NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14 · NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh...

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14

Page No 105:

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

काठगनदाम के पास भीड़ क्नों इकट्ठी हन गई थी?

Answer:

खू्यनिि िाम के एक सुिार कन कुते्त िे काट निया। उसिे नगरते-पड़ते कुते्त की टाोंग कन पकड़ा और चीिा “मत िािे दन” उसके चीििे की आवाज़ सुिकर भीड़ इकट्ठी हन गई।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

उँगिी ठीक ि हनिे की खथथनत में खू्यनिि का िुकसाि क्नों हनता?

Answer:

खू्यनिि का काम पेचीदा था। नििा उँगुिी के कनई काम िही ों हन पाता और इससे उसका िुकसाि हनता।

Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

कुत्ता क्नों नकनकया रहा था?

Answer:

खू्यनिि िे कुते्त की टाोंग पकड़ िी थी और वह उसे घसीट रहा था। इसनिए कुत्ता नकनकया रहा था।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

िाज़ार के चौराहे पर िामनशी क्नों थी?

Answer:

िाज़ार में दुकािें िुिी थी पर आदमी का िामननिशाि िही ों था। पूरी तरह से िामनशी छाई थी।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

ििरि साहि के िावची िे कुते्त के िारे में क्ा िताया?

Answer:

िावची िे कुते्त के िारे में िताया नक कुत्ता ििरि साहि के भाई का था।

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

खू्यनिि िे मुआवज़ा पािे की क्ा दिीि दी?

Answer:

खू्यनिि िे मुआवज़ा पािे के निए स्वयों कन कामकाज़ी िताते हुए दिीि दी नक उसका काम पेचीदा है। हफे़्त भर तक वह काम िही ों कर पाएगा, उसका िुकसाि हनगा। इसनिए

कुते्त के मानिक से उसे हरज़ािा नदिवाया िाए।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

खू्यनिि िे ओचुमेिॉव कन उँगिी ऊपर उठािे का क्ा कारण िताया?

Answer:

खू्यनिि िे ओचुमेिॉव कन उँगिी उठािे का कारण िताया नक वह िकड़ी िेकर अपिा कुछ काम निपटा रहा था ति अचािक एक नपले्ल िे आकर उसकी उँगिी काट िी।

इसनिए उसिे उँगिी उठा रिी है।

Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

येल्दीरीि िे खू्यनिि कन दनषी ठहराते हुए क्ा कहा?

Answer:

येल्दीरीि ओचुमेिॉव की हाँ में हाँ नमिाता था। उसिे कहा नक खू्यनिि शैताि नकस्म का व्यखि है। हमेशा शरारत करता रहता है। हन सकता है इसिे ििती नसगरेट से कुते्त की

िाक ििा डािी हन। नििा कारण कुत्ता नकसी कन काटता िही ों है। इस तरह उसिे खू्यनिि कन दनषी ठहराया।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

ओचुमेिॉव िे ििरि साहि के पास यह सोंदेश क्नों नभिवाया हनगा नक ‘उिसे कहिा नक यह मुझे नमिा और मैंिे इसे वापस उिके पास भेिा है’?

Answer:

ओचुमेिॉव एक चापिूस नकस्म का नसपाही था। उसिे यह सोंदेश नभिवाया तानक वह ििरि साहि कन िुश कर सके, वे उसे एक िेहतर इोंसे्पक्टर मािे और साथ ही वह यह भी

ितािा चाहता था नक उसे ििरि साहि और उिके कुते्त का नकतिा ख्याि है।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

भीड़ खू्यनिि पर क्नों हँसिे िगती है?

Answer:

खू्यनिि िे अपिी उँगिी काटिे वािे कुते्त के मानिक से हरज़ािा देिे की िात कही तन पुनिस वािनों िे ििरि साहि कन िुश करिे के निए दनष खू्यनिि के नसर मढ़ नदया।

उँगिी आवारा कुते्त िे काटी थी। तुरोंत खू्यनिि की गिती उसी पर थनप दी गई निससे सारी भीड़ हँसिे िगी।

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

नकसी कीि-वीि से उँगिी छीि िी हनगी−ऐसा ओचुमेिॉव िे क्नों कहा?

Answer:

ओचुमेिॉव चापिूस नसपाही है। िि खू्यनिि की उँगिी कटती है तन कुते्त के मानिक कन भिा िुरा कहता है, उसे मज़ा चिािे तक की िात करता है परनु्त िैसे ही उसे पता

चिता है कुत्ता ििरि साहि या उिके भाई का है। वह एकदम िदि गया और खू्यनिि कन ही दनषी ठहरािे िगा नक नकसी कीि-वीि से उँगिी छीि िी हनगी और इल्जाम कुते्त

पर िगा रहा है। ऐसा कहकर अपिे अफसरनों कन िुश करिे का तथ्य सामिे आता है।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

ओचुमेिॉव के चररत्र की नवशेषताओों कन अपिे शब्नों में निखिए।

Answer:

ओचुमेिाव अत्योंत भ्रष्टाचारी, चािाक, स्वाथी, मौकापरस्त, दनहरे व्यखित्व, चापिूस और अखथथर प्रकृनत का व्यखि है। वह अवसर वादी भी है। दुकािदारनों से ििरि चीज़ें ऐठता

है। कत्ततव्य निष्ठ िही ों है नफर भी िनगनों पर रनि डािता है। अपिे िाभ के निए नकसी के साथ भी अन्याय कर सकता है। अपिे पद का िाभ उठािे के निए वह खू्यनिि पर दनष

िगाता है और कुते्त कन ज़िरदस्ती ििरि साहि के घर नभिवाता है।

Page No 106:

Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

यह िाििे के िाद नक कुत्ता ििरि साहि के भाई का है−ओचुमेिॉव के नवचारनों में क्ा पररवतति आया और क्नों?

Answer:

ओचुमेिॉव पहिे तन कुते्त कन मररयि, आवारा, भद्दा कहता है और गनिी मारिे की िात करता है परनु्त िैसे ही उसे पता चिता है नक यह ििरि साहि के भाई का है – उसके

व्यवहार में पररवतति आ िाता है। वह उसे वह ‘सुोंदर डॉगी’ िगिे िगा। वह उस ‘िूिसूरत िने्ह नपले्ल’ कन ििरि साहि तक पहँुचािे के निए कहिे िगा। उसिे ऐसा इसनिए

नकया क्नोंनक वह िािता था नक यह ििर ििरि साहि तक पहँुचेगी और वे िुश हनोंगे। इससे उसे फायदा हनगा।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

खू्यनिि का यह कहिा नक ‘मेरा एक भाई भी पुनिस में है…..।’ समाि की नकस वास्तनवकता की ओर सोंकेत करता है?

Answer:

खू्यनिि का यह कथि नक ‘मेरा एक भाई भी पुनिस में है’ इस िात कन स्पष्ट करता है नक पुनिस में ररशे्तदार हन तन नकसी पर भी रौि नदिाया िा सकता है। पुनिस में भाई,

भतीिावाद पक्षपात, ररश्वतिनरी आनद की सच्चाइयनों कन ितािा चाहता है। िाि-पहचाि के िि पर नकस तरह िाभ उठाया िा सकता है।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

इस कहािी का शीषतक ‘नगरनगट’ क्नों रिा हनगा? क्ा आप इस कहािी के निए कनई अन्य शीषतक सुझा सकते हैं? अपिे शीषतक का आधार भी स्पष्ट कीनिए?

Answer:

इस कहािी का शीषतक ‘नगरनगट’ रिा गया है क्नोंनक नगरनगट समय के अिुसार अपिे कन िचािे के निए रोंग िदि िेता है। उसी प्रकार इोंसे्पक्टर भी मौका परस्त है। पहिे तन

कुते्त कन भिा िुरा कहता है, गनिी मारिे की िात करता है परनु्त कुते्त का ििरि के भाई से सोंिद्ध हनिे का पता िगते ही वह िदि िाता है। वह मररयि कुत्ता ‘सुन्दर डॉगी’ हन

िाता है और खू्यनिि कन िुरा भिा कहिे िगता है।

इसका िाम “अवसरवादी, िदिते रोंग, चापिूसी आनद भी रिा िा सकता है।

Question 6:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

‘नगरनगट’ कहािी के माध्यम से समाि की नकि नवसोंगनतयनों पर व्योंग्य नकया गया है? क्ा आप ऐसी नवसगनतयाँ अपिे समाि में भी देिते हैं? स्पष्ट कीनिए।

Answer:

नगरनगट कहािी के माध्यम से समाि की अिेक नवसोंगनतयनों पर व्योंग्य नकया गया है। वे इस प्रकार हैं- 1. िेजु़िाि िािवरनों पर अत्याचार करिा। 2. समाि में चाटुकाररता का

िनििािा। ऐसे व्यखि शासि व्यवथथा में चापिूसी करके ऊँचे पदनों पर िैठ िाते हैं। 3. अनभिात्य वगत या उच्च पदानधकाररयनों की गिती कन अिदेिा नकया िाता है। उन्हें कुछ

भी करिे की छूट नमि िाती है। 4. आम ििता की अिदेिी और शनषण नकया िाता है। उन्हें अन्याय सहिा पड़ता है। 5. शासि व्यवथथा में पक्षपात का हनिा। हम अपिे समाि

में भी इस प्रकार की नवसोंगनतयनों कन देिते हैं। हमारे समाि में िािवरनों पर आए नदि अत्याचार हनते रहते हैं। चापिूस िनग तरक्की करते हैं और पररश्रमी मँुह देिते रह िाते हैं।

अनभिात्य वगत या उच्च पदानधकाररयनों द्वारा अपिे अनधकारनों का गित फायदा उठाया िाता है, निससे आम ििता कन िुकसाि उठािा पड़ता है। आम ििता कन न्याय के निए

दर भटकिा पड़ता है। उिका शनषण नकया िाता है। यनद आवाज़ उठाते हैं, तन उन्हें दिा नदया िाता है। शासि व्यवथथा में पक्षपात का भी प्रभाव देिा िाता है। िौकररयनों आनद

में यह तन प्रायः देिा िा सकता है। उसे ही िौकरी नमिती है, निसकी पहचाि अनधक हनती है।

Question 1:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

उसकी आँसुओों से सिी आँिनों में सोंकट और आतोंक की गहरी छाप थी।

Answer:

खू्यनिि िे कुते्त कन िुरी तरह घसीटा था निससे उसकी आँिनों में आँसू आ गए थे। वह डर से काँप रहा था और सहमा हुआ था। चूोंनक उसे यह िही ों पता था नक यह नकसका कुत्ता

है। परनु्त वह कुत्ता िैसे उसे आिे वािे सोंकट से सावधाि करिा चाहता हन नक उसे इस िदसिूकी की सज़ा नमिेगी।

Question 2:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

कािूि सम्मत तन यही है….. नक सि िनग अि िरािर हैं।

Answer:

खू्यनिि एक आम आदमी था। िि यह पता चिा नक यह कुत्ता ििरि का है तन वह कािूि की दुहाई देिे िगा नक कािूि सिके निए िरािर हनिा चानहए। गरीि और अमीर

सिके निए िरािर हनिा चानहए तथा सिकन न्याय नमििा चानहए।

Question 3:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

हुजू़र ! यह तन ििशाोंनत भोंग हन िािे िैसा कुछ दीि रहा है।

Answer:

िाज़ार में सन्नाटा छाया हुआ था। खू्यनिि के चीििे पर भीड़ इकट्ठी हन गई। ऐसा िग रहा था मािन कनई दोंगा हन गया है। इस खथथनत कन निपटािे के निए चापिूस नसपाही िे

इोंसे्पक्टर से कहा नक िैसे ििशाोंनत भोंग हनती है उसी तरह उस समय शाोंनत भोंग हनती नदिाई दे रही थी।

Question 1:

िीचे नदए गए वाक्नों में उनचत नवराम-नचह्न िगाइए −

(क) माँ िे पूछा िच्चनों कहाँ िा रहे हन

(ि) घर के िाहर सारा सामाि नििरा पड़ा था

(ग) हाय राम यह क्ा हन गया

(घ) रीिा सुहेि कनवता और शेिर िेि रहे थे

(ङ) नसपाही िे कहा ठहर तुझे अभी मिा चिाता हँ

Answer:

(क) माँ िे पूछा “िच्चनों कहाँ िा रहे हन।”

(ि) घर के िाहर सारा सामाि नििरा पड़ा था।

(ग) हाय राम! यह क्ा हन गया।

(घ) रीिा, सुहेि, कनवता और शेिर िेि रहे थे।

(ङ) नसपाही िे कहा ‘ठहर तुझे अभी मज़ा चिाता हँ।’

Question 2:

िीचे नदए गए वाक्नों में रेिाोंनकत अोंश पर ध्याि दीनिए −

मेरा एक भाई भी पुनिस में है।

यह तन अनत सुोंदर ‘डॉगी’ है।

कि ही मैंिे नििकुि इसी की तरह का एक कुत्ता उिके आँगि में देिा था।

वाक् के रेिाोंनकत अोंश ‘निपात’ कहिाते हैं िन वाक् के मुख्य अथत पर िि देते हैं। वाक् में इिसे पता चिता है नक नकस िात पर िि नदया िा रहा है और वाक् क्ा अथत दे रहा

है। वाक् में िन अव्यय नकसी शब् या पद के िाद िगकर उसके अथत में नवशेष प्रकार का िि या भाव उत्पन्न करिे में सहायता करते हैं उन्हें निपात कहते हैं; िैसे − ही, भी, तन,

तक आनद।

ही, भी, तन, तक आनद निपातनों का प्रयनग करते हुए पाँच वाक् ििाइए।

Answer:

ही − तुम ही नसर्फत वहाँ िािा।

भी − आप भी हमारे साथ चनिए।

तन − मैिें तन पहिे ही इसकी सूचिा दे दी थी।

तक − रात तक वह वहाँ रहा।

Question 3:

पाठ में आए मुहावरनों में से पाँच मुहावरे छाँटकर उिका वाक् में प्रयनग कीनिए।

Answer:

1. ज़मीि फाड़कर निकि आिा − अभी तक वहाँ कनई िही ों था। अचािक सि िनग इकटे्ठ हन गए मािन ज़मीि फाड़कर निकि आए हन।

2. घेरकर िडे़ हनिा − अनभिेता कन िनग घेर कर िडे़ हन गए।

3. नज़ोंदगी िरक हनिा − उसका सि कुछ ित्म हन गया और उसकी नज़ोंदगी िरक हन गई।

4. मते्थ मढ़ देिा − नसपाही िे सारा दनष मनहि के मते्थ मढ़ नदया।

5. मज़ा चिािा − वह िहुत अकड़ रहा था सििे उसे अच्छा मज़ा चिाया।

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Question 4:

िीचे नदए गए शब्नों में उनचत उपसगत िगाकर शब् ििाइए −

(क) …………….. + भाव = ……………..

(ि) …………….. + पसोंद = ……………..

(ग) …………….. + धारण = ……………..

(घ) …………….. + उपखथथत = ……………..

(ङ) …………….. + िायक = ……………..

(च) …………….. + नवश्वास = ……………..

(छ) …………….. + परवाह = ……………..

(ि) …………….. + कारण = ……………..

Answer:

(क) दुर् + भाव = दुभातव

(ि) िा + पसोंद = िापसोंद

(ग) सा + घारण = साधारण

(घ) अिु + उपखथथत = अिुपखथथत

(ङ) िा + िायक = िािायक

(च) अ + नवश्वास = अनवश्वास

(छ) िा + परवाह = िापरवाह

(ि) अ + कारण = अकारण

Question 5:

िीचे नदए गए शब्नों में उनचत प्रत्यय िगाकर शब् ििाइए −

मदद + …………….. = ……………..

िुखद्ध + …………….. = ……………..

गोंभीर + …………….. = ……………..

सभ्य + …………….. = ……………..

ठों ड + …………….. = ……………..

प्रदशति + …………….. = ……………..

Answer:

मदद + गार = मद्दगार

िुखद्ध + माि = िुखद्धमाि

गोंभीर + ता = गोंभीरता

सभ्य + ता = सभ्यता

ठों ड + आ = ठों डा

प्रदशति + कारी = प्रदशतिकारी

Question 6:

िीचे नदए गए वाक्नों के रेिाोंनकत पदिोंध का प्रकार िताइए −

(क) दुकािनों में ऊँघते हुए चेहरे िाहर झाँके।

(ि) िाि िािनोंवािा एक नसपाही चिा आ रहा था।

(ग) यह खू्यनिि हमेशा कनई ि कनई शरारत करता रहता है।

(घ) एक कुत्ता तीि टाँगनों के िि रेंगता चिा आ रहा है।

Answer:

(क) दुकािनों में ऊँघते हुए चेहरे िाहर झाँके। = सोंज्ञा पदिोंध

(ि) िाि िािनोंवािा एक नसपाही चिा आ रहा था। = नवशेषण पदिोंध

(ग) यह खू्यनिि हमेशा कनई ि कनई शरारात करता रहता है। = सोंज्ञा पदिोंध

(घ) एक कुत्ता तीि टाँगनों के िि रेंगता चिा आ रहा है। = निया पदिोंध

Question 7:

आपके मनहले्ल में िावाररसआवार कुत्तनों की सोंख्या िहुत ज़्यादा हन गई है निससे आिे-िािे वािे िनगनों कन असुनवधा हनती है। अत: िनगनों की सुरक्षा कन ध्याि में रिते हुए िगर

निगम अनधकारी कन एक पत्र निखिए।

Answer:

पताः ……………….. नदिाोंकः …………….

सेवा में, िगर निगम अनधकारी, िई नदल्ली । नवषयः आवारा कुत्तनों के कारण उपिी समस्या कन दशातिे हेतु पत्र।

माििीय महनदय, सनविय निवेदि यह है नक मैं दनक्षणी नदल्ली का निवासी हँ। हमारे इस के्षत्र में आवारा कुत्तनों की आिादी िहुत िढ़ गई है। ये यहाँ-वहाँ समूह ििाकर घूमते रहते

हैं। आिे-िािे वािे िनग इिके कारण िहुत परेशाि है। ये राह चिते िनगनों कन काट िेते हैं या उि पर अचािक भौोंकिे िगते है। इस कारण से कई िनग गोंभीर रूप से घायि हुए

हैं। यहाँ के िनगनों का िीवि इिके कारण अस्त-व्यस्त हन गया है। आए नदि कुत्तनों द्वारा काटिे के मामिे िढ़ते ही िा रहे हैं। हमिे इस नवषय में कई िार आपके नवभाग कन सूनचत

नकया है। परनु्त उिकी ओर से इस नवषय पर सकारात्मक िवाि िही ों नमिा है। अतः हारकर हम आपकन पत्र नििकर रहे हैं। आपसे नविम्र अिुरनध है नक उि समस्या के

निदाि के निए तुरोंत उनचत कदम उठािे की कृपा करें । हम सारे के्षत्रवासी आपके आभारी रहेंगे।

धन्यवाद

भवदीय राहुि वमात

Page No 105:

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

काठगनदाम के पास भीड़ क्नों इकट्ठी हन गई थी?

Answer:

खू्यनिि िाम के एक सुिार कन कुते्त िे काट निया। उसिे नगरते-पड़ते कुते्त की टाोंग कन पकड़ा और चीिा “मत िािे दन” उसके चीििे की आवाज़ सुिकर भीड़ इकट्ठी हन गई।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

उँगिी ठीक ि हनिे की खथथनत में खू्यनिि का िुकसाि क्नों हनता?

Answer:

खू्यनिि का काम पेचीदा था। नििा उँगुिी के कनई काम िही ों हन पाता और इससे उसका िुकसाि हनता।

Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

कुत्ता क्नों नकनकया रहा था?

Answer:

खू्यनिि िे कुते्त की टाोंग पकड़ िी थी और वह उसे घसीट रहा था। इसनिए कुत्ता नकनकया रहा था।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

िाज़ार के चौराहे पर िामनशी क्नों थी?

Answer:

िाज़ार में दुकािें िुिी थी पर आदमी का िामननिशाि िही ों था। पूरी तरह से िामनशी छाई थी।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर एक–दन पोंखियनों में दीनिए −

ििरि साहि के िावची िे कुते्त के िारे में क्ा िताया?

Answer:

िावची िे कुते्त के िारे में िताया नक कुत्ता ििरि साहि के भाई का था।

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

खू्यनिि िे मुआवज़ा पािे की क्ा दिीि दी?

Answer:

खू्यनिि िे मुआवज़ा पािे के निए स्वयों कन कामकाज़ी िताते हुए दिीि दी नक उसका काम पेचीदा है। हफे़्त भर तक वह काम िही ों कर पाएगा, उसका िुकसाि हनगा। इसनिए

कुते्त के मानिक से उसे हरज़ािा नदिवाया िाए।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

खू्यनिि िे ओचुमेिॉव कन उँगिी ऊपर उठािे का क्ा कारण िताया?

Answer:

खू्यनिि िे ओचुमेिॉव कन उँगिी उठािे का कारण िताया नक वह िकड़ी िेकर अपिा कुछ काम निपटा रहा था ति अचािक एक नपले्ल िे आकर उसकी उँगिी काट िी।

इसनिए उसिे उँगिी उठा रिी है।

Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

येल्दीरीि िे खू्यनिि कन दनषी ठहराते हुए क्ा कहा?

Answer:

येल्दीरीि ओचुमेिॉव की हाँ में हाँ नमिाता था। उसिे कहा नक खू्यनिि शैताि नकस्म का व्यखि है। हमेशा शरारत करता रहता है। हन सकता है इसिे ििती नसगरेट से कुते्त की

िाक ििा डािी हन। नििा कारण कुत्ता नकसी कन काटता िही ों है। इस तरह उसिे खू्यनिि कन दनषी ठहराया।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

ओचुमेिॉव िे ििरि साहि के पास यह सोंदेश क्नों नभिवाया हनगा नक ‘उिसे कहिा नक यह मुझे नमिा और मैंिे इसे वापस उिके पास भेिा है’?

Answer:

ओचुमेिॉव एक चापिूस नकस्म का नसपाही था। उसिे यह सोंदेश नभिवाया तानक वह ििरि साहि कन िुश कर सके, वे उसे एक िेहतर इोंसे्पक्टर मािे और साथ ही वह यह भी

ितािा चाहता था नक उसे ििरि साहि और उिके कुते्त का नकतिा ख्याि है।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्नों में) निखिए –

भीड़ खू्यनिि पर क्नों हँसिे िगती है?

Answer:

खू्यनिि िे अपिी उँगिी काटिे वािे कुते्त के मानिक से हरज़ािा देिे की िात कही तन पुनिस वािनों िे ििरि साहि कन िुश करिे के निए दनष खू्यनिि के नसर मढ़ नदया।

उँगिी आवारा कुते्त िे काटी थी। तुरोंत खू्यनिि की गिती उसी पर थनप दी गई निससे सारी भीड़ हँसिे िगी।

Question 1:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

नकसी कीि-वीि से उँगिी छीि िी हनगी−ऐसा ओचुमेिॉव िे क्नों कहा?

Answer:

ओचुमेिॉव चापिूस नसपाही है। िि खू्यनिि की उँगिी कटती है तन कुते्त के मानिक कन भिा िुरा कहता है, उसे मज़ा चिािे तक की िात करता है परनु्त िैसे ही उसे पता

चिता है कुत्ता ििरि साहि या उिके भाई का है। वह एकदम िदि गया और खू्यनिि कन ही दनषी ठहरािे िगा नक नकसी कीि-वीि से उँगिी छीि िी हनगी और इल्जाम कुते्त

पर िगा रहा है। ऐसा कहकर अपिे अफसरनों कन िुश करिे का तथ्य सामिे आता है।

Question 2:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

ओचुमेिॉव के चररत्र की नवशेषताओों कन अपिे शब्नों में निखिए।

Answer:

ओचुमेिाव अत्योंत भ्रष्टाचारी, चािाक, स्वाथी, मौकापरस्त, दनहरे व्यखित्व, चापिूस और अखथथर प्रकृनत का व्यखि है। वह अवसर वादी भी है। दुकािदारनों से ििरि चीज़ें ऐठता

है। कत्ततव्य निष्ठ िही ों है नफर भी िनगनों पर रनि डािता है। अपिे िाभ के निए नकसी के साथ भी अन्याय कर सकता है। अपिे पद का िाभ उठािे के निए वह खू्यनिि पर दनष

िगाता है और कुते्त कन ज़िरदस्ती ििरि साहि के घर नभिवाता है।

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Question 3:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

यह िाििे के िाद नक कुत्ता ििरि साहि के भाई का है−ओचुमेिॉव के नवचारनों में क्ा पररवतति आया और क्नों?

Answer:

ओचुमेिॉव पहिे तन कुते्त कन मररयि, आवारा, भद्दा कहता है और गनिी मारिे की िात करता है परनु्त िैसे ही उसे पता चिता है नक यह ििरि साहि के भाई का है – उसके

व्यवहार में पररवतति आ िाता है। वह उसे वह ‘सुोंदर डॉगी’ िगिे िगा। वह उस ‘िूिसूरत िने्ह नपले्ल’ कन ििरि साहि तक पहँुचािे के निए कहिे िगा। उसिे ऐसा इसनिए

नकया क्नोंनक वह िािता था नक यह ििर ििरि साहि तक पहँुचेगी और वे िुश हनोंगे। इससे उसे फायदा हनगा।

Question 4:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

खू्यनिि का यह कहिा नक ‘मेरा एक भाई भी पुनिस में है…..।’ समाि की नकस वास्तनवकता की ओर सोंकेत करता है?

Answer:

खू्यनिि का यह कथि नक ‘मेरा एक भाई भी पुनिस में है’ इस िात कन स्पष्ट करता है नक पुनिस में ररशे्तदार हन तन नकसी पर भी रौि नदिाया िा सकता है। पुनिस में भाई,

भतीिावाद पक्षपात, ररश्वतिनरी आनद की सच्चाइयनों कन ितािा चाहता है। िाि-पहचाि के िि पर नकस तरह िाभ उठाया िा सकता है।

Question 5:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

इस कहािी का शीषतक ‘नगरनगट’ क्नों रिा हनगा? क्ा आप इस कहािी के निए कनई अन्य शीषतक सुझा सकते हैं? अपिे शीषतक का आधार भी स्पष्ट कीनिए?

Answer:

इस कहािी का शीषतक ‘नगरनगट’ रिा गया है क्नोंनक नगरनगट समय के अिुसार अपिे कन िचािे के निए रोंग िदि िेता है। उसी प्रकार इोंसे्पक्टर भी मौका परस्त है। पहिे तन

कुते्त कन भिा िुरा कहता है, गनिी मारिे की िात करता है परनु्त कुते्त का ििरि के भाई से सोंिद्ध हनिे का पता िगते ही वह िदि िाता है। वह मररयि कुत्ता ‘सुन्दर डॉगी’ हन

िाता है और खू्यनिि कन िुरा भिा कहिे िगता है।

इसका िाम “अवसरवादी, िदिते रोंग, चापिूसी आनद भी रिा िा सकता है।

Question 6:

निम्ननिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्नों में) निखिए −

‘नगरनगट’ कहािी के माध्यम से समाि की नकि नवसोंगनतयनों पर व्योंग्य नकया गया है? क्ा आप ऐसी नवसगनतयाँ अपिे समाि में भी देिते हैं? स्पष्ट कीनिए।

Answer:

नगरनगट कहािी के माध्यम से समाि की अिेक नवसोंगनतयनों पर व्योंग्य नकया गया है। वे इस प्रकार हैं- 1. िेजु़िाि िािवरनों पर अत्याचार करिा। 2. समाि में चाटुकाररता का

िनििािा। ऐसे व्यखि शासि व्यवथथा में चापिूसी करके ऊँचे पदनों पर िैठ िाते हैं। 3. अनभिात्य वगत या उच्च पदानधकाररयनों की गिती कन अिदेिा नकया िाता है। उन्हें कुछ

भी करिे की छूट नमि िाती है। 4. आम ििता की अिदेिी और शनषण नकया िाता है। उन्हें अन्याय सहिा पड़ता है। 5. शासि व्यवथथा में पक्षपात का हनिा। हम अपिे समाि

में भी इस प्रकार की नवसोंगनतयनों कन देिते हैं। हमारे समाि में िािवरनों पर आए नदि अत्याचार हनते रहते हैं। चापिूस िनग तरक्की करते हैं और पररश्रमी मँुह देिते रह िाते हैं।

अनभिात्य वगत या उच्च पदानधकाररयनों द्वारा अपिे अनधकारनों का गित फायदा उठाया िाता है, निससे आम ििता कन िुकसाि उठािा पड़ता है। आम ििता कन न्याय के निए

दर भटकिा पड़ता है। उिका शनषण नकया िाता है। यनद आवाज़ उठाते हैं, तन उन्हें दिा नदया िाता है। शासि व्यवथथा में पक्षपात का भी प्रभाव देिा िाता है। िौकररयनों आनद

में यह तन प्रायः देिा िा सकता है। उसे ही िौकरी नमिती है, निसकी पहचाि अनधक हनती है।

Question 1:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

उसकी आँसुओों से सिी आँिनों में सोंकट और आतोंक की गहरी छाप थी।

Answer:

खू्यनिि िे कुते्त कन िुरी तरह घसीटा था निससे उसकी आँिनों में आँसू आ गए थे। वह डर से काँप रहा था और सहमा हुआ था। चूोंनक उसे यह िही ों पता था नक यह नकसका कुत्ता

है। परनु्त वह कुत्ता िैसे उसे आिे वािे सोंकट से सावधाि करिा चाहता हन नक उसे इस िदसिूकी की सज़ा नमिेगी।

Question 2:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

कािूि सम्मत तन यही है….. नक सि िनग अि िरािर हैं।

Answer:

खू्यनिि एक आम आदमी था। िि यह पता चिा नक यह कुत्ता ििरि का है तन वह कािूि की दुहाई देिे िगा नक कािूि सिके निए िरािर हनिा चानहए। गरीि और अमीर

सिके निए िरािर हनिा चानहए तथा सिकन न्याय नमििा चानहए।

Question 3:

निम्ननिखित का आशय स्पष्ट कीनिए −

हुजू़र ! यह तन ििशाोंनत भोंग हन िािे िैसा कुछ दीि रहा है।

Answer:

िाज़ार में सन्नाटा छाया हुआ था। खू्यनिि के चीििे पर भीड़ इकट्ठी हन गई। ऐसा िग रहा था मािन कनई दोंगा हन गया है। इस खथथनत कन निपटािे के निए चापिूस नसपाही िे

इोंसे्पक्टर से कहा नक िैसे ििशाोंनत भोंग हनती है उसी तरह उस समय शाोंनत भोंग हनती नदिाई दे रही थी।

Question 1:

िीचे नदए गए वाक्नों में उनचत नवराम-नचह्न िगाइए −

(क) माँ िे पूछा िच्चनों कहाँ िा रहे हन

(ि) घर के िाहर सारा सामाि नििरा पड़ा था

(ग) हाय राम यह क्ा हन गया

(घ) रीिा सुहेि कनवता और शेिर िेि रहे थे

(ङ) नसपाही िे कहा ठहर तुझे अभी मिा चिाता हँ

Answer:

(क) माँ िे पूछा “िच्चनों कहाँ िा रहे हन।”

(ि) घर के िाहर सारा सामाि नििरा पड़ा था।

(ग) हाय राम! यह क्ा हन गया।

(घ) रीिा, सुहेि, कनवता और शेिर िेि रहे थे।

(ङ) नसपाही िे कहा ‘ठहर तुझे अभी मज़ा चिाता हँ।’

Question 2:

िीचे नदए गए वाक्नों में रेिाोंनकत अोंश पर ध्याि दीनिए −

मेरा एक भाई भी पुनिस में है।

यह तन अनत सुोंदर ‘डॉगी’ है।

कि ही मैंिे नििकुि इसी की तरह का एक कुत्ता उिके आँगि में देिा था।

वाक् के रेिाोंनकत अोंश ‘निपात’ कहिाते हैं िन वाक् के मुख्य अथत पर िि देते हैं। वाक् में इिसे पता चिता है नक नकस िात पर िि नदया िा रहा है और वाक् क्ा अथत दे रहा

है। वाक् में िन अव्यय नकसी शब् या पद के िाद िगकर उसके अथत में नवशेष प्रकार का िि या भाव उत्पन्न करिे में सहायता करते हैं उन्हें निपात कहते हैं; िैसे − ही, भी, तन,

तक आनद।

ही, भी, तन, तक आनद निपातनों का प्रयनग करते हुए पाँच वाक् ििाइए।

Answer:

ही − तुम ही नसर्फत वहाँ िािा।

भी − आप भी हमारे साथ चनिए।

तन − मैिें तन पहिे ही इसकी सूचिा दे दी थी।

तक − रात तक वह वहाँ रहा।

Question 3:

पाठ में आए मुहावरनों में से पाँच मुहावरे छाँटकर उिका वाक् में प्रयनग कीनिए।

Answer:

1. ज़मीि फाड़कर निकि आिा − अभी तक वहाँ कनई िही ों था। अचािक सि िनग इकटे्ठ हन गए मािन ज़मीि फाड़कर निकि आए हन।

2. घेरकर िडे़ हनिा − अनभिेता कन िनग घेर कर िडे़ हन गए।

3. नज़ोंदगी िरक हनिा − उसका सि कुछ ित्म हन गया और उसकी नज़ोंदगी िरक हन गई।

4. मते्थ मढ़ देिा − नसपाही िे सारा दनष मनहि के मते्थ मढ़ नदया।

5. मज़ा चिािा − वह िहुत अकड़ रहा था सििे उसे अच्छा मज़ा चिाया।

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Question 4:

िीचे नदए गए शब्नों में उनचत उपसगत िगाकर शब् ििाइए −

(क) …………….. + भाव = ……………..

(ि) …………….. + पसोंद = ……………..

(ग) …………….. + धारण = ……………..

(घ) …………….. + उपखथथत = ……………..

(ङ) …………….. + िायक = ……………..

(च) …………….. + नवश्वास = ……………..

(छ) …………….. + परवाह = ……………..

(ि) …………….. + कारण = ……………..

Answer:

(क) दुर् + भाव = दुभातव

(ि) िा + पसोंद = िापसोंद

(ग) सा + घारण = साधारण

(घ) अिु + उपखथथत = अिुपखथथत

(ङ) िा + िायक = िािायक

(च) अ + नवश्वास = अनवश्वास

(छ) िा + परवाह = िापरवाह

(ि) अ + कारण = अकारण

Question 5:

िीचे नदए गए शब्नों में उनचत प्रत्यय िगाकर शब् ििाइए −

मदद + …………….. = ……………..

िुखद्ध + …………….. = ……………..

गोंभीर + …………….. = ……………..

सभ्य + …………….. = ……………..

ठों ड + …………….. = ……………..

प्रदशति + …………….. = ……………..

Answer:

मदद + गार = मद्दगार

िुखद्ध + माि = िुखद्धमाि

गोंभीर + ता = गोंभीरता

सभ्य + ता = सभ्यता

ठों ड + आ = ठों डा

प्रदशति + कारी = प्रदशतिकारी

Question 6:

िीचे नदए गए वाक्नों के रेिाोंनकत पदिोंध का प्रकार िताइए −

(क) दुकािनों में ऊँघते हुए चेहरे िाहर झाँके।

(ि) िाि िािनोंवािा एक नसपाही चिा आ रहा था।

(ग) यह खू्यनिि हमेशा कनई ि कनई शरारत करता रहता है।

(घ) एक कुत्ता तीि टाँगनों के िि रेंगता चिा आ रहा है।

Answer:

(क) दुकािनों में ऊँघते हुए चेहरे िाहर झाँके। = सोंज्ञा पदिोंध

(ि) िाि िािनोंवािा एक नसपाही चिा आ रहा था। = नवशेषण पदिोंध

(ग) यह खू्यनिि हमेशा कनई ि कनई शरारात करता रहता है। = सोंज्ञा पदिोंध

(घ) एक कुत्ता तीि टाँगनों के िि रेंगता चिा आ रहा है। = निया पदिोंध

Question 7:

आपके मनहले्ल में िावाररसआवार कुत्तनों की सोंख्या िहुत ज़्यादा हन गई है निससे आिे-िािे वािे िनगनों कन असुनवधा हनती है। अत: िनगनों की सुरक्षा कन ध्याि में रिते हुए िगर

निगम अनधकारी कन एक पत्र निखिए।

Answer:

पताः ……………….. नदिाोंकः …………….

सेवा में, िगर निगम अनधकारी, िई नदल्ली । नवषयः आवारा कुत्तनों के कारण उपिी समस्या कन दशातिे हेतु पत्र।

माििीय महनदय, सनविय निवेदि यह है नक मैं दनक्षणी नदल्ली का निवासी हँ। हमारे इस के्षत्र में आवारा कुत्तनों की आिादी िहुत िढ़ गई है। ये यहाँ-वहाँ समूह ििाकर घूमते रहते

हैं। आिे-िािे वािे िनग इिके कारण िहुत परेशाि है। ये राह चिते िनगनों कन काट िेते हैं या उि पर अचािक भौोंकिे िगते है। इस कारण से कई िनग गोंभीर रूप से घायि हुए

हैं। यहाँ के िनगनों का िीवि इिके कारण अस्त-व्यस्त हन गया है। आए नदि कुत्तनों द्वारा काटिे के मामिे िढ़ते ही िा रहे हैं। हमिे इस नवषय में कई िार आपके नवभाग कन सूनचत

नकया है। परनु्त उिकी ओर से इस नवषय पर सकारात्मक िवाि िही ों नमिा है। अतः हारकर हम आपकन पत्र नििकर रहे हैं। आपसे नविम्र अिुरनध है नक उि समस्या के

निदाि के निए तुरोंत उनचत कदम उठािे की कृपा करें । हम सारे के्षत्रवासी आपके आभारी रहेंगे।

धन्यवाद

भवदीय राहुि वमात