जो की करमशः तनमनतलतखत ह

बहादरगढ़ का यदध 14-2-1658 - शाहसजा व शाही सना (दारा तशकोह) क तबच यह यदध लड़ा गया

तजसम सजा हार गया

धरमत का यदध 15-4-1658 औरगजब और मराद की सना क तबच धरमत नामक सथान पर लड़ा

गया

सामगढ़ का यदध 29-5-1658 अगरा क पास लाड गए आस यदध म औरगजब व मराद की सतममतलत

सना न दारा को परातजत ककया तथा शाह जहा को बदी बना कर मससमन बजा म कद कर तलया

खजअ का यदध 5-1-1659 - आलाहबाद क पास खजअ नामक सथान पर औरगजब न सजा को

परातजत ककया

दवराइ(दौराइ) ऄपरल 1659 - ऄजमर क पास औरगजब न दारा को ऄततम रप स परातजत ककया

और मार डाला दारा को हमाय क मकबर म दफनाया गया

लनपल न दारा को लघ ऄकबर कहा ह दारा न 52 ईपतनषदो का फ़ारसी भाषा म ऄनवाद करवाया तजस तसर

ऄकबर कहा जाता ह

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औरगजब 1658 - 1707

औरगजब का काल मग़ल काल का पतन काल माना जाता ह औरगजब कटटर सननी मसलमान था ईसन तसकको

पर कलमा खदवाना 9 रोज का तयौहार मनाना तलादान व झरोखा दशान जसी परमपराओ पर रोक लगा दी

ईसन 1669 म बनारस फरमान क दवारा तहनद मकदरो को तड़वाया 1663 म ईसन सती परथा क ईपपर पणातः

रोक लगा दी औरगजब की धारममक नीततओ क कारण तजनदा पीर व सादगी क कारण शाही दरवज कहा जाता

आसन ऄकबर दवारा बद ककय गए जतज़या कर को पनः परारमभ कर कदया सगीत कला पर रोक लगा दी परनत

वह सवय एक कशल तवणा वादक था

मग़ल कालीन कला

मग़ल सथापतय भारतीय + इरानी + मधय एतशया + तकी का तमशण ह

मखय तवशषता

तवशाल व अकषाक गमबद

तपतरा डयरा

चार बाग़ पदधतत

महलो म बहत हए पानी का परयोग

सफ़द व लाल सगमरमर

बाबर दवारा बनवाइ गइ आमारत

पानीपत की काबली बाग मतसजत - यह आटो स तनरममत ह

रहलखड(सभल) की जामा मतसजद

बाबरी मतसजद

नर ऄफगान बाग़ (अराम बाग़)

हमाय दवारा बनवाइ गइ आमारत

दीनपनाह नगर - 1534-35

अगरा की मतसजद

फतहाबाद की मतसजद - यह इरानी शली पर तनरममत ह

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शर शाह सरी दवारा बनवाइ गइ आमारत

कदलली म शरगढ़ नामक नया नगर और आसक दो दरवाज लाल दरवाजा व खनी दरवाजा

सासाराम तबहार म झील क बीचोबीच ऄपना मकबरा बनवाया यह 4 मतजला ह पानी म होन क कारण

तदवगतणत दीखता ह यह ऄि कोणीय ह कसनघम महोदय न आस ताज महल स भी सनदर माना ह

ऄकबर कालीन आमारत

अगरा का लाल ककला यह यमना नदी क ककनार पर तसतथ ह आसम दो दरवाज ह कदलली दरवाजा व

ऄमरससह दरवाजा अगरा क लाल ककल म ऄकबर न लगभग 500 आमारतो का तनमााण करवाया

अगरा क ककल का तडज़ाआन कातसम खा क दवारा तयार ककया गया आसकी परमख आमारत तनमन तलतखत

o ऄकबर का महल

o जहागीर का महल आसक महल म गवातलयर क राजा क मान मकदर की नक़ल की गइ ह

ऄकबर न 1583 म आलाहबाद ककल का तनमााण करवाया

ऄकबर न लाहौर का ककला व ऄजमर का ककला व ऄटक क ककल का तनमााण करवाया

1598 स 1605 तक ऄकबर न अगरा क ककल म तनवास ककया तथा आस ऄपनी राजधानी बनाया

फतहपर-तसकरी

ऄकबर न 1569 म तसकरी क तनकट पहाड़ी पर आस नगर की नीव डाली आसका वासतकार बहाईददीन था

परमख तवशषताए चापाकार (आसलातमक) एव धरतणक(तहनद) शली का तमशण ह

आसकी परमख आमारत

1 दीवान अम आसका अयताकार परागण था ऄकबर यहाा बठकर नयाय करता था

2 दीवान-खास ऄकबर का वयतकतगत भवन था आसम वतताकार मच बना हअ था यह 36 तोड़ो पर बना

हअ था यह मच जलाशय स जड़ा हअ था

3 जोधा बाइ का महल यह फतहपर तसकरी का सबस बड़ा महल था जो गजरती कारीगरो दवारा तनरममत

था

4 तकी सलताना का महल तसफा एक मतजला इमारत ह आस महल को मग़ल सथापतय का मोती कहा

जाता ह

5 पचमहल पाच मतजला इमारत आस पर बौदध शली का परभाव था

6 बीरबल का महल पहली बार छजजो म कोषठको का परयोग ककया गया था

7 जमा मतसजद सथापतय कला की दति स फतहपर तसकरी की सवाशषठ इमारत ह आस फतहपर तसकरी

का गौरव कहा जाता ह फगयासन न आस पतथर म रमानी कथा कहा ह

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8 बलद दरवाजा गजरात तवजय क ईपलकष म बनवाया गया यह जमी स 176 कफट उा चा ह इरानी ऄधा

गमबदीय एव चाप सकनद शली म तनरममत ह ऄतारककन क दरवाज स परभातवत था

9 शख़ सलीम तचसती का मकबरा ऄकबर क म यह लाल पतथर म बना लककन जहागीर न आस सफ़द

सगमरमर म बनवाया

फगासन न फतहपर तसकरी को ऄकबर की परछाइ कहा ह तसमथ न आस पतथर म ढला रोमाच कहा ह

जहागीर काल की आमारत

1612 म ऄकबर का मकबरा

एतमादददौला का मकबरा

जहागीर का मकबरा

शाहजहा कालीन आमारत

आसको भारतीय वासतकला (मग़ल काल) का सवरमणम यग कहा जाता ह आसन लाल पतथर क सथान पर सफ़द

सगमरमर का परयोग ककया

दीवान अम शाहजहाा क शासन काल म सफ़द सगमरमर स तनरममत परथम इमारत

दीवान खास

मोती मतसजद यह सबस सनदर इमारत

मससमन बजा

खास महल व झरोखा दशान

ताजमहल ऄहमद लाहोरी आसक वासतकार थ आनह शाह जहा न नाकदर ईल ऄसरार की ईपातध दी

थी मखय तमसतरी - ईसताद इशा पहली बार 4 इमारत का परयोग ताज महल म ही ककया गया हवल

न आस भारतीय नारीतव की साकार परततभा कहा ह रवीनदरनाथ टगोर न आस काल क गाल पर रटका

हअ अस कहा ह

कदलली की आमारत

1 दीवान अम तखत ताईस(मयर ससहासन) का वासतकार बबादल खाा था

2 दीवान खास चाादी + सोन की परत चढ़ाइ गइ ह यहाा तलखा हअ ह की दतनया म ऄगर कही सवगा ह

तो यही यही और यही ह

3 कदलली की जमा मतसजद

औरगजब कालीन इमारत

बीबी का मकबरा आस ताज महल की फहड़ नक़ल कहा जाता ह

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मग़ल कालीन तचतर कला

जहागीर का काल मगलकालीन तचतर कला का सवरमणम काल कहा जाता ह

बाबर तजक बाबरी (बाबरनामा) म एक मातर तचतरकार तबहजाद का ईललख ह तजस पवा का राफल कहा

जाता ह

हमाय मग़लकालीन तचतरकला का परारमभ आसक शासन काल स माना जाता ह परमख तचतरकार तनमन तलतखत

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

ऄकबर परमख तचतरकार तनमन तलतखत ह

मीर सययद ऄली

ऄबद समद

दसवत खाा (ऄगरणी तचतरकार)

जहागीर तचतरशाला की सथापना ऄकाररजा खाा क नततव म अगरा म हइ जहागीर क काल म सबस परमख

तचतरकार

ईसताद मसर

ऄबल हसन

यह दोनो पराकततक तचतर बनान म मातहर मन जात थ

जहागीर क काल म तबशनदास को भी ऄगरणी तचतरकार माना गया ह जो की मानव छतव बनान म मातहर था

जहागीर सवय एक महान तचतरकार था

मगलकालीन परतसदद तचतर

1 एक कशकाय घोड़ क साथ भटकत हए मजन का तचतर बसावन क दवरा (ऄकबर क कला म )

2 साआबररया का एक तबरला सारस ईसताद मसर (जहागीर क काल म )

3 बगाल का ऄनोखा पषप ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

4 डयटर पाल का तचतर ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

5 तजक जहागीरी क मखय पषठ पर जहागीर का तचतरण ऄबल हसन (जहागीर क काल म )

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भारत का आततहास - ऄधयाय 8 (अधतनक भारत का आततहास)

यरोतियो का भारत म अगमन

14वी - 15वी शताबदी म भारत और यरोि क मधय तततथ समनदर िर ऄरबी लोगो का ऄततकरमण था यह ऄरबी

लोग भारत स मसाल खरीद कर यरोिीय दशो म ईचच दामो िर बचत थ

आन ऄरबी लोगो क तबचौतलयािन को समापत करन क तलए यरोि क िॉि न एक अदश जारी कर यरोि क 2

दश िततगाल व तिन को भारत क साथ जलीय मागत खोजन का अदश ददया आस अदश को िािलबल कहा

गया

सवतपरथम तिन का नातवक कोलबस न ऄिनी यातरा परारमभ की वह जल म भटक गया और एक दवीि िर िहचा

तजसका नाम आडीज बताया कालातर म यही आडीज - वतट आडीज क नाम स परतसदद हअ आसी परकार 1484 इ

म ईसन ऄमररका की खोज की

कोलमबस क बाद वातकोतडगामा न परयास दकया यह िततगाली नातवक था जो की 1497 इ म ऄफरीका महादवीि

क चककर लगत हए 90 ददन की यातरा क बाद अशा ऄतरीि दवीि(Cape of good hope) िर िहचा यहाा ईस

एक गजरती यातरी(मछअरा) ऄबदल मातणक तमला आसी की सहायता स वह 20-5-1498 को कतलकट बदरगाह

िहचा कालीकट का एक और नाम कपिकडाब था कालीकट का शासक तहनदद जमोररन था तजसन

वातकोतडगामा का तवागत दकया वािस जात समय राजा न वातकोतडगामा को 4 जहाज मसाल क ददए तजस

वािस जा कर ईसन 50 गना मनाफ म बचा िततगातलयो न ऄिनी परथम वयािाररक कोठी 1503 - कोचीन म

तथातित की

वातकोतडगामा कल 3 बार भारत अया

1498 इ

1502 इ

1524 इ ऄततम बार िततगाली वायसराय क रि म भारत अया

िततगातलयो का परथम वायसराय फरातसतको-दी-ऄलतमडा था तजसन बल वाटर िोतलसी ऄिनायी

यरोतियो का भारत म अगमन का करम िततगाली gt डच gt ऄगरज gt डतनस gt फरासीसी

सबस िहल िततगाली अय और सबस ऄत म गए सबस ऄत म फ़ातससी अय िरनदत सबस िहल गए ऄगरज

डचो स िवत भारत म अय िरनदत वयािाररक किनी की तथािना डचो क बाद म हइ

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िततगाली का भारत म अगमन

1661 म ततकालीन समराट चारलसत तदवतीय दवारा िततगाली राजकमारी कथरीन स तववाह करन िर बमबइ दहज़ म

ददया गया

ऄनदय महतविणत ततव

िहली बार तमबाक का िौधा 1608 म जहागीर क काल म िततगालीयो दवारा लाया गया

िततगाली शासन क दौरान ही मधय ऄमररका स मगफली अल ििीता मकका ऄनानास व ऄमरद का परवश भारत

म करवाया गया

आसक अलावा बादाम लीची काज आतयादद भारत अय

1556 इ म भारत म परथम परपरटटग परस की तथािना हइ

भारतीय जड़ीबरटयो िर परथम िततक 1563 म परकातशत हइ

डच वयािरयो का अगमन

डच होलडनीदरलड क तनवासी थ 1596 म परथम डच वयति कनतलस-ड-डहततमान भारत अया

NOTE 1602 म डच ससद न एक ऄतधतनयम िाररत कर यतनटड इतट आतडडया किनी ऑफ नीदरलड की

तथािना की तथा आस भारत म 21 वषो हत वयािर करन का ऄतधकार ददया

NOTE 1605 म परथम डच किनी की तथािना मसलीिटटनम म की जहा िर तनल का तनयातत होता था ऄगरजो

स बाद म अय थ लदकन किनी िहल शर की

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ऄगरज किनी का अगमन

यरोतियो म सबस सफल किनी ऄगरजो की थी सवत परथम ऄगरज वयािारी क रि म जॉन तमरलडनहॉल 1597 म

ऄकबर क शासन काल म भारत अया 7 साल भारत म रहा िरनदत ऄकबर स वयािाररक फरमान परापत नही कर

िाया

1599 इ म िवी दशो क साथ वयािर करन क तलए तिटन की महारानी एतलजाबथ न 217 लोगो क एक समह

को 15 वषत हत एक ऄतधकार ितर परदान दकया आस समह म वह तवय भी शातमल थी तजसका नाम governor

and company of merchants of London trading into the east indies था एतलजाबथ परथम न शाही

फरमान दकर 15 वषत हत िवी दशो क साथ जो वयािाररक ऄतधकार ितर परदान दकया आसी को Charter Act

(राजलख ऄतधतनयम) कहा जाता ह

1608 इ म परथम वयािाररक जहाज हकटर(रड डरगन) की सहायता स कपटन हॉककस सरत िहचा तथा आस

ऄिनी परथम वयािाररक कोठी बनाया 1609 म जहागीर क दरबार म अगरा िहचा जहा ईसन जहागीर स

फ़ारसी भाषा म बात की आसी स परभातवत हो कर जहागीर न ईस खान की ईिातध दी तथा 400 का मनसब

ददया

ईसन बादशाह स सरत म वयािाररक कोठी खोलन की ऄनमतत लना चाही लदकन िततगातलयो क आसका तवरोध

करन िर जहागीर ईस ऄनमतत नही द िाया

1613 म हॉककस क चल जान बाद जहागीर न फरमान जारी कर सरत की कोठी को वधातनकता परदान की

ऄगरजो की परथम वधातनक फकटरी 1611 म मसलीिटटनम(अधर परदश) म तथातित की गयी

1615 म जमस परथम क राजदत क रि म किनी की और स सर टॉमस रॉ ततमथ भारत अया और जनवरी

1616 इ म वह जहागीर स ऄजमर क मगजीन क दकल म तमला और वयािाररक फरमान परापत करन म सफल

रहा वह भारत म 3 साल तक रहा और 1619 म िनः आगलड चला गया ऄगरजो का परथम गवनतर माना जाता

1698-99 म किनी न बगाल क सरलतान ऄजीमशान स एक ऄतधकाररक ितर परापत कर बगाल क तीन गाव -

सतनतत गोपरवदिर व कालीघाट 1200 रिए वारषषक म जमीदारी ल ली तथा यही िर एक फोटत तवतलयम की

तथािना की तजस कालातर म कलकतता क नाम स जाना जाता ह तजसकी नीव जॉब चारनौक क दवारा राखी

गयी

1701 म औरगजब न एक फरमान जारी दकया तथा कहा की भारत म रहन वाल तमाम यरोतियो को तगरफतार

कर तलया जाए

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NOTE 1694 म तिरटश ससद एक ऄतधतनयम जारी कर तिटन क समतत नागररको को भारत म वयािर करन

का ऄतधकार द ददया आस परकार भारत म एक और किनी English company trading to the east indies

की तथािना हइ

1702 इ म तिटन ससद न िनः ऄतधतनयम जारी कर दोनो कितनयो का तवलय कर ददया और दफर आसका नाम The

united company of England trading to the east indies रखा

1707 म आस किनी क ऄतधकारो को ऄसीतमत कर ददया गया 1715 म आस किनी न मग़ल समराट फ़रतख़तसयर क समकष

जॉन शरमन की ऄधयकषता म एक तशषट मडल भजा आस तशषट मडल म हतमरलटन नामक एक शरलय तचदकतसक भी था

तजसन फ़रतख़तसयर क एक ऄसाधय रोग का आलाज दकया तथा ईसकी ितरी का भी आलाज दकया आसी स परतसन हो कर

फ़रतख़तसयर न ऄगरजो को बगाल म कर मि वयिार करन का ऄतधकार ितर परदान दकया यही ऄतधकार ितर भारत म

तिरटश सतता की तथािना का कारण मन जाता ह ऄतः आततहास करो न फ़रतख़तसयर को घतणत कायर या मखत लमफट

राजा कहा ह

भारत क परमख गवनतर गवनतर जनरल वायसराय

टॉमस रॉ ततमथ ऄगरजो का परथम राजदत व गवनतर

रोबटत कलाआव बगाल का परथम गवनतर पलासी क यदध क समय गवनतर आस भारत म तिरटश सामराजय का

जनक माना जाता ह

वारन हततटगस समिणत बगाल का गवनतर जनरल िहली बार राजयो को तमलाया गया आसी क समय राजतव

ऄतधकारी क रि म कलकटर का िद सतजत दकया गया परथम कलकटर जॉन कमिबल

लॉडत तवतलयम बरटग 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा आस समिणत भारत का गवनतर जनरल बनाया गया

आसी स तमल कर राजा राम मोहोन राय न सती परथा डाकण परथा आतयादद परथाओ िर रोक लगाया आसी क

शासन काल म मकाल भारत अया (भारतीय लोगो की तशकषा हत)

NOTE भारतीय लोगो की तशकषा हत िहली बार परावधान 1813 क चाटतर ऄतधतनयम म दकया गया जहा

भारतीय लोगो की तशकषा क तलए 1 लाख रिय वारषषक का परावधान दकया गया आसी ऄतधतनयम क दवारा

इसाइ तमशनररओ को भारत म इसाइ धमत का परसार परचार करन की ऄनमतत दी

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लॉडत डलहौजी (1848-1856)

एक ही शासन काल म सवाततधक समय तक (8 वषत) शासन करन वाला गवनतर जनरल था आसन राजय हड़ि

तनतत स सतारा ऄवध ईदयिर झासी को हड़ि तलया आसन गोद तनषध परथा चलाइ तजस ऄगरजी म

doctrine of lapse कहत ह आस भारत म रलव का जनक माना जाता ह भारत म परथम रल 16 ऄपरल

1853 को चलाइ गइ बमबइ स ठाण आजन का नाम बलक बयटी था लॉडत डलहौजी को भारत म डाक-तार-बतार

सवा का जनक कहा जाता ह सावतजतनक तनमातण तवभाग (PWD) की तथािना आसी क परशासन म हइ भारत म

परथम कारखाना 1848 म बना रड़की तवशवतवदयालय की तथािना आसी क शासन काल म हइ वड तडतिज का

तनयम आसी क शासन काल म लाग दकया गया तजसम पराथतमक व ईचच तशकषा हत िहली बार ऄलग परावधान

दकय गए ऄतः वड तडसिज को भारतीय तशकषा का मगना काटात कहा जाता ह

लॉडत कपरनग करातत क समय भारत का गवनतर जनरल था तिरटश इतट आतडया किनी दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल 1857 की करातत क दौरान िकड गए भारतीय तवतरता सनातनयो को मि कर ददया गया ऄतः

आस दयाल गवनतर जनरल भी कहा जाता ह करातत क बाद भारत का शासन सीध सीध तिरटश ताज को

हततानातररत हो गया तथा एक नया िद वायसराय सतजत दकया गया ऄतः लॉडत कपरनग भारत का परथम

गवनतर जनरल amp वायसराय बना

लाडत मयो ऄजमर म मयो कॉलज की तथािना की 1872 अधतनक भारत म िहली बार जनगणना की गइ

एक ऄफगान क दवारा आसकी गोली मार क हतया कर दी गइ

NOTE िहला ऐसा गवनतर जनरल तजस िर दशरोह का अरोि लगाया गया - कलाआव

लाडत तलटटन (1876 - 80) 1876 म आसक काल म िहली बार ददरलली दरबार का अयोजन दकया गया रॉयल

टाआटल एकट क जररय तिटॉन क समराट को भारत का समराट घोतषत कर ददया गया वनातकलर परस एकट क

दवारा भारतीय समाचार ितरो िर परततबद लगा ददया अमसत एकट क दवारा 1878 भारतीय लोगो क हतथयार

रखन िर परततबद लगा ददया आसन तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन की अय घटा कर 19 वषत कर दी भारतीयो

को िहली बार तसतवल सवा िरीकषाओ म बठन का ऄतधकार 1856 ददया गया

NOTE परथम ICS बनन वाल वयति सतयर नाथ टगोर थ

लॉडत ररपिन िहली बार वयवतथीत जनगणना 1881 म हइ आस तथानीय तवशासन का जनक कहा जाता ह

ऄथातत यह सतता का तवकनदरीकरण करन वाला परथम गवनतर जनरल amp वायसराय था आसन लॉडत तलटटन दवारा

लाग दकय गए वनातकलर परस एकट को समापत कर ददया

NOTE भारीतय परस का मतिदाता चारलसत मटकॉफ को कहा जाता ह

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लॉडत कजतन (1899-1905) 1903 ऄकाल अयोग की तथािना की 1905 म बगाल का तवभाजन यह कहत

हए करददया की बहत बड़ा कषतर ह सवयवततथत परशासन सचातलत नही दकया जा सकता ह ऄतः कषतरीयता क

अधार िर भारत को िहली बार तवभाजन का शरय कजतन को जाता ह

NOTE सामपरदातयकता क अधार िर भारत म िहली बार 1909 म माल परमटो क दवारा दकया गया जब िहली

बार मततलमो हत िथक तनवातचन की वयवतथा की गयी 1911 म बग भग वािस ल तलया गया तथा ददरलली को

राजधानी घोतषत कर ददया गया तथा 1912 म ददरलली को राजधानी बना ददया गया

लॉडत माईट बटन तवतरता क समय भारत का परथम गवनतर जनरल एड वायसराय ऄगरजो दवारा तनयि ऄततम

गवनतर जनरल एड वायसराय

C राजगोिालाचारी तवततर भारत का परथम भारतीय गवनतर जनरल एड वायसराय था

ऄनदय महतविणत तथय

1 लॉडत डलहौजी क शासन काल म तहनदद तवधवा िनरषववाह ऄतधतनयम 1856 लाग दकया गया डलहौजी क

काल म ही लोक सवा तवभाग की तथािना की गयी

2 भारतीय राषटरीय कागरस की तथािना क समय गवनतर जनरल लॉडत डफररन थ

ऄगरज व बगाल

1717 क फरमान का ऄगरज दरियोग कर रह थ 1740 म बगाल का शासक ऄलीवदी खा बना आसन आस दरियोग को

रोकन का परयतन दकया िरनदत सफल नही हो िाया

1756 म ऄलीवदी खा की मतय हइ तथा ईसका दोतहतर तसराजददोला शासक बना तसराज जब शासक बना तो ईसक तीन

परमख तवरोधी थ

1 िरषणया का गवनतर शौकत बग

2 ईसकी मौसी घसीटी बगम

3 ईसका दामाद मीर जाफ़र

तसराज न ऄकटबर 1756 म मतनहारी क यदध म शौकत बग को िरातजत कर ददया घसीटी बगम िर दश रोह का अरोि

लगा कर ईस जल म दाल ददया

मीर जफ़र को सनाितत क िद स हटा कर मीर मदान को सनाितत बनाया

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पलासी क यदध क कारण

दततक का दरियोग

ऄगरजो को दी गइ सतवधाओ का दरियोग

कातसम बाजार िर नवाब का ऄतधकार तसराज न 4 जन 1756 को कातसम बाजार िर ऄतधकार कर

तलया

कलकतता िर ऄतधकार 16 जन 1756 को कलकतता िर ऄतधकार कर तलया तथा ऄगरज यहाा स भाग

छट

कलकतता िर ऄतधकार करन क बाद तसराज न आसका नाम बदल कर ऄलीनगर रखा

20 जन 1756 को हॉलवल न ऄिन 145 सातथयो क साथ तसराज क सामन अतम समितण करददया

बलक हॉल की घटना हॉलवल क ऄनसार कलकतता िर ऄतधकार क समय तसराज न 20 जन 1756 को

18 1410 वगत फट क एक कमर म 146 ऄगरजो को ठस ठस क भर ददया जन की आस भीषण गमी म

123 लोग मार गए कलकतता म आस घटना को कालकोठरी की घटना कहा रॉबटत कलाआव को आस

घटना की खबर तमली तो कलाआव न ऄलीनगर िर िनः अकरमण दकया ऄततः तसराज व कलाआव क

तबच 9 फरवरी 1757 को ऄलीनगर की सतध हइ तजसक ऄनसार ऄगरजो को ईनक सभी ऄतधकार िनः

लौटा ददए गए

कलाआव न तसराज क तखलाफ षतडयतर रचा और तसराज क दरबार क परमख वयतियो ऄमीचद को धन का

लालच दकर तथा मीर जाफ़र को बगाल का नवाब बनान का लालच दकर ऄिनी और तमला तलया कलाआव न

एक नकली दततावज तयार दकया तजसम जाफर व ऄमीचद की शत तलखी गइ तजसक ऄनसार ऄमीचद को

कल राजतव का 50 परततशत धन का लालच दना व जाफर को बगाल का नवाब बनाना आतयादद शत शातमल

थी कलाआव न आसक ईपिर हतताकषर दकय

पलासी का यदध 23 जन 1757

आस यदध म रॉबटत कलाआव न तसराज को िरातजत दकया तसराज का सनाितत मीर मदान यदध म लड़त हए मारा

गया दसर परमख सनाितत मीर जाफर न ईसक साथ तवशवासघात दकया तथा तसराज को महल जान क तलए

बोला जहा जाफ़र क ितर मीरन न तसराज को मार डाला

आततहास कार िननीकर न पलासी क यदध को एक सोदा बताया और कहा की बगाल क धतन लोगो व जाफर न

नवाब को ऄगरजो क हाथो बच ददया

मीर जाफर को अधतनक भारत का परथम दशरोही माना जाता ह

पलासी क यदध क बाद बगाल का शासक ऄगरजो क हाथो की कटितली मातर बन गया

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मीर जाफ़र 1757 - 1760

मीर जाफर को कलाआव न बगाल का नवाब बनाया जाफर न कलाआव को 24 िरगनो की जमीदारी दी तथा

मग़ल बादशाह अलम तगर तदवतीय स कलाआव को ईमरा की ईिातध ददलवाइ

जाफ़र न 1757 स 60 क दौरान 3 करोड़ रिय व ऄनक ईिहार कलाआव को ददए ऄतः जाफर को कलाआव का

गीदड़ कहा जाता ह

जाफर ऄगरजो स दखी हो गया और वह ईनक चगल स तनकलन का परयतन करता रहा 1760 म ऄगरजो न जाफर

क तथान िर ईसक दामाद मीर कातसम को बगाल का नवाब बना ददया

वडरा का यदध 1759 म जाफर क शासन काल म ही लड़ा गया

मीर कातसम 1760 - 1763

ऄलीवदी खाा क ईततरातधकाररओ म सबस योगय शासक ईसन नवाब बनत ही हॉलवल को 270 लाख व

वतसटाटत को 5 लाख रिय ईिहार म ददए

किनी क हततकषि स बचन हत ऄिनी राजधानी को मरषशदाबाद स मगर तथानातररत दकया

आसन भारतीय वयािाररयो को भी सभी कर स मि कर ददया

किनी न 1763 म कातसम को हटा कर जाफर को िनः नवाब बना ददया 1763 म िटना हतया काडड म मीर

कातसम न हजारो ऄगरजो को तजनददा जला कर मार डाला

ददसबर 1763 म वह ऄवध चला गया तथा ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ तमल कर एक सयि सना का

गठन दकया तथा ततकालीन मग़ल बादशाह शाह अलम तदवतीय को भी ऄिनी तरफ सतममतलत कर तलया

बकसर का यदध 23 ऄकटबर 1764

तबहार क अगरा तजल म तततथ ह बकसर आस यदध म ऄगरजी सना का नततव हकटर मनरो न दकया जब की

गवनतर वतसटाटत था हकटर मनरो की सना न शजाईददौला मीर कातसम व शाह अलम तदवतीय की सयि सना

को बरी तरह िरातजत दकया भारतीय आततहास म तिरटश सतता की तथािना हत यह तनणातयक यदध माना जाता

आस समय बगाल का नवाब जाफर था 1765 म ईसकी मतय हइ और ईसकी मतय क बाद ईसक ितर नज़मददोला

को बगाल का नवाब बनाया गया

1765 म कलाआव एक बार िनः गवनतर बन कर भारत अया कलाआव न ऄवध क नवाब शजाईददौला क साथ 16

ऄगतत 1765 को आलाहबाद की सतध की आस सतध म 50 लाख रिए यदध की कषततिरषत हत शजाईददौला दवारा

कलाआव को ददए गए

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कलाआव न मग़ल बादशाह अलम तदवतीय स बगाल तबहार व ईड़ीसा की जमीदारी भी ल ली तथा आसक बदल

26 लाख रिय सालाना मग़ल बादशाह को ददए गए

रॉबटत कलाआव न बगाल म दवद शासन की तथािना की आसी दवद शासन क दौरान ईसन 1766 स लकर 1770

तक लगभग 7 करोड़ रिए बगाल स राजतव क रि म वसल आसी दौरान बगाल म भयकर ऄकाल िड़ा और

लगभग डढ़ करोड़ लोग बगाल म भखमरी क कारण मर गय

1857 की करातत

- तिटन की महारानी तवकटोररया

- तिटन क PM िॉम तरन

- भारत का गवनतर जनरल कपरनग

करातत िर परमख िततक

1 ऄशोक महता द गरट ररबतलयन

2 वीर सावरकर भारत का परथम तवततरता सगराम

3 S N सन 1857 की करातत

4 R C मजमदार तसिाही तवरोह (The Sepoy Mutiny)

1857 की करातत क 3 चरण मान जात ह

1 1740 स 1765 आस चरण म ऄगरजो न भारतीय ररयासतो क समककष अन की तनतत ऄिनाइ

2 1765 स 1813 आस दौरान ऄिनाइ गइ तनतत को Ring Phase या ऄधीनतत घर की तनतत कहा जाता

ह तजसक तहत भारतीय राजयो को िडोसी राजय स सरकषा परदान करन हत ऄगरजो न ईनक साथ

वायदा दकया तथा ऄपरतयकष रि स भारीतय राजयो िर ऄिना शासन तथातित कर तलया यह तनतत

मखयतः वलज़ली क दवारा ऄिनाइ गइ (सहायक सतध)

3 1813 स 1857 आस दौरान ऄगरजो न ऄधीनतत िारषथकय की तनतत ऄिनाइ तजसक दवारा आनदहोन

भारतीय शासको को ऄिनी शतियो का एहसास कराया 1848 म लॉडत डलहौजी न ऄततम मग़ल

समराट बहादर शाह ज़फर को कहा की लाल दकला खली कर द 1856 म कपरनग न बहादर शाह ज़फर

तदवतीय को ितर तलखा और कहा की वह भारत म ऄततम मग़ल बादशाह होगा

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1857 की करातत क कारण

1 अरषथक कारण

तथाइ बदोबतत 1793 इ म लॉडत कानतवातलस गवनतर जनरल बन कर अया तथा ईसन राजतव वसलन की

एक नयी वयवतथा को लाग दकया आस वयवतथा क तहत समिणत भतम का तवामी जमीदार को बना ददया गया

यह ऄतधकार ईस 20 वषत हत ददया गया आस वयवतथा क तहत राजतव तनतित कर ददया गया

जमीदार को दकसी एक तनतित ददन सयाततत होन स िवत राजतव जमा करवाना होता था ऐसा नही कर िान

की ततततथ म सयाततत कानन की सहायता स जमीदार की जमीदारी नीलाम कर दी जाती थी

यह वयवतथा बगाल तबहार व ईड़ीसा म लाग की गयी

रययतवाडी यह वयवतथा कपतान रीढ़ व टॉमस मनरो दवारा लाग की गयी आस वयवतथा को बमबइ व मरास क

कषतरो म लाग दकया गया आस वयवतथा म समिणत भतम का तवामी दकसान ही होता था और दकसान ही सीध

राजतव ऄगरजो को जमा करवाता था आस वयवतथा म राजतव तनधातररत नही था रययतवाडी वयवतथा भारत म

सवाततधक 51 परततशत भाग िर लाग थी

महालवाड़ी महालवाड़ी वयवतथा कपटन बडत व मक ज़ी क दवारा लाग की गयी यह वयवतथा िजाब ऄवध

अगरा व मधय भारत म लगाइ गइ आस वयवतथा क तहत महाल ऄथाततत गाव का राजतव दकसी एक वयति क

दवारा ऄगरजो को जमा करवाया जाता था

तालकदारी ऄवध क कषतर म महालवाडी वयवतथा स अतमर वगत ओर जयादा अतमर हो कर शहर म तनवास

करन लगा आस ततततथ म दकसानो व जमीदारो क तबच राजतव आककटठा करन क तलए एक नतवन वगत का तवकास

हअ तजस तालकदार कहा जाता था

धारषमक कारण

1806 म वरललौर तवरोह हअ कयकी वरललौर क सतनको को ईनक धारषमक तचनदह माथ िर लगान स मना कर

ददया

1813 म इसाइ तमशनरी भारत अय तथा इसाइ धमत का परचार परसार करन लग

1830 म धमत िररवरषतत करन की आजाज़त द दी गयी

1850 म धारषमक तनयोगयता ऄतधतनयम िाररत दकया गया तजसक दवारा कहा गया की यदद कोइ वयति इसाइ

धमत म िररवरषतत होता ह तो ईस ईसकी ितक समिततत स वतचत नही दकया जायगा

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तातकातलक कारण

लॉडत डलहौजी की गोद तनषध व राजय हड़ि तनतत

1856 म सामानदय सवा भती ऄतधतनयम बनाया गया तजसक तहत भारतीय सतनको व ऄतधकाररयो को समनदर

िार तवदशो म कही भी भजा जा सकता ह

कलकतता क दमदम शासतरागार म नए चबी वाल कारतस तथा िहल स परचतलत िाईन बस राआफल क तथान िर

एक नयी एनफीरलड नामक राआफल लाआ गइ तजसम आन नए कारतसो का परयोग होना था सतनको म यह

ऄफवाह फला दी गयी की आन कारतसो म गाय व सऄर की चबी लगी हइ ह

तवरोह की रिरखा

कछ आततहास करो क ऄनसार दो भारतीय ऄजजीमरलला(नाना साहब क सलाहकार) व सतारा क ऄिदतत राजा

रानोजी लॉडत डलहौजी क दवारा ऄिनाइ गइ वयिगत तनतत का तवरोध करन व ईसकी तशकायत करन हत

लनददन गए वही िर ईनदहोन करातत की योजना बनाइ भारत वािस लौटत समय करीतमया क शासक ईमर िाशा

स तमल 31 मइ 1857 का ददन तवरोह क तलए चना गया करातत क परततक तचनदह क रि म कमल का फल और

रोटी को चना गया

कमल का फल तवरोह म शातमल होन वाली सभी सतनक टकतड़यो को तथा रोटी का तचनदह गाव क मतखया व

गरीब दकसानो तक िहचाया गया

तवरोह का अरमभ

चबी वाल कारतसो क तखलाफ िहला तवरोह कलकतता की बरकिर छावनी क एक सतनक मगल िडड जो की

ततकालीन गाजीिर(वततमान - बतलया) का रहन वाला था आसन कारतसो का परयोग करन स मना करत हए

कपटन बाग़ और मजर हयसन को गोली मरी और मार डाला

मगल िडड 34वी नरटव आनदफनदरी रतजमट का सतनक था ईस आस हतया काड क बाद 8 ऄपरल 1857 को फासी द

दी गयी आस परकार करातत क दौरान शहीद होन वाला परथम वयति मगल िडड था

10-5-1857 को मरठ म 20 वी N I रतजमट क सतनको न तवरोह कर ददया तथा ऄिन ऄनदय साथी सतनको को

जल स मि दकया और ददरलली की और परतथान दकया

12-5-1857 को ददरलली िर कबज़ा दकया और बहादर शाह ज़फर तदवतीय को भारत का बादशाह व तवरोही नता

घोतषत दकया

4 जन 1857 को झाासी म गगाधर राव की तवधवा रानी लकषमी बाइ क नततव म तवरोह की शरअत हइ

17 जन 1857 को ऄगरज जनरल हयरोज स लड़त हए वीरगतत को परापत हइ

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हयरोज न रानी की वीरता स परभातवत हो कर कहा की भारतीय कराततकाररयो म वह एक मातर मतहला मदत

थी तथा लकषमी बाइ को महलिरी कहा गया

परमख तवरोह व ईसका दमन

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1857 की करातत क तलए तवतभनन तवचारको दवारा ददए गए तवचार

1 I R Rees कटटरितथयो का इसाआयो क तवरदध सगराम

2 V D Savarkar भारत का परथम तवततरता सगराम

3 Dr Tarachand राषटरीय तवपलव

4 Ashok Meheta राषटरीय तवततरता क तलए सतनयोतजत सगराम

5 Dr S N Sen यह राषटरीय तवरोह नही था कयकी ईस समय राषटरीयता की भावना लोगो म नही थी

6 Enchison यह िहला ऐसा मौका था जब भारतीय तहनददओ और मसलमानो को एक दसर स नही

लड़ा सकत थ

तवततरता सगराम क दौरान ददए गए नार

वनदद मातरम बदकमचर चटजी (अनद मठ)

जण गण मन ऄतधनायक जय हो रपरवर नाथ टगोर

वदो की ओर लोटो दयाननदद सरतवती

आनदकलाब परजदाबाद भगत परसह

करो या मारो गााधी जी

सर जहाा स ऄचछा मोहमद आकबाल

जय तहनदद ददरलली चलो शभाष चर बोस

राषटरीयता एक धमत ह ऄररवद घोष

तवराजय मरा जनदम तसदध ऄतधकार ह बाल गगाधर ततलक

ददन दतखयो की सवा ही सचची इशवर की सवा ह तववकानद

तम मझ खन दो म तमह अज़ादी दगा रास तबहारी बोस(originally) Then SC Bose

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गााधी यग और राषटरीय अदोलन

मोहनदास करम चद गााधी

जनदम 2 ऄकटबर 1869

माता का नाम ितली बाइ

तिता का नाम करम चद

ितनी का नाम कततरबा गााधी

मतय 30 माचत 1948 (शहीद ददवस)

महातमा गााधी की ईिातधया

1 बाि - सरोजनी नायड

2 राषटरतिता - शभाष चर बोस

3 मलग बाबा - खान ऄबदल गफफार खान

4 दशरोही फ़क़ीर - चरषचल

5 ऄधतनगन फ़क़ीर - फर क मोररस (मीतडया कमी)

6 महातमा - रपरवर नाथ टगोर

7 भारतीय राजनीती का बचचा - एनी तबसनदट

8 कसर-ए-तहनदद ऄगरज

9 भारतीय लोगो का साजट ऄगरज

गोल मज़ सममलन (Round Table Conference)

1 1930 इ िहला गोल मज़ सममलन

2 1931 इ दसरा गोल मज़ सममलन

3 1932 इ तीसरा गोल मज़ सममलन

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गाधीजी क बार म मखय तथय

जनदम 2 ऄकटबर 1869 को िोरबदर कारठयावाड़ गजरात म हअ

1876 पराआमरी तकल म ऄधययन क साथ ही साथ कततरबा स सगाइ हइ

1881 म राजकोट हाइ तकल म ऄधययन क तलए गए 13 वषत की अय म तववाह कर ददया गया

भावनगर तकल स मररक िास कर शामलदास कॉलज म परवश तलया िरनदत 1 सतर बाद ही कॉलज छोड़ ददया

1888 म परथम ितर का जनदम वकालत की िढाइ हत लनददन गए 3 साल की िढाइ िरी कर क 1891 म वािस

दश लौट

बमबइ कोलकतता तथा राजकोट म वकालत की

1893 म भारतीय मततलमो दवारा तथा एक वयवसाय सघ की माग िर तथा एक मततलम वयािारी ऄबदरलला खाा

क तनमतरण िर दतकषण ऄफरीका क रनदसवल की राजधानी परोटोररया िहच तथा वहा रग भद तनतत का सामना

दकया

1894 म ऄफरीका म नटाल आतडयन कागरस की तथािना की तथा एक सापतातहक समाचार ितर द आतडयन

ओतितनयन भी परकातशत करवाया

1901 म य सिररवार भारत लौट अय तथा दतकषण ऄफरीका म रह रह भारतीय लोगो को अशवासन ददया की

ईनदह जररत िड़न िर वह िनः ऄफरीका लौट अएग

1901 क दौरान ही गाधीजी कागरस क कलकतता ऄतधवशन म शातमल हए तथा बमबइ म ऄिनी वकालत का

एक दफतर खोला

1902 म भारतीय समदाय दवारा बलाए जान िर िनः ऄफरीका चल गय

1903 म जोहानदसबगत म ऄिना दफतर खोला

1904 म आतडयन ऑतितनयन सोसाआटी बनाइ

1906 म जल तवरोह क दौरान भारतीय एमबलस सवा तयार की

जोहानदसबगत म ऄिना परथम सतयागरह परारमभ दकया ऄनक तवरोधो का सामना करना िड़ा आसी क फल तवरि

1908 म सतयागरह क तलए िहली बार जोहानदस बगत की जल म रह

1910 जोहानदसबगत म टॉलतटाय फमत(अशरम) की तथािना की गाधीजी न डरबन म फीतनकस फमत अशरम की भी

तथािना की थी

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1913 रगभद तथा दमनकारी नीततयो क तवरदध ऄिना सतयागरह जारी रखा तथा आसी हत आनदहोन द गरट

माचत दकया तजसम लगभग 2000 भारतीयो न नदयकलनदस स लकर नटाल तक की यातरा की ऄफ़ीकी सरकार को

आनक सामन झकना िड़ा

1915 21 वषो क परवास क बाद जनवरी 1915 म भारत लौट तथा 1915 म ही ऄहमदाबाद म ही साबरमती क

तट िर साबरमती अशरम की तथािना की

1916 म बनारस तहनदद तवशवतवदयालय म ईदघाटन भाषण ददया

गाधीजी क राजनततक गर गोिाल कषण गोखल थ आनदही की सलाह िर 1915 स 1916 तक भारतीय कषतरो का

दौरा दकया

गाधीजी क अदोलन

चमिारन सतयागरह अदोलन 1917 म तबहार क चमिारन म हअ आस अदोलन का मखय कारण तीन करठया

िददतत थी आस िददतत क ऄनसार 320 व भाग िर तनल की खती करना ऄतनवायत कर ददया दकसान आसस

मति चाहत थ ऄतः राजकमार शकला क तनवदन िर गााधी जी तबहार चमिारण अए ईनदहोन सतयागरह दकया

तथा यह सफल रहा गाधीजी न ऄगरजो को 25 राजतव लौटन िर मजबर कर ददया यह गाधीजी का परथम

सफल अदोलन था आसी स परभातवत होकर रपरवर नाथ टगोर न आनदह महातमा की ईिातध दी

ऄहमदाबाद तमल मजदर अदोलन (1918) यह अदोलन भारतीय व ऄगरजी किडा तमल मातलको क तखलाफ

था पलग महामारी क दौरान तमल मातलको न भारतीय मजदरो को ईनक वतन का 70 बोनस दन का वायदा

दकया िरनदत महामारी समापत होत ही वह आस बात स मकर गइ तथा 20 बोनस दन की बात कही गााधीजी

की मधयततता क कारण तमल मजदरो को 35 बोनस ददया गया गाधीजी न िहली बार भख हड़ताल करी

खड़ा अदोनल (गजरात) 1918 गजरात म ऄकाल िड़ा िरनदत ऄगरजो न दकसानो िर 23 कर और बढ़ा ददया

आस िर गााधी जी न अदोलन दकया और गरीब दकसानो का राजतव माफ़ करा तलया आसम यह शतत राखी गइ

की जो दकसान सकषम ह वही लगान दगा

तखलाफत अदोलन 1919 स 1922 आसका ईददशय तकी म खलीफा क िद की िनः तथािना हत ऄगरजो िर

दबाव बनाना ऄगरजो दवारा भारतीय सरलतानो क तवरदध ईकसाए जान िर ऄरब म तवरोह हअ आसस भारतीय

मसलमानो की भावनाय अहत हइ 1922 म मततफा कमाल िाशा क नततव म तकी म खलीफा की सतता समापत

कर दी गयी और आसी क साथ यह अदोलन भी समापत हो गया

ऄसहयोग अदोलन 1920-22 गाधीजी को रोलट एकट व मोटगय चमसफोडत ऄतधतनयम क कारण बड़ा अघात

लगा गाधीजी न ऄगरजो क तखलाफ ऄसहयोग की तनतत ऄिनाइ आसका ईददशय तिरटश भारत की राजनततक

अरषथक व सामातजक सतथाओ का बतहषकार करना तथा तिरटश शासन को ठपि कर दना

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ऄसहयोग हत दकय गए परयास -

1 सरकारी ईिातधयो को तथा वततनक व ऄवततनक िदो को तयाग ददया

2 सरकारी दरबार व ईतसव म जाना बद कर ददया

3 सरकारी तथा ऄधतसरकारी तकलो का तयाग

4 तवदशी माल का बतहषकार

5 1919 क ऄतधतनयम क दवारा दकय गए चनावी परावधान का बतहषकार करना

4 फरवरी 1919 को ईपर क गोरखिर क िास चौरा-चौरी नामक कतब म एक ऄगरजी ितलस ठाण को घरकर

अग लगा दी तजसम 22 ऄगरज ऄतधकारी जल कर मार गए आसी स अहत हो कर गाधीजी न ऄसहयोग

अदोलन तथतगत कर ददया

साआमन कमीशन (1927)

1919 क भारत शासन ऄतधतनयम की समीकषा हत 1927 म एक अयोग का गठन दकया गया आस अयोग क

ऄधयकष सर जॉन साआमन थ आसम एक भी सदतय भारतीय नही था ऄतः भारतीय लोगो न 3 माचत 1928 जब

जॉन साआमन भारत िहच तो लाहौर म लाला लाजित राय व ईनक सहयोतगयो न तवरोध दकया लालाजी िर

लाठीचाजत दकया गया तब लालाजी न कहा की मर सर िर चलाइ गइ परतयक लाठी का एक एक वार ऄगरजी

शासन क ताबत म अखरी कील होगा

साआमन कमीशन की परमख तसफाररश

1 परातो म दवत शासन समापत दकया जायगा तथा ईततरदाइ शासन की तथािना की जाएगी

2 क रीय परशासन म कोइ िररवततन नही दकया जाएगा

3 भारत म सघीय शाशन की तथािना की जाएगी

4 ईचच नदयायलय को सरकार क ऄधीन रखा जायगा

5 परातीय तवधान मडलो क सदतयो की सखया म वतदध की जाएगी

6 ऄरलिसखयको क तहतो क सरकषण हत गवनतर जनरल को तवशष ऄतधकार ददए जायग

7 भारतीय िररषद की तथािना की जाएगी

8 बमात को तिरटश भारत स ऄलग कर ददया जायगा

आन समतत मागो की िरषत हत लनददन म गोल मज सममलन अयोतजत दकया गया

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डाडी माचत

ददसबर 1929 म लाहौर ऄतधवशन म िणत तवराजय का झडा फहराया गया गाधीजी न घोषणा की की शतान

तिरटश शासन क सामन समितण इशवर तथा मानव क तवरदध ऄिराध ह 26 जनवरी 1930 को िर दश म

तवततरता ददवस मनाया गया

12 माचत 1930 को साबरमती अशरम स ऄिन 78 ऄनयातयओ क साथ 24 ददन की िद यातरा की 5 ऄपरल

1930 को डडी िहच तथा 6 ऄपरल को नमक बना कर कानन तोडा

सभाष चर बोस न आस यातरा की तलना निोतलयन क िररस माचत तथा मसोतलनी क रोम माचत स की

सतवनय ऄवजञा अदोलन 6-4-1930

तिरटश सामराजयवाद क तवरदध यह अदोलन तवशष रि स कागरस व गाधीजी क दवारा चलाया गया

आसका कारण यह था की यग आतडया समाचार ितर क लख दवारा तिरटश सरकार स 11 सतरी ऄततम माग ितर

परततत की गयी तजसम तवततरता की माग शातमल नही थी

गाधीजी को ईममीद थी की ऄगरजो दवारा की गयी आस भल को िनः सधार तलया जायगा 41 ददनो तक ईनदहोन

आतजार दकया िरनदत कोइ भी तनषकषत नही तनकला आसी क फल तवरि ईनदहोन डाडी माचत दकया और 6 ऄपरल

1930 को नमक बना कर ऄवजञा की

आस अदोलन का ईददशय कछ तवतशषट परकार क गर क़ाननी कायत कर क सरकार को जका दना था

1930 स 1932 क दौरान 3 गोल मज सममलनो का अयोजन लनददन म हए

परथम गोल मज सममलन म कागरस न भाग नही तलया तिरटश ससद यह चाहती थी की आन गोल मज

सममलनो म कागरस व गाधीजी की िणत रि स सहभातगता हो आसी क मधयनजर ऄगरज गवनतर आरतवन व

गाधीजी क तबच माचत 1931 म एक समजोता हअ तजस Gandhi-Irwin Pact कहा जाता ह

तदवतीय गोल मज सममलन आस गोल मज सममलन म कागरस न भाग तलया गाधीजी कागरस क परतततनतध क रि

म राजिताना नामक जहाज स लनददन िहच आस सममलन की ऄधयकषता ततकालीन परधानमतरी रमज मकडोनारलड

क दवारा की गयी सामपरदतयक कारणो स यह सममलन ऄसफल रहा तिरटश सरकार न भारत म एक बार िनः

दमनकारी नीततया लाग कर दी ऄतः जनवरी 1932 म गाधीजी न एक बार िनः सतवनय ऄवजञा अदोलन

परारमभ दकया

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1932 म यावरदा जल म गाधीजी न ऄतपरशयो क तलए ऄलग चनावी कषतर क तवरोध म ईिवास परारमभ दकया

िरनदत ऄत म गरदव की ईिततततथ म ऄिना ऄनशन तोड़ा

1933 म हररजन नामक सापतातहक समाचार ितर परारमभ दकया तथा साबरमती अशरम का नाम बदलकर

हररजन अशरम रखा तथा दश वयािी अदोलन छड़ा

1934 म भारतीय गरामोदयोग सघ की तथािना

1936 म वधात क तनकट एक गाव का चयन दकया जो की बाद म सवागराम अशरम क नाम स परतसदध हअ

1940 वयतिगत सतयागरह की घोषणा की तवनोबा भाव को परथम वयतिगत सतयागरही बनाया

भारत छोड़ो अदोलन

आसका परारमभ 6 ऄगतत 1942 हअ गाधीजी न करो या मारो का मल मनदतर ददया यह अदोलन भारत को

तवततर भल ही न करवा िया हो िरनदत आसक दरगामी िररणाम सखद रह आसीतलए भारत की तवाधीनता क

तलए दकया जान वाला ऄततम महान परयास कहा जाता ह

ऄनदय महतविणत तथय

1944 म सर अगा खाा महल म कततरबा गााधी की मतय हो गयी

1946 म कतबनट तमशन स भट की तथा िवी बगाल क 49 गावो की शातत यातरा की

1947 म सामपरदाआक शातत हत तबहार की यातरा की

नइ ददरलली म लॉडत माईट बटन तथा मोहमद ऄली तजनना स तमल तथा तवभाजन का तवरोध दकया

दश क तवाधीनता ददवस 15 ऄगतत को कलकतता म दगो को शात करन हत ईिवास दकया

महातमा गााधी हमशा 2 लोगो स िरशान रहत थ एक तो तजनना स तथा दसरा ऄिन बट हररलाल स

1948 म ईनदहोन ईनक जीवन का ऄततम ईिवास दकया जो की 13 जनवरी स 18 जनवरी तक दकया यह

ईिवास ईनदहोन दश म फली सामपरदातयक परहसा क तवरदध दकया था

30 जनवरी को शाम क समय पराथतना क तलए जात समय तबड़ला हाईस क बहार नाथराम गोडस न गोली मार

क हतया कर दी

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सामातजक सधार ऄतधतनयम

1 सती परथा परततबनदध

लॉडत तवतलयम बरटक न सती परथा िर 1829 म सवतपरथम परततबद बगाल म लगाया गया

1830 म आस बमबइ व मरास म लाग दकया गया

1833 म आस समिणत भारत म लाग दकया गया

2 तशशवध 1785-1804

तशश हतया िर परततबद वलजली क काल म लगाया गया यह बगातलयो व राजितो म परचतलत था

3 शारदा एकट 1930

आरतवन क समय लाग दकया गया आसम लड़की की अय 14 वषत तथा लड़क की अय 18 वषत तनधातररत की गयी

4 दास परथा 1843

िहली बार दास परथा िर रोक 1833 क चाटतर ऄतधतनयम क दवारा लाग की गयी िरनदत आसका िणत रि स

ईनदमलन 1843 म हअ

परमख समाधी तथल

1 राजघाट महातमा गााधी

2 शाततवन जवाहर लाल नहर

3 वीर भतम राजीव गााधी

4 तवजय घाट लाल बहादर शासतरी

5 शति तथल आददरा गााधी

6 ऄभय घाट मोरारजी दसाइ

7 दकसान घाट चौधरी चरण परसह

8 ईदय भतम क अर नारायण

9 समता तथल बाब जगजीवन

10 कमत भतम डॉ शकर दयाल शमात

11 तमतत वन आर कमार गजराल

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तवतभनन ईिातधया

वरललभ भाइ िटल भारतीय तबतमाकत

राजा राम मोहन राय अधतनक भारत का तनमातता

गगाधर ततलक भारतीय ऄशातत का जनक

खान ऄबदल फररटयर गााधी

दादा भाइ नरोजी द गरट ओरलड मन

मदन मोहन मालवीय महामना

लाला लाजित राय िजाब कसरी

सरोजनी नायड भारत की कोदकला

तचतरजन दस दशबध

ितडत गोि बध दस ईड़ीसा का गााधी

भारतीय मततलम लीग की तथािना 30 ददसमबर 1906 को ढाका म की गइ आसक सतथािक नवाब सलीमरलला

थ वकार-ईल-मरलक मतताक हसन आसक परथम ऄधयकष थ िरनदत 1908 म सर अगा खा को आसका तथाइ ऄधयकष

चन तलया गया

ददरलली दरबार का अयोजन 12-12-1911 को दकया गया आसम ददरलली को भारत की राजधानी बनान की

घोषणा की गइ तथा बगाल तवभाजन वािस ल तलया गया 1 ऄपरल 1912 को ददरलली भारत की राजधानी

बानी

भारतीय इततहास पर महतवपरण परशन

Q) तनमनतितखत म स कौनसा पराचीन इततहास का यग नही माना जाता ह

a) परापाषार यग

b) साासकततक यग

c) मधयपाषार यग

d) नवपाषार यग

Q) सबस पराना बराहमरी सातहतय कौन सा ह

a) अरणयक

b) उपतनषद

c) समतत

d) वद

Q) हसतकठार और किीवर उपकरर थ

a) परापाषार काि

b) मधय परापाषार यग

c) नव परापाषार यग

d) िौह यग

Q) तबहार म तचरााद एक ह

a) एक परापाषार सथि

b) नवपाषार सथि

c) मधयपाषार सथि

d) मधय परापाषार सथि

Q) तनमनतितखत म स कौन सा इाडस िोगो क तिए अजञात था

a) तामबा

b) सोना

c) चाादी

d) िोह

Q) मोहनजोदङो ककस नदी क ककनार तसथत ह

a) रतव

b) झिम

c) तचनाब

d) ससध

Q) गोङीवाङा ककस ससध शहर स तमिा ह

a) िोथि

b) हङपपा

c) राखीगची

d) चनहदारो

Q) तनमनतितखत म स कौनसा जानवर हङपपा वातसयो को जञात नही था

a) भस

b) भङ

c) बकरी

d) गाय

Q) ससध घाटी सभयता की तवशषता थी

a) शहरी सभयता

b) कतष सभयता

c) मधयपाषार सभयता

d) परापाषार सभयता

Q) मात दवी की आराधना स जङा ह

a) आयण सभयता

b) भमधयसागरीय सभयता

c) ससध घाटी सभयता

d) उततर वकदक सभयता

Q) ससध घाटी और सहद धमण की पराचीन सासकतत क बीच साबाध दशाणता ह

a) पशपततनाथ इादर और मातदवी

b) पतथर पङ और जानवर

c) तवषर और िकषमी

d) तशव और शति

Q) आयण शबद स तातपयण ह

a) एक नततक समह

b) खानाबदोश िोग

c) एक भाषर समह

d) एक शरषठ जातत

Q) रावी नदी का वकदक नाम कया ह

a) परषनी

b) चादरभागा

c) अररजककया

d) ससध

Q) जादई टोन-टोटक और तातर-मातर सतममतित ह

a) ऋगवद म

b) यजवद म

c) अथवणवद म

d) सामवद म

Q) ऋगवकदक भगवान वरर थ

a) शाातत क अगर-दत

b) शतरओ का नाश करन वािा

c) बरहमााडीय वयवसथा क सारकषक

d) समति क दवता

Q) 4th बि पररषद आयोतजत ककया गया था

a) राजगह म

b) वशािी म

c) कशमीर म

d) पाटतिपतर म

Q) पाटतिपतर म तीसरी बौि पररषद की अधयकषता की

a) मोगिीपतत तीसा

b) अशोक

c) महाकासापा

d) वसतमता

Q) मानव जातत क दखो क अात क तिए अषाातगक मागण का परसताव ककसन रखा

a) महावीर

b) गौतम बि

c) आकद शाकराचायण

d) कबीर

Q) गौतम बि का तनधन आ था

a) गया म

b) खशीनगर म

c) सरसवती म

d) सारनाथ म

Q) गौतम बि न अपना पहिा उपदश कदया था

a) गया

b) पाटतिपतर

c) सारनाथ

d) खशी नगर

Q) तनमनतितखत म स कौन सा बौि ततरतपटक का तहससा नही ह

a) सतत तपटक

b) नहयाय तपटक

c) तवनय तपटक

d) अतभधमम तपटक

Q) जन धमण और बिवाद दोनो ककस चीघ म तवशवास नही करत थ

a) परबिता

b) मोकष

c) अनषठान

d) बतिदान

Q) पहि जन सागीतत का पररराम था

a) 12 अाग का साकिन

b) 12 उपागो का साकिन

c) ततरतपटको का साकिन

d) उपरोि म स कोई नही

Q) जन धमण म ककतन तीथकर थ

a) 20

b) 19

c) 18

d) 24

Q) 600 ई प क दौरान वतस की राजधानी थी

a) सतिमती

b) हतसतनापर

c) कौशााबी

d) का तपतिया

Q) तनमनतितखत म स ककसन पाटतिपतर शहर की सथापना की

a) उदातयन

b) तबमबसार

c) अशोक

d) चादरगपत

Q) नादा राजवाश की सथापना ककसन की थी

a) महापदमनाद

b) उदातयन

c) घनानाद

d) खारवि

Q) ककस मौयण राजा न पाजाब स यनातनयो को उखाङ फ का

a) चादरगपत

b) अशोक

c) तबमबसार

d) उदातयन

Q) ककस मौयणकािीन शासक को अतमतरघात क नाम स जाना जाता ह

a) चादरगपत मोयण

b) अशोक

c) तबनहदसार

d) महापदमनाद

Q) अशोक न परतसि कसिग यि कब ककया था

a) 255 ईप

b) 261 ईप

c) 248 ईप

d) 270 ईप

Q) पताजति न महाभाषय ककस राजवाश क काि क दौरान तिखा

a) मौयण वाश

b) कणव वाश

c) साग वाश

d) चकद वाश

Q) समराट अशोक ककसका का उततरातधकारी था

a) चादरगपत मौयण

b) तबनहदसार

c) ससीमा

d) अघतमतर

Q) कौरटलय की अथणशासतरी की पााडतितपयो का मि खोजकताण था

a) शरीकाात शासतरी

b) शरीतनवास अयागर

c) आर शमशासतरी

d) तवतियम जोनहस

Q) कसिग क तखिाफ अशोक क अतभयान की जानकारी का मखय सरोत तनमनतितखत म स कौन सा ह

a) कदवया जान

b) रॉक एतडट XIII

c) तपिर एतडट VII

d) महावासत

Q) अथणशासतर ककसन तिखा था

a) घनानाद

b) कौरटलय

c) तबतमबसार

d) पषयतमतर

Q) महाराजातधराज की उपातध धारर करन वािा पहिा गपत शासक था

a) चादरगपत I

b) चादरगपत II

c) समदरगपत

d) कमारगपत परथम

Q) तनमनतितखत म स ककसन समदरगपत को भारत क नपोतियन क रप म वरणरत ह

a) रोतमिा थापर

b) डीडी कौशााबी

c) डीएन झा

d) VA तसमथ

Q) ककस गपत शासक न परम भागवत की उपातध धारर की

a) चादरगपत

b) सका दगपत

c) समदरगपत

d) चादरगपत II

Q) फातहयान न ककस क शासनकाि क दौरान भारत का दौरा ककया

a) चादरगपत II

b) समदरगपत

c) रामगपत

d) कमारगपत

Q) चादरगपत तितीय को ककस नाम स जाना जाता था

a) समदरगपत

b) सका दगपत

c) तवकरमाकदतय

d) रागप

Q) ककस गपत शासक न भगवान कारणतकय की पजा का पररचय कदया

a) शरी गपत

b) चादरगपत

c) कमारगपत

d) सका दगपत परथम

Q) सयाण तसिानहत तनमनतितखत म स ककसन तिखा ह

a) कातिदास

b) आयण भटट

c) अमरससह

d) शदरक

Q) सातवाहनो न अपन तसकक मखय रप स बनाए

a) सीसा

b) चाादी

c) सोना

d) कॉपर

Q) महाबतिपरम म रथ माकदरो का तनमाणर ककस पलिव शासक क शासनकाि म आ था

a) महदरवमणन I

b) नरतसमहावमणन I

c) परमसवरवमणन परथम

d) नादीवमणन परथम

Q) ककस भारतीय राजा न पवी एतशया क तहससो को जीतन क तिए नौसतनक शति का इसतमाि ककया था

a) अकबर

b) कषर दव राय

c) राजदर चोि

d) तशवाजी

Q) तनमनतितखत म स ककस गपत राजा न भारत पर हरो को आकरमर करन स रोका

a) कमार गपता

b) समादर गपत

c) सका द गपत

d) चादरगपत

Q) ककस राषटरकट शासक न एिोरा म तशव क परतसि किाश माकदर का तनमाणर कराया

a) दाती दगाण

b) अमोघवषण I

c) कषरा I

d) वतस राज

Q) चोि माकदरो म स अतधकााश ककसको समरणपत थ

a) तवषर

b) तशव

c) बरहम

d) दगाण

Q) तनमनतितखत राजवाशो म स ककसन शरीिाका पर तवजय परापत की

a) पाडया

b) चािकयो

c) चोि

d) राषटरकट

Q) अि बरनी ककसक साथ भारत आया था

a) मौहममद गोरी

b) महमद गजनी

c) बाबर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) मसिमानो क बीच भारत का पहिा तवजय परापत कषतर था

a) मलतान

b) ससध

c) कदलिी

d) काबि

Q) ककस िङाई न कदलिी कषतर क मागण को मौहममद गोरी क तिए खोि कदया

a) तराइन की पहिी िङाई

b) तराइन का दसरा यि

c) खनवा की िङाई

d) पानीपत की पहिी िङाई

Q) कदलिीका (कदलिी) शहर की सथापना ककसक िारा की गई थी

a) चौहान

b) तोमर

c) पवार

d) परततहार

Q) भारत की पहिी मतसिम मतहिा शासक थी

a) चााद बीबी

b) बगम हघरत महि

c) रतजया सलताना

d) नरजहाा

Q) कदलिी सलतनत की आतधकाररक भाषा कया थी

a) फारसी

b) उदण

c) अरबी

d) सहदी

Q) ककस वाश क सलतानो न सबस िाब समय तक शासन ककया

a) तखिजी वाश

b) तगिक वाश

c) गिाम वाश

d) िोधी वाश

Q) सलताना रतघया बगम ककसकी बटी थी

a) बिबन

b) कतबददीन ऐबक

c) इलतततमश

d) रकनददीन

Q) िोधी वाश ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) इबरातहम िोधी

b) तसका दर िोधी

c) बहिोि िोधी

d) तखजर खान

Q) चौगान खित समय कदलिी सलतान जो उनकी मतय हो गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) कफरोज शाह तगिक

d) तघयासददीन तगिक

Q) बीजापर को ककसक तिए जाना जाता ह

a) गाभीर सख की तसथतत

b) गोि गमबज

c) भारी वषाण

d) गोमतशवर की मरणत

Q) भति पाथ क समथणक कौन नही थ

a) नागाजणन

b) तकाराम

c) तयागराज

d) वलिभाचायण

Q) सफीवाद का दशणन ककस सहद दशणन क समान ह

a) कमण

b) भति

c) कलपना

d) जञान

Q) मगि समराट माया का मकबरा ह

a) कदलिी

b) आगरा

c) काबि

d) ससजी

Q) बाबर क मगि ससहासन का उततरातधकारी था

a) माया

b) अकबर

c) शरशाह

d) बहादर शाह

Q) गरड टराक रोड का तनमाणर ककस शासक क शासनकाि म ककया गया था

a) शरशाह सरी

b) बाबर

c) शाहजहाा

d) अकबर

Q) इसम स कौन कोनसा सथि ककसी मत वयति क तिए समारक नही ह

a) बीबी का मकबरा

b) ताजमहि

c) चारमीनार

d) एतमादददोिा

Q) दीन-ए-इिाही को सवीकार करन वािा अकबर का एकमातर सहद दरबारी था

a) टोडरमि

b) बीरबि

c) तानसन

d) मानससह

Q) तानसन का मि नाम था

a) बादा बहादर

b) रामतन पााड

c) िाि बिवात

d) हर किाश

Q) अाततम मगि समराट कौन था

a) बाबर

b) जहाागीर

c) अकबर

d) बहादर शाह II

Q) कववत-उि-इसिाम मतसजद ककसक िारा बनवाई गई थी

a) कतब-उद-दीन ऐबक

b) अिाउददीन तखिजी

c) इलतततमश

d) मोहममद आकदि शाह

Q) पहिा दश तजसन भारत तक पाचन क समदरी मागण की खोज की थी

a) पतणगाि

b) डच

c) फर च

d) तबरटन

Q) वासको तड गामा भारत म कब उतरा

a) 1492

b) 1498

c) 1448

d) 1587

Q) भारत म डचो का सबस पराना तनमाणर कौन सा था

a) मसिीपटटनम

b) पतिकट

c) सरत

d) अहमदाबाद

Q) अागरजो न भारत म अपना पहिा कारखाना सथातपत ककया

a) बॉमब

b) सरत

c) सताती

d) मदरास

Q) तबररटश सरकार न भारत पर सीध शासन करना कब शर ककया

a) पिासी की िङाई क बाद

b) पानीपत की िङाई क बाद

c) मसर क यि क बाद

d) तसपाही तवदरोह क बाद

Q) झाासी राजय भारत म तबररटश सामराजय की ककस तनतत क तहत हङप तिया गया

a) चक का तसिाात

b) सहायक गठबाधन की नीतत

c) रानी िकषमी बाई क तखिाफ यि

d) उपरोि म स कोई नही

Q) इिाहाबाद की सातध ककसस साबातधत ह

a) पिासी की िङाई

b) बकसर का यि

c) एागिो शख वॉर थडण एाजो मसर वॉर

d) उपरोि म स कोई नही

Q) पिासी का यि तनमन म स ककन क मधय आ

a) ईसट इतडया का पनी और तसराजददोिा

b) ईसट इातडया का पनी और सघददोिा

c) उपरोि दोनो

d) उपरोि म स कोई नही

Q) 1857 का तवदरोह ककसक िारा शर ककया गया था

a) तसपाही

b) घमीदार

c) ककसान

d) उपरोि सभी

Q) 1857 क तवदरोह क दौरान कदलिी म तबररटश कमााडर कौन था

a) कॉतिन क पबि

b) जॉन तनकोिसन

c) हयग रोज

d) तवतियम टिर

Q) नए भारत का पगाबर ककस कहा जाता ह

a) दयानाद सरसवती

b) शरीरामकषर

c) राजा राममोहन राय

d) सवामी तववकानाद

Q) आयण समाज ककसक िारा सथातपत ककया गया था

a) सवामी दयानाद सरसवती

b) सवामी तववकानाद

c) कशव चादर सन

d) ईशवर चादर तवदयासागर

Q) सवनहस ऑफ इातडया सोसायटी क सासथापक कौन थ

a) बाि गागाधर ततिक

b) गोपाि कषर गोखि

c) सरदरनाथ बनजी

d) दादाभाई नरोजी

Q) परथना समाज क सासथापक कौन थ

a) रामकषर परमहास

b) सवामी तववकानाद

c) डॉ आतमाराम पडरागा

d) दयानाद सरसवती

Q) वदो की ओर िौटो यह नारा कदया गया था

a) रामकषर परमहास

b) तववकानाद

c) जयोततबा फि

d) दयानाद सरसवती

Q) भारत क सवतातरता सागराम क दौरान अखबार याग इातडया ककसक िारा परकातशत ककया गया था

a) बीआर अाबडकर

b) सभाष चादर बोस

c) महातमा गााधी

d) महममद अिी तजनना

Q) फरा रटयर गााधी ककस कहा जाता ह

a) महममद अिी तजनना

b) महातमा गााधी

c) खान अबदि गफफार खान

d) बाि गागाधर ततिक

Q) भारत म पतिमी तशकषा और अागरजी भाषा की शरआत की वकाित ककसन की

a) बाि गागाधर ततिक

b) राजा राम मोहन रॉय

c) दादाभाई नरोजी

d) गोपाि कषर गोखि

Q) रोिट एकट ककस वषण म पाररत ककया गया था

a) 1919

b) 1921

c) 1923

d) 1916

Q) बागाि क राजसव का सथायी बादोबसत ककसक काि म आ

a) किाइव

b) हससटगस

c) विसि

d) कॉनणवातिस

Q) भारतीय राषटरीय काागरस की सथापना ककसन की

a) A O हयम

b) वोमश चादर बनजी

c) गोपाि कषर गोखि

d) रास तबहारी बॉस

Q) महातमा गााधी न अपन डााडी माचण की शरआत की

a) डााडी

b) पोरबादर

c) अहमदाबाद

d) साबरमती आशरम

Q) भारत छोङो आादोिन की शरआत ककस वषण म महातमा गााधी िारा की गई थी

a) 1941

b) 1945

c) 1942

d) 1946

Q) ककसन ककरसप परसताव को Post dated cheque in a crashing bank कहा

a) अमबडकर

b) एनी बसट

ग) पटि

d) गााधीजी

Q) करो या मरो का नारा ककसन कदया

a) महातमा गााधी

b) नताजी

c) वीर सावरकर

d) सबरमणय भारती

Q) अररा आसफ अिी को भारतीय राषटरीय काागरस क धवज को कहा फहरान क तिए याद ककया जाता ह

a) असहयोग आादोिन

b) सतवनय अवजञा आादोिन

c) सवराज आादोिन

d) भारत छोङो आादोिन

Q) भारतीय राषटरीय काागरस क पहि अधयकष कौन थ

a) वयोमश चादर बनजी

b) बाि गागाधर ततिक

c) एिन ऑकटतवयन हयम

d) दादाभाई नरोजी

Q) भारतीय राषटरीय काागरस और मतसिम िीग 1916 म एक दसर क करीब आए

a) िाहौर

b) अमतसर

c) िखनऊ

d) हररपरा

Q) ककस करााततकारी न अपनी जान खद ही ि िी

a) चादरशखर आघाद

b) खदीराम बोस

c) रास तबहारी बोस

d) भगत ससह

Q) असहयोग आादोिन की शरआत ई

a) 1870

b) 1920

c) 1920

d) 1942

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